आर्थिकी कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म पर्व - त्यौहार लेख दीपावली त्यौहार ने दी है भारत को आर्थिक ताकत November 14, 2023 / November 14, 2023 by प्रह्लाद सबनानी | Leave a Comment इस वर्ष दीपावली त्यौहार के धनतेरस के दिन भारतीयों ने विभिन्न उत्पादों की जमकर खरीद की है। भारतीय अर्थव्यवस्था को तो जैसे पंख लग गए हैं एवं भारतीय अर्थव्यवस्था अब बहुत तेजी से आगे बढ़ रही है। इसी कारण से वैश्विक स्तर पर सकल घरेलू उत्पाद में भारत की भागीदारी लगातार बढ़ती जा रही है। ऐसा माना जा रहा है कि वैश्विक स्तर पर वित्तीय वर्ष 2023-24 के वृद्धिगत सकल घरेलू उत्पाद में भारत की भागीदारी 15 प्रतिशत के आसपास रह सकती है। भारत ने अमेरिका एवं चीन के बाद विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अपने कदम बढ़ा दिए हैं। भारत में आज आम आदमी की आमदमी बढ़ रही है, आम आदमी की तरक्की जारी हैं एवं इसे और अधिक बेहतर बनाने के प्रयास लगातार हो रहे हैं। इसी के चलते भारतीय बाजारों में दीपावली के पावन पर्व पर भारी भीड़ एवं रौनक दिखाई दे रही है। भगवान धन्वन्तरि भारतीय नागरिकों पर जैसे धन की वर्षा करते नजर आ रहे हैं। भारत में धनतेरस के दिन किसी भी प्रकार के उत्पाद की खरीददारी को शुभ माना जाता है। विशेष रूप से बर्तन, गहने, वाहन एवं मकान आदि भारी मात्रा में खरीदे जाते हैं। इस वर्ष भारतीय बाजारों में एक और शुभ संकेत दिखाई दे रहा है कि भारतीय नागरिक “वोकल फोर लोकल” एवं “आत्म निर्भर भारत” जैसे विचार से सहमत होते हुए केवल भारत में निर्मित वस्तुओं की जमकर खरीद कर रहे हैं। रीयल एस्टेट सेक्टर, कार डीलर्स, जौहरियों एवं किराना व्यवसायीयों की तो जैसे लॉटरी ही लग गई है। इस वर्ष दीपावली त्यौहार में बाजारों में उमड़ रही भीड़ अपने आप में भारत की आर्थिक शक्ति बनने की कहानी कह रही है। भारतीय ग्राहकों में उत्साह दिख रहा है। ग्राहकों का उत्साह देखकर कारोबारी एवं व्यापारी भी खुश नजर आ रहे हैं। कन्फेडरेशन आफ ऑल इंडिया ट्रेडर्ज एसोसीएशन के अनुसार, इस वर्ष दीपावली के त्यौहारी मौसम में देश में 3.75 लाख करोड़ रुपए का व्यापार हुआ है। इस खरीद की विशेष बात यह रही है कि उपभोक्ताओं में चीन में निर्मित माल के स्थान पर भारत में ही निर्मित स्वदेशी सामान की जबरदस्त मांग देखने को मिली है। जबकि षठ पूजा एवं भैया दूज समेत अभी कई त्यौहार आना शेष है, इस प्रकार आगे आने वाले अन्य त्यौहारों के शुभ अवसर पर 50,000 करोड़ रुपए का अतिरिक्त व्यापार होने की सम्भावना भी व्यक्त की गई है। उक्त संस्थान ने “भारतीय उत्पाद – सबका उस्ताद” नामक एक कैम्पेन भी भारत में, हाल ही में प्रारम्भ हुए त्यौहारी मौसम के दौरान, चलाया था, जिसका भारतीय नागरिकों पर जबरदस्त प्रभाव दिखाई दिया है। साथ ही इस वर्ष के त्यौहारी मौसम में चीन को लगभग एक लाख करोड़ रुपए के व्यापार का नुक्सान हुआ है। क्योंकि, इसके पहिले चीन में बनी वस्तुओं की भारतीय बाजारों में 70 प्रतिशत तक बिक्री होती थी परंतु इस वर्ष भारतीय बाजारों में स्वदेशी वस्तुओं की मांग इतनी अधिक थी कि चीन में निर्मित वस्तुओं की बिक्री बहुत ही कम हो गई है। इस वर्ष