राजनीति कश्यप ऋषि के साथ कश्मीर को जोड़ने का गृहमंत्री का संकेत January 8, 2025 / January 8, 2025 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment जम्मू और कश्मीर शब्दों का जोड़ा भी अत्यंत प्राचीन काल से है। जिसे आज हम जम्मू क्षेत्र कहते हैं, यह कभी जंबूद्वीप हुआ करता था। संपूर्ण यूरोप और एशिया का नाम जंबूद्वीप था । आज जिस जम्मू को हम देखते हैं वह समझो यूरोप और एशिया नाम के दो महासागरों की एक छोटी सी तलैया […] Read more »
राजनीति शिक्षण संस्थानों में बढ़ती हिंसा और उस पर काबू पाने के उपाय January 8, 2025 / January 8, 2025 by डॉ.नर्मदेश्वर प्रसाद चौधरी | Leave a Comment डॉ. नर्मदेश्वर प्रसाद चौधरी शिक्षण संस्थान एक ज्ञानशाला की तरह होती है जहां गुरु ईश्वर के समान पूज्य होता है। स्कूलों में देश का भविष्य निर्माण होता है। स्कूल की शिक्षा बच्चों में सांस्कृतिक धरोहर का बीजारोपण करती हैं । बीते कुछ ही दिन पहले शिवसागर जिले के एक […] Read more » शिक्षण संस्थानों में बढ़ती हिंसा
राजनीति विकास ही है लाल आतंक को खत्म करने का पुख्ता तरीका January 8, 2025 / January 8, 2025 by सुनील कुमार महला | Leave a Comment सुनील कुमार महला ‘लाल आतंक” एक दंश है, एक नासूर है। सच तो यह है कि ‘लाल आतंक’ आज हमारे देश के लिए एक बड़ी चुनौती है। हाल ही में नक्सलियों के हमले में छत्तीसगढ़ के बीजापुर में एक आईईडी ब्लास्ट में डीआरजी(डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड) के 8 जवान शहीद हो गए। इस हमले में ड्राइवर […] Read more » Development is the only sure way to end red terror लाल आतंक को खत्म करने का पुख्ता तरीका
राजनीति दिल्ली के चुनाव ‘आप’ के लिये परीक्षा की घड़ी January 8, 2025 / January 8, 2025 by ललित गर्ग | Leave a Comment -ललित गर्ग- देश का दिल कहे जाने वाली राजधानी दिल्ली में विधानसभा चुनाव-2025 का बिगुल बज चुका है, कड़कड़ाती सर्दी में भारतीय जनता पार्टी, आम आदमी पार्टी एवं कांग्रेस केे बीच राजनीतिक दंगल के आगाज के साथ राजनीतिक पारा भी चढ़ने लगा है। उम्मीद की जा रही है कि ठण्ड का पारा गिरने-चढ़ने का रिकॉर्ड […] Read more » दिल्ली चुनाव
राजनीति कश्मीरी पंडितों का विस्थापन:काश इनका भी कोई वोट-बैंक होता! January 8, 2025 / January 8, 2025 by डॉ० शिबन कृष्ण रैणा | Leave a Comment डा० शिबन कृष्ण रैणा माना जाता है कि कश्मीर घाटी से पंडितों का विस्थापन सात बार हुआ है। पहला विस्थापन १३८९ ई० के आसपास हुआ जब घाटी में विदेशी आक्रान्ताओं द्वारा बलपूर्वक इस्लामीकरण के परिणामस्वरूप हजारों की संख्या में पंडित या तो हताहत हुए या फिर अपनी जान बचाने के लिए भाग खड़े हुए। इस […] Read more » कश्मीरी पंडितों का विस्थापन
राजनीति नये भारत के निर्माण में प्रवासी भारतीयों की शक्ति लगे January 8, 2025 / January 8, 2025 by ललित गर्ग | Leave a Comment प्रवासी भारतीय दिवस- 9 जनवरी, 2025-ललित गर्ग- प्रवासी भारतीय दिवस भारत के विकास में प्रवासी भारतीय समुदाय के योगदान को चिह्नित करने के लिए हर साल 9 जनवरी को मनाया जाता है। 1915 में इसी दिन महात्मा गांधी, सबसे बड़े प्रवासी के रूप में दक्षिण अफ्रीका से भारत लौट थे और भारत के स्वतंत्रता संग्राम […] Read more » प्रवासी भारतीय दिवस ललित
