समाज बुर्के पर सेक्युलर सोच क्या हो? August 25, 2010 / December 22, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 2 Comments on बुर्के पर सेक्युलर सोच क्या हो? -के. विक्रम राव बुर्के पर प्रतिबंध के मुद्दे पर भारत के प्रगतिषील और सेक्युलर समझवाले लोग, विषेषकर समाजवादी और माक्र्सवादी पार्टियों के पुरोधाजन, चुप्पी साधे हैं। उनकी सोच दुहरी है, दबाव वोट का है। मसलन भारत के सोशलिस्ट भी अपने फ्रेंच हमराहियों की भांति बुर्के की बात पर निर्विकार हो गये हैं। वर्ना इस मौजूं […] Read more » Secular बुर्का
समाज रमजान और स्वास्थ्य August 25, 2010 / December 22, 2011 by विजय कुमार | 6 Comments on रमजान और स्वास्थ्य -विजय कुमार कुछ दिन पूर्व दूरदर्शन पर एक मौलाना रमजान का महत्व बता रहे थे। पहले तो उन्होंने इसे अध्यात्म से जोड़ा और फिर स्वास्थ्य रक्षा और शरीर शुद्धि से। उन्होंने बताया कि जैसे अन्य धर्मों में व्रत और उपवास होता है, वैसे ही हमारे यहां रोजे होते हैं। रोजे को स्वास्थ्य से जोड़ने वाली […] Read more » Ramjan रमजान
समाज इफ्तार की दावत August 25, 2010 / December 22, 2011 by विजय कुमार | 3 Comments on इफ्तार की दावत -विजय कुमार रमजान का महीना प्रारम्भ होते ही इफ्तार की दावतों का दौर चल पड़ता है। जहां तक मुझे पता है, सूर्योदय से सूर्यास्त तक भूखे रहने के बाद जब मुसलमान कुछ खाते-पीते हैं, तो उसे इफ्तार कहते हैं; पर जो रोजा नहीं रखते, वे इफ्तार कैसे कर सकते हैं, यह मेरी समझ में नहीं […] Read more » Iftar इफ्तार
समाज भाई-बहन के स्नेह का प्रतीक है रक्षाबंधन August 23, 2010 / December 22, 2011 by फ़िरदौस ख़ान | 3 Comments on भाई-बहन के स्नेह का प्रतीक है रक्षाबंधन -फ़िरदौस ख़ान रक्षाबंधन भाई-बहन के स्नेह का प्रतीक है. यह त्यौहार श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है. इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर रक्षाबंधन बांधकर उनकी लंबी उम्र और कामयाबी की कामना करती हैं. भाई भी अपनी बहन की रक्षा करने का वचन देते हैं. रक्षाबंधन के बारे में अनेक […] Read more » Raksha Bandhan रक्षाबंधन
समाज जनगणना और हम August 17, 2010 / December 22, 2011 by विजय कुमार | 5 Comments on जनगणना और हम -विजय कुमार हर दस साल बाद होने वाली जनगणना का कुछ अंश पूरा हो चुका है, जबकि मुख्य काम (संदर्भ बिन्दु) नौ से 28 फरवरी, 2011 तक होगा। इससे संबंधित दो विषय महत्वपूर्ण हैं। एक है धर्म और जाति का, जबकि दूसरा भाषा और बोली का है। इन दोनों पर विचार कर हमें अपनी भूमिका […] Read more » Census जातीय जनगणना
जरूर पढ़ें समाज पुरुष से ऊंचा स्थान है नारी का हिंदू परंपरा में August 13, 2010 / April 13, 2012 by प्रवक्ता ब्यूरो | 127 Comments on पुरुष से ऊंचा स्थान है नारी का हिंदू परंपरा में -राजीव त्रिपाठी भारतीय संस्कृति में नारी का उल्लेख जगत्-जननी आदि शक्ति-स्वरूपा के रूप में किया गया है। श्रुतियों, स्मृतियों और पुराणों में नारी को विशेष स्थान मिला है। मनु स्मृति में कहा गया है- यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता:। यत्रेतास्तु न पूज्यन्ते सर्वास्तफला: क्रिया।। जहाँ नारी का समादर होता है वहाँ देवता प्रसन्न रहते […] Read more » Hindu Religion नारी हिंदू धर्म
