खान-पान अमेरिका में रोज़मर्रा का भोजन December 15, 2025 / December 15, 2025 by विवेक रंजन श्रीवास्तव | Leave a Comment नाश्ते की बात करें तो बड़ी संख्या में लोग सुबह समय की कमी के कारण “फटाफट” तैयार होने वाला नाश्ता चुनते हैं। दूध के साथ कॉर्नफ्लेक्स या अन्य सीरियल, टोस्ट पर मक्खन या पीनट बटर, उबले या भुर्जी अंडे, ओटमील, केला या कोई और फल और साथ में कॉफी या जूस , यही आम नज़ारा है। Read more » अमेरिका
खान-पान जहरीले होते बादल December 12, 2025 / December 17, 2025 by अमरपाल सिंह वर्मा | Leave a Comment हमारी धरती, वायु से लेकर खानपान की चीजों तक कीटनाशकों की मौजदूगी के प्रमाण पहले ही मिल चुके हैं। दुनिया में विभिन्न वैज्ञानिक अध्ययनों ने कीटनाशकों को लेकर नई चिंता पैदा की है। Read more » जहरीले होते बादल
खान-पान स्वास्थ्य-योग कार्डियो एक्सरसाइज से रखें दिल को तंदुरुस्त December 9, 2025 / December 9, 2025 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment अगर दिल को तंदुरूस्त रखना चाहते हैं तो प्रतिदिन कम से कम आधा घंटा कार्डियो एक्सरसाइज अवश्य करें। इससे बीपी और शुगर कंट्रोल में रहते हैं, आप चुस्त रहते हैं और दिल की बीमारी की आशंका 25 प्रतिशत कम हो जाती है। Read more » कार्डियो एक्सरसाइज
खान-पान नशे का बढ़ता प्रचलन एवं घातक कारोबार – एक गंभीर अलार्म December 1, 2025 / December 1, 2025 by ललित गर्ग | Leave a Comment -ललित गर्ग - भारत में नशीले पदार्थों का बढ़ता प्रचलन एवं बढ़ता घातक कारोबार आज एक भयावह राष्ट्रीय संकट बन चुका है। आये दिन विभिन्न राज्यों में नशीले पदार्थों की बड़ी-बड़ी खेप बरामद होना इस संकट की भयावह तस्वीर उकेरता है। यह समस्या किसी एक राज्य या किसी सीमित क्षेत्र की नहीं रही, बल्कि हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, उत्तराखंड, हिमाचल, दिल्ली, महाराष्ट्र सहित पूरे देश में यह अपने विकराल रूप में फैल चुकी है। विशेष रूप से किशोर और युवा पीढ़ी जिस तेजी से नशे की गिरफ्त में जा रही है, वह एक खतरनाक भविष्य की चेतावनी है। नशा आज केवल व्यक्तिगत बीमारी नहीं, बल्कि सामाजिक विनाश की प्रस्तावना बन चुका है। अंधेरी गलियों में भटकते युवा, परिवारों का टूटता संतुलन, अपराधों में वृद्धि और जीवन मूल्यों का क्षरण-ये सब नशे की महामारी के दुष्परिणाम हैं। अब वयस्क ही नहीं, किशोर भी नशे की चपेट में आ रहे हैं। फिर वे अपने नशे के लिए पैसा जुटाने के लिये अपराध की गलियों गुम होते जा रहे है, तरह-तरह के अपराध कर रहे हैं। हाल ही के कुछ गंभीर अपराधों का खुलासा होने पर किशोरों ने स्वीकार किया कि वे नशे हेतु पैसा जुटाने के लिए अपराध करने निकले थे। कमोबेश, ऐसा ही संकट नकली दवाइयों की आपूर्ति का भी है। पिछले दिनों देश के कई राज्यों में घातक कफ सिरप पीने से कई बच्चे अपनी जान गंवा बैठे। इस आसन्न संकट को महसूस करते हुए नकली दवाइयों और मादक पदार्थों पर अंकुश लगाने के लिए सात राज्यों के ड्रग्स कंट्रोलरों, पुलिस और सीआईडी अधिकारियों का एक महत्वपूर्ण सम्मेलन चंडीगढ़ में आयोजित किया गया, जिसका मकसद इन अधिकारियों को एक मंच पर लाकर कार्रवाई को अधिक कारगर बनाना था। यह स्वागत योग्य है कि देश में पहली बार सात राज्यों ने इस संकट को महसूस करते हुए इस दिशा में साझी पहल की। निश्चित ही यह सम्मेलन इस घातक एवं