राजनीति अपहरण पर राष्ट्रीय नीति की जरूरत September 8, 2010 / December 22, 2011 by पंकज झा | Leave a Comment जीना है तो मरने के लिए तैयार रहे – पंकज झा बिहार में माओवादियों द्वारा आठ दिन से बंधक बना कर रखे एहसान खान, रूपेश कुमार और अभय यादव को सोमवार की सुबह रिहाई के बाद चुनाव की तैयारियीं में जुटे मुख्यमंत्री नितीश कुमार को राहत ज़रूर मिल गयी होगी. आरक्षकों के परिवार जनों को […] Read more » Maoist अपहरण नक्सली माओवादी
राजनीति सोनियाःअब सहानुभूति नहीं, बड़ी उम्मीदें September 8, 2010 / December 22, 2011 by संजय द्विवेदी | 7 Comments on सोनियाःअब सहानुभूति नहीं, बड़ी उम्मीदें उनका कांग्रेस अध्यक्ष बनना चौंकाने वाली खबर नहीं -संजय द्विवेदी देश की 125 साल पुरानी पार्टी ने एक बार फिर श्रीमती सोनिया गांधी को अपना अध्यक्ष चुन लिया है। जाहिर तौर पर यह कोई चौंकाने वाली सूचना नहीं है। पार्टी के 125 सालों के इतिहास में 32 वर्ष इस दल पर नेहरू परिवार के वारिसों […] Read more » Soniya Gandhi कांग्रेस सोनिया गांधी
राजनीति प्रधानमंत्री की नसीहत : गरीबों की फज़ीहत September 8, 2010 / December 22, 2011 by अशोक बजाज | 6 Comments on प्रधानमंत्री की नसीहत : गरीबों की फज़ीहत सड़ता अनाज और न्यायालय का फैसला प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह ने सुप्रीमकोर्ट को नीतिगत मामलो में हस्तक्षेप न करने की नसीहत देकर एक नये विवाद को जन्म दे दिया है । न्यायालय के आदेश, निर्देश या इच्छा को न मानने या उसे लंबित रखने का वाक्या तो पहले भी हुआ है लेकिन यह पहली बार […] Read more » politics राजनीति
राजनीति मेरा बेटा नहीं… बाकी मरें तो चलेगा – कश्मीर के आज़ादी आंदोलन का पाखण्ड और हकीकत… September 8, 2010 / December 22, 2011 by सुरेश चिपलूनकर | 10 Comments on मेरा बेटा नहीं… बाकी मरें तो चलेगा – कश्मीर के आज़ादी आंदोलन का पाखण्ड और हकीकत… सवाल उठता है कि "भारतीय पासपोर्ट" ही क्यों? जवाब एकदम सीधा और आसान है कि यदि असिया अंदराबी के पाकिस्तानी आका उसके बेटे को पाकिस्तान का पासपोर्ट बनवा भी दें तो विभिन्न अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों पर पाकिस्तानी पासपोर्ट को "एक घुसपैठिये" के पासपोर्ट की तरह शंका की निगाह और "गुप्त रोगी" की तरह से देखा जाता है, बारीकी से जाँच की जाती है, तमाम सवालात किये जाते हैं, जबकि "भारतीय पासपोर्ट" की कई देशों में काफ़ी-कुछ "इज्जत" बाकी है अभी… इसलिये अंदराबी भारत से नफ़रत(?) करने के बावजूद भारत का ही पासपोर्ट चाहती है। इसे कहते हैं धुर-पाखण्ड… Read more » Asiya Andarabi Azad Kashmir Movement Kashmir Voilence कश्मीर
राजनीति इतिहास से भी सबक नहीं लेते…. – पंकज झा. September 5, 2010 / December 22, 2011 by पंकज झा | 11 Comments on इतिहास से भी सबक नहीं लेते…. – पंकज झा. इस धर्मप्राण देश में ऐसी घटनाएं होती रहती है कि सहसा ही इश्वर पर भरोसा करने का मन हो जाए. कभी किसी सकारात्मक तो बहुधा नकारात्मक कारणों से. खास कर जब भी आप देश के कर्णधार नेताओं के बारे में सोचेंगे तो ज़रूर भरोसा दुगना हो जाएगा कि वास्तव में भगवान नाम की कोई ताकत […] Read more » history इतिहास
राजनीति तीन महीने में पैसा डबल! काले धन में जनता की हिस्सेदारी! September 5, 2010 / December 22, 2011 by मन ओज सोमक्रिया | 6 Comments on तीन महीने में पैसा डबल! काले धन में जनता की हिस्सेदारी! Double Your Money in 3 Months! Public Sharing the Black Money! 20वीं सदी तक हमारे भ्रष्ट अधिकारीगण, नेता और उधोगपति टैक्स की चोरी कर के और अन्य परियोजनाओं से चुराए गए धन को स्विस एवं अन्य विदेशी ऍकाउंटों में जमा करते थे। एक समय पर तो भारत की समानान्तर अर्थव्यवस्था (Parallel Economy of India) द्वारा […] Read more » Public जनता
