लेख वर्त-त्यौहार दीपावली समृद्धि ही नहीं शांति का पर्व October 31, 2021 / October 31, 2021 by ललित गर्ग | Leave a Comment -ललित गर्ग- भारतभूमि का सबसे बड़ा पर्व है दीपावली। गत दो वर्षों में हमने कोरोना महामारी के कारण यह पर्व यथोचित तरीके से नहीं मना पाये, इसलिये इस वर्ष का दीपावली पर्व अनेक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। इस वर्ष दीपावली के महानायक श्रीराम का मन्दिर अयोध्या में बनने लगा है, इसलिये भी महत्वपूर्ण है। अयोध्या […] Read more » Diwali is festival of prosperity Diwali is not only a festival of prosperity but also a festival of peace. दीपावली शांति का पर्व दीपावली समृद्धि पर्व
कला-संस्कृति पर्व - त्यौहार लेख वर्त-त्यौहार करवाचौथ :: सुख दुःख मे हम तुम हर पल साथ निभाएंगे,एक जन्म नहीं सातो जन्म पति-पत्नी बन आएंगे October 23, 2021 / October 23, 2021 by भगवत कौशिक | Leave a Comment भगवत कौशिक। करवा चौथ का व्रत सुहागिन स्त्रियां अपने पति की लंबी आयु के लिए करती हैं। अबकी बार करवा चौथ पर खास बात यह है कि 5 साल बाद फिर इस करवा चौथ पर शुभ योग बन रहा है जिससे अबकी बार करवा चौथ पूजन रोहिणी नक्षत्र में होगा तो वहीं रविवार का दिन […] Read more » 16 श्रृंगार में कौन-कौन से श्रृंगार आते हैं Karva Chauth :: In happiness and sorrow seven births will become husband and wife. करवा चौथ करवा चौथ का व्रत न भूलकर भी ना करें ये 8 काम.
कला-संस्कृति लेख वर्त-त्यौहार शक्ति की आराधना में चूक, कही दुखों को मिटाने की बजाय बढ़ा तो नही रही है ! October 10, 2021 / October 10, 2021 by आत्माराम यादव पीव | Leave a Comment आत्माराम यादव पीव आज जिस तरह नवरात्रि में नवदुर्गा के विभिन्न स्वरूपों को 9 दिनों के लिए हरेक नगर, गाँव, मोहल्ले, कसवे आदि हजारो स्थानों पर प्राणप्रतिष्ठित करने का उत्साह दिखाई देता है, उसे हम सृष्टि का संचालन करने वाली जगन्माता के प्रति अपनी भक्ति का स्वरूप ओर माता के प्रति अपना प्रेम प्रदर्शन के साथ अभिवांछित विषयों […] Read more » A lapse in the worship of power instead of eradicating so-called misery
कला-संस्कृति लेख वर्त-त्यौहार अध्यात्म के विराट आकाश में श्रीकृष्ण की चमक August 26, 2021 by ललित गर्ग | Leave a Comment जन्माष्टमी – 30 अगस्त, 2021 पर विशेष -ललित गर्ग – श्रीकृष्ण हमारी संस्कृति के एक अद्भुत नायक हैं। उनका जन्मोत्सव मानवजाति में उल्लास-उमंग को संचार करने के साथ नवीन मानवता के अभ्युदय का प्रतीक है, क्योंकि उन्होंने मनुष्य जाति को नया जीवन-दर्शन दिया। जीने की शैली सिखलाई। उनकी जीवन-कथा चमत्कारों से भरी है, लेकिन वे […] Read more » Janmashtami janmashtami 30 august 2021 krishnashtami Shri Krishna's shine in the vast sky of spirituality जन्माष्टमी - 30 अगस्त श्रीकृष्ण
लेख वर्त-त्यौहार श्रीराम सुशासन के प्रतीक महापुरुष April 20, 2021 / April 20, 2021 by ललित गर्ग | Leave a Comment रामनवमी-21 अप्रैल 2021 पर विशेष-ललित गर्ग –भगवान श्रीराम की जन्म जयन्ती रामनवमी का त्यौहार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को उत्सवपूर्ण ढंग से मनाया जाता है। हिन्दु धर्मशास्त्रों के अनुसार त्रेतायुग में रावण के अत्याचारों को समाप्त करने तथा धर्म की स्थापना के लिये भगवान विष्णु ने मृत्यु लोक में श्रीराम के रूप […] Read more » Shriram is the emblem of good governance रामनवमी-21 अप्रैल 202
