आर्थिकी राजनीति ब्रिक्स में भारत का बढ़ता वर्चस्व संतुलित दुनिया का आधार July 7, 2025 / July 7, 2025 by ललित गर्ग | Leave a Comment -ललित गर्ग –ब्राजील के रियो डी जनेरियो में रविवार को हुए 17वें ब्रिक्स सम्मेलन में सदस्य देशों ने 31 पेज और 126 पॉइंट वाला एक जॉइंट घोषणा पत्र जारी किया। इसमें पहलगाम आतंकी हमले और ईरान पर इजराइली हमले की निंदा की गई। इससे पहले 1 जुलाई को भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया की मेंबरशिप […] Read more »
राजनीति क्या भारत ग्लोबल साउथ में अपनी खोई विरासत फिर हासिल कर पाएगा? July 3, 2025 / July 3, 2025 by ओंकारेश्वर पांडेय | Leave a Comment मोदी का घाना दौरा -: कूटनीति का वही ढोल या साख लौटाने की ठोस कवायद? ओंकारेश्वर पांडेय ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद तमाम सवालों से घिरे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब घाना की धरती पर उतरे, तो उनके कदमों में 75 साल की उम्र की थकान और हार न मानने की जिद एकसाथ झलक रही थी। अक्रा के हवाई अड्डे पर, हल्के नीले नेहरू जैकेट में सजे मोदी का चेहरा […] Read more » Modi's visit to Ghana मोदी का घाना दौरा
राजनीति एससीओ में आतंकवाद पर चले पारस्परिक दांवपेंच के मायने July 2, 2025 / July 2, 2025 by कमलेश पांडेय | Leave a Comment कमलेश पांडेय जब इजरायल जैसा छोटा-सा यहूदी देश अपने शौर्य, पराक्रम और कूटनीति जनित तकनीकी विकास के बल पर ईरान जैसे कट्टर शिया इस्लामिक देश का मुकाबला कर सकता है तो भारत जैसा विशाल हिन्दू राष्ट्र अपने शौर्य, पराक्रम और कूटनीति जनित तकनीकी विकास के बल पर पाकिस्तान / पूर्वी पाकिस्तान (बंगलादेश) जैसे कट्टर सुन्नी […] Read more » The meaning of the mutual negotiations on terrorism in SCO एससीओ में आतंकवाद
राजनीति संयुक्त राष्ट्र: दंतहीन, विषरहित July 2, 2025 / July 2, 2025 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment सचिन त्रिपाठी दुनिया जब जलती है तो कोई ऐसा मंच चाहिए जो केवल आग बुझाने की अपील न करे बल्कि पानी लेकर पहुंचे लेकिन 21वीं सदी के तीसरे दशक में जब-जब युद्धों की चिंगारियां उठीं, तब-तब संयुक्त राष्ट्र केवल बयानों और प्रस्तावों की राख उड़ाता नजर आया। क्या यह वही संस्था है जिसे 1945 में […] Read more » United Nations: Toothless संयुक्त राष्ट्र
राजनीति संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवादी ‘और ‘धर्मनिरपेक्ष ‘पर पुनर्विचार की आवश्यकता है। July 2, 2025 / July 2, 2025 by डॉ.बालमुकुंद पांडेय | Leave a Comment डॉ. बालमुकुंद पांडेय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह श्रीमान दत्तात्रेय होसवाले जी ने’ इमरजेंसी के 50 साल ‘ के कार्यक्रम में कहा कि ‘ समाजवादी’ और’ धर्मनिरपेक्ष ‘ शब्दों को आपातकाल के दौरान संविधान की प्रस्तावना में शामिल किया गया था । इन शब्दों को सत्ता की सुरक्षा के लिए शामिल किया गया था । […] Read more » समाजवादी और 'धर्मनिरपेक्ष संविधान की प्रस्तावना में 'समाजवादी 'और 'धर्मनिरपेक्ष 'पर पुनर्विचार
