राजनीति एमपी के मन में मोदी : बहुत कुछ कह रहे हैं भाजपा के ये निर्णय December 12, 2023 / December 12, 2023 by कृष्णमुरारी त्रिपाठी अटल | Leave a Comment ~ कृष्णमुरारी त्रिपाठी अटल ‘एमपी के मन में मोदी थीम’ के अन्तर्गत अभाविप और राष्ट्रीय स्वयंसेवक की तपोभूमि में तपे – डॉ. मोहन यादव को मध्यप्रदेश भाजपा विधायक दल का नेता ( मुख्यमंत्री) चुने जाने से लोग अप्रत्याशित तौर पर चौंके हुए हैं। लोगों को समझ नहीं आ रहा है कि मीडिया और खेमेबाजी की […] Read more » एमपी के मन में मोदी
राजनीति धारा 370 को हटाने संबंधी निर्णय पर सुप्रीम मुहर December 12, 2023 / December 12, 2023 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment धारा 370 को हटाने के जिस फैसले को लेकर कांग्रेस सहित कई राजनीतिक दल बेकार की चीख चिल्लाहट दिखाते रहे हैं उस पर अब सुप्रीम कोर्ट की ‘सुप्रीम मुहर’ लगने के बाद यह स्थिति साफ हो गई है कि भविष्य में इस प्रावधान के दोबारा लौटने की कोई संभावना शेष नहीं बची है। अपने राष्ट्र […] Read more » Supreme seal on decision regarding removal of Article 370
राजनीति लोकनायक’ होने के भ्रम से जूझते विपक्ष के नेता December 12, 2023 / December 12, 2023 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment अभी हाल ही में संपन्न हुए पांच राज्यों की विधानसभा के चुनावों में जिस प्रकार वहां के मतदाताओं ने देश के विपक्ष का सफाया किया है उससे सारा विपक्ष इस समय सदमे की अवस्था में है। विपक्ष के सभी बड़े नेताओं को चुनाव परिणाम के पश्चात सांप सूंघ गया था। उन्हें समझ नहीं आ रहा […] Read more »
आर्थिकी राजनीति भारतीय रिजर्व बैंक को अब ब्याज दरों में कटौती के बारे में सोचना चाहिए December 11, 2023 / December 11, 2023 by प्रह्लाद सबनानी | Leave a Comment भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की तीन दिवसीय बैठक 8 दिसम्बर 2023 को समाप्त हुई और भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर श्री शक्तिकांत दास ने नीतिगत रेपो दर में किसी भी प्रकार का परिवर्तन न करते हुए इसे 6.50 प्रतिशत पर यथावत बनाए रखा है, क्योंकि मुख्य रूप से भारत में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रा स्फीति की दर नियंत्रण में बनी हुई है। हालांकि अभी यह देश के मध्यावधि लक्ष्य 4 प्रतिशत के अंदर नहीं आई है। परंतु, भारतीय अर्थव्यवस्था जिस गति से आगे बढ़ रही है, इसे देखते हुए एवं आर्थिक विकास की दर को और अधिक गति देने के उद्देश्य से अब भारत में ब्याज दरों को कम किये जाने का समय आ गया लगता है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रा स्फीति की दर का 4 प्रतिशत से अधिक बने रहने के पीछे मुख्य कारण तेल एवं खाद्य पदार्थों (फल, सब्जी, आदि) में अचानक वृद्धि होते रहना है। अन्यथा, थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रा स्फीति की दर तो लम्बे समय से रिणात्मक बनी हुए है एवं उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मूल मुद्रा स्फीति की दर भी पूर्ण रूप से नियंत्रण में है। हां, वैश्विक स्तर पर आर्थिक परिस्थितियां जरूर भारत में ब्याज दरों को कम करने के पक्ष में नजर नहीं आ रही हैं। चीन सहित, विश्व के कई