लेख अजेय बाजीराव पेशवा प्रथम के संघर्ष का अंतिम दस्तावेज़ ‘रावेरखेड़ी’ June 24, 2025 / June 24, 2025 by अर्पण जैन "अविचल" | Leave a Comment डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल‘ निमाड़ अंचल न केवल नीम के वृक्षों से भरा हुआ है बल्कि माँ रेवा के अतिरिक्त लाड़ से लबरेज़ भी है और ऐतिहासिकता को अपने भीतर सजाए हुए नज़र आता है। पूर्वी निमाड़ में रेवा का लाड़ कुछ इस तरह बहता है कि यहाँ प्राणदायिनी के रूप में नर्मदा का स्थान है। इसी नर्मदा […] Read more » 'Raverkhedi' the last document of the struggle of the invincible Bajirao Peshwa I Bajirao Peshwa I अजेय बाजीराव पेशवा प्रथम के संघर्ष का अंतिम दस्तावेज़ ‘रावेरखेड़ी’ रावेरखेड़ी
कविता इस मोबाइल ने आदमी को अलग जीव जन्तु बना दिया June 24, 2025 / June 24, 2025 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकइस मोबाइल फोन ने आदमी कोकुछ अलग सा जीव जन्तु बना दियाघर बैठे दुनिया का एक प्राणी घुमंतू बना दिया! इस फोन ने अपने भाई बहन बहनोई साले रिश्तेएक झटके में खा पका कर सीधे-सीधे पचा दियाइस मोबाइल ने सच को मार झूठ को बचा लिया! जिससे उम्मीद नहीं की जानी चाहिए अपनेपन […] Read more » इस मोबाइल ने आदमी को अलग जीव जन्तु बना दिया
लेख स्वास्थ्य-योग नशीली दवाओं के खिलाफ महत्वाकांक्षी युद्ध का आह्वान June 24, 2025 / June 24, 2025 by ललित गर्ग | Leave a Comment नशीली दवाओं के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस – 26 जून, 2025– ललित गर्ग –नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस हर साल 26 जून को नशीली दवाओं मुक्त दुनिया को निर्मित करने के लक्ष्य को प्राप्त करने, कार्रवाई और सहयोग को मजबूत करने के लिए मनाया जाता है। इसका उद्देश्य गलत सूचनाओं […] Read more » Calls for ambitious war on drugs नशीली दवाओं के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस
आलोचना क्या पुरस्कार अब प्रकाशन-राजनीति का मोहरा बन गए हैं? June 23, 2025 / June 23, 2025 by डॉ. सत्यवान सौरभ | Leave a Comment डॉ. सत्यवान सौरभ “साहित्य समाज का दर्पण होता है।” यह वाक्य हमने न जाने कितनी बार पढ़ा और सुना है। परंतु आज साहित्य के दर्पण पर परतें चढ़ चुकी हैं—राजनीतिक, प्रकाशकीय और प्रतिष्ठान-प्रेरित परतें। प्रश्न यह नहीं है कि कौन किससे छप रहा है। प्रश्न यह है कि क्या हिंदी साहित्य का पुरस्कार अब केवल […] Read more » Have awards now become pawns of publishing politics? पुरस्कार अब प्रकाशन-राजनीति का मोहरा
लेख साहित्य स्वास्थ्य-योग योग सिंधू में संघ की जलधारा June 21, 2025 / June 22, 2025 by राकेश सैन | Leave a Comment राकेश सैन भारत की सनातन संस्कृति की तरह योग भी सनातन है, अविरल है। यह तो संभव है कि आकाश के तारे गिन लिए जाएं या धरती के कणों की सही-सही संख्या का पता लगा लिया जाए परन्तु योग के सिंधू में कितनी जलधाराएं मिलीं, कितने नद समाहित हुए इसका अनुमान लगाना भी असंभव है। […] Read more » Stream of Sangha in Yoga Sindhu योग सिंधू
कविता योग साधना June 21, 2025 / June 22, 2025 by डॉ. सत्यवान सौरभ | Leave a Comment योग भगाए रोग सब, करता हमें निरोग।तन-मन में हो ताजगी, सुखद बने संयोग।। योग साधना जो करे, भागे उसके भूत।आलस रहते दूर सब, तन रहता मजबूत।। खुश रहते हर पल सदा, जीवन में वो लोग।आत्म और परमात्म का, सदा कराते योग।। योग करें तो रोग सब, भागे कोसों दूर।जीवन सुखदाई बने, चमके खुशियां नूर।। योगासन […] Read more » योग साधना
