राजनीति सिलक्यारा की रोशनी से सबक लेने की जरूरत November 29, 2023 / November 29, 2023 by ललित गर्ग | Leave a Comment – ललित गर्ग-दृढ़ इच्छाशक्ति, लगन, उम्मीद, सकारात्मकता और हौसले की ताकत ने मिलकर आखिर प्रकृति के साथ लड़ी 17 दिन की जंग में जिन्दगी को विजयी बना दिया। सिलक्यारा सुरंग में आठ राज्यों के 41 मजदूरों को सकुशल जिन्दा निकाल लेने के 400 घंटों तक चले संघर्ष में जीत इंसान के चट्टानी हौसले के नाम […] Read more » uttarkashi tunnel resque सिलक्यारा की रोशनी से सबक लेने की जरूरत
राजनीति राष्ट्रीय शिक्षा नीति काकार्यान्वयन November 28, 2023 / November 28, 2023 by प्रो. रसाल सिंह | Leave a Comment –प्रो. रसाल सिंह “शिक्षा का उद्देश्य तथ्यों का नहीं, बल्कि मूल्यों का ज्ञान और कौशल विकास करना है।” – विलियम एडवर्ड्स डेमिंग नई शिक्षा नीति 1968 और 1986 का लक्ष्य शिक्षा के क्षेत्र में समता और समानता को बढ़ावा देना था। शिक्षा नीति 1968 में जहाँ शैक्षिक ढांचे में सुधार पर जोर था; वहीं, 1986 […] Read more » Implementation of National Education Policy राष्ट्रीय शिक्षा नीति का कार्यान्वयन
राजनीति लेख क्यों नहीं अभिभावकों को सरकारी स्कूलों पर भरोसा? November 27, 2023 / November 27, 2023 by प्रियंका सौरभ | Leave a Comment हालिया अध्ययन ने पुष्टि की है कि शिक्षा की खराब गुणवत्ता के कारण माता-पिता को सरकारी स्कूलों पर भरोसा नहीं है और वे अपने बच्चों को निजी स्कूलों में दाखिला दिलाना पसंद करते हैं, भले ही इसके लिए उन्हें ट्यूशन और अन्य फीस पर काफी अधिक खर्च करना पड़े। आज देश भर के सरकारी स्कूल गरीबों […] Read more »
राजनीति वसुंधरा राजे की देव दर्शन यात्रा के मायने November 27, 2023 / November 27, 2023 by निरंजन परिहार | Leave a Comment -निरंजन परिहार बीजेपी की दिग्गज नेता और राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे मतदान के दूसरे ही दिन दर्शन पर निकल गई हैं। वे उस बीजेपी की नेता हैं और जिसके नेताओं के बारे में वैसे भी माना जाता है कि दर्शन, पूजा, हवन, यज्ञ व मंदिर जाकर अर्चना आदि में किसी भी राजनीतिक दल […] Read more » Meaning of Vasundhara Raje's Dev Darshan Yatra
राजनीति चुनावी-भ्रष्टता पर नियंत्रण के लिये जटायुवृत्ति जागे November 27, 2023 / November 27, 2023 by ललित गर्ग | Leave a Comment – ललित गर्ग-चुनाव लोकतंत्र की जीवनी शक्ति है, यह राष्ट्रीय चरित्र का प्रतिबिम्ब होता है, लोकतंत्र में स्वस्थ मूल्यों की स्थापना के लिये चुनाव की स्वस्थता एवं उसकी शुद्धि अनिवार्य है। चुनाव की प्रक्रिया गलत एवं मूल्यहीन होने से लोकतंत्र की जड़े तो खोखली होती ही है, राष्ट्र भी मूल्यहीनता की ओर अग्रसर होता है। […] Read more » Jatayuvruti should be awakened to control electoral corruption.