राजनीति एक दूसरे के विचारों का आदर करना ही लोकतन्त्र का तक़ाज़ा है। January 7, 2025 / January 7, 2025 by विजय सहगल | Leave a Comment विजय सहगल 19 दिसम्बर 2024 का दिन भारतीय लोकतन्त्र के लिये शर्मसार करने वाला था। पक्ष और विपक्ष के राजनैतिक मतभेद आपसी मनभेद मे बदल गये, यहीं आपसी सम्बन्धों का अधोपतन, हिंसक धक्का मुक्की और अनैतिकता की पराकाष्ठा तक जा पहुंची। इस हिंसक धक्का मुक्की मे माननीय भाजपा सांसद प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत घायल हो गये। […] Read more »
राजनीति व्यंग्य कोसने में पारंगत बने January 7, 2025 / January 7, 2025 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment विवेक रंजन श्रीवास्तव लोकतंत्र है तो अब राजा जी को चुना जाता है शासन करने के लिए। लिहाजा जनता के हर भले का काम करना राजा जी का नैतिक कर्तव्य है। लोकतंत्र ने सारे जरा भी सक्रिय नागरिकों को और विपक्ष को पूरा अधिकार दिया है कि वह राजा जी से उनके हर फैसले पर […] Read more »
राजनीति विश्ववार्ता अविश्वसनीय देश है चीन ! January 7, 2025 / January 7, 2025 by सुनील कुमार महला | Leave a Comment सुनील कुमार महला हमेशा – हमेशा से चीन के भारत के प्रति इरादे कुछ ठीक नहीं रहे हैं। समय-समय पर चीन का असली चेहरा दुनिया के सामने आ रहा है और सच तो यह है कि चीन अपनी विस्तारवादी नीतियों से बाज नहीं आ रहा है। इस क्रम में हाल ही में भारत ने चीन […] Read more »
राजनीति युद्ध एवं आतंक से झूलसी दुनिया में शांति का उजाला हो January 7, 2025 / January 7, 2025 by ललित गर्ग | Leave a Comment -ललित गर्ग-नव वर्ष 2025 की शुरुआत दुनिया के लिए शांति, अमनचैन, अयुद्ध और समृद्धि का वर्ष बनने की कामना के साथ हुई लेकिन अमेरिका में नए साल के पहले ही दिन हुए आतंकी ट्रक अटैक में 15 लोगों की मौत हो गई और दर्जनों लोग घायल हो गए। न्यू ऑरलियन्स में हुए इस कायरतापूर्ण आतंकवादी […] Read more » May there be light of peace in a world scorched by war and terror युद्ध एवं आतंक
राजनीति शख्सियत कल्याण सिंह ने श्री राम जन्मभूमि और धर्म के लिए सत्ता का त्याग किया January 5, 2025 / January 7, 2025 by ब्रह्मानंद राजपूत | Leave a Comment (कल्याण सिंह जी की 93वीं जन्म-जयंती पर विशेष आलेख) भारतीय राजनीति के युगपुरुष, श्रेष्ठ राजनीतिज्ञ, कोमल हृदय संवेदनशील मनुष्य, वज्रबाहु राष्ट्र प्रहरी, भारत माता के सच्चे सपूत और भारतीय राजनीति में भगवान श्री रामचंद्र जी के हनुमान हिन्दू ह्रदय सम्राट कल्याण सिंह ऐसे नेताओं में गिने जाते हैं जिन्होंने भारतीय राजनीति में अनेकों मिसाल पेश की हैं। हिन्दू ह्रदय सम्राट कल्याण सिंह का राजनीतिक व व्यक्तिगत जीवन हमेशा से बेदाग रहा है। कल्याण सिंह के कुशल प्रशासन की मिसालें तब तक दी जायेंगी जब तक ये संसार रहेगा। कल्याण सिंह ने जमीन से जुड़े रहकर राजनीति की और ‘‘जनता के नेता’’ के रूप में लोगों के दिलों में अपनी खास जगह बनायी थी। एक ऐसे इंसान जो बच्चे, युवाओं, महिलाओं, बुजुर्गों सभी के बीच में लोकप्रिय थे। देश का हर हिन्दू युवा, बच्चा उन्हें अपना आदर्श मानता था। हिन्दू ह्रदय सम्राट कल्याण सिंह का व्यक्तित्व हिमालय के समान विराट था। कल्याण सिंह को भारतीय राजनीति में बाबूजी के रूप में जाना जाता था। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का जन्म 5 जनवरी सन् 1932 को उत्तर प्रदेश के अलीगढ जनपद की अतरौली तहसील के मढ़ौली ग्राम के एक सामान्य किसान परिवार में हुआ। कल्याण सिंह के पिता का नाम तेजपाल सिंह लोधी और माता का नाम सीता देवी था। कल्याण सिंह में बचपन से ही नेतृत्व करने की क्षमता थी। कल्याण सिंह बचपन में ही राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ से जुड़ गए थे और राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ की शाखाओं में भाग लेने लगे थे। कल्याण सिंह ने विपरीत परिस्थितियों में कड़ी मेहनत कर अपनी उच्च शिक्षा प्राप्त की। इसके बाद कल्याण सिंह ने अध्यापक की नौकरी की। और साथ-साथ राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ से जुड़ कर राजनीति के गुण भी सीखते रहे। कल्याण सिंह राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ में रहकर गांव-गांव जाकर लोगों में जागरुकता पैदा करते रहे। कल्याण सिंह का विवाह रामवती देवी से हुआ। कल्याण सिंह के दो संतान है। एक पुत्र और एक पुत्री, पुत्र का नाम राजवीर सिंह उर्फ राजू भैया है और पुत्री का नाम प्रभा वर्मा है। कल्याण सिंह के पुत्र राजवीर सिंह उर्फ राजू भैया वर्तमान में उत्तर प्रदेश की एटा लोकसभा सीट से संसद सदस्य हैं। कल्याण सिंह ने अपना पहला विधानसभा चुनाव अतरौली से जीतकर 1967 में उत्तर प्रदेश विधानसभा पहुंचे। कल्याण सिंह 1967 से लगातार 1980 तक उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य रहे। इस बीच देश में आपातकाल के समय कल्याण सिंह 1975-76 में 21 महीने जेल में रहे। इस बीच कल्याण सिंह को अलीगढ़ और बनारस की जेलों में रखा गया। आपातकाल समाप्त होने के बाद 1977 में रामनरेश यादव को उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया। जिसमें कल्याण सिंह को स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया। सन् 1980 के उत्तर प्रदेश के चुनावों में कल्याण सिंह विधानसभा का चुनाव हार गये। भाजपा के गठन के बाद कल्याण सिंह को उत्तर प्रदेश का संगठन महामंत्री बनाया गया। इस बीच कल्याण सिंह ने गाँव-गाँव, घर-घर जाकर भाजपा को उत्तर प्रदेश में पहचान दिलाने में अहम भूमिका निभाई। कल्याण सिंह 1985 से लेकर 2004 तक लगातार उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य रहे। इस बीच कल्याण सिंह दो बार भाजपा के उत्तर प्रदेश से प्रदेश अध्यक्ष रहे। इस बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई में उत्तर प्रदेश में राम मंदिर आंदोलन चलाया गया। इस आंदोलन में कल्याण सिंह ने भी अहम भूमिका निभाई। राम मंदिर आंदोलन की वजह से उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में भाजपा का उभार हुआ। और जून 1991 में भाजपा ने उत्तर प्रदेश में पूर्ण बहुमत से सरकार बनायी। जिसमे कल्याण सिंह की अहम भूमिका रही। और कल्याण सिंह को मुख्यमंत्री बनाया गया। कल्याण सिंह के मुख्यमंत्री रहते कारसेवकों द्वारा अयोध्या में विवादित बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद वहाँ श्री राम का एक अस्थायी मन्दिर निर्मित कर दिया गया। कल्याण सिंह ने बाबरी मस्जिद विध्वंस की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुये 6 दिसम्बर 1992 को मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र दे दिया। यहीं से भाजपा को कल्याण सिंह के रूप में हिंदुत्ववादी चेहरा मिल गया। इसके बाद उत्तर प्रदेश में भाजपा ने कल्याण सिंह के नेतृत्व में अनेक आयाम छुए। 