राजनीति ‘सुपर जासूस’ की रिसर्च एंड एनालिसिस विंग के प्रमुख पद पर नियुक्ति July 2, 2025 / July 2, 2025 by रामस्वरूप रावतसरे | Leave a Comment रामस्वरूप रावतसरे पराग जैन का नाम खुफिया हलकों में ‘सुपर जासूस’ के तौर पर गूँजता है चाहे वह ‘ऑपरेशन सिंदूर‘ में आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद करना हो, जम्मू-कश्मीर में जमीनी स्तर पर खुफिया नेटवर्क बनाना हो या फिर कनाडा और श्रीलंका में भारत-विरोधी साजिशों को नाकाम करना हो। आईपीएस पराग जैन ने हर मोर्चे पर अपनी […] Read more » पराग जैन
राजनीति महिला आरक्षण की दहलीज़ पर लोकतंत्र: अब दलों को जिम्मेदारी उठानी होगी July 2, 2025 / July 2, 2025 by प्रियंका सौरभ | Leave a Comment 2023 में पारित नारी शक्ति वंदन अधिनियम भारत में राजनीति के स्वरूप को बदलने का ऐतिहासिक अवसर है। हालांकि इसका क्रियान्वयन 2029 के लोकसभा चुनाव से पहले संभव है, लेकिन यह तभी सफल होगा जब राजनीतिक दल अभी से महिलाओं के लिए अनुकूल वातावरण बनाएँ। केवल आरक्षित सीटें देना पर्याप्त नहीं; दलों को आंतरिक कोटा, […] Read more » महिला आरक्षण की दहलीज़ पर लोकतंत्र महिला आरक्षण की दहलीज़ पर लोकतंत्र: अब दलों को जिम्मेदारी उठानी होगी
राजनीति सहयोग की शक्ति और सामाजिक समरसता का उत्सव July 2, 2025 / July 2, 2025 by ललित गर्ग | Leave a Comment अन्तर्राष्ट्रीय सहकारिता दिवस- 4 जुलाई, 2025 ललित गर्ग हर वर्ष जुलाई के पहले शनिवार को अंतरराष्ट्रीय सहकारिता दिवस मनाया जाता है। यह दिन सहकारी संस्थाओं की उपलब्धियों को रेखांकित करने और उनके सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक योगदान को सम्मानित करने का अवसर होता है। सहकारिता एक ऐसा आंदोलन है जो ‘एकता में शक्ति’ की भावना […] Read more » A celebration of the power of cooperation and social harmony
राजनीति भारत का प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान नहीं चीन है July 1, 2025 / July 1, 2025 by राजेश कुमार पासी | Leave a Comment राजेश कुमार पासी जब अंग्रेजों ने भारत को आजाद किया तो वो जाते-जाते भी भारत के साथ साजिश कर गए । उन्हें अच्छी तरह से पता था कि भारत भविष्य में बड़ी शक्ति के रूप में उभर सकता है । भारत बड़ी शक्ति बनकर उनके लिए भविष्य में चुनौती न बन जाए इसलिए भारत को दो टुकड़ों में बांट गए । यह हमारी गलत सोच है कि भारत का विभाजन हिन्दू-मुस्लिम मतभेद की वजह से हुआ था । वास्तव में उन्होंने दोनों समुदायों के बीच के मतभेदों को बढ़ाकर ऐसे हालात पैदा कर दिये गए कि विभाजन के लिए हमारे नेताओं को मजबूर होना पड़ा । पाकिस्तान बनने से न केवल भारत कमजोर हुआ बल्कि भारत को हमेशा के लिए उसका एक कट्टर दुश्मन मिल गया । पाकिस्तान अपनी पैदाइश से ही भारत को अपना सबसे बड़ा शत्रु मानता आ रहा है जबकि भारत ने कभी भी पाकिस्तान को अपने दुश्मन के रूप में नहीं देखा । आप सोचकर देखिए कि अगर पाकिस्तान के साथ हुए युद्धों में भारत की हार हुई होती तो पाकिस्तान ने भारत का क्या हाल किया होता । भारत ने कई युद्धों में पाकिस्तान को बुरी तरह से हराने के बावजूद उसके साथ मित्रों जैसा व्यवहार किया । वास्तव में पाकिस्तान अपनी पैदाइश से ही एक जिहादी मानसिकता वाले आत्मघाती