राजनीति शख्सियत समाज ढोंगी साधुओं के लिये एक आईना हैं गुरुनानक देव November 24, 2023 / November 24, 2023 by ललित गर्ग | Leave a Comment गुरुनानक देव जयन्ती- 27 नवम्बर 2023 के उपलक्ष्य में-ललित गर्ग –परम सत्ता या संपूर्ण चेतन सत्ता के साथ तादात्म्य स्थापित कर समस्त प्राणी जगत् को एकता के सूत्र में बांधने वाले ‘सिख’ समुदाय के प्रथम धर्मगुरु नानक देव ने मानवता का पाठ पढ़ाया, धर्म का वास्तविक स्वरूप स्थापित किया। समाज-सुधारक एवं रहस्यवादी संत नानकदेवजी ने […] Read more » गुरुनानक देव ईश्वर के सच्चे प्रतिनिधि थेे
राजनीति एक दवा मिशन पर गैंग अटैक हो रहा है न्यायालय श्रीमान!! November 24, 2023 / November 24, 2023 by प्रवीण गुगनानी | Leave a Comment प्रवीण गुगनानी आयुर्वेद हमारे ऋग्वेद का भाग है। यह तीन हज़ार वर्षों से पचास हज़ार वर्षों तक की प्राचीन व युगों से प्रमाणित पद्धति मानी गई है। विश्व की सबसे प्राचीन सनातन सभ्यता ने जिस चिकित्सा आधार पर अपनी लाखों करोड़ों पीढ़ियाँ गुज़ार दी; सबसे पहले तो उसे चुनौती देनें वालों पर आपको स्वयं ही […] Read more » A drug mission is under gang attack. Court sir!!
राजनीति मोदी के लिये ‘पनौती’ का इस्तेमाल राजनीतिक दरिद्रता November 24, 2023 / November 24, 2023 by ललित गर्ग | Leave a Comment – ललित गर्ग- कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ की गयी ‘पनौती’ (अपशकुन), जेबकतरा एवं कर्ज माफी जैसी अशोभनीय टिप्पणियों के कारण निशाने पर हैं। चुनाव आयोग (ईसी) ने हालिया टिप्पणियों के लिए राहुल गांधी को कारण बताओ नोटिस जारी करके निर्णायक कार्रवाई की है। यह कार्रवाई […] Read more » Use of 'Panauti' for Modi is political poverty
राजनीति लेख समाज हिंसामुक्त नारी समाज का सपना अधूरा क्यों? November 23, 2023 / November 23, 2023 by ललित गर्ग | Leave a Comment अंतर्राष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस – 25 नवम्बर, 2023 -ललित गर्ग – पूरे विश्व में महिलाओं के प्रति हिंसा, शोषण एवं उत्पीड़न की बढ़ती घटनाओं के उन्मूलन हेतु संयुक्त राष्ट्र के द्वारा प्रतिवर्ष 25 नवंबर को ‘अंतर्राष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस’ मनाया जाता है। भारत ही नहीं, दुुनियाभर की महिलाओं पर बढ़ती हिंसा, शोषण, असुरक्षा एवं […] Read more » Why is the dream of a violence-free women's society incomplete?
राजनीति लेख भारत में सरकारी नियमों के बगैर हलाल प्रमाणन प्रमाण पत्र जारी किया जाना एक गम्भीर विषय November 22, 2023 / November 22, 2023 by प्रह्लाद सबनानी | Leave a Comment पिछले कुछ समय से भारत सहित, पूरे विश्व में इस्लाम मजहब के अनुयायियों के लिए हलाल प्रमाणन प्रमाण पत्र प्राप्त उत्पादों के उपयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है। हालांकि हलाल प्रमाणन प्रमाण पत्र जारी करने के सम्बंध में कोई प्रक्रिया तय नहीं की गई है और न ही सरकारी तौर पर इस सम्बंध में कोई दिशा निर्देश जारी किए गए हैं, परंतु फिर भी भारत में हलाल प्रमाणन प्रमाण पत्र जारी करने का कार्य विभिन्न संस्थानों द्वारा धड़ल्ले से किया जा रहा है एवं कई विनिर्माण इकाईयों से भारी भरकम राशि हलाल प्रमाणन प्रमाण पत्र जारी करने के एवज