राजनीति शख्सियत समाज स्वामी विवेकानंद जिनमें सब कुछ सकारात्मक है नेगेटिव कुछ भी नहीं September 10, 2024 / September 10, 2024 by डॉ. पवन सिंह मलिक | Leave a Comment 11/9 : इतिहास के सबसे चर्चित भाषण का दिन – डॉ. पवन सिंह दुनिया के सर्वश्रेष्ठ व्याख्यानों में से एक, स्वामी विवेकानंद जी के भाषण की तारीख 11 सितंबर। क्या था वो भाषण जिसने अमेरिका को नहीं पूरे पश्चिम को भारत का मुरीद बना दिया। नरेंद्र नाथ दत्त, जिन्हें पूरा विश्व विवेकानंद के नाम से याद करता […] Read more »
राजनीति समाज डंकी रूट से जुड़े संकट एवं दर्द को कौन सुनेगा? September 7, 2024 / September 7, 2024 by ललित गर्ग | Leave a Comment -ललित गर्ग – भारतीयों में विदेश जाकर पढ़ने और नौकरी का क्रेज है, यह सालों से रहा है। पंजाब, गुजरात के लोगों ने अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन में अपनी अच्छी जगह बनाई है लेकिन हाल के सालों में बहुत सारे भारतीय गैर-कानूनी यात्रा के शिकार होकर कुछ ने अपनी जान गवांई है तो कुछ अनेक तकलीफों […] Read more » डंकी रूट डंकी रूट से जुड़े संकट एवं दर्द
राजनीति उत्तराखण्ड में हो रहे सांप्रदायिक अपराध और उसका निराकरण September 7, 2024 / September 7, 2024 by प्रवीण गुगनानी | Leave a Comment श्यामपुर उत्तराखण्ड का एक सुंदर सा गाँव हैं। वहाँ सभी लोग सुख-शांति से अपना जीवन यापन कर रहे होते हैं। अचानक वहां गाँव के किनारे पर एक फ़क़ीर आकर मिट्टी का एक ढेर बनाता है उस पर चादर डालता है और फिर उसके बग़ल में एक झोपड़ी बनाकर रहने लग जाता है। अब श्यामपुर के […] Read more » Communal crimes happening in Uttarakhand Communal crimes happening in Uttarakhand and its solution
राजनीति मुफ्त की संस्कृति से पंजाब-हिमाचल की बढ़ी आर्थिक मुश्किलें September 7, 2024 / September 7, 2024 by ललित गर्ग | Leave a Comment – ललित गर्ग-दिल्ली, पंजाब व हिमाचल सरकारों के सम्मुख वित्तीय संकट के धुंधलके छाने लगे हैं। सत्ता पर बैठी आम आदमी पार्टी एवं कांग्रेस की सरकारों के सामने चुनाव के दौरान वोटरों को लुभाने के लिए की गयी फ्रीबीज या रेवड़ी कल्चर की घोषणा आर्थिक संकट का बड़ा कारण बन रही है। मुफ्त की रेवड़ियां […] Read more » पंजाब-हिमाचल की आर्थिक मुश्किलें
राजनीति जमात-ए-इस्लामी बांग्लादेश : हिन्दुओं पर संकट अभी गहरा है ! September 4, 2024 / September 4, 2024 by मयंक चतुर्वेदी | Leave a Comment डॉ. मयंक चतुर्वेदी बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने देश की मुख्य इस्लामिक पार्टी और उसके समूहों पर से प्रतिबंध हटा कर यह साफ संकेत दे दिया है कि उसके देश में गैर मुसलमानों पर अत्याचार होते रहेंगे। क्योंकि इस नई यूनुस सरकार को जमात-ए-इस्लामी बांग्लादेश का ‘आतंकवादी गतिविधियों’ में कोई भी संलिप्तता का सबूत नहीं […] Read more » Jamaat-e-Islami Bangladesh
आर्थिकी राजनीति भारत विश्व में सबसे तेज गति से आगे बढ़ती अर्थव्यवस्था बना रहेगा September 4, 2024 / September 4, 2024 by प्रह्लाद सबनानी | Leave a Comment वित्तीय वर्ष 2024-25 की प्रथम तिमाही (अप्रेल-जून 2024) में सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि दर के आंकडें जारी कर दिए गए हैं एवं हर्ष का विषय है कि भारत अभी भी विश्व में सबसे तेज गति से आगे बढ़ती अर्थव्यवस्था बनी हुई है। वित्तीय वर्ष 2024-25 की प्रथम तिमाही में भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 6.