गंभीर होती समस्या के समाधान में रोशनी बनेगा। नशीले पदार्थों व नकली दवाइयों का कारोबार मात्र एक राज्य की समस्या नहीं है, बल्कि इससे कई राष्ट्रीय मुद्दे भी जुड़े हैं। पंजाब व देश के समुद्री सीमा से जुड़े राज्यों में नशीले पदार्थों की जो बड़ी खेपें बरामद हुई हैं, उसने पूरे देश की चिंता बढ़ाई है। सवाल यह भी उठा है कि यदि नशीले पदार्थों की इतनी बड़ी मात्रा बरामद हुई है तो चोरी-छिपे कितनी बड़ी मात्रा में नशीला पदार्थ देश में पहुंच रहा होगा। पंजाब के सीमावर्ती जिलों में सीमा पार से ड्रोन के जरिये लगातार नशीले पदार्थ व हथियार भेजने के मामले प्रकाश में आए हैं। हाल के वर्षों में सामने आए आंकड़े बताते हैं कि ड्रग व्यापार अब किसी सीमित भौगोलिक दायरे तक सीमित नहीं रहा। पंजाब, जिसकी आबादी देश की कुल आबादी का मात्र ढाई प्रतिशत है, वहां से देश में बरामद होने वाली हेरोइन का लगभग आधा हिस्सा पकड़ा गया है। यह अकेला तथ्य बताने के लिए पर्याप्त है कि नशीले पदार्थों का नेटवर्क कितना गहरा, विस्तृत और संगठित हो चुका है। हरियाणा की सीमावर्ती जिलों में पिछले पाँच वर्षों के दौरान राज्य के कुल ड्रग मामलों का लगभग नब्बे प्रतिशत भाग सामने आया है, जो स्पष्ट संकेत देता है कि तस्करी का रास्ता राज्यों की सीमाओं से गुजर कर पूरे समाज में फैलता जा रहा है। इसी प्रकार राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण बताते हैं कि नशे की आदत अब केवल युवाओं तक सीमित नहीं, बल्कि लाखों बच्चे और किशोर और विशेषतः महिलाएं-युवतियां विभिन्न नशीली वस्तुओं के संपर्क में आ चुकी हैं। यह स्थिति सिर्फ चिंता का विषय नहीं, बल्कि राष्ट्र की अगली पीढ़ी के भविष्य को लेकर गंभीर चेतावनी है। नशे की गिरफ्त में फंसकर बच्चे और युवा मानसिक, शारीरिक, सामाजिक और शैक्षणिक जीवन में बुरी तरह पिछड़ रहे हैं। परिवार टूट रहे हैं, आर्थिक स्थिति बिगड़ रही है, और अपराधों का ग्राफ निरंतर बढ़ता जा रहा है। नशे की वजह से चोरी, लूट, हिंसा, हत्या और यौन अपराध तक बढ़ते जा रहे हैं। समस्या का यह दूसरा पहलू भी उतना ही भयावह है कि नशे का व्यापार अब सामान्य चोरी-छिपे किए जाने वाला धंधा नहीं रहा, बल्कि विशाल और संगठित तस्करी-तंत्र में बदल चुका है। ड्रोन के माध्यम से ड्रग तस्करी, अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क, नकली दवाओं का उत्पादन, कफ सिरप व अन्य औषधियों के दुरुपयोग का व्यापक कारोबार-ये सभी संकेत हैं कि नशा भारत के सामाजिक ढांचे को दीमक की तरह खोखला कर रहा है। ड्रग माफिया, अपराधी गिरोह, भ्रष्ट तंत्र एवं पडोसी देश मिलकर एक ऐसी समानांतर व्यवस्था चला रहे हैं, जो कानून, नैतिकता और मानवीय जीवन के लिए बेहद खतरनाक है। चंडीगढ़ में आयोजित महत्वपूर्ण सम्मेलन में कई ऐसे तथ्य सामने आए जिन्होंने सभी को हिला दिया। यह स्पष्ट रूप से महसूस किया गया कि अब नशे के खिलाफ लड़ाई किसी एक राज्य की जिम्मेदारी नहीं बल्कि पूरे राष्ट्र की प्राथमिकता है। राजस्थान, उत्तराखंड, हिमाचल, दिल्ली, महाराष्ट्र सहित कई राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी इस बात पर सहमत दिखे कि यदि अब भी सख्त और संगठित कदम नहीं उठाए गए तो आने वाले वर्षों में हालात और भयावह हो सकते हैं। यह कहना अतिशयोक्ति नहीं कि नशे का यह संकट भारत की सामाजिक संरचना, युवाशक्ति और राष्ट्रीय प्रगति को