चुनाव राजनीति बुद्धिजीवियों में बहुलतावादी दृष्टि की कमी April 14, 2014 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment -प्रमोद भार्गव- अब नरेंद्र मोदी इतना आगे निकल चुके हैं कि उन्हें एकाएक सांप्रदायिक, तानाशाह अथवा फासिस्ट कहकर खारिज करना नामुमकिन है। उन्हें जितना आततायी और मुस्लिम विरोधी घोषित करने की प्रतियोगिताएं बुद्धिजीवी तबकों में हुई हैं, उत्तरोत्तर उनकी स्वीकार्यता उतनी ही बढ़ी है। क्योंकि संघ, भाजपा और मोदी को बौेद्धिक स्तर पर नकारने की […] Read more » need to develop the thinking बुद्धिजीवियों में बहुलतावादी दृष्टि की कमी
चुनाव राजनीति आरक्षण का सवाल या राजनीति की चाल April 14, 2014 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | 1 Comment on आरक्षण का सवाल या राजनीति की चाल -असर कानपुरी- केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने मई २०१३ में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी ) में आरक्षण के लिए क्रीमी लेयर की आय सीमा में वृद्धि को ४.५० लाख से बढ़ाकर ६ लाख सालाना कर दिया है अर्थात लगभग ५० हज़ार रुपये तक की मासिक आय वाले परिवार आरक्षण का लाभ ले सकेंगे | साल २००८ में […] Read more » reservation or political game आरक्षण का सवाल या राजनीति की चाल
चुनाव राजनीति बिहार का मानस ‘खुमारी’ में है… April 14, 2014 / April 14, 2014 by व्यालोक पाठक | Leave a Comment -व्यालोक पाठक- फगुनाहट की खुमारी खत्म होने के बाद चैत की चिलचिलाती धूप में चुनावी शोर भले ही तीखा हो गया है, लेकिन यह केवल शोर ही है, खासकर बात अगर बिहार के नज़रिए से करें। इस चुनाव पर किसी भी तरह का ज्ञान लेने और देने से पहले कुछ चीजें बिल्कुल तयशुदा तौर पर […] Read more » politics & Bihar people बिहार का मानस ‘खुमारी’ में है...
चुनाव राजनीति नफरत के सिक्के मंडी से बाहर April 14, 2014 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment -नरेन्द्र मोदी की स्वीकार्यता का नया शिखर- -मुकेश सतांकर- भारत के मतदाता इन दिनों जनतंत्र के चुनाव महोत्सव में मशगूल हैं। 16वीं लोकसभा के चुनाव में जनता में इतनी उत्सुकता और बदलाव की चाहत कभी नहीं देखी गई, जितनी नौ चरणों वाले मतदान के दौर में जनता में परिलक्षित हो रही है। राजनेताओं का आरोप […] Read more » political war नफरत के सिक्के मंडी से बाहर
कविता चुनाव राजनीति सबकी अपनी चाल April 12, 2014 by हिमकर श्याम | Leave a Comment -हिमकर श्याम- आफ़त में है ज़िन्दगी, उलझे हैं हालात। कैसा यह जनतंत्र है, जहां न जन की बात।। नेता जी हैं मौज में, जनता भूखी सोय। झूठे वादे सब करें, कष्ट हरे ना कोय।। हंसी-ठिठोली है कहीं, कहीं बहे है नीर। महंगाई की मार से, टूट रहा है धीर।। मौसम देख चुनाव का, उमड़ा जन […] Read more » satiric poem on election सबकी अपनी चाल
चुनाव राजनीति जाति-धर्म आधारित राजनीति को खत्म करने की आवश्यकता April 12, 2014 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment -अभिषेक सुमन- विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत में आगामी लोकसभा चुनाव की सरगर्मियां परवान चढ़ने को है। सभी छोटी-बड़ी राजनीतिक पार्टियां भिन्न-भिन्न वर्गों को लुभाने में जुटी हुई हैं। हर बार की भांति इस बार भी सभी मतदाताओं को एक से बढ़कर एक लोक-लुभावन वादों का स्वाद चखाया जा रहा है। इतना ही नहीं, […] Read more » need to end cast-religion free politics जाति-धर्म आधारित राजनीति को खत्म करने की आवश्यकता
