कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म लेख वर्त-त्यौहार देवउठनी एकादशी पर पूर्वजों के नाम पर दीपदान की परंपरा November 23, 2023 / November 23, 2023 by आत्माराम यादव पीव | Leave a Comment आज पूरी दुनिया में तरक्की के नाम पर लोग कम्यूटर और मोबाइल को अपनी अंगुलियों में नचाते हुये दुनिया को अपनी मुटठी में मानते है जबकि वे भारतीय संस्कार, परम्पराओं, धर्म और रिश्तों से कोसों दूर हो गये है। एक समय था जब गॉवों में बसने वाले हमारे पूर्वज सहज,, सरल, और आत्मीयता को अपनी जमा पूंजी मानते […] Read more » देवउठनी एकादशी देवप्रबोधनी एकादशी
लेख 600 साल पहले नर्मदा तट होशंगाबाद आये थे गुरु नानक देव, राजा होशंगशाह को बनाया था शिष्य November 23, 2023 / November 23, 2023 by आत्माराम यादव पीव | Leave a Comment ( गुरु नानक जयंती पर विशेष.) आत्माराम यादव पीव ऐतिहासिक तथा सांस्कृतिक दृष्टि से प्राचीन, नर्मदापुर तथा आधुनिक काल में होशंगाबाद जिले का महत्वपूर्ण स्थान रहा है । पुण्य सलिला मॉ नर्मदा की महिमा न्यारी है तभी यहॉ साम्प्रदायिक सद्भाव की गौरवमयी मिसालें देखने को मिलती है। सिखों के आदि गुरु श्री गुरु नानक देव भी नर्मदा […] Read more »
लेख 5G के दौर में भी नेटवर्क की सुविधा से वंचित गांव November 23, 2023 / November 23, 2023 by चरखा फिचर्स | Leave a Comment सुनीता जोशीजगथाना, उत्तराखंडभारत दुनिया के उन चंद देशों में शामिल होने वाला है जो जल्द ही 6G नेटवर्क को अपनाने वाले हैं. दरअसल न केवल अर्थव्यवस्था बल्कि विज्ञान और तकनीक के मामले में भी भारत दुनिया का सिरमौर बनता जा रहा है. एक ओर जहां ज़मीन से ऊपर चांद और सूरज को छू रहा है […] Read more » Villages deprived of network facilities even in the era of 5G
राजनीति लेख समाज हिंसामुक्त नारी समाज का सपना अधूरा क्यों? November 23, 2023 / November 23, 2023 by ललित गर्ग | Leave a Comment अंतर्राष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस – 25 नवम्बर, 2023 -ललित गर्ग – पूरे विश्व में महिलाओं के प्रति हिंसा, शोषण एवं उत्पीड़न की बढ़ती घटनाओं के उन्मूलन हेतु संयुक्त राष्ट्र के द्वारा प्रतिवर्ष 25 नवंबर को ‘अंतर्राष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस’ मनाया जाता है। भारत ही नहीं, दुुनियाभर की महिलाओं पर बढ़ती हिंसा, शोषण, असुरक्षा एवं […] Read more » Why is the dream of a violence-free women's society incomplete?
