मीडिया प्रवक्ता के 8वें स्थापना दिवस पर आभार ज्ञापन October 16, 2015 / October 16, 2015 by संजीव कुमार सिन्हा | Leave a Comment आज 16 अक्टूबर है। इसी दिन आज से सात साल पूर्व 2008 में एक प्रकल्प की शुरुआत हुई थी। www.pravakta.com। तब से यह निरंतरता के साथ सक्रिय है। प्रवक्ता डॉट कॉम के 8वें स्थापना दिवस पर संपादक के नाते मैं आप सब लेखकों और पाठकों, जो प्रवक्ता के आधारस्तंभ हैं, के प्रति हार्दिक आभार प्रकट करता […] Read more » प्रवक्ता डॉट कॉम
मीडिया विविधा नष्ट हो रही है साहित्य अकादमी की प्रतिष्ठा October 14, 2015 by शैलेन्द्र चौहान | Leave a Comment शैलेंद्र चौहान एक के बाद एक लेखकों के पुरस्कार लौटाने के बाद से साहित्य अकादेमी विवादों में है। देश के कुछ मशहूर लेखकों ने गत दिनों साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटा दिए। इन लेखकों का विरोध दादरी हिंसा और कन्नड़ लेखक एम.एम. कलबुर्गी की हत्या को लेकर है। कुल मिलाकर अब तक 21 लेखक साहित्य अकादमी […] Read more » Featured साहित्य अकादमी की प्रतिष्ठा
जन-जागरण मीडिया राजनीति लघु समाचार पत्रों का योगदान एवं चुनौतियां September 24, 2015 by बी.आर.कौंडल | Leave a Comment मनुष्य एक सामाजिक प्राणी होने के नाते एक-दूसरे से मिल-जुल कर रहना पसंद करता है तथा आस-पास क्या हो रहा है के जानने की जिज्ञासा रखता है। मनुष्य की इस इच्छा पूर्ति का काम करते हैं समाचार पत्र व मिडिया जिसे प्रजातन्त्र का चौथा स्तम्भ भी कहते हैं। प््राचीनकाल में समाचार जानने के साधन […] Read more » लघु समाचार पत्र लघु समाचार पत्रों का चुनौतियां लघु समाचार पत्रों का योगदान
मीडिया विविधा आइए बनाएं एकात्म मानवदर्शन पर आधारित मीडिया September 24, 2015 by संजय द्विवेदी | Leave a Comment जन्मशती वर्ष प्रसंग ( जयंती 25 सितंबर ) संजय द्विवेदी पं. दीनदयाल उपाध्याय स्वयं बहुत बड़े पत्रकार और संचारक थे। अपनी विचारधारा को पुष्ट करने के लिए पत्रों का संपादन, प्रकाशन, स्तंभलेखन, पुस्तक लेखन उनकी रूचि का विषय था। उन्होंने लिखने के साथ-साथ बोलकर भी एक प्रभावी संचारक की भूमिका का निर्वहन किया है। उनकी […] Read more » Featured आइए बनाएं एकात्म मानवदर्शन पर आधारित मीडिया एकात्म मानवदर्शन एकात्म मानवदर्शन पर आधारित मीडिया मीडिया
मीडिया विविधा लोकतंत्र में पत्रकारिता September 21, 2015 / September 21, 2015 by शैलेन्द्र चौहान | 1 Comment on लोकतंत्र में पत्रकारिता शैलेन्द्र चौहान स्वतन्त्रता आन्दोलन के दौरान पत्रकारिता को एक मिशन बनाकर सहभागी के रूप में अपनाया गया था। स्वतन्त्रता के पश्चात भी पत्रकारिता को व्यावसायिकता से जोड़कर नहीं देखा गया, किन्तु वैश्वीकरण, औद्योगीकरण के इस दौर में पत्रकारिता को व्यवसाय बनाकर प्रस्तुत किया गया। इस कारण से देश के बड़े-बड़े औद्योगिक घरानों में करोड़ों-अरबों की धनराशि लगाकर इसमें अपना सशक्त हस्तक्षेप करना शुरू […] Read more » Featured journalism in democracy पत्रकारिता लोकतंत्र लोकतंत्र में पत्रकारिता
मीडिया विविधा कुछ सवाल जिनके जवाब जरूरी हैं। September 18, 2015 by डॉ प्रवीण तिवारी | 1 Comment on कुछ सवाल जिनके जवाब जरूरी हैं। डॉ. प्रवीण तिवारी, एंकर IBN 7 मेरे ही शो के दौरान एक ऐसी निंदनीय घटना हुई जो घोर भर्त्सना के काबिल है। इस घटना की मैं और हमारा चैनल दोनों ही निंदा कर रहे हैं। निंदा करते हैं तो दिखा क्यूं रहे हैं? ऐसे लोगों को बुलाते ही क्यूं हैं? आप एंकर हैं आपने रोकने […] Read more » कुछ सवाल जिनके जवाब जरूरी हैं।