कला-संस्कृति मनोरंजन वर्त-त्यौहार बंगाल के जंगलमहल में ‘गाजन’ की धूम April 15, 2021 / April 15, 2021 by उत्तम मुखर्जी | Leave a Comment उत्तम मुखर्जी बंगाल के जंगलमहल इलाके में जाने और गाजन उत्सव देखने का सौभाग्य हुआ । गाजन ,भोक्ता और चड़क पूजा के कारण पूरा इलाका उत्सव के रंगों से सराबोर हो चुका है। अब कहां पुलिस की गश्ती और कहां चुनावी तपिश ?आसमान से सूरज जैसे आग का गोला बरसा रहा है फिर भी लोग […] Read more » बंगाल के जंगलमहल में गाजन की धूम
लेख वर्त-त्यौहार होली के रंग में सजी दुनिया सारी…..। March 22, 2021 / March 22, 2021 by संध्या शर्मा | Leave a Comment ” दहन होलिका की पड़वा परधूलिवंदन की डोली है,हर प्रांत की अपनी भाषा और बोली हैदिल को दिल से आज मिलानेआई फिर से होली है।” ब्रजमंडल का सबसे निराला और अनूठा महोत्सव होली है , जिसमे प्रकृति में बसंत पंचमी से ही पूरे देश में मादकता छा जाती हैं। रोम – रोम में मस्ती अपना […] Read more » होली के रंग में सजी दुनिया सारी
पर्व - त्यौहार लेख वर्त-त्यौहार होली खुशियों को मिल-बांटने का अपूर्व अवसर March 20, 2021 / March 20, 2021 by ललित गर्ग | Leave a Comment -ललित गर्ग –होली प्रेम, आपसी सद्भाव और मस्ती के रंगों में सराबोर हो जाने का अनूठा त्यौहार है। कोरोना महामारी के कारण इस त्यौहार के रंग भले ही फीके पड़े हैं या मेरेे-तेरे की भावना, भागदौड़, स्वार्थ एवं संकीर्णता से होली की परम्परा में बदलाव आया है। परिस्थितियों के थपेड़ों ने होली की खुशी को […] Read more » A unique opportunity to share Holi happiness होली- 28 मार्च
कला-संस्कृति लेख वर्त-त्यौहार शिवत्व की प्रतिष्ठा में ही विश्व मानव का कल्याण संभव है March 10, 2021 / March 10, 2021 by डाॅ. कृष्णगोपाल मिश्र | Leave a Comment Read more » shivaratri शिव शिवत्व की प्रतिष्ठा
पर्व - त्यौहार लेख वर्त-त्यौहार सृजन एवं समभाव के स्वामी हैं शिव March 5, 2021 / March 5, 2021 by ललित गर्ग | Leave a Comment महाशिवरात्रि-11 मार्च, 2021 पर विशेष-ललित गर्ग- सत्य ही शिव हैं और शिव ही सुंदर है। भगवान शिव की महिमा अपरंपार है। भोलेनाथ को प्रसन्न करने का ही महापर्व है महाशिवरात्रि। इस दिन भक्त जप, तप और व्रत रखते हैं और भगवान के शिवलिंग रूप के दर्शन करते हैं। शिवलिंग शिव एवं सृष्टि का प्रतीक है। […] Read more » mahashivaratri Shiva is the master of creation and equality महाशिवरात्रि-11 मार्च
वर्त-त्यौहार ज्ञान की देवी की पूजा का पर्व ‘वसंत पंचमी’ February 15, 2021 / February 15, 2021 by योगेश कुमार गोयल | Leave a Comment – योगेश कुमार गोयलमाघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी ‘वसंत पंचमी’ के रूप में देशभर में धूमधाम से मनाई जाती रही है। माना जाता है कि यह दिन वसंत ऋतु के आगमन का सूचक है। शरद ऋतु की विदाई और वसंत के आगमन के साथ समस्त प्राणीजगत में नवजीवन एवं नवचेतना का संचार होता […] Read more » Basant Panchami वसंत पंचमी