भारत में दीपावली से सम्बंधित सामान का चीन से आयात नहीं के बराबर हुआ है। एक अनुमान के अनुसार, इस 3.50 लाख करोड़ रुपए के व्यापार में 13 प्रतिशत खाद्य सामग्री एवं किराना की, 9 प्रतिशत ज्वेलरी की, 12 प्रतिशत टेक्स्टायल एवं गारमेंट की, 4 प्रतिशत ड्राई फ़्रूट, मिठाई एवं नमकीन की, 3 प्रतिशत होम डेकोर की, 6 प्रतिशत कास्मेटिक्स की, 8 प्रतिशत इलेक्ट्रॉनिक्स एवं मोबाइल की, 3 प्रतिशत भोजन सामग्री एवं पूजा वस्तुओं की, 3 प्रतिशत रसोई एवं बर्तन उपकरण की, 8 प्रतिशत गिफ्ट सामान की, 4 प्रतिशत फर्निशिंग एवं फर्निचर सामान की एवं 25 प्रतिशत ऑटोमोबील, हार्डवेयर सामान, खिलौने सहित अन्य अनेकों वस्तुओं एवं सेवाओं की भागीदारी रही है। भारत में मकानों की बिक्री सम्बंधी आंकड़ों से भी आभास होता है कि भारत में मिडल एवं अपर मिडल क्लास वर्ग की संख्या बढ़ी है। रीयल एस्टेट से जुड़े कारोबारियों का मानना है कि इस वर्ष 1.5 लाख से अधिक लक्जरी और एफोर्डेबल घरों की बिक्री का रिकार्ड बन गया है। वर्ष 2023 की दीपावली के ठीक पूर्व के समय में 1.50 लाख घरों की बिक्री प्रदर्शित करती है कि भारत के नागरिकों की आय में तेज गति से वृद्धि हो रही है। वर्ष 2022 की दीपावली के पूर्व 1.47 लाख घरों की बिक्री हुई थी और वर्ष 2021 में यह आंकड़ा 1.14 लाख रहा था। जनवरी 2023 से सितम्बर 2023 तक की अवधि में भी भारत में 2.30 लाख लक्जरी और एफोर्डेबल घरों की बिक्री हुई थी, जो पिछले साल के मुकाबले 5 प्रतिशत अधिक है। रीयल एस्टेट में बूम का मतलब है कि भारत तेज गति से तरक्की कर रहा है। भारत में आम लोगों की जेब तक पैसा पहुंच रहा है। त्यौहारी सीजन में उछाल सिर्फ रीयल एस्टेट सेक्टर में ही नहीं है, बल्कि अन्य क्षेत्रों में भी लगभग इसी प्रकार का त्यौहारी वातावरण दिखाई दिया है। माह अकटोबर 2023 में भारत में 3.90 लाख चार पहिया वाहनों की बिक्री हुई है। जबकि 19 लाख के करीब दोपहिया वाहन भी बिके हैं। नवम्बर 2023 के त्यौहारी मौसम में 4.25 लाख चार पहिया वाहन एवं 20 लाख दो पहिया वाहन बिकने का अनुमान लगाया गया है। इसी प्रकार, एक अन्य अनुमान के अनुसार धनतेरस 2023 के दिन भारत में 50,000 करोड़ रुपए के सोने के आभूषणों की बिक्री हुई है। पिछले वर्ष धनतेरस के दिन 45,000 करोड़ रुपए के सोने के आभूषणों की बिक्री हुई थी। इस प्रकार इस वर्ष सोने के आभूषणों की बिक्री में 11 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। भारत में प्रत्येक क्षेत्र में विकास स्पष्टत: दिखाई दे रहा है। नागरिकों की जेब में पैसा पहुंचा है तभी तो भारत में उक्त वर्णित समस्त क्षेत्रों में भारी तादाद में बिक्री सम्भव हो पा रही है। शादी के मौसम की शुरुआत एवं नवरात्रि त्यौहार के शुरू होने के साथ ही भारत में त्यौहारी मौसम की शुरुआत हो जाती है। दिनांक 8 अकटोबर से ऑनलाइन खुदरा बिक्री के साइट, फ्लिपकार्ट एवं अमेजोन, पर उत्पादों की बिक्री का विशेष त्यौहारी अभियान प्रारम्भ किया गया था और केवल चार दिन में ही केवल उक्त दो कम्पनियों की साइट पर 40,000 करोड़ रुपए का व्यापार कर लिया गया है। भारत के विकास की कहानी की यह तो शुरुआत भर है, आगे आने वाले समय में विकास की