व्यंग्य दिल्ली-देवी से मुलाक़ात January 29, 2025 / January 29, 2025 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment कस्तूरी दिनेश कल शाम दिल्ली-देवी से मुलाक़ात हो गई |तुम हंस रहे हो …? अरे मजाक नहीं कर रहा हूँ भाई…!हमारे यहाँ वन-देवी,ग्राम देवी,कुल-देवी होती हैं कि नहीं…?गावों में चले जाओ,अक्सर वे घोड़े पर चढ़कर,बैल या शेर पर सवारी करके रात-बेरात लोगों को दिखाई पड़ती हैं कि नहीं ? तो दिल्ली-देवी से मुलाक़ात […] Read more » दिल्ली-देवी से मुलाक़ात
व्यंग्य आलू प्याज January 14, 2025 / January 14, 2025 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment गौरीशंकर दुबे आलू-प्याज शाश्वत है, जैसे सूर्य-चन्द्र । कालजयी सब्जी हैं । समय-समय पर दोनों अपना रंग दिखाते रहते हैं। कभी आलू बेकाबू हो जाता है तो कभी प्याज बरसाती नदी की तरह विकराल रूप धारण कर लीलने को तैयार रहता है। आलू-प्याज का यह खेल अक्सर चुनावी समय में दिखाई देता है। प्याज तो इस खेल में बढ़ – चढ़कर हिस्सा लेता है। प्याज एक ऐसी सब्जी है […] Read more » आलू प्याज
राजनीति व्यंग्य कोसने में पारंगत बने January 7, 2025 / January 7, 2025 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment विवेक रंजन श्रीवास्तव लोकतंत्र है तो अब राजा जी को चुना जाता है शासन करने के लिए। लिहाजा जनता के हर भले का काम करना राजा जी का नैतिक कर्तव्य है। लोकतंत्र ने सारे जरा भी सक्रिय नागरिकों को और विपक्ष को पूरा अधिकार दिया है कि वह राजा जी से उनके हर फैसले पर […] Read more »
व्यंग्य गधे और हाथी की लड़ाई November 11, 2024 / November 11, 2024 by विवेक कुमार पाठक | Leave a Comment विवेक रंजन श्रीवास्तव अमेरिका में गधे और हाथी की रेस चल रही थी । डेमोक्रेट्स का चुनाव चिन्ह गधा और रिपब्लिकन का हाथी है। चुनावो के समय अपने देश मे भी अचानक रुपयो की गड्डियां बाजार से गायब होने की खबर आती है , मैं अपनी दिव्य दृष्टि से देख रहा होता हूं कि हरे […] Read more » डेमोक्रेट्स का चुनाव चिन्ह गधा और रिपब्लिकन का हाथी
व्यंग्य लखनऊ का संत October 18, 2024 / October 18, 2024 by दिलीप कुमार सिंह | Leave a Comment बरसों पहले लखनऊ के एक ख्यातिलब्ध साहित्यकार ने “विश्रामपुर का संत “ नामक एक विराट कथा लिखकर खूब प्रसिद्धि बटोरी थी । अब लखनऊ कुछ दूसरी वजहों से चर्चा में है । “लखनऊ है तो महज गुम्बदो मीनार नहीं, सिर्फ एक शहर नहीं कूच ओ बाजार नहीं, इसके आँचल में मोहब्बत के फूल खिलते हैं, […] Read more » लखनऊ का संत
व्यंग्य कट्टर ईमानदार को दूर से ही नमस्कार October 17, 2024 / October 17, 2024 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment अशोक गुप्त एक होता है ईमानदार और एक होता है कट्टर ईमानदार। जैसे एक होता है ब्राह्मण और एक महाब्राह्मण। अंतर तो आप जानते ही हैं. ईमानदार व्यक्ति को लेबल की आवश्यकता नहीं होती। उसे लोग उसके आचरण से जानते हैं. ईमानदार आदमी दुनिया में अक्सर पीछे रह जाता है क्योंकि दुनिया में आजकल बेईमानी […] Read more » कट्टर ईमानदार
