समाज जारवा आदिवासियों को कानूनी संरक्षण June 20, 2012 / June 20, 2012 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment प्रमोद भार्गव अंडमान-निकोबार के जारवा आदिवासियों के लिए कानून- लुप्तता के कगार पर खड़ी जनजाति को कानूनी संरक्षण मिलने जा रहा है। इस कानून के अमल के आने के बाद जरवा समुदाय नुमाइश और मनोरंजन के जीव नहीं रह जाएंगे। केंद्र सरकार ने इनके लिए ‘अंडमान-निकोबार द्वीप समूह (आदिवासियों का संरक्षण) संशोधन नियमन विधेयक 2012 […] Read more » legal protection to jarwa community जारवा आदिवासियों के लिए कानून
महत्वपूर्ण लेख समाज कम्युनिस्ट अपराध और उपकार के अंतर को समझें June 16, 2012 / June 16, 2012 by राकेश कुमार आर्य | 1 Comment on कम्युनिस्ट अपराध और उपकार के अंतर को समझें साम्यवाद की विचारधारा क्या भारतीय संस्कृति के अनुकूल है? या साम्यवाद का भारतीय संस्कृति, धर्म और इतिहास से भी कोई संबंध है? यदि इन जैसे प्रश्नों के उत्तर खोजे जाऐं तो ज्ञात होता है कि वास्तविक साम्यवाद भारतीय संस्कृति में ही है। संसार का कम्युनिस्ट समाज भारतीय साम्यवाद को समझ नहीं पाया है और ना […] Read more » difference in communism crime and reward आर.एस.एस. की देशभक्ति कम्युनिस्ट अपराध कम्युनिस्ट उपकार
समाज कैसे बचेगी बेटी June 11, 2012 / July 13, 2012 by जगदीश पांडे | Leave a Comment म0प्र0 की शिवराज सिंह सरकार कहती है, ” बेटी बचाओ। और वहीं जिला अस्पतालों को परिवार नियोजन का लक्ष्य भी निर्धारित कर दिया है कि इतनें अदद पुरूष-महिलाओं का परिवार नियोजन करके बताओ।सवाल साफ है कि जब परिवार नियोजन होगा, तो बेटी तो पैदा होंनें से रही, बेटा भी पैदा नही होगा। यह तो ठीक […] Read more » Girl Child Jagdish Pandey Save Girl Child जगदीश पांडे बेटी बेटी बचाओ
समाज महानगरो में बढ़ते तलाक June 10, 2012 / June 10, 2012 by राजीव गुप्ता | 1 Comment on महानगरो में बढ़ते तलाक राजीव गुप्ता भारत के प्रमुख महानगरो जैसे दिल्ली, मुम्बई, बैगलूरू , कोलकाता , लखनऊ में आये दिन तलाको की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है! अभी तक यह गलत धारणा थी कि तलाक की समस्या छोटे शहरो और बिना पढ़े-लिखे समाज में ज्यादा है परन्तु आंकड़े कुछ और ही इशारा करते है! एक सर्वे […] Read more » DINKS divorse among couples double income no kids rising cases of divorse महानगरो में बढ़ते तलाक
समाज बीमारी, बेकारी और सरकार की लापरवाही से सिकुड़ रहा है बिरहोरों का कुनबा June 8, 2012 / June 10, 2012 by इन्द्रमणि | Leave a Comment इन्द्रमणि साहू झारखंड में बिरहोर जनजाति एक विलुप्तप्राय मगर एक विषिष्ठ जनजाति है जो झारखंड के जंगलों या जंगलों के किनारे निवास करता है. इस राज्य के कर्इ जिलों में यह जनजाति आज भी अच्छी-खासी संख्या में है खासकर कोडरमा, पलामू, गढ़वा, धनबाद, सिंहभूम, गिरिडीह, लोहरदग्गा, रांची, हजारीबाग, गुमला इत्यादि में. लेकिन, अफसोस इस बात […] Read more » बिरहोरों का कुनबा
समाज बदलते गांव June 7, 2012 / June 7, 2012 by राघवेन्द्र कुमार 'राघव' | 2 Comments on बदलते गांव मेरा गांव मेरा देश मेरा ये वतन , तुझपे निसार है मेरा तन मेरा मन | ऐसा ही होता है गांव ? जहाँ हर आदमी के दिल में प्रेम हिलोरें मारता है |जहा इंसानी ज़ज्बात खुलकर खेलते खेलते हैं |हर कोई एक दूसरे के सुख , दुःख में भागीदार होता है | पड़ोसी के भूखे […] Read more » बदलते गांव