राजनीति लेख भारत में सरकारी नियमों के बगैर हलाल प्रमाणन प्रमाण पत्र जारी किया जाना एक गम्भीर विषय November 22, 2023 / November 22, 2023 by प्रह्लाद सबनानी | Leave a Comment पिछले कुछ समय से भारत सहित, पूरे विश्व में इस्लाम मजहब के अनुयायियों के लिए हलाल प्रमाणन प्रमाण पत्र प्राप्त उत्पादों के उपयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है। हालांकि हलाल प्रमाणन प्रमाण पत्र जारी करने के सम्बंध में कोई प्रक्रिया तय नहीं की गई है और न ही सरकारी तौर पर इस सम्बंध में कोई दिशा निर्देश जारी किए गए हैं, परंतु फिर भी भारत में हलाल प्रमाणन प्रमाण पत्र जारी करने का कार्य विभिन्न संस्थानों द्वारा धड़ल्ले से किया जा रहा है एवं कई विनिर्माण इकाईयों से भारी भरकम राशि हलाल प्रमाणन प्रमाण पत्र जारी करने के एवज में वसूली जा रही है। साथ ही, विनिर्माण इकाईयों पर भी दबाव बनाया जाता है कि वे अपने संस्थानों में इस्लाम मजहब के अनुयायियों की नियुक्ति करें। अब यह भी समझ से परे है कि फैशन, सौंदर्य साधनों, किराने के सामान, सब्जियों, वित्तीय सुविधाओं एवं ढाबे आदि जैसी गतिविधियों को हलाल प्रमाणन प्रमाण पत्र किस प्रकार प्रदान किया जा सकता है? इसी संदर्भ में अभी हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार एवं सुप्रीम कोर्ट ने हलाल प्रमाणन प्रमाण पत्र जारी करने के सम्बंध में जांच के आदेश जारी किए हैं। दरअसल, इस्लाम मजहब के अनुयायियों के लिए हलाल शब्द बहुत महत्व भरा शब्द है। हलाल का आश्य यह बताया जाता है कि मुस्लिम मतावलंबियों के लिए जो वस्तु वैद्य है वह हलाल है और जो वैध नहीं है वह हराम है। ऐसा भी बताया जाता है कि प्रारम्भ में इस्लाम-कुरान में खाने की वस्तुओं, विशेष रूप से मांसाहार, के साथ हलाल शब्द को जोड़ा गया था अर्थात किन वस्तुओं (किस प्रकार के मांसाहार) का खाना हलाल है एवं किन वस्तुओं (किस प्रकार के मांसाहार) का खाना हराम है। परंतु, अब तो हलाल को दैनिक जीवन के प्रत्येक क्षेत्र के साथ जोड़ दिया गया है। जैसे हलाल मांस, हलाल फैशन एवं सौंदर्य के साधन, हलाल किराने का सामान, हलाल सब्जियां, हलाल वित्तीय सुविधाएं, हलाल ढाबे, आदि आदि। कई इस्लामी देशों ने यह तय कर लिया है कि उनके नागरिक केवल हलाल प्रमाणित खाद्य पदार्थों एवं अन्य सुविधाओं का उपयोग करेंगे एवं इन देशों ने हलाल प्रमाणन को कानूनी रूप दे दिया है। कोई उत्पाद हलाल प्रमाणित है इसके लिए बाकायदा विशेष संस्थाओं का गठन किया गया है जो कि हलाल प्रमाणन का प्रमाण पत्र जारी करने में सक्षम है एवं उस प्रमाणन के आधार पर ही सम्बंधित उत्पाद बाजार में बेचा जा सकता है। इन मुस्लिम मजहब बहुल देशों में विदेशों से आयात किए जाने उत्पादों को भी हलाल प्रमाणन के लिए प्रमाण पत्र सबंधित संस्थानों से लेना आवश्यक होता है ताकि ये कम्पनियां अपने उत्पादों को इन इस्लामी देशों को निर्यात कर सकें। चूंकि पूरे विश्व में 50 से अधिक इस्लामी देश हैं, एवं मुस्लिम मजहब को मानने वाली बहुत बड़ी आबादी इन देशों में निवास करती है अतः गैर इस्लामी देशों की कम्पनियों को भी हलाल प्रमाणित उत्पाद ही इन देशों को भेजने होते हैं। वैसे तो हलाल प्रमाणित वस्तुओं का चलन इस्लामी देशों में बहुत लम्बे समय से चला आ रहा है। परंतु हाल ही के समय में इसका कार्य क्षेत्र बढ़ाकर इसे गैर इस्लामी देशों में भी तेजी से फैलाया गया है अर्थात मुस्लिम मजहब के मतावलंबियों को यह प्रेरणा दी जाती है कि वे केवल