लेख शख्सियत समाज आचार्य महाश्रमण: अभिनव आध्यात्मिक क्रांति के प्रेरक May 21, 2024 / May 21, 2024 by ललित गर्ग | Leave a Comment सन्दर्भ: दीक्षा की स्वर्ण जयन्ती-ललित गर्ग-भारत की भूमि पर अनेक महापुरुषों ने जन्म लेकर इस धरा का गौरव बढ़ाया, उसी आलोकधर्मी परंपरा का विस्तार है आचार्य महाश्रमण। महावीर, बुद्ध, गांधी, आचार्य भिक्षु, आचार्य तुलसी और आचार्य महाप्रज्ञ की इस परम्परा को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने स्वयं को ऊपर उठाया, महनीय एवं कठोर साधना की, अनुभव […] Read more » Acharya Mahashraman: Inspirer of innovative spiritual revolution अभिनव आध्यात्मिक क्रांति के प्रेरक आचार्य महाश्रमण
लेख स्वच्छता की ओर बढ़ता गांव May 20, 2024 / May 20, 2024 by चरखा फिचर्स | Leave a Comment कविता कुमारीगया, बिहारकरीब 10 वर्ष पूर्व जब केंद्र सरकार ने देश में स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की थी तो किसी ने भी नहीं सोचा था कि इसका व्यापक प्रभाव देखने को मिलेगा. जो शहर ही नहीं बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों की दशा को भी बदल देगा. इस अभियान ने न केवल गाँव को साफ सुथरा […] Read more »
पर्यावरण लेख अधिकांश भारतीय ग्लोबल वार्मिंग पर चिंतित, करते हैं प्रधानमंत्री मोदी के मिशन लाइफ का समर्थन May 20, 2024 / May 20, 2024 by निशान्त | Leave a Comment येल प्रोग्राम ऑन क्लाइमेट चेंज कम्युनिकेशन और सीवोटर इंटरनेशनल द्वारा किए गए एक नए सर्वेक्षण के अनुसार, भारतीय आबादी का एक बड़ा हिस्सा ग्लोबल वार्मिंग के बारे में चिंतित है और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए महत्वपूर्ण सरकारी उपायों का समर्थन करता है। “भारतीय मानस में जलवायु परिवर्तन 2023” शीर्षक वाली रिपोर्ट, इस विषय […] Read more » अधिकांश भारतीय ग्लोबल वार्मिंग पर चिंतित करते हैं प्रधानमंत्री मोदी के मिशन लाइफ का समर्थन मिशन लाइफ
लेख आदिवासी जनजीवन के नये जन्म का उजाला May 20, 2024 / May 20, 2024 by ललित गर्ग | Leave a Comment डॉ. गणि राजेन्द्र विजयजी के 49वें जन्म दिवस पर 19 मई 2024-ललित गर्ग –सुखी परिवार अभियान के प्रणेता, आदिवासी जनजीवन के मसीहा एवं प्रख्यात जैन संत गणि राजेन्द्र विजय पिछले 36 वर्षों से आदिवासी विषयों एवं मुद्दों को लेकर सक्रिय है, उन्होंने आदिवासी जनजीवन के उन्नयन एवं विकास के लिये अनेक जनकल्याणकारी गतिविधियों-योजनाओं जिनमें शिक्षा, सेवा, चिकित्सा […] Read more » Light of new birth of tribal life डॉ. गणि राजेन्द्र विजयजी
लेख स्वास्थ्य-योग सावधान! ‘युवा’ देश के…सिगरेट यानि मौत का घर…! May 20, 2024 / May 20, 2024 by कृष्णमुरारी त्रिपाठी अटल | Leave a Comment ~ कृष्णमुरारी त्रिपाठी अटल देश का भविष्य कही जाने वाली युवा पीढ़ी नशे का शिकार बनती चली जा रही है। नित प्रति बदलते इस परिवेश में नशे के प्रति बढ़ता आकर्षण समाज के लिए घातक सिध्द हो रहा है । युवाओं में नशे की बढ़ती लत ने एक बार फिर से हमें – एक व्यक्ति […] Read more » सिगरेट यानि मौत
चिंतन धर्म-अध्यात्म लेख जो मनुष्य नम्रतापूर्वक वैदिक विधि से ईश्वर की स्तुति, प्रार्थना और उपासना करता है वह सर्वदा आनन्द में रहता है : स्वामीयज्ञमुनि May 17, 2024 / May 17, 2024 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य स्वामी यज्ञमुनि जी ने श्रोताओं को स्मरण कराते हुए कहा कि ऋषि दयानन्द ने कहा है कि हम सर्वदा आनन्द में रहें। उन्होंने पूछा कि कौन सर्वदा आनन्द में रहता है? इसका उत्तर देते हुए उन्होंने बताया कि जो मनुष्य नम्रतापूर्वक वैदिक विधि से ईश्वर की स्तुति, प्रार्थना और उपासना करता […] Read more » prays and worships God in the Vedic manner always remains happy: Swamiyagyamuni The person who humbly praises
पर्यावरण लेख अधिकांश भारतीय ग्लोबल वार्मिंग पर चिंतित, करते हैं प्रधानमंत्री मोदी के मिशन लाइफ का समर्थन May 17, 2024 / May 17, 2024 by निशान्त | Leave a Comment येल प्रोग्राम ऑन क्लाइमेट चेंज कम्युनिकेशन और सीवोटर इंटरनेशनल द्वारा किए गए एक नए सर्वेक्षण के अनुसार, भारतीय आबादी का एक बड़ा हिस्सा ग्लोबल वार्मिंग के बारे में चिंतित है और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए महत्वपूर्ण सरकारी उपायों का समर्थन करता है। “भारतीय मानस में जलवायु परिवर्तन 2023” शीर्षक वाली रिपोर्ट, इस विषय […] Read more » Most Indians worried about global warming support PM Modi's Mission Life
लेख खपरैल मकानों से कंक्रीट भवनो में गुम होता इंसान! May 17, 2024 / May 17, 2024 by आत्माराम यादव पीव | Leave a Comment – आत्माराम यादव पीव खपरैल शब्द आते ही एक ऐसे कमरे-मकान का स्वरूप हमारे सामने आ जाता है जो हमारी मोलिक सांस्कृतिक धरोहर है जिसे देश के ग्रामों ओर शहरों से उजाड़ा जा रहा है ओर पर्यटन स्थलों पर हमारी मूल विरासत कि दुहाई देकर इन खपरैल मकानों को सहेजा जा रहा है। दो दशक पूर्व से […] Read more » Man getting lost in concrete buildings from tile houses!
