धर्म-अध्यात्म धरती का मोक्ष द्वार गंगासागर January 11, 2019 / January 11, 2019 by जगदीश यादव | Leave a Comment गंगा सागर तीर्थयात्रा पर विशेष जगदीश यादव सागरद्वीप यानी गंगासागर में स्थित कपिलमुनि मंदिर के बारे में कहा जाता है कि आज से पांच हजार वर्ष पहले ही आमलोगों को उक्त धर्म स्थली की जानकारी मिल गयी थी। विभिन्न दस्तावेज पुस्तकों व लोगों से मिली जानकारी में पता चलता है कि कभी यह क्षेत्र जल […] Read more »
धर्म-अध्यात्म जीवन की सफलता का आधार ज्ञान व पुरुषार्थ January 9, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य जीवन हमें परमात्मा से पूर्वजन्म के प्रारब्ध को भोगने व नये कर्म कर दुःखों से मुक्ति प्राप्त करने के लिये मिला है। प्रारब्ध वह कर्म संचय है जो हमने पूर्वजन्मों में किये हैं परन्तु जिसका सुख व दुःख रूपी भोग अभी करना शेष होता है। योगदर्शन के एक सूत्र में […] Read more »
धर्म-अध्यात्म विशाल सामाजिक आयोजन है कुंभ January 9, 2019 / January 9, 2019 by विजय कुमार | Leave a Comment भारत में चार स्थानों पर प्रति बारह वर्ष बाद पूर्ण कुंभ और छह साल बाद अर्धकुंभ की परम्परा हजारों सालों से चली आ रही है। कुंभ का धार्मिक और पौराणिक महत्व तो है ही; पर इसे केवल धार्मिक आयोजन कहना उचित नहीं है। वस्तुतः कुंभ एक विराट सामाजिक आयोजन भी है। भारतीय समाज व्यवस्था में […] Read more » Kumbh कुंभ विशाल सामाजिक आयोजन कुंभ
धर्म-अध्यात्म जाने चले जाते हैं कहां दुनिया से जाने वाले January 6, 2019 / January 6, 2019 by मनमोहन आर्य | 1 Comment on जाने चले जाते हैं कहां दुनिया से जाने वाले -मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य संसार में जन्म लेता है, शिशु से किशोर, युवा, प्रौढ़ व वृद्ध होकर किसी रोग व अचानक दुर्घटना आदि से मृत्यु को प्राप्त हो जाता है। वैदिक ग्रन्थों में मृत्यु का कारण जन्म को बताया गया है। यदि हमारा जन्म ही न हो तो हमारी मृत्यु नहीं हो सकती। यदि […] Read more »
धर्म-अध्यात्म महाभारतकाल के बाद ऋषि दयानन्द ही ने सर्वप्रथम सर्वांगीण सद्धर्म का प्रचार किया January 6, 2019 / January 6, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य धर्म सत्याचरण को कहते हैं। इसके लिए मनुष्य को व्यापक रूप से सत्य व असत्य का ज्ञान होना आवश्यक है। सत्य वह है जिसकी यथार्थ सत्ता है। सत्ता वाली वस्तु के सत्य गुणों को जानना व मानना तथा उसके विपरीत जो गुण उस पदार्थ व सत्ता में नहीं हैं, उनको न मानना […] Read more »
धर्म-अध्यात्म सत्यार्थप्रकाश का आर्य हिन्दू धर्म की रक्षा में महत्व व योगदान January 2, 2019 / January 2, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। सनातन वैदिक धर्म का अज्ञान, अन्धविश्वासों, अनेक सामाजिक विकृतियों सहित वेद विरुद्ध मान्यताओं को अंगीकृत कर लेने से बना परवर्तित रूप ही हिन्दू धर्म है। महाभारत काल तक न केवल आर्यावर्त-भारत में अपितु समस्त विश्व में सनातन वैदिक धर्म ही सभी मनुष्यों का अविद्या व अन्धविश्वासों से सर्वथा रहित एकमात्र […] Read more »
धर्म-अध्यात्म पराधीन भारत में आर्यसमाज पर ब्रिटिश सरकार का कोप January 2, 2019 / January 2, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment ओ -मनमोहन कुमार आर्य स्वामी श्रद्धानन्द जी का आर्यसमाज के इतिहास में गौरवपूण स्थान है। आर्यसमाज में उनके जीवन से संबंधित आत्मकथा, जीवनचरित एवं इस प्रकार के अन्य ग्रन्थ उपलब्ध हैं। हमें पं. सत्यदेव विद्यांलकार जी द्वारा सन् 1933 व उससे कुछ समय पूर्व लिखा गया उनका जीवनचरित ‘स्वामी श्रद्धानन्द’ सर्वात्तम प्रतीत होता है। […] Read more »
