व्यंग्य ‘इस मय’ को मुबारक चीज़ समझ May 7, 2020 / May 7, 2020 by तनवीर जाफरी | Leave a Comment तनवीर जाफ़री सरकार की किन्हीं नीतियों की आलोचना करना तो समझ आता है परन्तु सरकार द्वारा लॉक डाउन जैसी कठिन,ग़मगीन व उबाऊ घड़ी में ‘मयख़ाने’ खोले जाने के पुनीत निर्णय पर जो हो हल्ला मच रहा है मैं उससे बिल्कुल सहमत नहीं।क्यों ?आइये इनके कारण आपको समझाता हूँ। क्योंकि….. अच्छों को बुरा साबित करना दुनिया […] Read more »
व्यंग्य मंदिर मस्जिद बैर कराते मेल कराती मधुशाला May 4, 2020 / May 4, 2020 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment “मंदिर मस्जिद बैर कराती मेल कराती मधुशाला’’| जी हाँ ! यह बात श्री हरिवंश राय बच्चन जी ने बहुत समय पहले ही अपनी मधुशाला मे लिख दी थी और यह बात वर्तमान सरकार ने लोक डाउन तीन का अंतर्गत स्वीकार भी कर ली | “अरे सर वो कैसे ?’’ किसी ने पूछा | दूसरी तरफ से उत्तर आया, “क्या आपको पता नही है,लोक […] Read more » मंदिर मस्जिद के कारण झगड़े
व्यंग्य हे ! कोरोना देव लौट जाओ स्वदेश April 27, 2020 / April 27, 2020 by प्रभुनाथ शुक्ल | Leave a Comment प्रभुनाथ शुक्ल हे ! कोरोना देव: त्वमेव नमस्तुभ्यम। आप यत्र-तत्र और सर्वत्र व्याप्त हैं। आपकी महिमा अपरम्पार है। हे ! देव आपका विस्तार अनंत आकाश से लेकर भूगर्भ लोक तक है। आप अनंत और अक्षय हैं। पूरी दुनिया आपके सामने नतमस्तक और भय से […] Read more » कोरोना देव
व्यंग्य घर बैठे -बैठे March 29, 2020 / March 29, 2020 by दिलीप कुमार सिंह | Leave a Comment “पुल बोये से शौक से उग आयी दीवारकैसी ये जलवायु है हे मेरे करतार”दुनिया को जीत लेने की रफ्तार में ,चीन ने ये क्या कर डाला ,जलवायु ने सरहद की बंदिशों को धता बताते हुए सबको घुटनों पर ला दिया है ।इस स्वास्थ्य के खतरे ने भस्मासुर की भांति सबको लपेटा और दोस्त-दुश्मन सभी का फर्क भुला […] Read more » घर बैठे -बैठे
व्यंग्य वर्क फ्रॉम होम March 18, 2020 / March 18, 2020 by दिलीप कुमार सिंह | Leave a Comment आये दिन अख़बारों में इश्तहार आते रहते हैं कि घर से काम करो ,घण्टों के हिसाब से कमाओ,डॉलर,पौंड में भुगतान प्राप्त करो।जिसे देखो फेसबुक,व्हाट्सअप पर भुगतान का स्क्रीनशॉट डाल रहा है कि इतना कमाया,उतना माल अंदर किया ।महीने भर की नौकरी पर एक दिन वेतन पाने वाला फार्मूला अब आदिम लगने लगा था।यूट्यूब पर भी […] Read more » work from home वर्क फ्रॉम होम
व्यंग्य डॉग लवर March 12, 2020 / March 12, 2020 by आलोक कौशिक | Leave a Comment ओमप्रकाश भारतीय उर्फ पलटू जी शहर के सबसे बड़े उद्योगपति होने के साथ ही फेमस डॉग लवर अर्थात् प्रसिद्ध कुत्ता प्रेमी भी थे। पलटू जी ने लगभग सभी नस्ल के कुत्ते पाल रखे थे। उन्हें कुत्तों से इतना प्रेम था कि कुत्तों के मल-मूत्र भी वे स्वयं साफ किया करते थे। उनके श्वान प्रेम पर […] Read more » डॉग लवर