लेख सैंकड़ों मंदिरों का पुनर्धार कराने वाली महारानी थी अहिल्याबाई होलकर May 17, 2024 / May 17, 2024 by प्रह्लाद सबनानी | Leave a Comment अरब देशों से भारत आए आक्रांता शुरू में तो केवल भारत में लूट खसोट करने के उद्देश्य से ही आए थे, क्योंकि उन्होंने सुन रखा था कि भारत सोने की चिड़िया है एवं यहां के नागरिकों के पास स्वर्ण के अपार भंडार मौजूद हैं। परंतु, यहां आकर छोटे छोटे राज्यों में आपसी तालमेल एवं संगठन का अभाव […] Read more » Ahilyabai Holkar was the queen who renovated hundreds of temples. अहिल्याबाई होलकर
लेख माँ के चरणों में मिलता है स्वर्ग May 16, 2024 / May 16, 2024 by ब्रह्मानंद राजपूत | Leave a Comment (मातृ दिवस 12 मई 2024 पर विशेष आलेख) आज मातृ दिवस है, एक ऐसा दिन जिस दिन हमें संसार की समस्त माताओं का सम्मान और सलाम करना चाहिये। वैसे माँ किसी के सम्मान की मोहताज नहीं होती, माँ शब्द ही सम्मान के बराबर होता है, मातृ दिवस मनाने का उद्देश्य पुत्र के उत्थान में उनकी महान भूमिका को सलाम करना है। श्रीमद भागवत गीता में कहा गया है कि माँ की सेवा से मिला आशीर्वाद सात जन्म के पापों को नष्ट करता है। यही माँ शब्द की महिमा है। असल में कहा जाए तो माँ ही बच्चे की पहली गुरु होती है एक माँ आधे संस्कार तो बच्चे को अपने गर्भ में ही दे देती है यही माँ शब्द की शक्ति को दर्शाता है, वह माँ ही होती है पीड़ा सहकर अपने शिशु को जन्म देती है। और जन्म देने के बाद भी मां के चेहरे पर एक संतोषजनक मुस्कान होती है इसलिए माँ को सनातन धर्म में भगवान से भी ऊँचा दर्जा दिया गया है। ‘माँ’ शब्द एक ऐसा शब्द है जिसमे समस्त संसार का बोध होता है। जिसके उच्चारण मात्र से ही हर दुख दर्द का अंत हो जाता है। ‘माँ’ की ममता और उसके आँचल की महिमा को शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता है, उसे सिर्फ महसूस किया जा सकता है। रामायण में भगवान श्रीराम जी ने कहा है कि ‘‘जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गदपि गरीयसी।’’ अर्थात, जननी और जन्मभूमि स्वर्ग से भी बढ़कर है। कहा जाए तो जननी और जन्मभूमि के बिना स्वर्ग भी बेकार है क्योंकि माँ कि ममता कि छाया ही स्वर्ग का एहसास कराती है। जिस घर में माँ का सम्मान नहीं किया जाता है वो घर नरक से भी बदतर होता है, भगवान श्रीराम माँ शब्द को स्वर्ग से बढ़कर मानते थे क्योंकि संसार में माँ नहीं होगी तो संतान भी नहीं होगी और संसार भी आगे नहीं बढ़ पाएगा। संसार में माँ के समान कोई छाया नहीं है। संसार में माँ के समान कोई सहारा नहीं है। संसार में माँ के समान कोई रक्षक नहीं है और माँ के समान कोई प्रिय चीज नहीं है। एक माँ अपने पुत्र के लिए छाया, सहारा, रक्षक का काम करती है। माँ के रहते कोई भी बुरी शक्ति उसके जीवित रहते उसकी संतान को छू नहीं सकती। इसलिए एक माँ ही अपनी संतान की सबसे बडी रक्षक है। दुनिया में अगर कहीं स्वर्ग मिलता है तो वो माँ के चरणों में मिलता है। जिस घर में माँ का अनादर किया जाता है, वहाँ कभी देवता वास नहीं करते। एक माँ ही होती है जो बच्चे कि हर गलती को माफ कर गले से लगा लेती है। यदि नारी नहीं होती तो सृष्टि की रचना नहीं हो सकती थी। स्वयं ब्रह्मा, विष्णु और महेश तक सृष्टि की रचना करने में असमर्थ बैठे थे। जब ब्रह्मा जी ने नारी की रचना की तभी से सृष्टि की शुरूआत हुई। बच्चे की रक्षा के लिए बड़ी से बड़ी चुनौती का डटकर सामना करना और बड़े होने पर भी वही मासूमियत