1993 के उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में कल्याण सिंह अलीगढ के अतरौली और एटा के कासगंज से विधायक निर्वाचित हुये। इन चुनावों में भाजपा कल्याण सिंह के नेतृत्व में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी। लेकिन सपा-बसपा ने मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व में गठबन्धन सरकार बनायी। और उत्तर प्रदेश विधान सभा में कल्याण सिंह विपक्ष के नेता बने। इसके बाद कल्याण सिंह 1997 से 1999 तक पुनः दूसरी बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। कल्याण सिंह के मुख्यमंत्री काल में कानून व्यवस्था एक दम मजबूत थी। इसलिए आज तक उत्तर प्रदेश में लोग कल्याण सिंह के मुख्यमंत्री काल की मिसाल देते हैं। 1998 के लोकसभा चुनावों में भाजपा ने उत्तर प्रदेश में कल्याण सिंह के नेतृत्व में 58 सीटें जीती। 1999 में भाजपा से मतभेद के कारण कल्याण सिंह ने भाजपा छोड़ दी। कल्याण सिंह ने राष्ट्रीय क्रांति पार्टी का गठन किया। 2002 का उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव अपने दम पर राष्ट्रीय क्रांति पार्टी से लड़ा और राष्ट्रीय क्रांति पार्टी के चार विधायक चुने गए और कल्याण सिंह ने बड़े स्तर पर पूरे प्रदेश में भाजपा को नुकसान पहुँचाया। इसके बाद उत्तर प्रदेश की जमीन पर भाजपा कई वर्षो तक कल्याण सिंह की उथल पुथल का और भाजपा के नकारा नेताओं की साजिश का शिकार बनी रही। लेकिन इसका फायदा न कल्याण सिंह को मिल पाया न भगवा पार्टी को। भाजपा और कल्याण सिंह दोनों उत्तर प्रदेश की राजनीति में हाशिये पर चले गए। 2004 में कल्याण सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के आमंत्रण पर भाजपा में वापसी तो कर ली लेकिन, उनको वो पॉवर नहीं मिली जो मंदिर आन्दोलन के समय उनके पास थी। 2004 के आम चुनावों में उन्होंने बुलन्दशहर से भाजपा के उम्मीदवार के रूप में पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ा। और कल्याण सिंह पहली बार बुलंदशहर लोकसभा सीट से संसद पहुंचे। 2007 का उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव भाजपा ने कल्याण सिंह के नेतृत्व में लड़ा। कहने को भाजपा ने 2007 में कल्याण सिंह को भाजपा की तरफ से मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार तो बना दिया लेकिन नाम का, जिसके पास ना तो उम्मीदवार तय करने की पावर थी और ना ही उनके अंडर में उत्तर प्रदेश का चुनाव प्रबंधन था। इसलिए वो चुनाव में कुछ अच्छा नहीं कर सके। इसके बाद 2009 में पुनः अपनी उपेक्षा का आरोप लगाते हुए मतभेदों के कारण भाजपा का दामन छोड कर सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव से नजदीकियां बढ़ा लीं। 2009 के लोकसभा चुनावों में एटा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से निर्दलीय सांसद चुने गये। फिर 2009 लोकसभा चुनाव खत्म होते ही मुलायम ने कल्याण से नाता तोड़ लिया। क्योंकि कल्याण सिंह की बजह से मुस्लिम समुदाय के लोग उनसे नाता तोड़ चुके थे। इसके बाद कल्याण सिंह ने राष्ट्रीय जनक्रान्ति पार्टी का गठन किया जो कि 2012 के विधानसभा चुनाव में कुछ विशेष नहीं कर सकी। लेकिन मुलायम के परम्परागत वोट उनके पास वापस आ गए। इसके बाद 2013 में कल्याण सिंह की भाजपा में पुनः वापसी हुई और कल्याण सिंह का परंपरागत लोधी-राजपूत वोट भी भाजपा से जुड़ गया। और 2014 के लोकसभा चुनावों में नरेंद्र मोदी के कहने पर कल्याण सिंह ने उत्तर प्रदेश में