आर्थिकी पैसे तो पेड़ पर उगते नहीं है September 22, 2012 / September 22, 2012 by राजीव गुप्ता | 2 Comments on पैसे तो पेड़ पर उगते नहीं है प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सरकार पर हो रहे चौतरफा हमलो का जबाब देने के लिए अब खुद एक अर्थशास्त्री के रूप में कमान सम्हाल ली है. परन्तु यह भी एक कड़वा सच है कि यूपीए – 2 इस समय अपने कार्यकाल के सबसे बुरे दौर से गुजर रही है. जनता की नजर में सरकार की […] Read more » प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह
आर्थिकी मनमोहन जी आपके संबोधन में कोई ठोस तर्क तो है ही नहीं! September 22, 2012 / September 22, 2012 by इक़बाल हिंदुस्तानी | 1 Comment on मनमोहन जी आपके संबोधन में कोई ठोस तर्क तो है ही नहीं! इक़बाल हिंदुस्तानी राइट टू रिकॉल कानून के बिना सरकार मनमानी से कैसे रूके ? प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने राष्ट्र के नाम संदेश में जो कुछ कहा उसमें दावे ही दावे हैं कोई ठोस तर्क तो है ही नहीं। भारत बंद और विरोधी दलों के ज़बरदस्त विरोध के बावजूद यूपीए की मनमोहन सरकार रिटेल एफडीआई से […] Read more » Manmohan Singh
आर्थिकी एक था लोकतंत्र और एक थी कांग्रेस ! September 21, 2012 / September 21, 2012 by संजय द्विवेदी | 3 Comments on एक था लोकतंत्र और एक थी कांग्रेस ! एफडीआई के अजगर से कैसै बच पाएगा भारत ? संजय द्विवेदी एक था लोकतंत्र और एक थी कांग्रेस। इस कांग्रेस ने अंग्रेजों द्वारा बनाए गए एक ‘अलीट क्लब’ (याद कीजिए एक अंग्रेज ए.ओ.ह्यूम ने कांग्रेस की स्थापना की थी) को जनांदोलन में बदल दिया और विदेशी पराधीनता की बेड़ियों से देश को मुक्त कराया। किंतु […] Read more » एफडीआई खुदरा बाजार में विदेशी निवेश
आर्थिकी सरकारी जरूरत को मजबूरी में सहता आम आदमी September 20, 2012 / September 20, 2012 by विनायक शर्मा | Leave a Comment विनायक शर्मा क्या यूपीए-२ की सरकार के अंत की शुरुवात हो चुकी है ? कभी कांग्रेस की सदस्य रही फायरब्रांड नेता के नाम से प्रसिद्द और वर्तमान में तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्षा व बंगाल की मुख्यमंत्री ममताबनर्जी ने फूँक-फूँक कर कदम उठाते हुए यूपीए की सरकार से नाता तोड़ने का निर्णय लेकर केंद्र की सरकार […] Read more » Inflation raising prices of diesel and lpg
आर्थिकी सरकार की सरपरस्ती में मंहगार्इ की आग September 18, 2012 / September 18, 2012 by प्रणय विक्रम सिंह | Leave a Comment प्रणय विक्रम सिंह आम अवाम की कमर महंगार्इ की मार से पहले ही टूटी हुर्इ थी अब डीजल के दाम और न्यूनतम दरो पर रसोर्इ गैस की प्राप्ति पर संख्या निर्धारण ने रीढ़ भी तोड़ दी है। डीजल के दामो में इजाफे से आम आदमी की रोजमर्रा की जिंदगी से लेकर उसके जीवन के हर […] Read more » मंहगार्इ की आग
आर्थिकी लाचार अर्थव्यवस्था का दुष्परिणाम है बढ़ी मंहगार्इ September 18, 2012 / September 18, 2012 by प्रमोद भार्गव | 1 Comment on लाचार अर्थव्यवस्था का दुष्परिणाम है बढ़ी मंहगार्इ प्रमोद भार्गव विकास और आर्थिक सुधार के जिस नव उदारवादी पशिचमी दर्शन का महिमामंडन करने से हम अघाया नहीं करते थे, उसके दुष्परिणामों में दो चीजें साफ दिखार्इ दे रही हैं, एक अथव्यवस्था कि लाचारी और दूसरी लगातार बढ़ती मंहगार्इ। सरकार ने जो डीजल पर प्रति लीटर पांच रुपये और घरेलू गैस सैलेण्डरों की संख्या […] Read more » बढ़ी मंहगार्इ लाचार अर्थव्यवस्था