चुनाव राजनीति व्यंग्य ‘महाभारत’ के युद्ध का आंखों देखा हाल April 12, 2014 / April 12, 2014 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment -राकेश कुमार आर्य- नई दिल्ली। भारत में लोकसभा चुनावों का ‘महाभारत’ अपने चरमोत्कर्ष पर है। धृतराष्ट्र बने डॉ. मनमोहन सिंह अपने राजभवन में आराम फरमा रहे हैं। उनके पास वक्त तो खूब है, पर उनकी अपनी ‘वक्त’ समाप्त हो चुकी है। फुरसत में बैठे मनमोहन चुनावी समर की सूचना लेने का प्रयास कर रहे हैं। […] Read more » 'महाभारत' के युद्ध का आंखों देखा हाल present political war
चुनाव राजनीति बदल रहा है हिन्दुस्तान! April 12, 2014 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment -फखरे आलम- हां, चुनाव से पूर्व हिन्दुस्तान बदलने लगा है और मतदान के पूर्व तक जनता और उनका मन सबकुछ बदल जाएगा एवं आम चुनाव और उसका परिणाम पूरी तरह से बदल जाने के संदेश हमें देगा। भारत का भविष्य आगामी पांच वर्षों पर टिकी रहेगी। मगर अभी से देश और देश की जनता वर्तमान […] Read more » Hindustan is getting Changed बदल रहा है हिन्दुस्तान!
चुनाव राजनीति भारत की शोचनीय स्थिति और बहुसंख्यक समाज की महिलाएं April 12, 2014 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment -आनंद जी. शर्मा- निष्णात वैद्य किसी कष्टसाध्य रोग से ग्रस्त रोगी का मुखमंडल देख कर औषधि नहीं दे देता, अपितु रोग के कारण का अनुसंधान करने के लिये उसकी जड़ तक जाकर कारण सुनिश्चित करने के पश्चात ही उचित औषधि एवं पथ्य पालन का कठोरता से आदेश देता, क्योंकि एक वैद्य का कर्तव्य रोगी को […] Read more » comment on India present scenario भारत की शोचनीय स्थिति और बहुसंख्यक समाज की महिलाएं
चुनाव राजनीति लोकतंत्र का महामेला सर्कस मेला के आगे पड़ा फीका April 12, 2014 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment -रीता विश्वकर्मा- आप यदि उत्तर प्रदेश के निवासी हैं और समस्याग्रस्त हैं तो तनाव से मुक्ति पाने के लिए मनोरंजन का सहारा लीजिए। 3 घण्टे में आपको थोड़ी-बहुत राहत जरूर मिलेगी। यह बात दीगर है कि आप किसानों के गन्ने का भुगतान नहीं हो रहा है, गेहूं की सरकारी रूप से खरीद नहीं हो रही […] Read more » condition of democracy लोकतंत्र का महामेला सर्कस मेला के आगे पड़ा फीका
चुनाव राजनीति मतदान में जोश, गुणात्मक बदलाव का संकेत April 11, 2014 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment -प्रमोद भार्गव- सोलहवीं लोकसभा में भारी मतदान गुणात्मक बदलाव का संकेत है। इन चरणों में लोकतंत्र का जोश खूब दिखा। यह भी अच्छा संकेत है कि छिटपुट घटनाओं को छोड़ मतदान सौहार्द्र व शांतिपूर्ण रहा। दंगा प्रभावित पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी सद्भाव दिखाई दिया। जबकि इन्हीं दंगो के परिप्रेक्ष्य में नेताओं ने हिंसक बोल-बोलकर […] Read more » symbol of positive changing गुणात्मक बदलाव का संकेत मतदान में जोश
चुनाव राजनीति आम चुनाव का सांप्रदायिक ध्रुवीकरण April 11, 2014 / April 11, 2014 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment -प्रमोद भार्गव- बहुदलीय संसदीय चुनाव प्रणाली की असली और प्रेरणादायी कसौटी होती है, राजनेताओं की सहिष्णु व सद्भाव की कार्यशैली और मधुरवाणी। लेकिन भारतीय राजनीति की यह विडंबना ही है कि अंततः वह जाति और संप्रदाय के आधार पर वोट हथियाने के केंद्र बिंदु पर जा टिकती है। सोलहवें आम चुनाव में बने माहौल से […] Read more » communalism in general election आम चुनाव का सांप्रदायिक ध्रुवीकरण