देशों में आर्थिक विकास दर कम हो रही है एवं इन देशों में मुद्रा स्फीति को नियंत्रण में लाने के उद्देश्य से ब्याज दरों को अभी भी ऊंची दरों पर बनाए रखा गया है। इसी माह अमेरिका में सम्पन्न हुई फेडरल रिजर्व की बैठक में फेड रेट में किसी प्रकार का परिवर्तन नहीं किया गया है। चूंकि अन्य देशों में ब्याज की उच्च दर अभी भी बनी हुई है अतः अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय रुपए पर दबाव बना हुआ है। इन परिस्थितियों के बीच यदि भारतीय रिजर्व बैंक भारत में ब्याज दरों को कम करता है तो भारतीय रुपए पर दबाव और अधिक बढ़ेगा। अमेरिका एवं अन्य विकसित देशों में मुद्रा स्फीति की दर में सुधार जरूर दृष्टिगोचर है। अमेरिका में तो अभी हाल ही में सोवरेन बांड प्रतिफल में गिरावट भी दर्ज हुई है एवं अमेरिकी डॉलर की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में कुछ कम हुई है। इससे कई देशों के पूंजी (शेयर) बाजार मजबूत हुए हैं। अतः अब आगे आने वाले समय में इन परिस्थितियों के बीच विश्व के विभिन्न देशों द्वारा ब्याज दरों में कमी किए जाने की सम्भावना बढ़ती जा रही है। भारतीय अर्थव्यवस्था को तो इससे अत्यधिक लाभ होगा। ब्याज दरें कम होने से भारतीय उद्योग द्वारा निर्मित किए जाने वाले उत्पादों की उत्पादन लागत कम होगी और भारत में निर्मित होने वाले उत्पाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धी बन जाएंगे, इससे इन उत्पादों का भारत से निर्यात बढ़ेगा। भारत में आंतरिक आर्थिक परिस्थितियां लगातार अनुकूल बनी हुई हैं। वित्तीय वर्ष 2023-24 की प्रथम तिमाही में 7.8 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल करने के बाद द्वितीय तिमाही में भी 7.6 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल की गई है। यह वृद्धि दर विभिन्न अंतरराष्ट्रीय स्तर के वित्तीय संस्थानों एवं भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व अनुमानों से कहीं अधिक है। भारत में लगातार बढ़ रहे निवेश एवं केंद्र सरकार द्वारा किए जा रहे पूंजीगत एवं अन्य खर्च में अपार वृद्धि के चलते सम्भव हो पा रहा है। विनिर्माण एवं निर्माण गतिविधियों में अतुलनीय वृद्धि के चलते दूसरी तिमाही में विकास दर अत्यंत आकर्षक रही है। आगे आने समय में भी विनिर्माण गतिविधियों में मजबूती, निर्माण में भारी वृद्धि एवं ग्रामीण इलाकों में बढ़ रही उत्पादों की मांग के चलते घरेलू स्तर पर उत्पादों की मांग में और अधिक सुधार होने की सम्भावना व्यक्त की जा रही है। अतः भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए भारत की आर्थिक विकास दर के अनुमानों में सुधार करते हुए इसे 7 प्रतिशत तक पहुंचा दिया है। भारतीय रिजर्व बैंक उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रा स्फीति की दर को नियंत्रण में करना चाहता है। जबकि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रा स्फीति की इस दर में विभिन्न खाद्य पदार्थों की कीमतें भी शामिल रहती हैं। खाद्य पदार्थों की कीमतें पूर्णत: मांग एवं आपूर्ति के सिद्धांत पर तय होती हैं। जब किसी वर्ष किसी खाद्य पदार्थ की फसल संतोषजनक होती है तो उस खाद्य पदार्थ की कीमतें नियंत्रण में रहती है और यदि किसी मौसम में किसी सब्जी अथवा फल की फसल ठीक