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। जबकि वित्तीय वर्ष 2023-24 की प्रथम तिमाही (अप्रेल-जून 2023) में 8.2 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज हुई थी तथा पिछली तिमाही (जनवरी मार्च 2024) में वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत की रही थी। भारतीय रिजर्व बैंक ने अप्रेल-जून 2024 तिमाही में 7.1 प्रतिशत की वृद्धि दर का अनुमान लगाया था। पिछले लगातार 5 तिमाही के दौरान भारत के सकल घरेलू उत्पाद में यह सबसे कम वृद्धि दर है। हालांकि चीन में 4.7 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज हुई है तथा विश्व की अन्य बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में वृद्धि दर भारत की तुलना में अभी भी बहुत कम बनी हुई है। भारत में वित्तीय वर्ष 2024-25 की प्रथम तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद में कम हुई वृद्धि दर के पीछे कुछ महत्वपूर्ण कारण बताए गए है। प्रथम तो इस तिमाही में लोक सभा चुनाव सम्पन्न हुए हैं जिसके चलते आम जनता ने अपने खर्चे को रोक रखा था। साथ ही, लोक सभा चुनाव के समय केंद्र सरकार एवं राज्य सरकारों द्वारा कोई भी बड़ा निर्णय नहीं लिया जा सकता है जिसके चलते सरकारों को अपने खर्चों को नियंत्रण में रखना होता है, इससे देश की विकास दर पर प्रभाव पड़ता है। दूसरे, इस तिमाही के दौरान देश में अत्यधिक गर्मी के चलते पर्यटन एवं कृषि के क्षेत्र में विकास दर अत्यधिक कम हो गई है। कृषि के क्षेत्र में वित्तीय वर्ष 2024-25 की प्रथम तिमाही में वृद्धि दर केवल 2 प्रतिशत की रही है जो पिछले वर्ष की इसी तिमाही में 3.7 प्रतिशत की रही थी। परंतु, वित्तीय वर्ष 2024-25 की द्वितीय तिमाही में मानसून ने लगभग पूरे देश में तेज गति पकड़ ली है अतः विभिन्न फसलों के बुआई के क्षेत्र में अच्छी वृद्धि दर्ज हुई है इसलिए वित्तीय वर्ष 2024-25 के द्वितीय एवं तृतीय तिमाही (जुलाई-सितम्बर एवं अक्टोबर-दिसम्बर 2024) में कृषि क्षेत्र में वृद्धि दर के आकर्षक रहने की सम्भावना व्यक्त की जा रही है। खरीफ मौसम की फसल के साथ ही अब रबी मौसम की फसल में भी अच्छी वृद्धि दर रहने की सम्भावना है क्योंकि देश के विभिन्न जलाशयों में पानी के संचयन में भारी वृद्धि दर्ज हुई है, जिसे कृषि क्षेत्र में सिंचाई के लिए उपयोग किया जा सकेगा। इन्हीं कारणों के चलते वैश्विक क्रेडिट रेटिंग एजेन्सी मूडीज ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में भारत के आर्थिक विकास दर के अपने अनुमान को बढ़ाकर 7.2 प्रतिशत कर दिया है, मूडीज ने पहिले यह अनुमान 6.8 प्रतिशत का लगाया था। विनिर्माण इकाईयों द्वारा किए गए उत्पादन में अप्रेल-जून 2024 की तिमाही में 7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई है जबकि पिछले वर्ष की इसी तिमाही में 5.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई थी। निर्माण के क्षेत्र में 8.6 प्रतिशत एवं सेवा के क्षेत्र में 7.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई है। ट्रेड, ट्रान्स्पोर्ट, होटल, टेलिकॉम की ग्रोथ 5.7 प्रतिशत की रही है। विनिर्माण, निर्माण एवं कोर इंडस्ट्री को मिलाकर बनने वाले सेकेण्डरी सेक्टर में वृद्धि दर बढ़ी है। वित्तीय वर्ष 2023-24 की प्रथम तिमाही में यह 5.9 प्रतिशत की रही थी जो वित्तीय वर्ष 2024-25 की प्रथम तिमाही में बढ़कर 8.4 प्रतिशत की हो गई है। यह वृद्धि दर देश में निजी उपभोग के बढ़ने की ओर इशारा कर रही है। विश्व में बहुत लम्बे समय से चल रहे दो युद्धों के बीच भारत की उक्त आर्थिक विकास दर अच्छी विकास दर ही कही जाएगी। एक युद्ध तो रूस यूक्रेन के बीच चल रहा है एवं दूसरा इजराईल एवं हम्मास के बीच चल रहा है। इजराईल के साथ युद्ध में तो लेबनान एवं ईरान भी कूदने को तैयार बैठें हैं। साथ ही, यूरोपीयन देशों में कुछ देशों की आर्थिक विकास दर में कमी होती दिखाई दे रही है। जापान एवं अमेरिकी अर्थव्यवस्थाओं में भी विकास दर में कमी आंकी गई है। जर्मनी एवं चीन भी अपनी