धर्म-अध्यात्म जीवात्मा का पूर्वजन्म, वर्तमान और पुनर्जन्म होना सत्य सिद्धान्त है January 1, 2019 / January 1, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, हम प्रतिदिन मनुष्य व पशुओं आदि को जन्म लेते हुए देखते हैं। यदि हम इन प्राणियों के जन्मों पर विचार करें तो अनेक प्रश्न उत्पन्न होते हैं जिनके उत्तर हमें साधारणतः नहीं मिलते। मनुष्य व उसके बच्चे का जो शरीर एवं उसमें चेतन जीवात्मा होता है, वह माता के शरीर में […] Read more » पुनर्जन्म
धर्म-अध्यात्म ऋषि दयानन्द की स्वदेश सहित विश्व के सभी मनुष्यों को देन December 30, 2018 / December 30, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य महाभारत काल के बाद से लेकर वर्तमान समय तक यदि हम संसार के महापुरुषों पर दृष्टि डालें तो हमें ऋषि दयानन्द सबसे महान महापुरुष दिखाई देते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण उनके द्वारा संसार के सबसे प्राचीन धर्म वेद और संस्कृति का पुनरुत्थान करना था। क्या इसकी आवश्यकता थी? इसका उत्तर है […] Read more » ऋषि दयानन्द
धर्म-अध्यात्म “ईश्वर जीवात्मा के कल्याण के लिये उसे शरीर में भेजते हैं तथा समय आने पर उसका शरीर बदल देते हैं : डॉ. वागीश शास्त्री” December 24, 2018 / December 24, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। आर्यसमाज धामावाला, देहरादून के 139वे वार्षिकोत्सव के दूसरे दिन प्रातःकालीन सत्र के आरम्भ में आर्यसमाज के पुरोहित पं. विद्यापति शास्त्री जी के ब्रह्मत्व में यज्ञ हुआ। यज्ञ के बाद जलपान एवं उसके बाद बिजनौर से पधारे प्रसिद्ध भजनोपदेशक श्री कुलदीप आर्य एवं श्री अश्विनी आर्य के भजन एवं वरिष्ठ आर्य […] Read more » अश्विनी आर्य आचार्य डॉ. वागीश शास्त्री जी श्री कुलदीप आर्य
धर्म-अध्यात्म परमात्मा ने पशु-पक्षियों की भांति मनुष्यों को जीवनयापन का ज्ञान नहीं दिया, इसका कारण पता नहीं चलता : डॉ. वागीश शास्त्री December 24, 2018 / December 24, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। महर्षि दयानन्द द्वारा सन् 1879 में स्थापित आर्यसमाज-धामावाला, देहरादून का तीन दिवसीय वार्षिकोत्सव आज दिनांक 21 दिसम्बर, 2018 को आरम्भ हुआ। आज अपरान्ह द्वितीय सत्र में बिजनौर से पधारे भजनोपदेशक श्री कुलदीप आर्य तथा तबला वादक श्री अश्विनी आर्य जी की टीम के भजन तथा आर्यसमाज के शीर्ष विद्वान डॉ. […] Read more » आर्यसमाज पीले मधुर घूंट श्री कुलदीप आर्य
धर्म-अध्यात्म “ऋषि दयानन्द ने अपने गुरु को दिया वचन प्राणपण से निभाया” December 21, 2018 / December 21, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। ऋषि दयानन्द (1825-1883) गुजरात राज्य के मोरवी जिले के टंकारा नामक ग्राम में एक शिवभक्त पौराणिक परिवार में जन्में थे। उनके पिता श्री कर्शनजी तिवाड़ी कट्टर शिवभक्त थे। 14 वें वर्ष में शिवरात्रि के दिन स्वामी दयानन्द जी को बोध हुआ था। वह सच्चे शिव और मृत्यु पर विजय पाने सहित […] Read more » आर्याभिविनय आर्योद्देश्यरत्नमाला ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका गोकरुणानिधि पंचमहायज्ञविधि पूना-प्रवचन व्यवहारभानुः संस्कारविधि