राजनीति कौन सुने वनवासियों की – सुरेन्द्र अग्निहोत्री September 5, 2010 / December 22, 2011 by सुरेन्द्र अग्निहोत्री | 2 Comments on कौन सुने वनवासियों की – सुरेन्द्र अग्निहोत्री सोनभद्र के बाद ललितपुर, चित्रकूट, मिर्जापुर तथा बहराईच के लाखों के आदिवासी संघर्ष की राह पर सड़कों पर उतरने को तैयार है। पत्थर खदानों और वनों पर अपनी जीविका चलाने वाले आदिवासियों को उनके अधिकारों से मरहूम करने के लिये कुचक्र शुरू हो गया है। भारतीय संविधान ने देश के सभी नागरिकों को निर्वाचन मेँ […] Read more » Dwellers वनवासियों
राजनीति अर्जुन सिंह ने राज को और गहरा दिया ? September 5, 2010 / December 28, 2012 by अशोक बजाज | Leave a Comment भोपाल गैस त्रासदी के मुख्य आरोपी यूनियन कार्बाईड के प्रमुख वारेन एंडरसन को भारत से सुरक्षित व बाईज्जत भगाने के मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिह ने लंबे समय बाद राज्यसभा में जब चुप्पी तोड़ी तो लगा कि वे राज से पर्दा हटायेंगे लेकिन उन्होंने पर्दा हटाने के बजाय राज को और गहरा कर दिया है. दिसंबर 1984 […] Read more » arjun singh अर्जुन सिंह
राजनीति ये है दिल्ली मेरी जान August 31, 2010 / December 22, 2011 by लिमटी खरे | 14 Comments on ये है दिल्ली मेरी जान -लिमटी खरे ममता से वसूले जाएं 11 लाख केंद्र में रेल मंत्री का दायित्व संभालने वाली पश्चिम बंगाल की क्षत्रप सुश्री ममता बनर्जी ने नैतिकता की सारी हदें पार कर दी हैं। उन्होंने देश की राजनैतिक राजधानी दिल्ली को छोड़कर पश्चिम बंगाल में ज्यादा समय बिताया जा रहा है। ममता बनर्जी ने सबसे पहले तो […] Read more » Delhi
राजनीति मैदान में उतरा ‘गांधी’ ! August 31, 2010 / December 22, 2011 by संजय द्विवेदी | 14 Comments on मैदान में उतरा ‘गांधी’ ! देश के सामने उपस्थित कठिन सवालों के उत्तर भी तलाशें राहुल -संजय द्विवेदी पिछले कई महीनों से संसद के अंदर और बाहर कांग्रेस की सरकार की छवि मलिन होती रही, देश की जनता महंगाई की मार से तड़पती रही। भोपाल गैस त्रासदी के सवाल हों या महंगाई से देश में आंदोलन और बंद, किसी को […] Read more » Rahul Gandhi राहुल गांधी
राजनीति आतंकवाद तो पहले ही काला है, इसे किसी और रंग में न रंगें August 30, 2010 / December 22, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 6 Comments on आतंकवाद तो पहले ही काला है, इसे किसी और रंग में न रंगें -नीरज कुमार दूबे केंद्रीय गृहमंत्री पी. चिदम्बरम ने आतंकवाद को ‘भगवा’ रंग से जोड़कर एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। जब जरूरत आतंकवाद से निपटने के उपायों को पुख्ता बनाने की और इसके विरोध में एक साथ खड़े होने की है तो गृहमंत्री शायद इसमें व्यस्त रहे कि पहले आतंकवाद का ‘प्रतीक रंग’ तय […] Read more » terrorism आतंकवाद भगवा आतंकवाद
राजनीति सही नब्ज़ पकड़ी डॉ. ने….. August 30, 2010 / December 22, 2011 by पंकज झा | 15 Comments on सही नब्ज़ पकड़ी डॉ. ने….. बिलकुल आपका काम हो गया डॉ. रमन – पंकज झा सामान्यतया नेताओं के बयान या साक्षात्कार आदि इस तरह के नहीं होते कि पढ़ कर ऐसा लगे कि कुछ पढ़ा हो आपने. मूलतः वह मेडिकल स्टोर के लिए लिखी गयी डॉ. की पर्ची की तरह ही होता है. एक ही लिखावट, वही भाषा, वही राजनीतिक […] Read more » Dr.Raman singh डॉ. रमन सिंह