आतंकवादी ही तरह व्यवहार कर रहा है । वो खुद को मिटाकर भी भारत को खत्म कर देना चाहता है । विदेशी शक्तियां पाकिस्तान की पैदाइश से ही उसका इस्तेमाल भारत को आगे बढ़ने से रोकने के लिए करती रही हैं । पहले अमेरिका और पश्चिमी देश पाकिस्तान को भारत के खिलाफ इस्तेमाल कर रहे थे, अब चीन पाकिस्तान का इस्तेमाल कर रहा है । पाकिस्तान एक ऐसे गुंडे की तरह है जिसे पैसा देकर कोई भी भारत के खिलाफ मैदान में उतार सकता है । इसकी एक वजह यह भी है कि पाकिस्तान अपनी शक्ति के बल पर भारत के खिलाफ ज्यादा कुछ नहीं कर सकता । सवाल यह है कि अगर कोई अन्य देश सह नहीं देता तो क्या पाकिस्तान भारत का दोस्त बन जाता । सच्चाई कड़वी है लेकिन सच यही है कि पाकिस्तान का अस्तित्व ही भारत विरोध पर टिका हुआ है । कहा जाता है कि देशों के पास उनकी सेना होती है लेकिन पाकिस्तान की सेना ऐसी है जिसके पास एक देश है । पाकिस्तानी सेना अपनी जनता को भारत के खिलाफ भड़काती रहती है कि अगर वो न हो तो भारत पाकिस्तान को खत्म कर देगा । यही कारण है कि पाकिस्तान की आम जनता भी भारत के प्रति नफरत से भरी हुई है और वो सेना का भारी-भरकम खर्च उठा रही है । पाकिस्तान के कारण भारत का सबसे बड़ा नुकसान यह हुआ है कि वो अपने असली दुश्मन को कभी पहचान नहीं सका । पूर्व रक्षामंत्री जॉर्ज फर्नांडिस ने कहा था कि चीन भारत का नम्बर वन दुश्मन है लेकिन उनकी यह बात किसी को समझ नहीं आई । प्रथम प्रधानमंत्री नेहरू जी चीन को मित्र देश मानते थे और उसके साथ मिलकर शांति के कबूतर उड़ाया करते थे । चीन से मित्रता हासिल करने के लिए उन्होंने भारत के हितों के साथ कई समझौते किये । वो चीन को खुश करते रहे ताकि वो भारत का दोस्त बना रहे लेकिन उनकी लाख कोशिशों के बावजूद चीन ने 1962 में भारत पर हमला करके भारत के बड़े भूभाग पर कब्जा कर लिया । चीन के इतने बड़े धोखे के बाद कुछ सालों तक भारत सरकार चीन के प्रति सतर्क रही लेकिन फिर एक बार उसकी तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाया गया । यूपीए शासन के दौरान कांग्रेस ने चीन के साथ एक एमओयू साइन किया है लेकिन इसमें क्या है, यह अभी तक देश की जनता को पता नहीं है । आज राहुल गांधी चीन के विकास का ढिंढोरा पीटते हैं लेकिन वो यह नहीं बताते कि 1980 तक चीन भारत के बराबर ही था लेकिन कांग्रेस की नीतियों के कारण भारत पिछड़ता गया और चीन आगे बढ़ गया । कितनी अजीब बात है कि एक लोकतांत्रिक देश होने के बावजूद भारत वामपंथी नीतियों पर चलकर आर्थिक बर्बादी की ओर जा रहा था जबकि चीन वामपंथी देश होकर पूंजीवाद के बल पर आर्थिक विकास की सीढ़ियां तेजी से चढ़ रहा था । वाजपेयी सरकार के समय भारत का चीन के साथ एक अरब डॉलर के घाटे का व्यापार था लेकिन यूपीए शासन के बाद यह घाटा सौ अरब डॉलर तक पहुंच गया । मोदी सरकार के आने के बाद इसमें बढ़ोतरी बेशक न हुई हो लेकिन यह कम नहीं हो पा रहा है । इसकी बड़ी वजह यह है कि यूपीए शासन के दौरान हमारी अर्थव्यवस्था चीन पर इतनी ज्यादा निर्भर हो गई है कि हम चाह कर भी चीन से आयात कम नहीं कर पा रहे हैं । सवाल यह है कि हम अपने ही पैसे से दुश्मन को क्यों बढ़ावा दे रहे हैं । वास्तव में चीन ने अमेरिका के सहयोग से