Category: राजनीति

राजनीति

लोकतन्त्र की हत्या करने पर उतारू भीड़तन्त्र

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कृष्णमुरारी त्रिपाठी अटल  भारत की स्वतन्त्रता एवं संविधान लागू होने के पश्चात हमारे पुरखों ने यह कभी नहीं सोचा रहा होगा कि -जिन उद्देश्यों को लेकर भारतवर्ष की शासन व्यवस्था को संवैधानिक शक्तियाँ तथा नागरिकों को अपने मत विचार, अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता के साथ उनके सर्वांगीण विकास के लिए मौलिक अधिकारों एवं कर्त्तव्यों की बागडोर […]

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वंशवादी राजनीति के शिकंजे में छटपटाता लोकतंत्र

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-प्रो. रसाल सिंहसंविधान दिवस (26 नवम्बर) के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी ने बड़ी मार्के की बात कही हैI उन्होंने कहा है कि वंशवादी दल अपना लोकतान्त्रिक चरित्र खो चुके हैंI इन दलों में आंतरिक लोकतंत्र नहीं है और ये लोकतंत्र की रक्षा करने में सक्षम नहीं हैंI दरअसल, […]

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