हलाल प्रमाणित वस्तुओं एवं सेवाओं का ही उपयोग करें। वर्ष 1945 में दक्षिण अफ्रीका की राजधानी केपटाउन में मुस्लिम जुडीशियल कौंसिल हलाल ट्रस्ट की स्थापना की गई थी। इसके बाद हलाल पंजीयन की शुरुआत थाईलैंड में वर्ष 1969 में हुई जो केवल कुवैत में मुर्गी पालन उद्योग से निर्मित पदार्थों के निर्यात तक सीमित था। एक सुनियोजित इस्लाम केंद्रित व्यापार की वास्तविक शुरुआत दक्षिण पूर्वी एशिया के एक देश मलेशिया से हुई थी। वहां वर्ष 1974 में एक डिपार्टमेंट आफ इस्लामिक डेवलपमेंट मलेशिया की स्थापना की गई। यह विश्व का ऐसा पहला देश था, जिसने हलाल व्यापार को परिभाषित करने का एक कानून बना दिया। इस प्रक्रिया की गति इतनी तीव्र थी कि वर्ष 1980 तक मलेशिया को ग्लोबल हलाल हब बनाने के प्रयासों को आकार दिया जाने लगा था। वर्तमान में डिपार्टमेंट आफ इस्लामिक डेवलपमेंट मलेशिया का नेटवर्क लगभग 45 देशों में फैला हुआ है और कुल लगभग 78 हलाल पंजीयन संस्थाएं इससे जुड़ी हुई हैं। भारत की भी तीन प्रमुख संस्थाएं – हलाल इंडिया, जमियत उलेमा हलाल फाउंडेशन, जमियत उलेमा ए हिंद हलाल ट्रस्ट इसके सदस्य रहे हैं। अब तो विश्व के लगभग सभी इस्लामी देशों एवं अन्य कई गैर इस्लामी देशों में भी हलाल प्रमाणन संस्थाओं का गठन किया जा चुका है। हलाल प्रमाणन संस्थाएं हलाल प्रमाणन प्रमाण पत्र जारी करने के पूर्व एक मोटी रकम विभिन्न वस्तुओं का उत्पादन करने वाली संस्थाओं से हलाल प्रमाणन प्रमाण पत्र जारी करने के एवज में लेती हैं। हलाल प्रमाणन प्रमाण पत्र जारी करने वाली इन संस्थाओं की आय आज करोड़ों अमेरिकी डॉलर में हो गई है। दीनार स्टैंडर्ड, द कैपिटल आफ इस्लामिक इकॉनमी और सलाम गेटवे द्वारा प्रकाशित स्टेट आफ ग्लोबल इस्लामिक इकॉनमी रिपोर्ट 2018-19 के अनुसार, हलाल अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों की आय अब अरबों डॉलर में पहुंच गई है और अर्थव्यवस्था के कुछ क्षेत्रों की आय इस प्रकार बताई गई है – हलाल ट्रैवल क्षेत्र – 17,700 करोड़ अमेरिकी डॉलर; हलाल फूड क्षेत्र – 130,300 करोड़ अमेरिकी डॉलर; हलाल वित्तीय क्षेत्र – 243,800 करोड़ अमेरिकी डॉलर; हलाल फैशन क्षेत्र – 27,000 करोड़ अमेरिकी डॉलर, हलाल फार्मा क्षेत्र – 8,700 करोड़ अमेरिकी डॉलर; हलाल कासमेटिक क्षेत्र – 6,100 करोड़ अमेरिकी डॉलर। अब यह अनुमान लगाया जा रहा है कि हलाल प्रमाणित व्यापार यदि इसी रफ्तार से आगे बढ़ता रहा तो वर्ष 2023 तक हलाल अर्थव्यवस्था का अनुमानित व्यापार 3 लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर का हो जाएगा, जो कि विश्व के कई विकसित देशों जैसे कनाडा, दक्षिण कोरिया, ब्राजील, इटली, स्पेन, आदि के सकल घरेलू उत्पाद से भी कहीं अधिक होगा। विश्व में चूंकि मुस्लिम मतावलंबियों की संख्या बहुत अधिक है अतः अब विभिन्न वस्तुओं एवं सेवाओं को धर्म के आधार पर बेचे जाने के प्रयास किए जा रहे हैं ताकि मुस्लिम मतावलंबियों द्वारा उपयोग की जाने वाली वस्तुओं एवं सेवाओं को मुस्लिम संस्थानों द्वारा ही निर्मित किया जा सके एवं अगर अन्य धर्मों को मानने वाले अनुयायियों द्वारा इन उत्पादों का निर्माण किया जाता है और यदि वे अपने उत्पादों को मुस्लिम मतावलंबियों के बीच बेचना चाहते हैं तो उनके लिए भी हलाल प्रमाणन प्रमाण पत्र प्राप्त करना आवश्यक हो जाए। इस प्रकार, विभिन्न उत्पाद निर्माण करने वाली कम्पनियों को अपने व्यापार का विस्तार करने के उद्देश्य से हलाल प्रमाणन प्रमाण पत्र लेना अब एक आवश्यकता