समाज चर्च और नक्सली गठजोड़ बड़ी चुनौती June 7, 2012 / June 7, 2012 by प्रवीण दुबे | 2 Comments on चर्च और नक्सली गठजोड़ बड़ी चुनौती प्रवीण दुबे भारत के अनेक राज्यों में संचालित हो रहा माओवादी (नक्सली) आंदोलन चर्च की सहायता से हिन्दुओं के मतान्तरण कराने का षड्यंत्र है। इस षड्यंत्र को सोनिया कांग्रेस का खुला समर्थन है। इसके पीछे जहां ईसाईयों की ताकत भारत में बढ़ाना मूल उद्देश्य है वहीं भारत विरोधी विदेशी शक्तियों का भारत में हस्तक्षेप बढ़ाना […] Read more » missionaries and naxals चर्च और नक्सली गठजोड़
चिंतन समाज बदहाल कानून के साये में जिंदगी June 3, 2012 / June 3, 2012 by राखी रघुवंशी | Leave a Comment राखी रघुवंशी अपने चरम पर हैं। हर रोज अखबार में अपराध से जुड़ी दो खबरें तो निशिचत तौर पर प्रकाशित होती ही हैं। मर्डर, चोरी, बलात्कार, दुर्घटना या फिर विधार्थियों द्वारा आत्महत्या। इनमें सबसे निर्मम है, ट्रक या डंपर चालकों का आम व्यकित को बेरहमी से कुचलते हुए जाना। हम रोज सुबह की शुरूआत अखबार […] Read more » crime in M.P मध्यप्रदेश में अपराध
समाज धूम्रपान एवं तम्बाकू सेवन: खुशहाल जीवन का अजेय दुश्मन June 1, 2012 / June 10, 2012 by राजेश कश्यप | Leave a Comment राजेश कश्यप धूम्रपान का सेवन करना, स्पष्टतः जीवन को नरक से भी बदत्तर बनाना है। इससे आर्थिक, शारीरिक और सामाजिक आदि हर स्तर पर नुकसान ही नुकसान होता है। एक तरह से धूम्रपान एवं तम्बाकू का सेवन, खुशहाल जीवन का अजेय दुश्मन कहा जा सकता है। यदि विशेषज्ञों की शोध रिपोर्टों का अवलोकन और धूम्रपान […] Read more » tobacco injurious to health धूम्रपान एवं तम्बाकू सेवन
मीडिया समाज सत्यमेव जयते May 25, 2012 / May 25, 2012 by वीरेन्द्र जैन | 5 Comments on सत्यमेव जयते वीरेन्द्र जैन सत्यमेव जयते सम्वेदनात्मक ज्ञान की भेदक क्षमता और मीडिया के सदुपयोग का उदाहरण जयप्रकाश आन्दोलन और इमरजैंसी के दौरान अपनी गज़लों के माध्यम से पूरे समाज को झकझोर देने वाले शायर दुष्यंत कुमार का एक शे’र है- वे मुतमईन हैं पत्थर पिघल नहीं सकता मैं बेकरार हूं आवाज़ में असर के लिए […] Read more » aamir klhan show satyamev jayate increasing popularity of satyamev jayate satyamev jayate सत्यमेव जयते
समाज कार्टून विवादः बुध्दिजीवियों को ही समाज की सोच बदलनी होगी ! May 23, 2012 / July 22, 2012 by इक़बाल हिंदुस्तानी | 1 Comment on कार्टून विवादः बुध्दिजीवियों को ही समाज की सोच बदलनी होगी ! इक़बाल हिंदुस्तानी वोटबैंक की राजनीति का शिकार राजनेताओं से उम्मीद बेकार! एनसीईआरटी की किताबों मे बाबासाहब अंबेडकर के कार्टून को लेकर शुरू हुआ विवाद अब इस मोड़ पर आ गया है कि सभी दलों के नेता इस बात पर सहमत हैं कि इस तरह के कार्टूनों की बच्चो की पाठ्यपुस्तकों में कोई जगह नहीं होनी […] Read more » cartoon of Ambedkar ji कार्टून विवाद
समाज कार्टून: क्या छात्रों का दिमाग बदलने की साजिश है ? May 19, 2012 / July 22, 2012 by प्रमोद भार्गव | 1 Comment on कार्टून: क्या छात्रों का दिमाग बदलने की साजिश है ? प्रमोद भार्गव एनसीइइारटी की पाठयपुस्तकों में छपे काटूनों को लेकर संसद में एक बार विवाद फिर गहरा गया है। जबकि डाक्टर भीमराव आम्बेडकर से जुड़े विवाद की आग अभी ठण्डी भी नहीं पड़ी है। दरअसल कक्षा नौ, दस और ग्यारहवीं में पढ़ार्इ जाने वाली डेमोक्रेटिक, पालिटिक्स नामक पुस्तक में देश के राजनीतिकों को आपतितजनक ढंग […] Read more » cartoon of bhim rao ambedkar डाक्टर भीमराव आम्बेडकर-कार्टून