में वसूली जा रही है। साथ ही, विनिर्माण इकाईयों पर भी दबाव बनाया जाता है कि वे अपने संस्थानों में इस्लाम मजहब के अनुयायियों की नियुक्ति करें। अब यह भी समझ से परे है कि फैशन, सौंदर्य साधनों, किराने के सामान, सब्जियों, वित्तीय सुविधाओं एवं ढाबे आदि जैसी गतिविधियों को हलाल प्रमाणन प्रमाण पत्र किस प्रकार प्रदान किया जा सकता है? इसी संदर्भ में अभी हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार एवं सुप्रीम कोर्ट ने हलाल प्रमाणन प्रमाण पत्र जारी करने के सम्बंध में जांच के आदेश जारी किए हैं। दरअसल, इस्लाम मजहब के अनुयायियों के लिए हलाल शब्द बहुत महत्व भरा शब्द है। हलाल का आश्य यह बताया जाता है कि मुस्लिम मतावलंबियों के लिए जो वस्तु वैद्य है वह हलाल है और जो वैध नहीं है वह हराम है। ऐसा भी बताया जाता है कि प्रारम्भ में इस्लाम-कुरान में खाने की वस्तुओं, विशेष रूप से मांसाहार, के साथ हलाल शब्द को जोड़ा गया था अर्थात किन वस्तुओं (किस प्रकार के मांसाहार) का खाना हलाल है एवं किन वस्तुओं (किस प्रकार के मांसाहार) का खाना हराम है। परंतु, अब तो हलाल को दैनिक जीवन के प्रत्येक क्षेत्र के साथ जोड़ दिया गया है। जैसे हलाल मांस, हलाल फैशन एवं सौंदर्य के साधन, हलाल किराने का सामान, हलाल सब्जियां, हलाल वित्तीय सुविधाएं, हलाल ढाबे, आदि आदि। कई इस्लामी देशों ने यह तय कर लिया है कि उनके नागरिक केवल हलाल प्रमाणित खाद्य पदार्थों एवं अन्य सुविधाओं का उपयोग करेंगे एवं इन देशों ने हलाल प्रमाणन को कानूनी रूप दे दिया है। कोई उत्पाद हलाल प्रमाणित है इसके लिए बाकायदा विशेष संस्थाओं का गठन किया गया है जो कि हलाल प्रमाणन का प्रमाण पत्र जारी करने में सक्षम है एवं उस प्रमाणन के आधार पर ही सम्बंधित उत्पाद बाजार में बेचा जा सकता है। इन मुस्लिम मजहब बहुल देशों में विदेशों से आयात किए जाने उत्पादों को भी हलाल प्रमाणन के लिए प्रमाण पत्र सबंधित संस्थानों से लेना आवश्यक होता है ताकि ये कम्पनियां अपने उत्पादों को इन इस्लामी देशों को निर्यात कर सकें। चूंकि पूरे विश्व में 50 से अधिक इस्लामी देश हैं, एवं मुस्लिम मजहब को मानने वाली बहुत बड़ी आबादी इन देशों में निवास करती है अतः गैर इस्लामी देशों की कम्पनियों को भी हलाल प्रमाणित उत्पाद ही इन देशों को भेजने होते हैं। वैसे तो हलाल प्रमाणित वस्तुओं का चलन इस्लामी देशों में बहुत लम्बे समय से चला आ रहा है। परंतु हाल ही के समय में इसका कार्य क्षेत्र बढ़ाकर इसे गैर इस्लामी देशों में भी तेजी से फैलाया गया है अर्थात मुस्लिम मजहब के मतावलंबियों को यह प्रेरणा दी जाती है कि वे केवल हलाल प्रमाणित वस्तुओं एवं सेवाओं का ही उपयोग करें। वर्ष 1945 में दक्षिण अफ्रीका की राजधानी केपटाउन में मुस्लिम जुडीशियल कौंसिल हलाल ट्रस्ट की स्थापना की गई थी। इसके बाद हलाल पंजीयन की शुरुआत थाईलैंड में वर्ष 1969 में हुई जो केवल कुवैत में मुर्गी पालन उद्योग से निर्मित पदार्थों के निर्यात तक सीमित था। एक सुनियोजित इस्लाम केंद्रित व्यापार की वास्तविक शुरुआत दक्षिण पूर्वी एशिया के एक देश मलेशिया से हुई थी। वहां वर्ष 1974 में एक डिपार्टमेंट आफ इस्लामिक डेवलपमेंट मलेशिया की स्थापना की गई। यह विश्व का ऐसा पहला देश था, जिसने हलाल व्यापार को परिभाषित करने का एक कानून बना दिया। इस