बन चुका है। भारत में तो कई मुस्लिम बुद्धिजीवियों द्वारा पतंजलि संस्थान द्वारा निर्मित आयुर्वेदिक उत्पादों को मुस्लिम मजहब के अनुयायियों द्वारा उपयोग किए जाने को निरुत्साहित किया जाता है एवं केवल हलाल प्रमाणित वस्तुओं एवं सेवाओं के उपयोग हेतु ही प्रेरणा दी जाती है। परंतु, वहीं चीन की कई कम्पनियां समस्त उत्पादों का हलाल प्रमाणन प्रमाण पत्र प्राप्त कर भारत में अपने उत्पाद बहुत ही आसानी बेचकर व्यापार कर रही है और चीन में मुस्लिम मतावलंबियों को समाप्त कर रही है अर्थात उनके चिन्ह जैसे मस्जिद, दाढ़ी, टोपी, आदि को समाप्त कर रही है। भारत में मुस्लिम मतावलंबी चीनी सामान को बढ़ावा दे रहे हैं और जो भारत मुस्लिमों को सबसे अधिक सुविधाएं देता है, उस सहिष्णु भारत के व्यापारियों का विरोध कर रहे हैं। आज पूरे विश्व में इस्लाम के सभी फिकरे केवल और केवल भारत में ही रहते हैं एवं ये सभी फिकरे भारत में एकदम सुरक्षित हैं वरना कई इस्लामी देशों में तो ये आपस में ही लढ़-भिढ़ रहे हैं। विभिन आर्थिक गतिविधियों के क्षेत्रों यथा, हलाल मांस, हलाल फैशन एवं सौंदर्य के अन्य साधन, हलाल किराने का सामान, हलाल सब्जियां, हलाल वित्तीय सुविधाएं, हलाल ढाबे, आदि में हलाल प्रमाणन प्रमाण पत्र प्रदान करने के पूर्व किस प्रकार की प्रक्रिया अपनायी जानी चाहिए इसे अब निर्धारित करने का समय आ गया है एवं इस सम्बंध में दिशा निर्देश जारी किये जाने चाहिए एवं यह दिशा निर्देश पूरे विश्व में हलाल प्रमाणन प्रमाण पत्र जारी करने वाली संस्थाओं पर समान रूप से लागू किए जाने चाहिए। दरअसल, अब खाने पीने की वस्तुओं एवं सेवाओं के लिए भी हलाल प्रमाणन संस्थाएं हलाल प्रमाणन प्रमाण पत्र जारी कर रही है। यदि खाने पीने की वस्तुओं के लिए हलाल प्रमाणन प्रमाण पत्र एक निर्धारित प्रक्रिया के अंतर्गत जारी नहीं किए जाते हैं तो इन वस्तुओं का उपयोग करने वाले लोगों के लिए स्वास्थ्य सम्बंधी परेशानी खड़ी हो सकती हैं एवं इनका जीवन ही खतरे में पड़ सकता है। दूसरे, हलाल प्रमाणन प्रमाण पत्र जारी करने वाले संस्थानों की आय में बेतहाशा वृद्धि को देखते हुए अब यह आवश्यक हो गया है कि विभिन्न देशों द्वारा स्थानीय स्तर एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस आय का उपयोग किस प्रकार किया जा रहा है इस सम्बंध में भी नियम बनाए जाने चाहिए क्योंकि चीन में हलाल राशि इस्लाम को कुचलने के काम आती है, यूरोपीयन देशों में हलाल राशि वामपंथी-पूंजीपतियों के द्वारा वैश्विक षड्यंत्र के काम आती है और कुछ मुस्लिम देशों में हलाल की कुछ राशि इस्लामिक जिहाद के लिए काम आती है। Read more » Halal certification certificate without government regulations
लेख कुपोषित बच्चों से कैसे बनेगा स्वस्थ समाज? November 22, 2023 / November 22, 2023 by चरखा फिचर्स | Leave a Comment रिंकू कुमारीमुजफ्फरपुर, बिहार लखींद्र सहनी दूसरे के खेतों में मजदूरी करते हैं. पत्नी के अलावा उनकी छह बेटियां और चार बेटे हैं. सबसे बड़ी बेटी की कम उम्र में ही शादी हो गयी और सबसे छोटी पांच साल से कम उम्र की है. सबसे बड़ा बेटा किशोरावस्था में ही दूसरे प्रदेश में कमाने चला गया, […] Read more »
महिला-जगत लेख समाज कब पूरा होगा किशोरियों के लिए आजादी का अर्थ? November 21, 2023 / November 21, 2023 by चरखा फिचर्स | Leave a Comment खुशबू बोरामेगड़ी स्टेट, उत्तराखंडकभी कभी हमारे देश में देखकर लगता है कि देश तो आजाद हो गया है, जहां सभी के लिए अपनी पसंद से जीने और रहने की आज़ादी है. लेकिन महिलाओं और किशोरियों खासकर जो ग्रामीण क्षेत्रों में रहती हैं, उनके लिए आजादी का कोई मतलब नहीं है. उनके लिए तो नींद ही […] Read more »