और कोमलता भरा व्यवहार ये सब ही तो हर ‘माँ’ की मूल पहचान है। दुनिया की हर नारी में मातृत्व वास करता है। बेशक उसने संतान को जन्म दिया हो या न दिया हो। नारी इस संसार और प्रकृति की ‘जननी’ है। नारी के बिना तो संसार की कल्पना भी नहीं की जा सकती। इस सृष्टि के हर जीव और जन्तु की मूल पहचान माँ होती है। अगर माँ न हो तो संतान भी नहीं होगी और न ही सृष्टि आगे बढ पाएगी। इस संसार में जितने भी पुत्रों की मां हैं, वह अत्यंत सरल रूप में हैं। कहने का मतलब कि मां एकदम से सहज रूप में होती हैं। वे अपनी संतानों पर शीघ्रता से प्रसन्न हो जाती हैं। वह अपनी समस्त खुशियां अपनी संतान के लिए त्याग देती हैं, क्योंकि पुत्र कुपुत्र हो सकता है, पुत्री कुपुत्री हो सकती है, लेकिन माता कुमाता नहीं हो सकती। एक संतान माँ को घर से निकाल सकती है लेकिन माँ हमेशा अपनी संतान को आश्रय देती है। एक माँ ही है जो अपनी संतान का पेट भरने के लिए खुद भूखी सो जाती है और उसका हर दुख दर्द खुद सहन करती है। लेकिन आज के समय में बहुत सारे ऐसे लोग हैं जो अपने मात-पिता को बोझ समझते हैं। और उन्हें वृद्धाश्रम में रहने को मजबूर करते हैं। ऐसे लोगों को आज के दिन अपनी गलतियों का पश्चाताप कर अपने माता-पिताओं को जो वृद्ध आश्रम में रह रहे हैं उनको घर लाने के लिए अपना कदम बढ़ाना चाहिए। क्योंकि माता-पिता से बढ़कर दुनिया में कोई नहीं होता। माता के बारे में कहा जाए तो जिस घर में माँ नहीं होती या माँ का सम्मान नहीं किया जाता वहाँ दुर्गा, लक्ष्मी और सरस्वती का वास नहीं होता। हम नदियों और अपनी भाषा को माता का दर्जा दे सकते हैं तो अपनी माँ से वो हक क्यों छीन रहे हैं। और उन्हें वृद्धाश्रम भेजने को मजबूर कर रहे है। यह सोचने वाली बात है। माता के सम्मान का एक दिन नहीं होता। माता का सम्मान हमें 365 दिन करना चाहिए। लेकिन क्यों न हम इस मातृ दिवस से अपनी गलतियों का पश्चाताप कर उनसे माफी मांगें। और माता की आज्ञा का पालन करने और अपने दुराचरण से माता को कष्ट न देने का संकल्प लेकर मातृ दिवस को सार्थक बनाएं। Read more » Heaven is found at mother's feet मातृ दिवस 12 मई
लेख स्वास्थ्य-योग कैंसर के बढ़ते खतरे को गंभीरता से लेने की जरूरत है May 16, 2024 / May 16, 2024 by चरखा फिचर्स | Leave a Comment सैयदा तैय्यबा काज़मीपुंछ, जम्मू हाल ही में बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री की कैंसर से मौत के बाद एक बार फिर लोगों का ध्यान इस बीमारी के बढ़ते खतरे की ओर गया है. इसकी गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कई स्वास्थ्य संगठन और संस्थाएं देश में कैंसर के बढ़ते खतरे […] Read more » The increasing risk of cancer needs to be taken seriously कैंसर के बढ़ते खतरे
पर्यावरण लेख पर्यावरण को स्वर्गमय बनाने की शुरुआत परिवार से हो May 15, 2024 / May 15, 2024 by ललित गर्ग | Leave a Comment अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस, 15 मई 2024 पर विशेष- ललित गर्ग- परिवारों के महत्व और समाज में उनकी भूमिका का जश्न मनाने के लिए 15 मई को अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस एक वार्षिक उत्सव के रूप में मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र ने परिवारों के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने, उनके सामने आने वाली चुनौतियों को […] Read more » अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस