मनोरंजन शख्सियत सिनेमा
मृत संवेदनाओं के बीच शांत सुशांत
/ by मृदुल चंद्र श्रीवास्तव
बात दिल्ली के रिक्से, ऑटो, बस चालक से शुरू करें तो,इनका भी अपना एक संगठन है, नही, नही, सबका घाल मेंल नहीं, वह विशेषज्ञता की बात समझते हैं । इसलिये रिक्से वालों का अलग यूनियन, आटो वालों का अलग और बस ड्राइवर का अलग, यहाँ तक कि ओला/ऊबर जैसे ऐप द्वारा दरवाजे तक सेवा हेतु […]
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