पर्व - त्यौहार लेख वर्त-त्यौहार मांगलिक कार्य आरम्भ होने का दिन है ‘‘देवोत्थान एकादशी’’ November 25, 2020 / November 25, 2020 by ब्रह्मानंद राजपूत | Leave a Comment देवोत्थान एकादशी कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को कहते हैं। दीपावली के ग्यारह दिन बाद आने वाली एकादशी को ही प्रबोधिनी एकादशी अथवा देवोत्थान एकादशी या देव-उठनी एकादशी कहा जाता है। आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देव चार मास के लिए शयन करते हैं। इस बीच हिन्दू धर्म में कोई भी मांगलिक कार्य शादी, विवाह आदि नहीं होते। देव चार महीने शयन करने के बाद कार्तिक, शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन उठते हैं। इसीलिए इसे देवोत्थान (देव-उठनी) एकादशी कहा जाता है। देवोत्थान एकादशी तुलसी विवाह एवं भीष्म पंचक एकादशी के रूप में भी मनाई जाती है। इस दिन लोग तुलसी और सालिग्राम का विवाह कराते हैं और मांगलिक कार्यों की शुरुआत करते हैं। हिन्दू धर्म में प्रबोधिनी एकादशी अथवा देवोत्थान एकादशी का अपना ही महत्त्व है। इस दिन जो व्यक्ति व्रत करता है उसको दिव्य फल प्राप्त होता है। उत्तर भारत में कुंवारी और विवाहित स्त्रियां एक परम्परा के रूप में कार्तिक मास में स्नान करती हैं। ऐसा करने से भगवान् विष्णु उनकी हर मनोकामना पूरी करते हैं। जब कार्तिक मास में देवोत्थान एकादशी आती है, तब कार्तिक स्नान करने वाली स्त्रियाँ शालिग्राम और तुलसी का विवाह रचाती है। पूरे विधि विधान पूर्वक गाजे बाजे के साथ एक सुन्दर मण्डप के नीचे यह कार्य सम्पन्न होता है। विवाह के समय स्त्रियाँ मंगल गीत तथा भजन गाती है। कहा जाता है कि ऐसा करने से भगवान् विष्णु प्रसन्न होते हैं और कार्तिक स्नान करने वाली स्त्रियों की हर मनोकामना पूर्ण करते हैं। हिन्दू धर्म के शास्त्रों में कहा गया है कि जिन दंपत्तियों के संतान नहीं होती, वे जीवन में एक बार तुलसी का विवाह करके कन्यादान का पुण्य प्राप्त कर सकते हैं। अर्थात जिन लोगों के कन्या नहीं होती उनकी देहरी सूनी रह जाती है। क्योंकि देहरी पर कन्या का विवाह होना अत्यधिक शुभ होता है। इसलिए लोग तुलसी को बेटी मानकर उसका विवाह सालिगराम के साथ करते हैं और अपनी देहरी का सूनापन दूर करते हैं। प्रबोधिनी एकादशी अथवा देवोत्थान एकादशी के दिन भीष्म पंचक व्रत भी शुरू होता है, जो कि देवोत्थान एकादशी से शुरू होकर पांचवें दिन पूर्णिमा तक चलता है। इसलिए इसे इसे भीष्म पंचक कहा जाता है। कार्तिक स्नान करने वाली स्त्रियाँ या पुरूष बिना आहार के रहकर यह व्रत पूरे विधि विधान से करते हैं। इस व्रत के पीछे मान्यता है कि युधिष्ठर के कहने पर भीष्म पितामह ने पाँच दिनो तक (देवोत्थान एकादशी से लेकर पांचवें दिन पूर्णिमा तक) राज धर्म, वर्णधर्म मोक्षधर्म आदि पर उपदेश दिया था। इसकी स्मृति में भगवान् श्रीकृष्ण ने भीष्म पितामह के नाम पर भीष्म पंचक व्रत स्थापित किया था। मान्यता है कि जो लोग इस व्रत को करते हैं वो जीवन भर विविध सुख भोगकर अन्त में मोक्ष को प्राप्त करते हैं। देवोत्थान एकादशी की कथा एक समय भगवान विष्णु से लक्ष्मी जी ने कहा- हे प्रभु ! अब आप दिन-रात जागा करते हैं और सोते हैं तो लाखों-करोड़ों वर्ष तक को सो जाते हैं तथा उस समय समस्त चराचर का नाश भी कर डालते हैं। अत: आप नियम से प्रतिवर्ष निद्रा लिया करें। […] Read more » Devotthan Ekadashi देवोत्थान एकादशी