भाजपा का खूब प्रचार किया। भाजपा ने अकेले अपने दम पर 80 लोकसभा सीटों से 71 लोकसभा सीटें जीतीं। और नरेंद्र मोदी देश के यशस्वी प्रधानमंत्री बनें। इसके बाद किसी समय देश के भावी प्रधानमंत्री कहे जाने वाले कल्याण सिंह को राष्ट्रपति ने केंद्र सरकार की सिफारिश पर सितंबर 2014 में राजस्थान का राज्यपाल बनाया। इसके बाद कल्याण सिंह को जनवरी 2015 से अगस्त 2015 तक हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया। लेकिन राजस्थान का राज्यपाल रहते हुए भी कल्याण सिंह का दखल उत्तर प्रदेश की राजनीति में रहा। कल्याण सिंह ने राजस्थान के राज्यपाल के रूप में अपना 05 साल का कार्यकाल पूरा किया और 08 सितम्बर 2019 तक कल्याण सिंह राजस्थान के राज्यपाल रहे। इसके बाद कल्याण सिंह ने 09 सितम्बर 2019 को लखनऊ में भाजपा की पुनः सदस्यता ली और फिर से भाजपाई हो गए। उत्तर प्रदेश में 2017 के विधानसभा और 2019 के लोकसभा चुनावों में भी कल्याण सिंह का अप्रत्यक्ष रुप से प्रभावी दखल रहा। 2017 के विधानसभा और 2019 के लोकसभा चुनावों में पार्टी के अधिकतर प्रत्याशी कल्याण सिंह का जयपुर राजभवन में आशीर्वाद लेने जाते रहे। इसी से पता चलता है कि कल्याण सिंह जनमानस में कितने लोकप्रिय रहे है। लोग कल्याण सिंह सरकार की आज भी मिसालें देते हैं। क्योंकि कल्याण सिंह जब उत्तर प्रदेश के सीएम थे तब राज्य में काफी सुधार और विकास की चीजें हुई थीं। जिससे उनकी लोकप्रियता पिछड़ों सहित सर्वणों में भी है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी अपने भाषणों में कल्याण सरकार के कुशल प्रशासन की मिसाल देते हैं। कल्याण सिंह अपने समय पर उत्तर प्रदेश के हिंदुत्ववादी सर्वमान्य नेता थे। उत्तर प्रदेश में अपनी राजनीति, कुशल प्रशासन और हिंदुत्ववादी छवि के लिए जाने वाले श्रीराम के भक्त कल्याण सिंह ने (21 अगस्त 2021) को 89 साल की उम्र में आखिरी सांस ली। श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन के योद्धा, धर्म के लिए सत्ता का त्याग करने वाले उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राजस्थान एवं हिमाचल प्रदेश के पूर्व राज्यपाल श्री कल्याण सिंह जी की आज 93वीं जन्म-जयंती है। जब जब धर्म के लिए त्याग की चर्चा होगी श्री कल्याण सिंह जी के नाम का विशेष उल्लेख होगा। अयोध्या में आज भव्य रामलला के मंदिर की जो परिकल्पना साकार हुयी है उसमें भी स्वर्गीय श्री कल्याण सिंह जी का योगदान हमेशा अविस्मरणीय रहेगा। लेखक ब्रह्मानंद राजपूत Read more » कल्याण सिंह
राजनीति विश्ववार्ता अमेरिका की आतंकी घटनाएं लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता दोनों के लिए गम्भीर खतरा January 3, 2025 / January 3, 2025 by कमलेश पांडेय | 1 Comment on अमेरिका की आतंकी घटनाएं लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता दोनों के लिए गम्भीर खतरा कमलेश पांडेय दुनिया का थानेदार बन चुके अमेरिका में नए वर्ष पर एक के बाद एक हुए तीन आतंकी हमलों से न केवल अमेरिकी नागरिक बल्कि पूरी दुनिया में लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता की चाह रखने वाले लोग भी स्तब्ध हैं क्योंकि ये घटनाएं लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता दोनों के लिए गम्भीर खतरा बन चुकी हैं। कहना […] Read more » Terrorist incidents in America are a serious threat to both democracy and secularism.