मीडिया व्यंग्य झूठ बोले मीडिया काटे August 28, 2024 / August 28, 2024 by नवेन्दु उन्मेष | Leave a Comment नवेन्दु उन्मेष पहले झूठ बोलने पर कौआ काटता था। इसी लिए फिल्म में गीत भी लिखा गया किझूठ बोले कौआ काटे, काले कौए से डरियो। लेकिन अब शहर से कौए गायब हो चुकेहैं। कौआ अब विलुप्त प्राणी होता हुआ नजर आ रहा है। अब जो नया प्राणीपैदा हो गया है उसे कहते हैं मीडिया। पहले […] Read more » झूठ बोले मीडिया काटे
व्यंग्य समाज और क्या चाहिए August 19, 2024 / August 19, 2024 by दिलीप कुमार सिंह | Leave a Comment भले ही प्रेम, अफेयर, लिव -इन रिलेशनशिप,लांग डिस्टेंस रिलेशनशिप,प्लूटोनिक लव तथा साहचर्य के विभिन्न विकल्प मौजूद हों मगर आज भी भारतीय परिवेश में शादी बेहद जरूरी मानी जाती है । ऊर्दू के एक उस्ताद राइटर ने फरमाया था कि “इश्क का ताल्लुक दिल से होता है मगर शादी -विवाह का ताल्लुक तनखाहों से होता है “। पहले शादी- विवाह अपने […] Read more »
व्यंग्य फर्जी के पहाड़ पर बैठा है आदमी July 25, 2024 / July 25, 2024 by नवेन्दु उन्मेष | Leave a Comment हमारे देश का हर आदमी फर्जी चीजों के पहाड़ पर बैठा हुआ है। जिधर भी नजरदौड़ाइये हर तरफ फर्जी ही फर्जी नजर आता है। आप जो खा-पी रहे हैं उसमेंमिलावट है जिसे आप फर्जी सामान कहते हैं। यहां तक कि देश में कई नेता औरअभिनेता भी फर्जी हैं। नेता फर्जी बातें करता है। अभिनेता डुप्लीकेट […] Read more »
व्यंग्य “सदी की शादी” (व्यंग्य) July 22, 2024 / July 22, 2024 by दिलीप कुमार सिंह | Leave a Comment “जय श्रीराम शुक्लाजी, कहाँ से लौट रहे हैं इतनी गर्मी में ? आसमान स आग बरस रही है और आप स्कूटर घर में रखकर साइकिल भांज रहे हैं । काहे बचा रहे हैं इतना पैसा” मैंने उन्हें अभिवादन करते हुए उन्हें शब्दों की चिकोटी काटने की कोशिश की। “राम -राम, कैसे हो कुमार खुराफाती। तुम […] Read more » सदी की शादी
व्यंग्य नीट की परीक्षा का ससुराली गठजोड़ July 1, 2024 / July 1, 2024 by नवेन्दु उन्मेष | Leave a Comment नवेन्दु उन्मेष नीट की परीक्षा को आखिर लीक होना था सो हो गया। वैसे तो आये दिन कोई नकोई परीक्षा लीक होती ही रहती है। लेकिन नीट की परीक्षा को लेकर कुछ लोगज्यादा ही हाय तौबा मचा रहे हैं। कुछ लोग जिंदाबाद-मुर्दाबाद के नारेलगाते हुए सड़को पर पुतले फूंक रहे हैं तो कुछ लोग धरना-प्रदर्षन […] Read more » NEET exam in-laws alliance
व्यंग्य उस्ताद और शागिर्द May 29, 2024 / May 29, 2024 by दिलीप कुमार सिंह | Leave a Comment व्यंग्यकार हरिशंकर परसाई के आज से लगभग 50 साल पहले के रचित अलग-अलग व्यंग्य लेखों से कुछ लाइनें चुन कर आपके समक्ष पेश हैं,जो आज भी बेहद मौजूं हैं और मिर्ची से भी तीखी लगेंगी। लेकिन यदि परसाई जी के शब्द भेदी बाणों को आज के समय की नजीर में देखा जाए तो शायद ये […] Read more » master and disciple उस्ताद और शागिर्द