इस कहानी को और अधिक गति मिलने की सम्भावना है क्योंकि अभी तक तो केंद्र सरकार द्वारा किए जा रहे पूंजीगत खर्चों का प्रभाव ही इस विकास की कहानी पर दिखाई दे रहा है (केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में 7.50 लाख करोड़ रुपए का पूंजीगत व्यय किया था और वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 10 लाख करोड़ रुपए का पूंजीगत व्यय करने का लक्ष्य निर्धारित किया है) जबकि निजी क्षेत्र भी अब अपने पूंजीगत खर्चों में वृद्धि करने जा रहा है क्योंकि विभिन्न कम्पनियां अपनी उत्पादन क्षमता का 75 प्रतिशत से अधिक उपयोग कर रही है, अतः उन्हें विनिर्माण के क्षेत्र में नई इकाईयों की स्थापना निकट भविष्य में करना ही होगी। साथ ही, विदेशी कम्पनियों के भी भारत में विभिन्न क्षेत्रों में विनिर्माण इकाईयों की स्थापना किये जाने के सम्बंध में सहमति पत्र लगातार प्राप्त हो रहे हैं। इस प्रकार, आगे आने वाले समय में भारत में रोजगार के करोड़ों नए अवसर निर्मित होने जा रहे हैं जिससे मिडल क्लास की संख्या में और अधिक तेज गति से विस्तार होगा और भारत में ही निर्मित उत्पादों की मांग और अधिक तेज होने जा रही है। प्रहलाद सबनानी Read more » Diwali festival has given economic strength to India
लेख समाज साक्षात्कार सार्थक पहल भारत को पुनः विश्वगुरु बनाने के लिए प्रयासरत है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ November 14, 2023 / November 14, 2023 by प्रह्लाद सबनानी | Leave a Comment अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न देशों के बीच चल रही रस्साकच्छी, रूस यूक्रेन के बीच पिछले लम्बे समय से लगातार चल रहे युद्ध एवं पिछले एक माह से भी अधिक समय से पूर्व प्रारम्भ हुए हम्मास इजराईल युद्ध के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी मंडल की बैठक दिनांक 5 नवम्बर 2023, रविवार, को प्रातः 9 बजे भुज, गुजरात में प्रारम्भ हुई। बैठक का शुभारम्भ परम पूज्य सर संघचालक डॉक्टर मोहन जी भागवत और सर कार्यवाह श्री दत्तात्रेय जी होसबाले ने भारत माता के चित्र के समक्ष पुष्पांजलि अर्पित करके किया। बैठक में देश भर से संघ की दृष्टि से 45 प्रांतो एवं 11 क्षेत्रों के माननीय संघचालक, कार्यवाह, प्रचारक, अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य तथा कुछ विविध संगठनों के अखिल भारतीय संगठन मंत्रियों सहित लगभग 382 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। उक्त बैठक में संघ शताब्दी की दृष्टि से कार्य विस्तार के लिए बनी योजना की समीक्षा एवं संघ प्रशिक्षण अभ्यास क्रम विषयों पर विस्तार से चर्चा सम्पन्न हुई। साथ ही, परम पूज्य सर संघचालक डॉक्टर मोहन जी भागवत के विजया दशमी उदबोधन में चर्चा में आए कुछ मुख्य विषयों जैसे प्रकृति विरुद्ध जीवन शैली, जलवायु परिवर्तन का विश्व पर प्रभाव, सुरक्षा, स्व आधारित युगानुकुल नीति आदि विषयों पर भी विस्तार से चर्चा की गई। सामाजिक समरसता, कुटुंब प्रबोधन, गौ सेवा, ग्राम विकास व अन्य गतिविधियों में चल रहे प्रयासों के बारे में भी प्रतिनिधियों से जानकारी ली गई। यह बैठक 7 नवम्बर 2023 को सायंकाल 6 