व्यंग्य होशंगशाह किले की व्यथा March 7, 2020 / March 7, 2020 by आत्माराम यादव पीव | Leave a Comment होशंगशाह गौरी का किला है कुछ खास खण्डहर हो चुका कभी था वह आवास नर्मदा का तट था सुल्तान को भाया सन चोदह सौ एक में किला बनवाया मंगलवारा घाट से मैं उसे अक्सर निहारू किले के अतीत का चिंतन मन में विचारु अनगिनत सवालों का सैलाब मन में होता अपने घर लौट आता ख्याल […] Read more » होशंगशाह किले की व्यथा
व्यंग्य बलम भरी मारो पिचकारी, लगाओ न गुलाल March 7, 2020 / March 7, 2020 by प्रभुनाथ शुक्ल | Leave a Comment प्रभुनाथ शुक्ल अबकी अपुन की होली का सेंसेक्स धड़ाम है। बेचारी पहले ही भंग पीकर औंधे पड़ी है। क्योंकि पूरी दुनिया में मंदी और बंदी छायी है। अपन के मुलुक में भी मंदी, बंदी और गोलबंदी जड़े जमा चुकी है। इस बार की […] Read more » गुलाल
व्यंग्य ट्रेन और टॉयलट…!! February 14, 2020 / February 14, 2020 by तारकेश कुमार ओझा | Leave a Comment तारकेश कुमार ओझाट्रेन के टॉयलट्स और यात्रियों में बिल्कुल सास – बहू सा संबंध हैं। पतानहीं लोग कौन सा फ्रस्ट्रेशन इन टॉयलट्स पर निकालते हैं। आजादी के इतनेसालों बाद भी देश में चुनाव शौचालय के मुद्दे पर लड़े जाते हैं। किसनेकितने शौचालय बनवाए और किसने नहीं बनवाए , इस पर सियासी रार छिड़ी रहतीहै। देश […] Read more » sattire on toilets in train ट्रेन और टॉयलट
व्यंग्य अंकल कम्यूनलिज्म February 13, 2020 / February 13, 2020 by दिलीप कुमार सिंह | Leave a Comment “वो सादगी कुछ भी ना करे तो अदा ही लगे वो भोलापन है कि बेबाकी भी हया ही लगे अजीब शख्स है नाराज हो के हँसता है मैं चाहता हूँ कि वो खफा हो तो खफा ही लगे” पोस्ट ट्रुथ के बाद ये फिलहॉल एक नया फैंसी शब्द है जो अपने को डिफेंड करते हुए […] Read more » communalism कम्यूनलिज्म
व्यंग्य बापू ! सत्याग्रह पर हैं February 4, 2020 / February 4, 2020 by प्रभुनाथ शुक्ल | Leave a Comment प्रभुनाथ शुक्ल हमारे मित्र ढोंगी लाल ने काफी हाउस में चुस्कियां लेते हुए चुटकी ली। “अरे भाई ! सुना है बापू यानी गाँधी जी ने पुनः सत्याग्रह करने का ऐलान किया है। उन्हें दुःख है कि कुछ लोग उनके सत्याग्रह और आजादी मार्च […] Read more » बापू ! सत्याग्रह पर हैं
व्यंग्य साहित्य खिचड़ी बनाम बिरयानी February 4, 2020 / February 4, 2020 by दिलीप कुमार सिंह | Leave a Comment “मालिन का है दोष नहीं ,ये दोष है सौदागर का, जो भाव पूछता गजरे का और देता दाम महावर का” ऐसा ही कुछ आजकल के धरना प्रदर्शनों का है जो किसी अन्य वजहों की वजह चर्चा में आ जाते हैं बजाय उसके जो वजह उन्होंने चुनी है ।धरना ,वैचारिक मतभेदों को लेकर है ,चर्चा में बिरयानी […] Read more » biryani serving to shahin bagh protester protest at shahin bagh बिरयानी