आर्थिकी आर्थिक सुधारों का मनमोहनी मॉडल September 18, 2012 / September 18, 2012 by सिद्धार्थ शंकर गौतम | 1 Comment on आर्थिक सुधारों का मनमोहनी मॉडल सिद्धार्थ शंकर गौतम यह संभवतः दूसरा मौका है जबकि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अपनी मौन छवि से इतर कड़ा फैसला लेते हुए अंततः मल्टी ब्रांड रिटेल में ५१ फीसदी विदेशी निवेश की इजाजत दे दी। इससे पूर्व यूपीए के पहले कार्यकाल के दौरान अमेरिका के साथ परमाणु समझौते के चलते भी मनमोहन सिंह को विकट […] Read more » मनमोहनी मॉडल
आर्थिकी खुदरा बाजार में एफ़डीआई यानी ……….. September 18, 2012 / September 17, 2012 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment खुदरा बाजार में एफ़डीआई यानी संभोग से समाधि तक का हो गया जुगाड़ नवल किशोर कुमार भारतीय राजनीति और अर्थ व्यवस्था के लिहाज से पिछले दस दिन बड़े महत्वपूर्ण रहे। हालांकि यह पहला अवसर नहीं था जब किसी अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने प्रधानमंत्री डा मनमोहन सिंह की आलोचना की। वास्तविकता यह है कि अनेक अवसरों पर […] Read more » fdi in retail
आर्थिकी गरीबी रेखा में पिसता गरीब September 18, 2012 / September 19, 2012 by राखी रघुवंशी | Leave a Comment राखी रघुवंशी देश भर में गरीबी को लेकर मोंटेकनुमा बहसों के साथ जो तथ्य और आंकड़े पिछले कुछ सालों में सामने आये हैं, उसने गरीब और गरीबी की परिभाषाओं को लगातार उलझाने का काम किया है. अब तक की तमाम सरकारें गरीबों की संख्या कम होने का दावा करती रही हैं लेकिन न गरीब कम […] Read more » गरीबी रेखा पिसता गरीब
आर्थिकी खुरदरा हुआ खुदरा व्यापार September 17, 2012 by डॉ0 आशीष वशिष्ठ | Leave a Comment डॉ. आशीष वशिष्ठ खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को मंजूरी देकर सरकार ने सदियों से चले आ रहे करोड़ों रुपये के खुदरा भारतीय बाजार को खुरदरा कर दिया है। देश में खुदरा बाजार का टर्नओवर प्रति वर्ष करोड़ों रुपये का है जिससे लाखों परिवार अपना भरण.पोषण करते हैं। सरकार ने यह फैसला लेकर लाखों […] Read more » खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश
आर्थिकी विविधा क्या मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री पद की गरिमा जानते हैं? September 9, 2012 / September 9, 2012 by राकेश कुमार आर्य | 1 Comment on क्या मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री पद की गरिमा जानते हैं? भारत में वाटरगेट बनने जा रहा कोलगेट घोटाला इस समय सुर्खियों में है। संसद में भाजपा ने इस घोटाले को लेकर सरकार को बीते मानसून सत्र में मजबूती से घेरा है और पीएम मनमोहन सिंह के इस्तीफे की मांग की है। पीएम से इस्तीफा मांगने की जिद इस बार चाहे भाजपा ने और उसकी कुछ […] Read more » coal scam कोलगेट घोटाला प्रधानमंत्री पद की गरिमा वाटरगेट
आर्थिकी जन-जागरण संसद के जाम से होता है कितना नुकसान September 9, 2012 / September 9, 2012 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य देश की संसद के मानसून सत्र को कोयला की कालिमा लील गयी है। हमने इस सत्र में भी वही पुराना शोर-शराबा, नारेबाजी और आरोप-प्रत्यारोप का दौर देखा। किसी सकारात्मक सोच के साथ परस्पर सौहार्दपूर्ण सामंजस्य स्थापित करके एक सकारात्मक निर्णय पर पहुंचने की पहल पक्ष-विपक्ष में से किसी ने भी नही की […] Read more » damage due to non function of parliament संसद के जाम से होता है नुकसान