बजे सम्पन्न हुई। विश्व के कई देशों, विकसित देशों सहित, में सामाजिक तानाबाना ध्वस्त हो चुका है। अमेरिका सहित विश्व के कई देशों में आज “सिंगल पेरेंट” की अवधारणा जोर पकड़ती जा रही है। लगभग 50 प्रतिशत बच्चों को अपने पिता के बारे में जानकारी ही नहीं हैं। कुटुंब अथवा परिवार में रहकर माता एवं पिता द्वारा मिलकर ही बच्चे का शारीरिक, मानसिक एवं बौद्धिक विकास सही तरीके से किया जा सकता है। इन देशों में केवल माता अथवा पिता द्वारा बच्चे का लालन पालन करने से बच्चे का मानसिक एवं बौद्धिक विकास सही तरीके से नहीं हो पा रहा है एवं यह बच्चे उच्च स्तर की पढ़ाई के मामले में पिछड़ रहे हैं। आज अमेरिका में बहुत कम बच्चे विज्ञान एवं गणित की उच्च स्तर पर पढ़ाई कर पा रहे हैं, जिसके चलते यह बच्चे सेवा क्षेत्र में कुछ छोटे मोटे काम करते नजर आते हैं। दूसरे, भारत सहित कई देशों में विभिन्न जातियों, मत एवं पंथ के आधार पर नागरिकों को आपस में लड़ाया जा रहा है एवं समाज में आज नागरिकों के बीच आपसी भाईचारा एवं विश्वास का नितांत अभाव दिखाई दे रहा है, जिससे आज सामाजिक समरसता का अभाव स्पष्टत: दिखाई देने लगा है। साथ ही, लगभग पूरे विश्व में ही पर्यावरण को लेकर भी गम्भीर स्थिति बन गई है। विशेष रूप से विकसित देशों में नागरिकों की जीवन शैली ही इस प्रकार की बन गई है कि प्रकृति का दोहन करने के स्थान पर प्रकृति का शोषण किया जा रहा है। जंगल खत्म हो रहे हैं, प्रकृतिक संसाधनों का अत्यधिक उपयोग हो रहा है, जिसके कारण पर्यावरण पर दबाव बन रहा है। कुछ स्थानों पर तो एक ही दिन में पूरे वर्ष भर की बारिश हो रही है तो कहीं कहीं बारिश ही नहीं हो रही है। इस प्रकार का असंतुलन वैश्विक स्तर नागरिकों के लिए गम्भीर समस्याएं उत्पन्न कर रहा है। जहां तक भारत का सम्बंध है, भारत में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जैसे सांस्कृतिक संगठन उक्त विषयों पर गम्भीरता से विचार विमर्श करते हुए इन समस्याओं के हल हेतु प्रयास भी करते दिखाई दे रहे हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपना शताब्दी वर्ष 2025 में मनाने की तैयरियों में जुटा है। अपने शताब्दी वर्ष के निमित्त संघ ने समाज के लिए आज की परिस्थितियों के संदर्भ में अति महत्वपूर्ण पांच आयामों को आग्रह पूर्वक समाज के सामने रखा है। इन आयामों को संघ के स्वयंसेवक अपने स्तर एवं शाखा के स्तर पर क्रियान्वित करेंगे, इसके बाद समाज से भी अपेक्षा की गई है कि इन आयामों को अपने स्तर पर क्रियान्वित करने में सहयोग करें। प्रथम आयाम है, समाज में सामाजिक समरसता स्थापित करना। समाज में छूआछूत, जातिभेद बिलकुल नहीं होना चाहिए। भारत में रहने वाला प्रत्येक नागरिक एक भारतीय है, फिर विभिन्न जातियों में बंटवारा क्यों? अंग्रेजों ने भारत पर अपना शासन स्थापित करने के लिए भारतीय नागरिकों को विभिन्न जातियों में बांटों और राज करने की नीति अपनाई थी। आज के परिप्रेक्ष्य में जब भारत विश्व गुरु बनने की ओर अग्रसर है, तब समस्त भारतीय नागरिक आपस में विश्वास बनाए रखते हुए देश की प्रगति में अपने योगदान को बढ़ाएं ऐसी अपेक्षा भारत के प्रत्येक नागरिक से हैं। अतः जन्म आधारित