कविता हिंदुस्तान में हिंदी का हाल व भविष्य September 6, 2018 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment मेरे देश में मेरा ही बुरा हाल है विदेशी भाषा पर ठोकते ताल है मेरे देश में मेरा ही सम्मान नहीं फिर विदेशो में मेरा क्या होगा ? जब अपने ही बोलने में कतराते है विदेशी मुझको क्यों अब बोलेगा ? इंगलिश स्कूलों की भरमार यहाँ हिंदी स्कूलों का क्या यहाँ होगा ? अगर ऐसा […] Read more » राष्ट भाषा विदेशी भाषा हिंदुस्तान में हिंदी
कविता ‘क्या मौन में छुपा है कोई हल’ September 6, 2018 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment प्रीति सुराना आजमा के देख ये भी कुछ पल क्या मौन में छुपा है कोई हल हल न भी मिले तो लाभ ही है क्रोध की आग हो कुछ शीतल कुछ घड़ी शरीर को दे विश्राम कुछ घड़ी क्लेश ही जाए टल दे आराम भावों के आवेग को आवेश हो जाए शायद विफल क्षमा, चिंतन […] Read more » 'क्या मौन में छुपा है कोई हल' क्षमा चिंतन शरीर
कविता शिक्षक दिवस September 6, 2018 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment माँ ही मेरी पहली शिक्षक है क्यों न उसे मै शीश निवाऊ पढ़ा लिखा कर बड़ा किया है क्यों न शिक्षक दिवस मनाऊ पहले जैसे गुरु नही अब रहे पहले जैसी नहीं अब दीक्षा पहले जैसे शिष्य नहीं रहे पहले जैसे नहीं अब शिक्षा गुरु शिष्य में पहले जैसा अब रहा नहीं अब नाता समय […] Read more » गुरु माँ शिक्षक दिवस शिक्षा दिवस
कविता आज हिंदी भाषा की दशा September 5, 2018 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment भाषाओं की डारि पर,हिंदी फल की कैसी चाहत हैं जब छोटे से पौधे को,इंगलिश दी जावत है उत्तर से लेकर दक्षिण तक,केवल भाषा ही एक अदावट है कोई हिंदी को बोलन चाहत है,कोई तमिल बोलन चाहत है हिंदी का कैसे विकास होगा,जब इसको हीन द्रष्टि से देखत जावत है जब बड़े नेता अपने बच्चो को,इंगलिश […] Read more » अंग्रेजी भाषा आज हिंदी भाषा की दशा तमिल
कविता क्यों मौन है आवाम September 4, 2018 / September 4, 2018 by डॉ छन्दा बैनर्जी | Leave a Comment – डॉ. छन्दा बैनर्जी जाने अख़बार क्या कहता है, पढ़कर, पूरा आवाम क्यों मौन रहता है ? हां, बस्तर का यही है वह गांव पहचान थी जिसकी, तेंदू और महुआ का छाँव, उल्लास झलकता था जहाँ मांदर की थाप में खुशियां बयान होती थी पहाड़ी मैना के आलाप में … […] Read more » क्यों मौन है आवाम गांव तेंदू महुआ मौत झांकती
कविता अगर कृष्ण कलयुग में जन्म लेते September 3, 2018 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment अच्छा हुआ कृष्ण ने लिया द्वापर के जमाने में वर्ना दुर्गति हो जाती उनकी इस कलयुगी जमाने में अच्चा हुआ कृष्ण ने जन्म नहीं लिया इस जमाने में वर्ना केस लग जाता उनपर गोपियों के फसाने में अच्छा हुआ कृष्ण ने सुदामा के पैर नहीं धोये इस जमाने में वर्ना अखिलेश नाराज हो जाते,यदुवंशी से […] Read more » अखिलेश कृष्ण कलयुग सुदामा