मीडिया विविधा हिन्दी प्रेस का पैनापन September 10, 2015 by बी एन गोयल | Leave a Comment बी एन गोयल अभी हाल ही में ओम थानवी जनसत्ता के संपादक के पद से सेवा मुक्त हुए हैं। पाठकों ने कुछ प्रतिक्रियाएँ व्यक्त की हैं। उमेश चतुर्वेदी जी ने एक लेख में थानवी जी के माध्यम से जनसत्ता की अच्छी व्याख्या की है। पढ़ते हुए मुझे अपना समय याद आ गया जब 1961 […] Read more » Featured हिन्दी प्रेस का पैनापन
मीडिया राजनीति नितीश का टकराव अंदाज भाजपा को देगा बढ़त August 21, 2015 by प्रवीण गुगनानी | 2 Comments on नितीश का टकराव अंदाज भाजपा को देगा बढ़त कभी नमो के पांच करोड़ से रन आऊट हुए नितीश अब नमो के सवा सौ लाख करोड़ से स्टम्पड आउट होते स्पष्ट दिख रहे. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आसन्न बिहार चुनाव के पहले बिहार को सवा सौ लाख करोड़ का आर्थिक पैकेज देकर एक प्रकार से नितीश पर साहसिक किन्तु डबल गूगली […] Read more » नितीश का टकराव भाजपा को देगा बढ़त
मीडिया ओम थानवी के बहाने जनसत्ता पर कुछ विचार August 21, 2015 by उमेश चतुर्वेदी | 2 Comments on ओम थानवी के बहाने जनसत्ता पर कुछ विचार 1986-87 की बात है…तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी और तत्कालीन वित्त मंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह में अदावत शुरू हो गई थी..उन्हीं दिनों बोफोर्स तोप सौदे को लेकर राजीव सरकार कठघरे में थी…इंडियन एक्सप्रेस अखबार से पहली बार पल्ला उन्हीं दिनों पड़ा..चित्रा सुब्रमण्यम की रिपोर्टें उन दिनों तहलका मचा रखी थीं..उन्हीं दिनों इंडियन एक्सप्रेस के अखबार जनसत्ता […] Read more » जनसत्ता
मीडिया सिनेमा छात्र , संस्थान और विचारधारा August 20, 2015 by नीतेश राय | 1 Comment on छात्र , संस्थान और विचारधारा जब तकनीकी रूप से देश के होनहारों को सुदृढ़ बनाने वाले संस्थानों का ही राजनीतिकरण हो जाय तो आप समझ सकते है , उस देश की विकाश यात्रा का क्या हश्र होंगा.यह भारतीय राजनीत की बहुत बड़ी विडम्बना है कि देश कों तकनीकी रूप से परिपूर्ण युवाओं के फ़ौज उपलब्ध कराने वाले संस्थान भी आज […] Read more »
टॉप स्टोरी मीडिया आखिर क्यूं मिर्ची चबा रहें पाकिस्तान परस्त लोग याकूब की फांसी पर ? August 12, 2015 by हरिहर शर्मा | 1 Comment on आखिर क्यूं मिर्ची चबा रहें पाकिस्तान परस्त लोग याकूब की फांसी पर ? हाल ही में उधमपुर आतंकी हमले में जिंदा पकडे गये पाकिस्तानी आतंकी नावेद ने कई अहम खुलासे किये हैं | उनमें सबसे अहम खुलासा यह है कि पाकिस्तान में बैठकर याकूब का भाई टाइगर मेमन, दाऊद इब्राहीम, और हफीज सईद के साथ मिलकर प्लेन हाईजैक की साजिश रच रहा था | इन लोगों का मकसद […] Read more »
मीडिया राजनीति भारत का इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, सरकार की मर्जी पर ! August 11, 2015 by शैलेन्द्र चौहान | Leave a Comment शैलेन्द्र चौहान यह बेहद चिंताजनक स्थिति है कि आज भारतीय मीडिया, खासकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया अपने लिए निर्धारित मानदंडों और आचरण संहिता को भूलकर किसी न किसी राजनीतिक दल का अनुयायी या उग्र राष्ट्रवादी संगठनों की तरह व्यवहार करने लगा है। एंकर चीख चीख कर अशोभन लहजे में अपनी परम देश निष्ठा का परिचय दे रहे […] Read more » इलेक्ट्रॉनिक मीडिया