गहरी चोट पहुँचा रहा है। इस अनियंत्रित होते भयावह संकट को रोकने के लिए सरकार, पुलिस, न्याय तंत्र, समाज और परिवार-सबको मिलकर सामूहिक प्रयास करने होंगे। सिर्फ कानून बनाकर और कभी-कभार छापामारी करके इस समस्या का समाधान संभव नहीं। सबसे पहले कानूनों को मजबूत करने और उनके कठोर क्रियान्वयन की आवश्यकता है। ड्रग तस्करी, नकली दवाइयों का निर्माण और अवैध वितरण के खिलाफ ऐसी दंडात्मक व्यवस्था होनी चाहिए कि अपराधी इसके परिणामों से भयभीत हों। मौजूदा समय में कई बार अपराधी मामूली सजा या जमानत पर छूट जाते हैं, जिससे उनका मनोबल बढ़ता है और अवैध कारोबार और तेजी से फैलता है। सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि कानून कठोर हों और उनका पालन बिना किसी समझौते के हो। दूसरा महत्वपूर्ण क्षेत्र है-नशामुक्ति और पुनर्वास। नशे की गिरफ्त में आए लोग सिर्फ अपराधी नहीं, बल्कि पीड़ित भी हैं। परिवार, समाज और सरकार को उन्हें समझना, सहारा देना और पुनर्वास का रास्ता उपलब्ध कराना आवश्यक है। देश में नशामुक्ति केंद्रों की संख्या बढ़ रही है, लेकिन उनकी गुणवत्ता, सुविधाओं, चिकित्सा सहायता, काउंसलिंग और पुनर्वास कार्यक्रमों को और मजबूत करने की जरूरत है। नशे से बाहर आने वाले व्यक्ति को नये जीवन की शुरुआत के लिए सामाजिक सम्मान, परिवार का सहयोग और रोजगार के अवसर मिलना आवश्यक है; वरना वे दोबारा उसी अंधेरी राह में लौट जाते हैं। यह समय चेतावनी का समय है। यदि आज हमने नशे की इस राष्ट्रीय महामारी को गंभीरता से नहीं लिया, तो आने वाली पीढ़ियाँ हमें माफ नहीं करेंगी। नशा मानवता का शत्रु है। यह युवा शक्ति को अंधेरे में धकेलता है, परिवारों को तोड़ता है, राष्ट्र की प्रगति को रोकता है। इसलिए आज एक ही संकल्प होना चाहिए कि नशे के खिलाफ इस लड़ाई को हम केवल सरकारी प्रयासों पर न छोड़ें, बल्कि इसे अपनी सामूहिक जिम्मेदारी मानें। सरकार से यही अपेक्षा है कि वह नशीली दवाओं और मादक पदार्थों के खिलाफ अधिक कठोर, अधिक पारदर्शी और अधिक प्रभावी नीति बनाए तथा उसका निष्ठापूर्वक पालन सुनिश्चित करे। समाज से यही अपेक्षा है कि वह नशे को शर्म का नहीं, जागरूकता और उपचार का विषय बनाए। और युवाओं से यही निवेदन है कि वे समझें-नशा न शक्ति देता है, न सुख; यह केवल जीवन और भविष्य को छीन लेता है। अब समय आ गया है कि भारत नशे के इस संकट को रोकने के लिए एकजुट होकर निर्णायक कदम उठाए। यही राष्ट्रहित है, यही समाजहित है और यही मानवता के भविष्य की रक्षा है। Read more » नशे का बढ़ता प्रचलन
खान-पान पर्यावरण लेख इथियोपिया में फटा ज्वालामुखी, दिल्ली तक पहुँची ‘साइलेंट किलर काँच वाली’ राख November 27, 2025 / November 27, 2025 by रामस्वरूप रावतसरे | Leave a Comment रामस्वरूप रावतसरे अफ्रीका के इथियोपिया में एक बड़ा ज्वालामुखी फटा है। इस ज्वालामुखी का नाम है हायली गुब्बी। यह ज्वालामुखी करीब 10 से 12 हजार साल बाद फटा है। विस्फोट के बाद राख का एक बड़ा बादल उठा। यह राख लगभग 4000 किलोमीटर दूर भारत तक आ गया है। राख का यह बादल 130 किलोमीटर प्रति घंटे की बहुत तेज रफ्तार से आया। यह […] Read more » 'silent killer glass' ash reaches Delhi Volcano erupts in Ethiopia
खान-पान सर्दियों में सेहत की सुरक्षा November 26, 2025 / November 26, 2025 by उमेश कुमार साहू | Leave a Comment सर्दियों की ठंडक मन को सुकून देती है लेकिन यह मौसम शरीर से गर्माहट भी छीन लेता है। वायरल इंफेक्शन, खांसी-जुकाम, स्किन ड्राइनेस और मौसमजनित आलस। Read more » सर्दियों में सेहत की सुरक्षा
खान-पान स्वास्थ्य-योग पिछले दो दशकों में बच्चों में हाई ब्लड प्रेशर के मामले दोगुने हुए November 17, 2025 / November 17, 2025 by पुनीत उपाध्याय | Leave a Comment बालपन का समय चिंता से मुक्त माना जाता है लेकिन आधुनिकता की दौड़ में यह तस्वीर बदल रही है। बच्चे दिल से जुड़ी बीमारियों के शुरुआती जोखिम का सामना कर रहे हैं Read more » The incidence of high blood pressure in children has doubled in the last two decades. बच्चों में हाई ब्लड प्रेशर
खान-पान स्वास्थ्य-योग मधुमेह को दवा से ही नहीं, संतुलित जीवन से परास्त करें November 14, 2025 / November 14, 2025 by ललित गर्ग | Leave a Comment दुनिया में बढ़ती मधुमेह की भयावहता इसलिये चिन्ताजनक है कि हर तीसरा शहरी वयस्क डायबिटीज से जूझ रहा है। यह बीमारी अनेक अन्य बीमारियों को भी बढ़ाने का बड़ा Read more » विश्व मधुमेह दिवस
खान-पान स्वास्थ्य-योग कैंसर को जानिए -इलाज करवाएं और जीवन का मज़ा उठायें November 13, 2025 / November 13, 2025 by चंद्र मोहन | Leave a Comment भारत में कैंसर का इलाज अब संभव है और कई तरह के उन्नत उपचार उपलब्ध हैं, हालांकि इलाज की सफलता कैंसर के प्रकार, अवस्था और व्यक्तिगत स्वास्थ्य पर निर्भर करती है. Read more » कैंसर
खान-पान त्योहारों की मिठास में घुलता मिलावट का ज़हर October 19, 2025 / October 19, 2025 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment भारत त्योहारों का देश है — जहाँ हर पर्व खुशियों, रिश्तों और मिठास का प्रतीक माना जाता है। दिवाली, दशहरा, रक्षाबंधन या होली — हर उत्सव में मिठाइयाँ हमारे भावनात्मक जुड़ाव का हिस्सा बन जाती हैं। कोई रिश्ता बिना मिठाई के अधूरा लगता है, क्योंकि यही मिठाई हमारी संस्कृति की पहचान है। Read more » The poison of adulteration mingles with the sweetness of festivals मिठास में घुलता मिलावट
खान-पान मिलावटखोरों के खिलाफ दिवाली पर कार्यवाही क्यों October 17, 2025 / October 17, 2025 by राजेश कुमार पासी | Leave a Comment राजेश कुमार पासी जब भी दीवाली आती है, अखबारों में खाद्य विभाग के छापों की खबर प्रकाशित होने लगती है। दीवाली से कुछ दिन पहले रोज ऐसी खबरें पढ़ने को मिलती हैं जिसमें से ज्यादातर दुग्ध उत्पादों के बारे में होती हैं। खाद्य विभाग जगह-जगह छापे मारकर नकली खोया, पनीर और मिठाइयों को जब्त करता […] Read more » Why action against adulterators on Diwali मिलावटखोरों के खिलाफ दिवाली पर कार्यवाही
खान-पान खेत-खलिहान दाल उत्पादन में आत्मनिर्भरता के उपाय October 16, 2025 / October 16, 2025 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment प्रमोद भार्गवप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नानाजी देशमुख ने जयप्रकाश नारायण की जयंती पर दो प्रमुख कृषि योजनाओं की शुरुआत की है। धन-धान्य और दलहन आत्मनिर्भरता मिशन नाम से की गई ये योजनाएं यदि खेत में खरी उतरती हैं तो किसान की माली हालत तो सुधरेगी ही देश दाल उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर भी हो […] Read more » दाल उत्पादन में आत्मनिर्भरता के उपाय