नहीं रहती है तो उसकी कीमतें बाजार में आसमान छूने लगती हैं। जैसा कि अक्सर भारत में प्याज, टमाटर एवं अन्य सब्जियों एवं फलों की स्थिति में देखा गया है। इस प्रकार की मुद्रा स्फीति को ब्याज दरों में वृद्धि कर नियंत्रित नहीं किया जा सकता है। इन पदार्थों की कीमतों को तो केवल इनकी आपूर्ति को बढ़ाकर ही नियंत्रण में लाया जा सकता है। फिर, इन पदार्थों की बढ़ती कीमतों के चलते यदि ब्याज दरों में वृद्धि हो रही है तो यह अर्थव्यवस्था के अन्य क्षेत्रों, विशेष रूप से उद्योग एवं सेवा क्षेत्र, के लिए हानिकारक परिणाम देता दिखाई दे रहा है। इन कारणों के चलते अब भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मूल मुद्रा स्फीति की दर को ही नियंत्रित करना चाहिए एवं उसके आधार पर ही ब्याज दरों में वृद्धि अथवा कमी की जानी चाहिए। जब फल एवं सब्जियों की कीमतों में अचानक हो रही वृद्धि को ब्याज दरें बढ़ाकर नियंत्रित ही नहीं किया जा सकता है तो फिर उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में इन मदों को शामिल ही क्यों रखा जाना चाहिए। अतः कुल मिलाकर अब भारत में थोक मूल्य सूचकांक आधारित एवं उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मूल मुद्रा स्फीति की दर अब नियंत्रण में है इसलिए आगामी मौद्रिक नीति समिति की बैठक में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा भारत में ब्याज दरों को कम करने के सम्बंध में विचार किया जाना चाहिए। Read more » Reserve Bank of India should now think about cutting interest rates भारतीय रिजर्व बैंक
राजनीति लेख समाज स्वदेशी रोजगार एवं व्यापार की आत्मा है December 11, 2023 / December 11, 2023 by ललित गर्ग | Leave a Comment स्वदेशी दिवस, 12 दिसम्बर 2023 पर विशेष– ललित गर्ग-भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन का स्वदेशी एक महत्वपूर्ण आन्दोलन, सफल रणनीति व राष्ट्रीय दर्शन है। ‘स्वदेशी’ का अर्थ है- अपने देश का, अपने देश मंे निर्मित। इस रणनीति का लक्ष्य ब्रिटेन में बने माल का बहिष्कार करना तथा भारत में बने माल का अधिकाधिक प्रयोग करके साम्राज्यवादी ब्रिटेन को आर्थिक […] Read more » Swadeshi is the soul of employment and business स्वदेशी दिवस
राजनीति शख्सियत समाज विष्णुदेव साय के बहाने आदिवासी राजनीति साधी December 11, 2023 / December 11, 2023 by ललित गर्ग | Leave a Comment – ललित गर्ग –विष्णुदेव साय को छत्तीसगढ़ का मुख्यमंत्री घोषित करके भारतीय जनता पार्टी ने एक तीर से अनेक निशाने साधे हैं। वैसे भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जीवंत आदिवासी समाज को उन्नति के नये शिखर एवं राजनीति में समुचित प्रतिनिधि देने के लिये प्रतिबद्ध है। द्रौपदी मुर्मू को भारत का राष्ट्रपति बनाकर उन्होंने इस समुदाय […] Read more » Tribal politics in the name of Vishnudev Sai Vishnudev Sai विष्णुदेव साय
राजनीति लेख मानवाधिकार महज एक मजाक बनकर न रह जाये December 8, 2023 / December 8, 2023 by ललित गर्ग | Leave a Comment विश्व मानवाधिकार दिवस, 10 दिसम्बर 2023 पर विशेष – ललित गर्ग- विश्व युद्ध, आतंकवाद एवं असंतुलित समाज रचना की विभीषिका से झुलस रहे लोगों के दर्द को समझ कर और उसको महसूस करने की दृष्टि से संयुक्त राष्ट्र संघ की महासभा ने विश्व मानवाधिकार दिवस घोषित किया। प्रत्येक वर्ष 10 दिसम्बर को यह दिवस दुनियाभर […] Read more » Human Rights मानवाधिकार विश्व मानवाधिकार दिवस