किसी भी प्रकार के भेदभाव को हम समस्त भारतीयों को नहीं मानना चाहिए। इस दृष्टि से सामाजिक समरसता का आज बहुत महत्व है एवं अपने जीवन में इसे व्यवहार में लाने का गम्भीर प्रयास हमें करना चाहिए। द्वितीय आयाम है, परिवार प्रबोधन। भारत के प्रत्येक कुटुंब में भारतीय जीवन मूल्यों एवं सांस्कृतिक मूल्यों को हमें अपनी आगे आने वाली पीढ़ी को सौंपने का गम्भीर प्रयास करना चाहिए। प्रत्येक भारतीय परिवार को अपने जीवन में दो कार्य आवश्यक रूप से करने चाहिए। एक तो समाज के प्रति हम कुछ सेवा के कार्य निरंतर करते रहें, और दूसरे सनातन संस्कृति और अपने धर्म की रक्षा के लिए भी हम जागरूक रहें। विशेष रूप से सौराष्ट्र और गुजरात में यह कार्य व्यापक रूप से नागरिकों द्वारा किए जा रहे हैं। परंतु, इन्हें पूरे देश में फैलाया जाना चाहिए। साथ ही यह कार्य सभी वर्गों में समस्त स्तरों पर होना चाहिए। तीसरा आयाम है, पर्यावरण की रक्षा करना। आज की विपरीत परिस्थितियों के बीच समाज के नागरिकों को बड़ी संख्या में पेड़ लगाने का कार्य हाथ में लेने की जरूरत है। साथ ही, पोलिथिन के उपयोग को बंद करने एवं पानी बचाने के लिए भी गम्भीर प्रयास किए जाने की आवश्यकता है। यह कार्य समाज ही कर सकता है। हाल ही में राजस्थान के जोधपुर प्रांत में (भौगोलिक दृष्टि से राजस्थान का लगभग एक तिहाई भाग) संघ के कार्यकर्ताओं ने 45 दिन पर्यावरण के प्रति समर्पित यात्रा सम्पन्न की है। इस यात्रा के दौरान 15 लाख से अधिक पेड़ लगाए गए हैं। यह यात्रा 14000 किलोमीटर की रही है। इसी प्रकार, कर्नाटक में भी एक करोड़ पेड़ लगाने की योजना बनाई गई है। इसी प्रकार के कार्य समाज में नागरिकों को साथ लेकर पर्यावरण की रक्षा के लिए स्वयंसेवकों द्वारा अन्य स्थानों पर भी किए जाने चाहिए। चौथा आयाम है, स्वदेशी जीवन शैली। भारत को प्रत्येक क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए नागरिकों द्वारा स्व-आधारित जीवन शैली अपनाया जाना अब आवश्यक हो गया है। अपनी मातृभाषा पर गर्व करने के साथ साथ भारत में निर्मित उत्पादों के अधिकतम उपयोग को बढ़ावा दिया ही जाना चाहिए। स्वदेशी जीवन शैली में केवल स्थानीय वस्तुओं का उपयोग ही शामिल नहीं है बल्कि भारत की सनातन संस्कृति का पालन भी इस जीवन शैली में शामिल है। अतः आज प्रत्येक भारतीय नागरिक में स्व का भाव विकसित किया जाना चाहिए ताकि राष्ट्र के प्रति समर्पण का भाव विकसित हो सके। पांचवा आयाम है, नागरिक कर्तव्य। भारत आज पूरे विश्व में सबसे तेज गति से आगे बढ़ती अर्थव्यवस्था बन गया है एवं विश्व में पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भी बन चुका है। इन परिस्थितियों के बीच भारतीय नागरिकों को अपने कर्तव्यों के निर्वहन में सतर्कता बरतना आवश्यक हो गया है। नागरिकों को प्रत्येक क्षेत्र में अनुशासन का पालन करना चाहिए। भारतीय नागरिक होने के नाते हमारे संविधान के अनुसार भी कुछ कर्तव्य निर्धारित हैं। इन कर्तव्यों का निर्वहन गम्भीरता के साथ किया जाना चाहिए। इसके लिए स्वयंसेवकों को अपने स्तर पर, अपने कुटुंब के स्तर पर, अपनी शाखा के स्तर पर एवं व्यापक समाज के स्तर पर अपने अपने कर्तव्यों के अनुपालन