व्यंग्य
अन्ना जी, आप भी
 
 /  by राजकुमार साहू    
‘मैं भी अन्ना, तू भी अन्ना, यहां भी अन्ना, वहां भी अन्ना, ‘अन्ना नहीं ये आंधी है, नए भारत का गांधी है, ऐसे ही कुछ नारों से पिछले दिनों रामलीला मैदान गूंजायमान था। तेरह दिनों तक चले अनशन के बाद अन्ना, गांधी जी के अवतरण कहे जा रहे हैं। कुछ लोग यह भी कह रहे […] 
Read more »