राजनीति मोदी फिर बने जीत की गारंटी December 8, 2023 / December 8, 2023 by सुरेश हिन्दुस्थानी | Leave a Comment सुरेश हिंदुस्थानी चार राज्यों के विधानसभा चुनावों के परिणाम के बाद तस्वीर उभरी है, उससे एक बात फिर साबित हो गई है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वास्तव में जीत की गारंटी बन गए हैं। उत्तरभारत के तीन बड़े राज्यों के चुनाव प्रचार और अन्य प्रचार माध्यमों का अध्ययन किया जाए तो यह स्पष्ट परिलक्षित हो […] Read more » जीत की गारंटी
राजनीति शख्सियत भारतीय राजनीति के शिखर पुरुष थे राजाजी December 8, 2023 / December 8, 2023 by ललित गर्ग | Leave a Comment चक्रवर्ती राजगोपालाचारी जन्म जयन्ती- 10 दिसम्बर 2023-ः ललित गर्गः-भारतीय राजनीति का एक ऐसा स्वर्णिम पृष्ठ है चक्रवर्ती राजगोपालाचारी, जो उस युग के नहीं, बल्कि किसी भी युग के महान् व्यक्तियों की गिनती में आते हैं। अपनी जिन्दगी में उन्होंने सत्य, राष्ट्रीयता एवं ज्ञान के प्रचार का काम किया, जिनसे एक सशक्त जननायक, स्वप्नदर्शी राजनायक, आदर्श चिन्तक, दार्शनिक […] Read more » Rajaji was the pinnacle of Indian politics. भारतीय राजनीति के शिखर पुरुष थे राजाजी
राजनीति भ्रष्टाचार का मर्ज बढ़ता गया, ज्यों-ज्यों दवा की December 7, 2023 / December 7, 2023 by ललित गर्ग | Leave a Comment विश्व भ्रष्टाचार निरोधी दिवस – 9 दिसम्बर 2023 पर विशेष -ललित गर्ग- दुनियाभर में 9 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस मनाया जाता है। इस दिवस का उद्देश्य भ्रष्टाचार के खिलाफ लोगों में जागरूकता फैलाना है। इस दिवस को मनाते हुए सभी सरकारी, प्राइवेट, गैर-सरकारी सस्थाएं एवं नागरिक संगठन भ्रष्टाचार के खिलाफ एकजुटता से लड़ाई लड़ने का संकल्प लेते […] Read more » The spread of corruption increased as the drug विश्व भ्रष्टाचार निरोधी दिवस - 9 दिसम्बर
राजनीति ऋषि परंपरा वाहक अभाविप का सत्तरवां सोपान December 7, 2023 / December 7, 2023 by प्रवीण गुगनानी | Leave a Comment यदि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एक परिवार है तो अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का छात्र समूह इस परिवार का युवावर्ग है। इस युववर्ग के आदर्श स्वामी विवेकानंद हैं। संघ ने अपने परिवार के इस युवा सदस्य को जो सिखाया है, उसका मूल यही है – काक चेष्टा, बको ध्यानं, स्वान निद्रा तथैव च। अल्पहारी, गृहत्यागी, विद्यार्थी […] Read more »
राजनीति एग्जिट पोल, बड़ा झोल December 6, 2023 / December 6, 2023 by योगेश कुमार गोयल | Leave a Comment – योगेश कुमार गोयल तेलंगाना विधानसभा चुनाव की मतदान प्रक्रिया के समापन के साथ ही पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव को लेकर तमाम सर्वे एजेंसियों ने अपने-अपने एग्जिट पोल्स का प्रसारण कर दिया था। मिजोरम में 7 नवम्बर, छत्तीसगढ़ में 7 और 17 नवम्बर, मध्य प्रदेश में 17 नवम्बर, राजस्थान में 25 नवम्बर और तेलंगाना […] Read more » exit poll एग्जिट पोल