अपनी अर्थव्यवस्थाओं में वृद्धि दर को बढ़ाने हेतु संघर्ष करते हुए दिखाई दे रहे हैं। जापान एवं जर्मनी में यदि विकास की रफ्तार कम होती है एवं भारत की आर्थिक विकास दर यदि इसी रफ्तार से आगे बढ़ती है तो शीघ्र ही भारत, जापान एवं जर्मनी की अर्थव्यवस्थाओं को पीछे छोड़ते हुए विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। अभी भारत विश्व की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और जापान एवं जर्मनी ही भारतीय अर्थव्यवस्था से थोड़ा आगे बने हुए हैं। अर्थ से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण क्षेत्रों में भारत सराहनीय प्रगति करता हुआ दिखाई दे रहा है। जैसे – (1) पिछली तिमाही में भारत के निर्यात में 8.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई है जबकि वैश्विक स्तर पर यह वृद्धि दर केवल एक प्रतिशत की रही है। (2) बैंकों द्वारा प्रदान किए जा रहे ऋणों में लगातार वृद्धि दर 15 प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है, विशेष रूप से कृषि के क्षेत्र में ऋण की मांग (जुलाई 2024 में 18.1 प्रतिशत की वृद्धि दर) एवं विनिर्माण के क्षेत्र में ऋण की मांग (जुलाई 2024 में 10.2 प्रतिशत की वृद्धि दर) बनी हुई है। इससे देश की अर्थव्यवस्था के तेज गति से आगे बढ़ने के स्पष्ट संकेत दिखाई दे रहे हैं। (3) वित्तीय वर्ष 2024-25 में जुलाई 2024 माह के अंत तक समाप्त अवधि के दौरान केंद्र सरकार की कुल आय 10.23 लाख करोड़ रुपए की रही है। यह वित्तीय वर्ष 2024-25 के आय के कुल बजट का 31.9 प्रतिशत है और इसमें 7.15 लाख करोड़ रुपए की करों की मद से आय तथा 3.01 लाख करोड़ रुपए की अन्य मदों से आय भी शामिल है। (4) इस दौरान केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा भी नियंत्रण में रहा है एवं यह 2.77 लाख करोड़ रुपए तक सीमित रहा है जो वित्तीय वर्ष 2024-25 के कुल बजटीय घाटे का केवल 17.2 प्रतिशत ही है। (5) इसी प्रकार विदेशी मुद्रा भंडार भी 23 अगस्त 2024 को समाप्त हुए सप्ताह में 702 करोड़ अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 68,168 करोड़ अमेरिकी डॉलर के नए रिकार्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया है। पिछले सप्ताह में भी विदेशी मुद्रा भंडार 454 करोड़ अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 67,466 करोड़ अमेरकी डॉलर के स्तर पर पहुंच गया था। (6) जुलाई 2024 माह में 8 कोर सेक्टर (कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी प्रोडक्ट, उर्वरक, इस्पात, सिमेंट एवं बिजली उत्पादन के क्षेत्र) में वृद्धि दर 6.1 प्रतिशत की रही है जो जून 2024 माह में 5.1 प्रतिशत की रही थी। (7) भारत में प्रत्येक 5 दिनों में एक बिलिनायर (भारतीय नागरिक जिसके पास 100 करोड़ अमेरिकी डॉलर से अधिक की सम्पत्ति है) बन रहा है। 2014 में भारत में 109 बिलिनायर थे जो आज बढ़कर 334 हो गए हैं। जिनकी कुल सम्पत्ति 1.9 लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर की है जो सऊदी अरब के सकल घरेलू उत्पाद से भी अधिक है। इसी प्रकार, भारत के बिलिनायर की सम्पत्ति भारत के कुल सकल घरेलू उत्पाद के आधे से भी अधिक है। भारत की अर्थव्यवस्था तो प्रत्येक तिमाही में बढ़ रही है परंतु यदि यह सम्पत्ति केवल बिलिनायर की संख्या बढ़ाने के रूप में बढ़ रही है तो यह उचित नहीं कहा जा सकता है क्योंकि इससे तो देश में अमीरों एवं गरीबों के बीच में असमानता की खाई भी बढ़ती जा रही है और इस खाई को शीघ्र ही पाटने के प्रयास किए जाने चाहिए। वित्तीय वर्ष 2024-25 की प्रथम तिमाही में कम हुई आर्थिक विकास दर को बढ़ाने के उद्देश्य से क्या अब भारतीय रिजर्व बैंक ब्याज दरों में कमी कर सकता है। अब यह प्रश्न अर्थशास्त्रियों के मन में उभर रहा है। इस बीच अमेरिका में भी फेड रिजर्व के अध्यक्ष ने अमेरिका में ब्याज दरों को सितम्बर 2024 माह में कम करने के स्पष्ट संकेत दिए हैं। प्रहलाद सबनानी Read more » India will continue to be the fastest growing economy in the world