पुस्तक समीक्षा फैसला: लघुकथा नहीं, संवेदना का साहसी दस्तावेज़ June 21, 2025 / June 22, 2025 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment — डॉ. अमित तिवारी, समीक्षक एवं साहित्यकार “मैंने जो देखा, महसूस किया, और भीतर जिया — उसे ही इन पन्नों पर उतार दिया।” डॉ. सत्यवान सौरभ की यही पंक्ति उनके लघुकथा संग्रह “फैसला” की आत्मा बनकर उभरती है। जब समकालीन हिंदी साहित्य में लघुकथा को महज़ लघुता का पर्याय मान लिया गया है, ऐसे समय […] Read more » फैसला
लेख स्वास्थ्य-योग योग-क्रांति से नये मानव एवं नये विश्व की संरचना संभव June 20, 2025 / June 23, 2025 by ललित गर्ग | Leave a Comment अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस, 21 जून, 2025 पर विशेष– ललित गर्ग –हिंसा, युद्ध, आतंकवाद, आर्थिक प्रतिस्पर्धा के दौर में दुनिया शांति एवं अमन चाहती है और इसका सशक्त माध्यम है योग। इंसान से इंसान को जोड़ने, शांति का जीवन जीने एवं स्वस्थ जीवन के लिये भारतीय योग के महत्व को दुनिया ने स्वीकारा है। योग भारत […] Read more » Creation of new human and new world is possible through yoga revolution अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस
लेख वृद्ध आश्रमों की कारागार में पड़े ‘उग्रसेन’ और आज के कंस June 20, 2025 / June 25, 2025 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment पश्चिमी संस्कृति के घातक हमला ने भारत पर परमाणु बम से भी भयंकर प्रभाव डाला है। इस हमला के चलते भारत का सांस्कृतिक गौरव हमारे सामने भंग हो रहा है । मर्यादाएं टूट रही हैं । समाज में अब से पूर्व के प्रत्येक काल की अपेक्षा कहीं अधिक बेचैनी अनुभव की जा रही है। नारी […] Read more » वृद्ध आश्रम
लेख साहित्य एकात्म मानववाद का संदेशवाहक है योग June 20, 2025 / June 23, 2025 by डॉ शंकर सुवन सिंह | Leave a Comment डॉ. शंकर सुवन सिंह मानव का प्रकृति से अटूट सम्बन्ध होता है। समाज प्रकृति की व्यवस्था पर टिका हुआ है। प्रकृति व मानव एक दूसरे के पूरक हैं। प्रकृति के बिना मानव की परिकल्पना नहीं की जा सकती। प्रकृति दो शब्दों से मिलकर बनी है – प्र और कृति। प्र अर्थात प्रकृष्टि (श्रेष्ठ) और कृति […] Read more » एकात्म मानववाद योग
लेख स्वास्थ्य-योग आत्मा का परमात्मा से मिलन ही योग है June 20, 2025 / June 23, 2025 by सुनील कुमार महला | Leave a Comment हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी यानी कि 21 जून 2025 को हम 11 वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने जा रहें हैं। पाठकों को बताता चलूं कि योग शब्द का अर्थ ‘एक्य’ या ‘एकत्व’ होता है, जो संस्कृत धातु ‘युज’ से निर्मित है। युज का अर्थ होता है ‘जोड़ना’। यानी योग का सीधा सा […] Read more » Yoga is the union of the soul with the divine आत्मा का परमात्मा से मिलन ही योग है
कविता कर्म June 18, 2025 / August 25, 2025 by डॉ राजपाल शर्मा 'राज' | Leave a Comment सौ वर्षों की बातें सोचें,तब तो व्यर्थ आज की बारिश।आज धरा का रूप अलग है,कल सूरज सब जल हर लेगा।मिट्टी तो कल सूख जाएगी,मेघ आज का क्या कर लेगा। ये किसलय जो नव रंगों के,कल को पीले हो जाएंगे।अगले वर्ष तक ये घन गर्जन,हर स्मृति से खो जाएंगे।नव मेघों का जिक्र रहेगा,सब जोहेंगे उनकी राहें […] Read more » कर्म