प्रक्रिया की गति इतनी तीव्र थी कि वर्ष 1980 तक मलेशिया को ग्लोबल हलाल हब बनाने के प्रयासों को आकार दिया जाने लगा था। वर्तमान में डिपार्टमेंट आफ इस्लामिक डेवलपमेंट मलेशिया का नेटवर्क लगभग 45 देशों में फैला हुआ है और कुल लगभग 78 हलाल पंजीयन संस्थाएं इससे जुड़ी हुई हैं। भारत की भी तीन प्रमुख संस्थाएं – हलाल इंडिया, जमियत उलेमा हलाल फाउंडेशन, जमियत उलेमा ए हिंद हलाल ट्रस्ट इसके सदस्य रहे हैं। अब तो विश्व के लगभग सभी इस्लामी देशों एवं अन्य कई गैर इस्लामी देशों में भी हलाल प्रमाणन संस्थाओं का गठन किया जा चुका है। हलाल प्रमाणन संस्थाएं हलाल प्रमाणन प्रमाण पत्र जारी करने के पूर्व एक मोटी रकम विभिन्न वस्तुओं का उत्पादन करने वाली संस्थाओं से हलाल प्रमाणन प्रमाण पत्र जारी करने के एवज में लेती हैं। हलाल प्रमाणन प्रमाण पत्र जारी करने वाली इन संस्थाओं की आय आज करोड़ों अमेरिकी डॉलर में हो गई है। दीनार स्टैंडर्ड, द कैपिटल आफ इस्लामिक इकॉनमी और सलाम गेटवे द्वारा प्रकाशित स्टेट आफ ग्लोबल इस्लामिक इकॉनमी रिपोर्ट 2018-19 के अनुसार, हलाल अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों की आय अब अरबों डॉलर में पहुंच गई है और अर्थव्यवस्था के कुछ क्षेत्रों की आय इस प्रकार बताई गई है – हलाल ट्रैवल क्षेत्र – 17,700 करोड़ अमेरिकी डॉलर; हलाल फूड क्षेत्र – 130,300 करोड़ अमेरिकी डॉलर; हलाल वित्तीय क्षेत्र – 243,800 करोड़ अमेरिकी डॉलर; हलाल फैशन क्षेत्र – 27,000 करोड़ अमेरिकी डॉलर, हलाल फार्मा क्षेत्र – 8,700 करोड़ अमेरिकी डॉलर; हलाल कासमेटिक क्षेत्र – 6,100 करोड़ अमेरिकी डॉलर। अब यह अनुमान लगाया जा रहा है कि हलाल प्रमाणित व्यापार यदि इसी रफ्तार से आगे बढ़ता रहा तो वर्ष 2023 तक हलाल अर्थव्यवस्था का अनुमानित व्यापार 3 लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर का हो जाएगा, जो कि विश्व के कई विकसित देशों जैसे कनाडा, दक्षिण कोरिया, ब्राजील, इटली, स्पेन, आदि के सकल घरेलू उत्पाद से भी कहीं अधिक होगा। विश्व में चूंकि मुस्लिम मतावलंबियों की संख्या बहुत अधिक है अतः अब विभिन्न वस्तुओं एवं सेवाओं को धर्म के आधार पर बेचे जाने के प्रयास किए जा रहे हैं ताकि मुस्लिम मतावलंबियों द्वारा उपयोग की जाने वाली वस्तुओं एवं सेवाओं को मुस्लिम संस्थानों द्वारा ही निर्मित किया जा सके एवं अगर अन्य धर्मों को मानने वाले अनुयायियों द्वारा इन उत्पादों का निर्माण किया जाता है और यदि वे अपने उत्पादों को मुस्लिम मतावलंबियों के बीच बेचना चाहते हैं तो उनके लिए भी हलाल प्रमाणन प्रमाण पत्र प्राप्त करना आवश्यक हो जाए। इस प्रकार, विभिन्न उत्पाद निर्माण करने वाली कम्पनियों को अपने व्यापार का विस्तार करने के उद्देश्य से हलाल प्रमाणन प्रमाण पत्र लेना अब एक आवश्यकता बन चुका है। भारत में तो कई मुस्लिम बुद्धिजीवियों द्वारा पतंजलि संस्थान द्वारा निर्मित आयुर्वेदिक उत्पादों को मुस्लिम मजहब के अनुयायियों द्वारा उपयोग किए जाने को निरुत्साहित किया जाता है एवं केवल हलाल प्रमाणित वस्तुओं एवं सेवाओं के उपयोग हेतु ही प्रेरणा दी जाती है। परंतु, वहीं चीन की कई कम्पनियां समस्त उत्पादों का हलाल प्रमाणन प्रमाण पत्र प्राप्त कर भारत में अपने उत्पाद बहुत ही आसानी बेचकर व्यापार कर रही है और चीन में मुस्लिम