खेल जगत समाज राष्ट्रमंडल खेलों के बहाने मीडिया को नारी पूजा याद आयी? August 12, 2010 / December 22, 2011 by डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश' | 26 Comments on राष्ट्रमंडल खेलों के बहाने मीडिया को नारी पूजा याद आयी? डॉ. पुरुषोत्तम मीणा ‘निरंकुश’ खबरें बेचने के लिये मीडिया अनेक प्रकार के तरीके ईजाद करने लगा है। यदि घटनाएँ नहीं हो तो पैदा की जाती हैं। वैसे घटनाएँ रोज घटित होती हैं, लेकिन कितने लोगों को लूटा गया, कितनी स्त्रियों के साथ बलात्कार हुआ, कितनों की दुर्घटना में मौत हुई, कितने करोड किसने डकारे आदि […] Read more » Commanwealth Games राष्ट्रमंडल खेल
समाज कल्याण के नाम पर कण्डोम August 11, 2010 / December 22, 2011 by डॉ. राजेश कपूर | 16 Comments on कल्याण के नाम पर कण्डोम -डॉ राजेश कपूर पश्चिमी प्रभाव में हमने सीखना शुरू कर दिया है कि कण्डोम साथ लेकर चलो ताकि एड्स से बचाव हो। सार्वजनिक स्थानों पर ऐसे अश्लील विज्ञापन देखने को मिल जाते हैं कि कण्डोम साथ लेकर चलो। क्या मायने हैं इसके? भारतीयों की ऐसी पतित सोच तो कभी नहीं रही, पर हमें ऐसा बनाने […] Read more » Condom कण्डोम
समाज जाति आधारित जनगणना के फायदे August 11, 2010 / December 22, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 7 Comments on जाति आधारित जनगणना के फायदे -अनिल कुमार सात मई को संसद में हुई बहस के दौरान प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह ने जाति आधारित जनगणना की मांग पर विचार करने का आश्वासन देकर जाति के जिन्न को बोतल से बाहर निकाल दिया। संसद में उस दिन लगभग सभी राजनीतिक दल जाति आधारित जनगणना के लिए सहमत हो गए थे। हालांकि इस […] Read more » Ethnic census जातीय जनगणना
समाज दधीचि देहदान समिति के माध्यम से मृत देह भी अमर हो रही है August 5, 2010 / December 22, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 3 Comments on दधीचि देहदान समिति के माध्यम से मृत देह भी अमर हो रही है -अरुण कुमार सिंह क्या आप अपनी मृत्यु के बाद भी अपनी आंखों से इस दुनिया को देखना चाहते हैं? क्या आप यह चाहते हैं कि मृत्यु के बाद भी आपका हृदय किसी दूसरे के शरीर को धड़काए? क्या आपकी यह इच्छा है कि देहावसान के पश्चात् आपकी कोई हड्डी किसी के काम आए? यदि हां, […] Read more » samiti दधीचि देहदान समिति
समाज स्वतंत्रता बनाम उच्छृंखलता August 5, 2010 / December 22, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 5 Comments on स्वतंत्रता बनाम उच्छृंखलता -प्रवीण कुमार किसी भी सभ्य समाज में जिसको किसी भी प्रकार के मसल पवार का उपयोग निंदनीय है खासकर यदि वह महिलाओं के विरोध में हो तो शर्मनाक भी है। परन्तु सामाजिक मापदण्डों को स्वतंत्रता के नाम पर तोड़ना भी निंदनीय है। बेलेटाईन डे या फ्रेडशिप डे के नाम पर हम जिस समाज की रचना […] Read more » independence उच्छृंखलता
समाज निस्वार्थ सेवा ही असली सेवा है July 30, 2010 / December 22, 2011 by डॉ. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री | 4 Comments on निस्वार्थ सेवा ही असली सेवा है – डॉ0 कुलदीप चंद अग्निहोत्री मध्यकालीन भारतीय दश गुरु परम्परा के आठवें गुरु श्री हरकिशन जी के जीवन का एक प्रसंग है। उनके जीवन काल में प्लेग का प्रकोप हुआ था। प्लेग अपने आप में भयावह बीमारी है और उन दिनों तो प्लेग को मृत्यु का पर्यायवाची ही माना जाता था। लोग अपने घर बार […] Read more » Selfless Service निस्वार्थ सेवा