अपने आपको दुनिया की फैक्टरी बना लिया है । यह हमारे देश की विदेश नीति की बहुत बड़ी विफलता है कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र होने के बावजूद अमेरिका ने हमें न चुनकर चीन को इस काम के लिये चुना । जो चीन 1980 में हमारे बराबर था, वो आज हमारे से पांच गुणा बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है । हम पाकिस्तान के साथ ऐसे उलझे रहे कि हम चीन की तरफ देख ही नहीं पाए । हम यह पहचान नहीं सके कि हमारा असली दुश्मन चीन है और उसकी बढ़ती ताकत एक दिन हमारे लिए सबसे बड़ी समस्या बन जाएगी । हम पाकिस्तान से खुद को अलग करना चाहते थे लेकिन आतंकवाद को हथियार बनाकर उसने हमें उलझाये रखा । पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम इसलिए नहीं उठाए गए क्योंकि पाकिस्तान परमाणु बम की धमकी देता था । पाकिस्तान और चीन ने एक जबरदस्त गठजोड़ बना लिया है जो हमारी सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा बन चुका है । 2014 में मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद चीन के खतरे को सही तरह से पहचाना गया है । यूपीए शासन में चीन सीमा पर बुनियादी ढांचे के विकास की अनदेखी की गई क्योंकि रक्षा मंत्री का कहना था कि चीन इसका फायदा उठाकर हमारे देश में घुस जाएगा । मोदी सरकार ने बुनियादी ढांचे का विकास करके बता दिया कि यूपीए सरकार की सोच कितनी गलत थी । मोदी सरकार ने रक्षा क्षेत्र में खुद को आत्मनिर्भर बनाने की ओर कदम बढ़ाए जबकि पहले हम पूरी तरह से विदेशी हथियारों पर निर्भर थे । ऑपरेशन सिंदूर ने साबित कर दिया कि भारतीय हथियारों में कितना दम है और भारत हथियारों के मामले में कितना आत्मनिर्भर हो चुका है । इस युद्ध में पाकिस्तान ने चीनी हथियारों का जबरदस्त इस्तेमाल किया है लेकिन हमारी सेना ने दिखा दिया कि वो चीनी हथियारों का कैसे मुकाबला कर सकती है । भारत की जबरदस्त रक्षा तैयारियां बता रही हैं कि हम पाकिस्तान को ध्यान में रखते हुए अपनी तैयारी नहीं कर रहे हैं । चीन को भी समझ आ चुका है कि भारत उसका मुकाबला करने की तैयारी कर रहा है । पहले डोकलाम और फिर गलवान में भारतीय सेना ने बता दिया है कि भारत चीन से मुकाबले के लिए तैयार है । भारत इसकी भी तैयारी कर रहा है कि अगर चीन और पाकिस्तान एक साथ हमला कर दें तो कैसे मुकाबला करना है । ऑपरेशन सिंदूर ने साबित कर दिया है कि पाकिस्तान के मुकाबले हम सैन्य के रूप से इतने ज्यादा सक्षम हैं कि उसकी ज्यादा परवाह करने की जरूरत नहीं है । हमारा असली दुश्मन पाकिस्तान नहीं चीन है और उसकी बढ़ती आर्थिक ताकत है । भारत उसके मुकाबले के लिये उसके विकल्प के रूप में दुनिया के सामने खुद को पेश कर रहा है और इसका असर दिखाई देने लगा है । विदेशी कंपनियों को भारत में चीन से मुकाबला करने की क्षमता दिखाई दे रही है । आज भारत दुनिया का सबसे किफायती उत्पादन करने वाला देश बन गया है जो कि पहले चीन था । हम जल्दी ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने वाले हैं लेकिन चीन से मुकाबला करना अभी भी मुश्किल दिखाई दे रहा है । अब समय आ गया है कि हम पाकिस्तान से खुद को अलग करके चीन की तरफ ध्यान दें । हम बेशक चीन के खिलाफ सैन्य तैयारियां कर सकते हैं लेकिन जब तक आर्थिक रूप से उसके मुकाबले खड़े नहीं होते, तब तक हम कमजोर ही रहेंगे । सैन्य रूप से मजबूत होना जरूरी है लेकिन उससे भी ज्यादा जरूरी है कि दुश्मन से आर्थिक रूप से कमजोर न हुआ जाए । अगर किसी वजह से लड़ाई लंबी हो जाए तो आर्थिक ताकत ही काम आती है । चीन के साथ मित्रता रखते हुए हमें उससे मुकाबले को तैयार भी रहना है । जब तक हम आर्थिक रूप से मजबूत नहीं हो जाते, उसके उकसावे में नहीं आना है । हमारा मीडिया और जनता पाकिस्तान को जितना महत्व देते हैं और उससे बेहतर होने की खुशी मनाते हैं, उससे बाहर निकलने की जरूरत है । अब हमारा ध्यान सिर्फ चीन पर होना चाहिए क्योंकि पाकिस्तान भी अब सिर्फ उसका मोहरा भर रह गया है । चीन भारत के खिलाफ बांग्लादेश को भी तैयार कर रहा है । इसके अलावा वो म्यांमार में भी अपना प्रभाव बढ़ा रहा है । हमें चीन की हरकतों पर कड़ी नजर रखनी होगी क्योंकि वो नहीं चाहता है कि भारत एक बड़ी आर्थिक शक्ति बन जाए । राजेश कुमार पासी Read more » India's rival is China not Pakistan भारत का प्रतिद्वंद्वी चीन
राजनीति समाजवादी- धर्मनिरपेक्ष शब्दों की समीक्षा की जरूरत July 1, 2025 / July 1, 2025 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment संदर्भः-आपातकाल में दर्ज किए संविधान की प्रस्तावना में संतों को हटाने की जरूरतप्रमोद भार्गव आपातकाल में जब भारतीय लोकतंत्र कारागारों में बंधक था तब 1976 में संविधान की प्रस्तावना में 42वें संविधान संषोधन अधिनियम के तहत बदला गया, जिसमें ‘समाजवादी‘, ‘धर्मनिरपेक्ष‘ और ‘अखंडता‘ शब्द जोड़ दिए गए थे। अब इन शब्दों को विलोपित करने की मांग राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने उठा दी […] Read more » There is a need to review the words socialist and secular
राजनीति क्या पीएमएमएल ट्रस्ट सोनिया गाँधी पर चोरी का मुकदमा दर्ज करायेगा? June 30, 2025 / June 30, 2025 by रामस्वरूप रावतसरे | Leave a Comment रामस्वरूप रावतसरे कॉन्ग्रेस नेता सोनिया गाँधी पर जल्द ही चोरी का मुकदमा दर्ज हो सकता है। प्रधानमंत्री संग्रहालय एवं पुस्तकालय (पीएमएमएल) सोसाइटी देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से जुड़े कुछ निजी दस्तावेजों को वापस पाने के लिए इस एक्शन पर विचार कर रही है। ये दस्तावेज वर्ष 2008 में यूपीए सरकार के दौरान हटाए गए […] Read more » Will PMML Trust file a theft case against Sonia Gandhi?
राजनीति संविधान की प्रस्तावना में शामिल ‘समाजवादी’ व ‘धर्मनिरपेक्षता’ शब्द पर जारी सियासत के मायने June 30, 2025 / June 30, 2025 by कमलेश पांडेय | Leave a Comment कमलेश पांडेय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी आरएसएस सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने संविधान की प्रस्तावना में बाद में शामिल किए गए दो शब्दों ‘संविधान की प्रस्तावना में शामिल ‘समाजवादी’ व ‘धर्मनिरपेक्षता’ शब्द पर जारी सियासत के मायने’ और ‘धर्मनिरपेक्ष’ को ‘संविधान हत्या दिवस’ के दिन ही हटवाने की जो वकालत की है, उसके राष्ट्रीय, सामाजिक और […] Read more » 'समाजवादी' व 'धर्मनिरपेक्षता'