मतावलंबियों को समाप्त कर रही है अर्थात उनके चिन्ह जैसे मस्जिद, दाढ़ी, टोपी, आदि को समाप्त कर रही है। भारत में मुस्लिम मतावलंबी चीनी सामान को बढ़ावा दे रहे हैं और जो भारत मुस्लिमों को सबसे अधिक सुविधाएं देता है, उस सहिष्णु भारत के व्यापारियों का विरोध कर रहे हैं। आज पूरे विश्व में इस्लाम के सभी फिकरे केवल और केवल भारत में ही रहते हैं एवं ये सभी फिकरे भारत में एकदम सुरक्षित हैं वरना कई इस्लामी देशों में तो ये आपस में ही लढ़-भिढ़ रहे हैं। विभिन आर्थिक गतिविधियों के क्षेत्रों यथा, हलाल मांस, हलाल फैशन एवं सौंदर्य के अन्य साधन, हलाल किराने का सामान, हलाल सब्जियां, हलाल वित्तीय सुविधाएं, हलाल ढाबे, आदि में हलाल प्रमाणन प्रमाण पत्र प्रदान करने के पूर्व किस प्रकार की प्रक्रिया अपनायी जानी चाहिए इसे अब निर्धारित करने का समय आ गया है एवं इस सम्बंध में दिशा निर्देश जारी किये जाने चाहिए एवं यह दिशा निर्देश पूरे विश्व में हलाल प्रमाणन प्रमाण पत्र जारी करने वाली संस्थाओं पर समान रूप से लागू किए जाने चाहिए। दरअसल, अब खाने पीने की वस्तुओं एवं सेवाओं के लिए भी हलाल प्रमाणन संस्थाएं हलाल प्रमाणन प्रमाण पत्र जारी कर रही है। यदि खाने पीने की वस्तुओं के लिए हलाल प्रमाणन प्रमाण पत्र एक निर्धारित प्रक्रिया के अंतर्गत जारी नहीं किए जाते हैं तो इन वस्तुओं का उपयोग करने वाले लोगों के लिए स्वास्थ्य सम्बंधी परेशानी खड़ी हो सकती हैं एवं इनका जीवन ही खतरे में पड़ सकता है। दूसरे, हलाल प्रमाणन प्रमाण पत्र जारी करने वाले संस्थानों की आय में बेतहाशा वृद्धि को देखते हुए अब यह आवश्यक हो गया है कि विभिन्न देशों द्वारा स्थानीय स्तर एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस आय का उपयोग किस प्रकार किया जा रहा है इस सम्बंध में भी नियम बनाए जाने चाहिए क्योंकि चीन में हलाल राशि इस्लाम को कुचलने के काम आती है, यूरोपीयन देशों में हलाल राशि वामपंथी-पूंजीपतियों के द्वारा वैश्विक षड्यंत्र के काम आती है और कुछ मुस्लिम देशों में हलाल की कुछ राशि इस्लामिक जिहाद के लिए काम आती है। Read more » Halal certification certificate without government regulations
राजनीति भ्रष्ट होते चुनावों से लोकतंत्र के धुंधलाने का संकट November 22, 2023 / November 22, 2023 by ललित गर्ग | Leave a Comment -ललित गर्ग-चुनाव चाहे लोकसभा के हो या विधानसभा के या फिर नीचे के लोकतांत्रिक संगठनों के, जहां नीति, नैतिकता एवं पवित्रता की बात पीछे छूट जाती है, वहां न केवल लोकतंत्र बल्कि राष्ट्र भी कमजोर हो जाता है। तीन राज्यों में चुनाव हो चुके हैं और दो राज्यों में चुनाव होने वाले हैं। स्वच्छ और […] Read more » The danger of democracy being blurred due to corrupt elections
राजनीति विश्ववार्ता युद्ध-विराम के लिये समझौते टेबल पर बैठने की पहल हो November 21, 2023 / November 21, 2023 by ललित गर्ग | Leave a Comment -ललित गर्ग- इजरायल-हमास के बीच जारी युद्ध किस करवट बैठेगा, इसकी कोई भविष्यवाणी नहीं कर सकता। डेढ़ माह से चल रहे इस युद्ध को विराम देने की कामना पूरी दुनिया कर रही है। सब शांति चाहते हैं, अयुद्ध चाहते हैं, अमन-चैन की भावना सभी के दिलों में है। लेकिन शांति एवं अयुद्ध की कामना के […] Read more » इजरायल-हमास युद्ध