राजनीति विधि-कानून सर्वसुलभ इंसाफ की उम्मीद को पंख लगे September 4, 2024 / September 4, 2024 by ललित गर्ग | Leave a Comment सुप्रीम कोर्ट की हीरक जयन्ती-ललित गर्ग- यह सुखद, अविस्मरणीय एवं ऐतिहासिक अवसर ही है कि देश के सर्वाेच्च न्यायालय ने 75 साल का गरिमामय सफर पूरा कर लिया है। संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के प्रयासों में सर्वाेच्च न्यायालय की भूमिका को यादगार बनाने के लिये बाकायदा डाक टिकट व सिक्के भी हाल ही में जारी […] Read more » सुप्रीम कोर्ट की हीरक जयन्ती
राजनीति हिमंत बिस्वा सरमा के वक्तव्य से जमीयत उलेमा-ए-हिंद की आपत्ति व्यर्थ है September 4, 2024 / September 4, 2024 by मयंक चतुर्वेदी | Leave a Comment -डॉ. मयंक चतुर्वेदी असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के ‘मियां मुस्लिम’ संबंधी बयान पर इन दिनों एक विशेष वर्ग की ओर से जमकर राजनीति हो रही है। जमीयत उलेमा-ए-हिंद एवं वे तमाम संगठन इस वर्ग विशेष के अगुआ हैं जोकि मुस्लिम हितों की गारंटी ही नहीं लेते बल्कि सरकार एवं अन्य समाजों के बीच […] Read more » Himanta Biswa Sarma's statement is futile Jamiat Ulema-e-Hind's objection
राजनीति लेख शिक्षा ज्ञान परम्परा पर आधारित हो September 4, 2024 / September 4, 2024 by डॉ. सौरभ मालवीय | Leave a Comment -डॉ. सौरभ मालवीय शिक्षा को लेकर समय-समय पर अनेक प्रश्न उठते रहते हैं जैसे कि शिक्षा पद्धति कैसी होने चाहिए? पाठ्यक्रम कैसा होना चाहिए? विद्यार्थियों को पढ़ाने का तरीका कैसा होना चाहिए? वास्तव में स्वतंत्रता से पूर्व देश में अंग्रेजी शासन था। अंग्रेजों ने अपनी सुविधा एवं आवश्यकता के अनुसार शिक्षा पद्धति लागू की। […] Read more » Education should be based on knowledge tradition
राजनीति माननीय न्यायालय रोकिए इन्हें, ये देश में आपस में लड़ा देंगे ! August 28, 2024 / August 28, 2024 by मयंक चतुर्वेदी | Leave a Comment राहुल के बयानों से लेकर जेएनयू तक एक टूलकिट – डॉ. मयंक चतुर्वेदी ये विषय देश की आंतरिक सुरक्षा, सद्भाव और परस्पर समरसता से जुड़ा है। अभी लगातार दो तरह की घटनाएं घटती दिख रही हैं, एक तरफ राहुल गांधी स्वयं से नेतृत्व प्रदान कर रहे हैं तो दूसरी ओर जेएनयू जैसे शिक्षा संस्थान और […] Read more »
राजनीति जम्मू-कश्मीर चुनाव से नये दौर की उम्मीद August 28, 2024 / August 28, 2024 by ललित गर्ग | Leave a Comment ललित गर्ग जम्मू एवं कश्मीर में तीन चरणों में विधानसभा चुनाव कराने की चुनाव आयोग की घोषणा निश्चित ही लोकतंत्र की जड़ों को मजबूती देने के साथ क्षेत्र के लिए विकास के नए दौर के द्वार खोलने का माध्यम बनेगी। जम्मू-कश्मीर की 90 सीटों पर विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, जिसमें 43 जम्मू और 47 […] Read more » Hope for a new phase from Jammu and Kashmir elections जम्मू-कश्मीर चुनाव
राजनीति छत्रपति प्रतिमा का ढहना शासन-तंत्र की भ्रष्टता का प्रमाण August 28, 2024 / August 28, 2024 by ललित गर्ग | Leave a Comment – ललित गर्ग –मराठा पहचान और परम्परा के प्रतीक पुरुष, प्रथम हिन्दू नेता छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा हाल ही में की गयी 35 फीट ऊंची प्रतिमा का थरथरा कर गिर जाना राष्ट्रीय शर्म एवं प्रशासनिक भ्रष्टाचार का दुःखद अध्याय है। इस तरह हमारे एक महानायक की महान स्मृतियों से जुड़ी इस […] Read more » छत्रपति प्रतिमा का ढहना