कविता दास्तां सुन कर क्या करोगे दोस्तों …!! September 3, 2018 by तारकेश कुमार ओझा | Leave a Comment तारकेश कुमार ओझा ————————- बचपन में कहीं पढ़ा था रोना नहीं तू कभी हार के सचमुच रोना भूल गया मैं बगैर खुशी की उम्मीद के दुख – दर्दों के सैलाब में बहता रहा – घिसटता रहा भींगी रही आंखे आंसुओं से हमेशा लेकिन नजर आता रहा बिना दर्द के समय देता रहा जख्म पर जख्म […] Read more » आंसुओं गमों का प्याला दास्तां सुन कर क्या करोगे दोस्तों ...!! शिकवे
कविता भव्य भव की गुहा में खेला किए ! September 3, 2018 by गोपाल बघेल 'मधु' | Leave a Comment गोपाल बघेल ‘मधु’ भव्य भव की गुहा में खेला किए, दिव्य संदेश सतत पाया किए; व्याप्ति विस्तार हृदय देखा किए, तृप्ति की तरंगों में विभु भाए ! शरीर मन के परे जब धाए, आत्म आयाम सामने आए; समर्पण परम आत्म जब कीन्हे, मुरारी मुग्ध भाव लखि लीन्हे ! झाँकना परा मन से जब आया, […] Read more » भव्य भव की गुहा में खेला किए ! मुरारी मुग्ध समर्पण परम
कविता कान्हा का धाम September 3, 2018 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment प्रीति सुराना गोकुल कान्हा का धाम न होता। जग में गौ मां का नाम न होता,.. अमृत मंथन से निकली गौ माते, धर्मशास्त्र हैं यह बात बताते। पूजी जाती है गाय युगों से, संस्कृति यही भारत की सदियों से। धर्म में भी ऐसा काम न होता, गोकुल कान्हा का धाम न होता। जग में गौ […] Read more » अमृत मंथन कान्हा का धाम गोकुल संस्कृति
कविता प्रवक्ता न्यूज़ भगवान कृष्ण के जन्म का आँखों देखा हाल September 3, 2018 / September 3, 2018 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment भादों की अष्टमी की रात थी,जब जन्मे कृष्ण मुरारी खुल गई तब बेड़ियाँ सारी,जब जन्मे कृष्ण बनवारी धन्य हुये वासुदेव,ये खुशियाँ जब जीवन में पधारी कंस के अंत की हो गई थी,अब सारी वहाँ तैयारी खुल गए सब ताले झट से,सो गये चौकीदार सारे लेकर कान्हा को फिर वासुदेव आये यमुना किनारे घनघोर घटाये घिरी […] Read more » भगवान कृष्ण के जन्म का आँखों देखा हाल मुरारी यमुना वासुदेव
कविता कृष्ण जन्माष्टमी August 30, 2018 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment जन्म जन्मान्तर तक,जन्माष्टमी हम मनायेंगे प्रभु कृष्ण तुम्हारी लीला के सैदव गुण ही गायेंगे द्वापर में जन्म लिया,दुष्ट कंस का वध किया अपने भक्तो की रक्षा के लिये तुमने जन्म लिया माँ देवकी ने जन्म दिया,वासुदेव के पुत्र दुलारे हो यशोदा माता ने पालन किया,नन्द बाबा के दुलारे हो ग्वाल वाल के सखा हो तुम,गोपियों […] Read more » कृष्ण तुम्हारी लीला माँ देवकी वासुदेव सुदामा
कविता ये जिन्दगी का कैसा है खेल August 28, 2018 / August 30, 2018 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment आर के रस्तोगी ये जिन्दगी का कैसा है खेल कोई पास है तो कोई है फेल कोई रोज माल पूए खाता कोई भूखा ही सो जाता कोई ए सी कमरे में सोता कोई फुट पात पर सोता ये जीवन के कैसे है खेल कोई पास तो कोई है फेल कोई रिक्शे में बैठ कर है […] Read more » गरीबों पीने को पानी प्रकृति मोदी हवाई जहाज