के लिए जागृति लाना आवश्यक है। इसी प्रकार समाज में कई संस्थाएं हैं, मठ मंदिर हैं, व्यापारिक संस्थान हैं, विद्यालय हैं, अस्पताल हैं, इन समस्त संस्थाओं में भी जागृति लानी होगी ताकि समाज का प्रत्येक अंग अपने कर्तव्यों के पालन के प्रति सजग हो सके। साथ ही, विभिन्न विद्यालयों को किस प्रकार पर्यावरण गतिविधि से सम्बंधित कार्यों के लिए अपने साथ लिया जा सकता है, मठ मंदिर को किस प्रकार समाज में सामाजिक समरसता स्थापित करने के उड्डेस्य से अपने साथ लिया जा सकता है, व्यापारिक संस्थान किस प्रकार स्वदेशी उत्पादों के उपयोग को बढ़ावा दे सकते हैं। इन विषयों पर गम्भीरता पूर्वक विचार किया जाकर पूरे समाज को ही उक्त पांचों आयामों पर सफलतापूर्वक कार्य करने के लिए साथ लिया जाना चाहिए। प्रहलाद सबनानी Read more »
लेख दयालुता मानवीय जीवन का सौन्दर्य है November 13, 2023 / November 14, 2023 by ललित गर्ग | Leave a Comment विश्व दयालुता दिवस- 13 नवम्बर, 2023– ललित गर्ग- आज दुनिया में प्रेम, करुणा, दया एवं उदारता रूपी संवदेनाओं का स्रोत सूखता जा रहा है। इनमें दया एवं दयालुता ही ऐसा मानवीय मूल्य है जिस पर मानव की मुस्कान छिपी है। दयालुता एक ऐसा भाव है जो न केवल दूसरों के प्रति प्रेम जगाता है बल्कि ईश्वर […] Read more » विश्व दयालुता दिवस- 13 नवम्बर
लेख नाममात्र की सड़क से गुजरती कठिनाइयां November 9, 2023 / November 9, 2023 by चरखा फिचर्स | Leave a Comment पुष्पा आर्याकपकोट, उत्तराखंड हमारे देश की अर्थव्यवस्था मुख्यतः ग्रामीण क्षेत्रों पर निर्भर करती है। आज भी देश की 74 प्रतिशत आबादी यहीं से है। लेकिन इसके बावजूद ग्रामीण क्षेत्र आज भी कई प्रकार की बुनियादी सुविधाओं से वंचित है। इनमें सड़क की समस्या भी अहम है। कुछ दशक पूर्व देश के ग्रामीण क्षेत्रों के सड़कों […] Read more »
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म लेख वर्त-त्यौहार गुणात्मक समृद्धि की अमृतवर्षा का पर्व है धनतेरस November 9, 2023 / November 9, 2023 by ललित गर्ग | Leave a Comment धनतेरस- 10 नवम्बर, 2023-ललित गर्ग- दीपावली से जुड़े पांच पर्वों में दूसरा महत्वपूर्ण पर्व है धनतेरस। धनतेरस के दिन भगवान धनवंतरी और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है और इस दिन खरीदारी और दान-पुण्य करना भी शुभ माना जाता है। इस दिन को धन त्रयोदशी और धन्वंतरि जयंती के नाम से भी जाना जाता है। […] Read more » Dhanteras is the festival of nectar of qualitative prosperity.
कला-संस्कृति पर्व - त्यौहार लेख देवताओं को अमृतपान कराकर अमर किया था धन्वंतरि ने November 9, 2023 / November 9, 2023 by योगेश कुमार गोयल | Leave a Comment आयुर्वेद के जन्मदाता है धन्वंतरि– योगेश कुमार गोयलदीवाली से दो दिन पूर्व ‘धनतेरस’ नामक त्यौहार मनाया जाता है, जो इस वर्ष 10 नवम्बर को मनाया जा रहा है। धनतेरस के प्रचलन का इतिहास बहुत पुराना माना जाता है। यह त्यौहार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाता है तथा इस दिन आरोग्य […] Read more » Dhanvantari had made the gods immortal by making them drink nectar.
