सिनेमा मनोरंजन-सिनेमा-बदलती फिल्मी दुनिया May 31, 2011 / December 12, 2011 by जीतेन्द्र कुमार नामदेव | Leave a Comment जीवन की घटनाओं को पर्दें पर जीवित करने की जो पहल दादा साहब फलके ने की थी, उसके पीछे एक मकशद हुआ करता था। लेकिन जैसे वक्त बदलता गया, सिनेमा के मायने भी बदलते गये। कभी सिनेमा का इस्तेमाल जागरूकता के लिए किया गया तो कभी इसका उद्देश्य केवल मनोरंजन करने तक ही सीमित रहा। […] Read more » Entertainment फिल्मी दुनिया मनोरंजन सिनेमा
सिनेमा आज कल पॉव जमी पर नही पड़ते इनके May 24, 2011 / December 12, 2011 by शादाब जाफर 'शादाब' | Leave a Comment बॉलीवुड की यह एक अच्छी पहल है कि वो गांवो की ओर लौट चला है वही दूसरी ओर ग्लैमर और स्टार इमेज व भागदौड भरी जिन्दगी के कारण बॉलीवुड स्टार कार को छोड अब हेलीकॉप्टर पर सवार हो गये है। पिछले दिनो ग्रामीण क्षेत्रो में किसानो की बढती आत्महत्या, अंतरजातीय विवाह या अन्य धर्म में […] Read more »
सिनेमा ‘7 खून माफ’ और 6 पति साफ February 27, 2011 / December 15, 2011 by डॉ. मनोज चतुर्वेदी | 2 Comments on ‘7 खून माफ’ और 6 पति साफ फिल्म समीक्षक : डॉ. मनोज चतुर्वेदी ‘मकबुल’, ‘मकड़ी’, ‘ओमकारा’, ‘कमीने’, ‘इश्कियां’, ‘द ब्लू अंब्रेला’, के बाद ‘7 खून माफ’ में विशाल भारद्वाज ने निर्देशन का लोहा मनवाया है। अभी-अभी ‘नो वन किल्ड जेसिका’ में ”बीप” के प्रयोगों को देखा गया। 4-5 वर्षों पूर्व भी ‘ओमकारा’ में भरपूर रूप से ”बीप” का प्रयोग किया गया […] Read more » 7 खून माफ Film
सिनेमा बॉलीवुड को भाने लगा मध्यप्रदेश February 19, 2011 / December 15, 2011 by लोकेन्द्र सिंह राजपूत | 1 Comment on बॉलीवुड को भाने लगा मध्यप्रदेश लोकेन्द्र सिंह राजपूत मध्यप्रदेश, देश का हृदय है। प्राकृतिक सौंदर्य, संपदा और ऐतिहासिक महत्व के स्थलों से भी खूब समृद्ध है मध्यप्रदेश। इसके सौंदर्य का गुणगान पर्यटन को आकर्षित करने के लिए बनाए गए विज्ञापन बखूबी करते हैं। मन को आल्हादित करने वाले मध्यप्रदेश के वातावरण ने आखिरकार बॉलीवुड को अपने मोहपाश में बांध ही […] Read more » Bollywood बॉलीवुड
प्रवक्ता न्यूज़ सिनेमा भोजपुरी सिनेमा के पचास साल पर पटना में होगी बहस February 3, 2011 / December 15, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment 16 फरवरी को भोजपुरी सिनेमा के पचास साल पूरे हो रहे हैं। इस मौके पर एफएमसीसीए (फाउंडेशन फॉर मीडिया कल्चर एंड सिनेमा अवेयरनेस) पटना में तीन दिनों का भोजपुरी फिल्म और सांस्कृतिक समारोह आयोजित करने जा रहा है। 14, 15 और 16 फरवरी को एएन सिन्हा इंस्टीच्यूट और श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में आयोजित इस समारोह […] Read more » 50 years of Bhojpuri cinema भोजपुरी सिनेमा
प्रवक्ता न्यूज़ सिनेमा ‘यमला पगला दीवाना’ मे हंसी का फव्वारा January 21, 2011 / December 16, 2011 by डॉ. मनोज चतुर्वेदी | Leave a Comment डॉ. मनोज चतुर्वेदी एन. आर. आई. सम्मेलन में भारत सरकार ने प्रवासी भारतियों लिए विशेष सुविधाओं का प्रावधान किया है। अपना देश अपनी माटी तथा अपनी संस्कृति के प्रति लगाव होना स्वाभाविक है। इस देश से बाहर जाकर भारत भारतीयता की सुगंध बिखरने वाले महर्षि अरंविद और स्वामी विवेकानंद ने तो कण-कण को अपना आराध्य माना […] Read more » Film यमला पगला दीवाना