खेल जगत मनोरंजन लेख हार गए तो क्या अब रोते रहे? फिर उठेंगे और जीतेंगे November 21, 2023 / November 21, 2023 by सुशील कुमार नवीन | Leave a Comment असंतोष की सीमा नहीं पर संतोष तो करना होगा सुशील कुमार ‘नवीन’ क्रिकेट प्रेमियों के लिए रविवार का दिन प्रकाशमय और रात अंधियाली रही। 45 दिन तक अजेय रहने वाली इंडिया की टीम 46 वें दिन धराशायी हो गई। हार की वजह पर अभी लंबी चर्चाएं होंगी। आलोचना के तीर लगातार छोड़ें जाएंगे। ये हार […] Read more » If you lose will you keep crying now? we will rise again and win
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म पर्व - त्यौहार लेख वर्त-त्यौहार देवउठनी एकादशी पर पूर्वजों के नाम पर दीपदान की परंपरा November 21, 2023 / November 21, 2023 by आत्माराम यादव पीव | Leave a Comment आज पूरी दुनिया में तरक्की के नाम पर लोग कम्यूटर और मोबाइल को अपनी अंगुलियों में नचाते हुये दुनिया को अपनी मुटठी में मानते है जबकि वे भारतीय संस्कार, परम्पराओं, धर्म और रिश्तों से कोसों दूर हो गये है। एक समय था जब गॉवों में बसने वाले हमारे पूर्वज सहज,सरल और आत्मीयता को अपनी जमा पूंजी मानते […] Read more » देवउठनी एकादशी
पर्यावरण लेख प्रदूषण और बर्थ डिफेक्ट्स: सिर्फ़ सर्दियों में नहीं, साल भर जनसहभागिता के साथ कार्यवाही ज़रूरी November 21, 2023 / November 21, 2023 by निशान्त | Leave a Comment दीपमाला पाण्डेयआजकल उत्तर भारत में एयर पॉल्यूशन, एक्यूआई, स्मोग टावर, पराली, ऑड ईवन फॉर्मूला आदि काफ़ी चर्चा में है। पिछले कुछ सालों से हर साल सर्दियों में यह सब शब्द चर्चा का केंद्र बनने लगते हैं और एक दो महीने में फिर उनकी चर्चा कम होने लगती है।प्रदूषण को एक सीजन की तरह या एक सीज़न […] Read more » action is necessary with public participation throughout the year Pollution and birth defects: Not just in winter
लेख शख्सियत समाज साक्षात्कार संतों के राजकुमार’’ के नाम से विख्यात, निमाड़ के संत दलु दास जी ग्वाल November 21, 2023 / November 21, 2023 by आत्माराम यादव पीव | Leave a Comment नर्मदाचंल स्वर्ग के देवताओं को भी अपनी ओर आकर्षित करता आया है और यहॉ पर अनेक ऋषि मुनियों, मनीषियों सहित संत-महात्माओं ने जन्म लेकर अपने जीवन में चमत्कारों के माध्यम से जन-जन की सेवायें की है इनमें एक नाम संत दलु जी महाराज का भी है। वे सिंगा जी के पौत्र एवं कालू महाराज के […] Read more » known as the “Prince of Saints” Saint Dalu Das Ji Gwal of Nimar निमाड़ के संत दलु दास जी ग्वाल
Tech राजनीति लेख विज्ञान डीपफेक पर नियंत्रण के लिये सरकार की सख्ती जरूरी November 20, 2023 / November 20, 2023 by ललित गर्ग | Leave a Comment -ललित गर्ग-डीपफेक व्यक्तिगत जीवन से आगे बढ़ कर अब राजनीतिक एवं वैश्विक सन्दर्भों के लिये एक गंभीर खतरा बनता जा रहा है। इक्कीसवीं सदी में कृत्रिम बौद्धिकता (आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस या एआई) तकनीक के आगमन ने अगर सुविधाओं के नए रास्ते खोले हैं तो दुनियाभर में चिंताएं भी बढ़ा दी हैं। इस तकनीक का दुरुपयोग बड़े […] Read more » Government's strictness necessary to control deepfakes