लेख मिलावटख़ोरी देश के लिये कलंक November 9, 2023 / November 9, 2023 by निर्मल रानी | Leave a Comment निर्मल रानी वैसे तो जब भी भारत में मनाये जाने वाले प्रमुख त्यौहार क़रीब आते हैं उस समय खाद्य सामग्री विशेषकर दूध,घी,पनीर में व इनसे बनी मिठाइयों में मिलावट की ख़बरें सुर्ख़ियां बटोरने लगती हैं। परन्तु सच पूछिये तो यह पूरे देश का दुर्भाग्य है कि वह पूरे वर्ष मिलावटी खाद्य सामग्री का शिकार बना […] Read more » Adulteration is a disgrace to the country
लेख गांव में बदलती स्वास्थ्य सेवाएं November 9, 2023 / November 9, 2023 by चरखा फिचर्स | Leave a Comment आरतीबीकानेर, राजस्थान अक्सर यह माना जाता है कि कोई भी सरकारी योजनाएं अथवा बुनियादी सुविधाएं देश में एक समान लागू तो की जाती है, लेकिन वह शहरों तक ही सीमित रह जाती है. विकास का पहिया शहरों और महानगरों में ही अटक कर रह जाता है. बात चाहे सामाजिक क्षेत्र की हो, टेक्नोलॉजी के फायदे […] Read more » Changing health services in villages
पर्यावरण लेख ग्लोबल वार्मिंग की 1.5°C की सीमा ख़तरे में, सरकारों का फ़ोस्सिल फ्यूल उत्पादन दोगुना करने का इरादा November 9, 2023 / November 9, 2023 by निशान्त | Leave a Comment संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रकाशित एक प्रमुख नई रिपोर्ट में पाया गया है कि दुनिया के विभिन्न देशों की सरकारें 2030 में ग्लोबल वार्मिंग में वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने के लिये निर्धारित अधिकतम सीमा से लगभग 110% अधिक जीवाश्म ईंधन का उत्पादन करने की योजना बना रही हैं। दो डिग्री सेल्सियस के लिहाज से देखे तो वे 69% अधिक जीवाश्म […] Read more » Global warming limit of 1.5°C in danger governments intend to double fossil fuel production
लेख शिक्षकों की कमी शिक्षा में बेहतर बदलाव के लिए बाधक November 7, 2023 / November 7, 2023 by चरखा फिचर्स | Leave a Comment फूलदेव पटेलमुजफ्फरपुर, बिहार शिक्षा के जरिए ही प्रत्येक व्यक्ति के जीवन से अज्ञानता, अंधविश्वास एवं रूढ़िवादी सोच दूर होती है. व्यक्ति में वैज्ञानिक सोच और भौतिक-अभौतिक, विज्ञान आदि का सम्यक ज्ञान से जीवन खुशहाल होता है. शिक्षित व्यक्ति ही अच्छाई और बुराई में फर्क समझ सकता है. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कहा था कि शिक्षा […] Read more » Shortage of teachers hinders change for the better in education शिक्षकों की कमी शिक्षा में बेहतर बदलाव के लिए बाधक
लेख प्राकृतिक संसाधनों के दोहन से विनाश की तरफ बढ़ता पहाड़ November 7, 2023 / November 7, 2023 by चरखा फिचर्स | Leave a Comment बीना बिष्टहल्द्वानी, उत्तराखंडविश्व आर्थिक मंच की वैश्विक जोखिम रिपोर्ट 2020 के अनुसार अगले 10 दशकों में शीर्ष जोखिमों में जलवायु परिवर्तन शामिल हो सकते हैं. यह जोखिम मानवजनित, पर्यावरणीय आपदाएं, जैव विविधता हानि व मौसमी घटनाएं हो सकती हैं. दरअसल पारिस्थितिकी तंत्र को संतुलित बनाए रखने के लिए प्रकृति और मानव के बीच तालमेल होना […] Read more » Mountain moving towards destruction due to exploitation of natural resources
लेख समाज जीवन को आसान बनाने की उपयोगिता सोच November 7, 2023 / November 7, 2023 by ललित गर्ग | Leave a Comment विश्व उपयोगिता दिवस- 10 नवम्बर, 2023– ललित गर्ग-सरल को जटिल बनाना आम बात है लेकिन जटिल को सरल, अद्भुत रूप से सहज बनाना, यही रचनात्मकता है। इसी रचनात्मक सोच को विकसित करने के लिये विश्व उपयोगिता दिवस मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य प्रयोज्यता, प्रयोज्य इंजीनियरिंग, सार्वभौमिक प्रयोज्यता, उपयोगकर्ता-केंद्रित डिजाइन और बेहतर काम करने […] Read more » World Utility Day- 10 November विश्व उपयोगिता दिवस- 10 नवम्बर