प्रवक्ता न्यूज़ सिनेमा ‘नो वन किल्ड जेसिका’ में न्यायिक सड़ांध January 21, 2011 / December 16, 2011 by डॉ. मनोज चतुर्वेदी | 1 Comment on ‘नो वन किल्ड जेसिका’ में न्यायिक सड़ांध डॉ. मनोज चतुर्वेदी यह भारत का दुर्भाग्य हैं कि जिस भारत की दुहायी वेदों, उपनिषदों तथा अन्य भारतीय ग्रंथों में जोश-खरोश के साथ गाया गया है और गाया जाता है। उस भारतीय समाज का यथार्थ क्या है? आजादी के साठ वर्षों में यहां की समाज व्यवस्था, राज्य व्यवस्था, आर्थिक व्यवस्था और न्याय व्यवस्था ने किस […] Read more » no one killed jessica नो वन किल्ड जेसिका
सिनेमा समान्तर सिनेमा के प्रभाव की तरह का एक नाटक ‘लाल देद’ January 15, 2011 / December 16, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment प्रमोद कुमार बर्णवाल समान्तर सिनेमा की एक उल्लेखनीय विशेषता चीजों, घटनाओं, स्थितियों, परिस्थितियों, अवस्था और दशा को ठीक उसी तरह से प्रकट करना रहा है जैसा कि वह है। कई बार फिल्मकार कहानी की मांग कहकर वह सब पर्दे पर प्रदर्शित करते रहे हैं जिसका यथार्थ से संबंध नहीं रहा है। फिल्मकारों का आरोप रहा […] Read more » Movie लाल देद सिनेमा
सिनेमा ‘तीस मार खान’ में चोरी-डकैती January 5, 2011 / December 18, 2011 by डॉ. मनोज चतुर्वेदी | Leave a Comment डॉ. मनोज चतुर्वेदी दर्शकों को अभी कुछ ही माह पूर्व फिल्म ‘दबंग’ देखने का अवसर मिला था। उस फिल्म में ‘लवंडा बदनाम हुआ’ के तर्ज पर ‘मुन्नी बदनाम हुयी’ गाना सुनने को मिला। ठीक इसी प्रकार फिल्म ‘तीस मार खान’ में ‘शीला की जवानी’ गाना ने अश्लीलता को किस ढंग से चित्रित किया है। इसे […] Read more » Tees maar khan तीस मार खान
सिनेमा ‘इसी लाइफ में’ मौज-मस्ती January 5, 2011 / December 18, 2011 by डॉ. मनोज चतुर्वेदी | Leave a Comment डॉ. मनोज चतुर्वेदी कॉलेज लाइफ पर बनने वाली फिल्मों में ‘स्टाइल’, ‘मुहब्बतें’, ‘हासिल’, ‘इश्क-विश्क’ और ‘थ्री इडियट्स’ जिसमें किस प्रकार युवा पीढ़ी सामंती मूल्यों से ग्रसित होकर छात्र राजनीति करती हैं तथा सहशिक्षा का किस प्रकार युवकों-युवतियाें पर प्रभाव पड़ता है। युवक-युवतियां कॅरियर को छोड़कर सेक्स, शराब, मस्ती तथा राजनीति (हुड़दंगी) करने लगते हैं। ऐसी […] Read more » Mauj masti इसी लाइफ में
सिनेमा ‘बॉम्बे टू इंडिया’ में क्षेत्रीयता की बू January 5, 2011 / December 18, 2011 by डॉ. मनोज चतुर्वेदी | Leave a Comment डॉ. मनोज चतुर्वेदी क्षेत्रीयता, जातिवाद, भाषावाद और संकिर्ण राष्ट्रीयता एक ऐसे विषय हैं जो मानवता को कलंकित करते हैं। यह इसलिए संभव हो सका है कि समाजद्रोहियों को समाज ही सिर पर चढ़ा लेता है और वे समाज के नेता/मार्ग दर्शक बन जाते हैं। देश के भिन्न-भिन्न भागों में प्रांतवाद की जो लौ समय-समय पर […] Read more » Bombay to India बॉम्बे टू इंडिया
सिनेमा फिल्म ‘गुजारिश’ की पृष्ठभूमि गोवा से December 2, 2010 / December 19, 2011 by डॉ. मनोज चतुर्वेदी | Leave a Comment – डॉ. मनोज चतुर्वेदी साहित्य से स्त्री, शृंगार तथा प्रकृति एवं फिल्मों से रोमांस, भव्य सेट व ढिशुम-ढिशुम को निकालने पर कुछ बचता नहीं। भारतीय सिनेमा जगत को फिल्म ‘देवदास’, ‘हम दिल दे चुके सनम’ तथा ‘सांवरिया’ देने के बाद ‘गुजारिश’ को लेकर आए संजय लीला भंसाली एक ऐसे निर्माता/निर्देशक है जिनका फिल्मी कहर दर्शकों […] Read more » Guzarish गुजारिश