लेख समाज 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की क्रांति की शुरुआत मेरठ से हुई थी या अंबाला से ? October 18, 2022 / October 18, 2022 by तनवीर जाफरी | Leave a Comment तनवीर जाफ़री इतिहास की पाठ्य पुस्तकों में हमेशा से यही पढ़ाया जाता रहा है कि 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की क्रांति की शुरुआत मेरठ से हुई थी। इतिहासकारों तथा राजकीय स्वतंत्रता संग्रहालय में प्रथम स्वतंत्रता संग्राम से संबंधित अनेक रिकार्ड के अनुसार दस मई 1857 को शाम पांच बजे जब गिरिजाघर का घंटा […] Read more » 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की क्रांति प्रथम स्वतंत्रता संग्राम
शख्सियत समाज क्यों पत्थर होती जा रही हैं हमारी करूणा एवं संवेदनाएं? October 17, 2022 / October 17, 2022 by ललित गर्ग | Leave a Comment ललित गर्ग केरल के पथानामथिट्टा में अमीर बनने की चाहत में तांत्रिक के कहने पर दो महिलाओं की बलि देने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। मामले में नरभक्षण का भी संदेह जताया जा रहा है। संदेह है कि आरोपियों ने महिलाओं के लाश के टुकड़े पकाकर खाए। यह खौफनाक एवं डरावना घटनाक्रम […] Read more » compassion and feelings Why our compassion and feelings are turning into stone करूणा एवं संवेदनाएं
राजनीति शख्सियत समाज एपीजे अब्दुल कलाम: नए भारत के युवाओं के लिए एक प्रेरणा October 15, 2022 / October 15, 2022 by प्रियंका सौरभ | Leave a Comment कलाम ने हमेशा अपने दमदार भाषणों के माध्यम से युवा पीढ़ी को प्रेरित करने का प्रयास किया था। दरअसल, उनके कुछ फैसले भी उनके अपने युवा जुनून का ही नतीजा रहे हैं। उदाहरण के लिए, भारत के राष्ट्रपति के रूप में एक आरामदायक जीवन नहीं जीने और छात्रों, युवा पीढ़ी को पढ़ाने और अपना ज्ञान […] Read more » apj abdul kalam
राजनीति शख्सियत समाज राजमाता विजयाराजे सिंधिया : भारत की एक अनुकरणीय क्षत्राणी October 11, 2022 / October 11, 2022 by डॉ अजय खेमरिया | Leave a Comment जयन्ती विशेष : राजमाता विजयाराजे सिंधिया (प्रहलाद भारती ) ग्वालियर के जयविलास पैलेस को लोग दुनियाभर से देखने आते हैं।यह शाही महल दुनिया के सबसे महंगे और आकर्षक महलों में एक है लेकिन इस महल की महारानी राजमाता विजयाराजे सिंधिया को इसके कंगूरे,परकोटा,ऐतिहासिक झूमर,डायनिंग टेविल पर चलती खाने की ट्रेन ,घोड़े बग्गी,और शाही वैभव के […] Read more » Rajmata Vijayaraje Scindia: An exemplary Kshatrani of India राजमाता विजयाराजे सिंधिया
राजनीति शख्सियत समाज बक्सर में जन्मे जेपी सिर्फ सिताब दियारा के ही नहीं देश के “लोकनायक” बने October 10, 2022 / October 10, 2022 by मुरली मनोहर श्रीवास्तव | Leave a Comment – -मुरली मनोहर श्रीवास्तव “जेपी आंदोलन के से देश में हलचल पैदा हुई और 1977 में हुए चुनाव में पहली बार लोगों ने कांग्रेस को सत्ता से दूर कर दिया. इन्दिरा गांधी का गुमान टूट गया. उम्मीद थी जेपी सत्ता की बागडोर संभालेंगे, पर फक्कड़ संत सत्ता लेकर क्या करता निकल पड़ा, भूदान आंदोलन […] Read more » JP became the "Lok Nayak" of the country जय प्रकाश नारायण जेपी
लेख समाज पेशा अध्यापन का मनोवृत्ति राक्षसीय ? October 6, 2022 / October 6, 2022 by निर्मल रानी | Leave a Comment निर्मल रानी स्कूली शिक्षा ग्रहण करने वाला लगभग प्रत्येक भारतवासी संत कबीर के उन दोहों से भली भांति परिचित है जो हमें गुरु के रुतबे व उनके महत्व से परिचित कराते हैं। संत कबीर का सबसे प्रसिद्ध व प्रचलित दोहा ‘गुरू गोविन्द दोऊ खड़े, काके लागूं पांय। बलिहारी गुरू आपने गोविन्द दियो बताय’।। अर्थात […] Read more » Attitude of teaching profession demonic? पेशा अध्यापन का मनोवृत्ति राक्षसीय
लेख समाज वृद्ध क्यों है इतने कुंठित एवं उपेक्षित? October 1, 2022 / October 1, 2022 by ललित गर्ग | Leave a Comment अन्तर्राष्ट्रीय वृद्ध नागरिक दिवस- 1 अक्टूबर 2022 पर विशेष– ललित गर्ग –दुनिया में वरिष्ठ नागरिकों, वृद्धों एवं प्रौढ़ों के साथ होने वाले अन्याय, उपेक्षा और दुर्व्यवहार पर लगाम लगाने के उद्देश्य से प्रत्येक वर्ष 01 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय वृद्ध दिवस के रूप में मनाया जाता है, जिसे भिन्न-भिन्न-नामों से जाना जाता है जैसे- ‘अंतरराष्ट्रीय बुजुर्ग […] Read more » Why is the old man so frustrated and neglected अन्तर्राष्ट्रीय वृद्ध नागरिक दिवस
समाज साक्षात्कार वृद्धजनों का मान-सम्मान करें September 30, 2022 / September 30, 2022 by डॉ. सौरभ मालवीय | Leave a Comment -डॉ. सौरभ मालवीय जीवन के कई चक्र हैं, जैसे बाल्यकाल, यौवनकाल, प्रौढ़काल एवं वृद्धकाल। वृद्धावस्था में मनुष्य कमजोर हो जाता। उसका शारीरिक बल कम हो जाता है, सुनने एवं देखने की शक्ति क्षीण हो जाती है। इस अवस्था में मनुष्य का मस्तिष्क भी प्रभावित होता है। उनकी स्मरण शक्ति क्षीण होने लगती है। वह बातें भूलने लगता है। वह […] Read more » respect the elderly
समाज साक्षात्कार सार्थक पहल पितृसत्तात्मक समाज को चुनौती देती महादेवी September 27, 2022 / September 27, 2022 by चरखा फिचर्स | Leave a Comment मो. अनीसुर रहमान खान बीजापुर, कर्नाटक हाल ही में, कर्नाटक राज्य के बीजापुर शहर के पिछड़े इलाके अफजलपुर टिक्का की उबड़-खाबड़ और पथरीली सड़क पर, मेरी नज़र एक कमजोर महिला की ओर खिंची, जो लगभग सत्तर साल की एक बुजुर्ग थी. वह फटी पुरानी चप्पल पहन कर अपने पैरों को नुकीले और उभरे हुए पत्थरों से बचाने की कोशिश करते हुए […] Read more » महादेवी
राजनीति शख्सियत समाज राष्ट्रसंस्कृति से आप्लावित पं.दीनदयाल उपाध्याय का राजनैतिक दर्शन September 26, 2022 / September 26, 2022 by कृष्णमुरारी त्रिपाठी अटल | Leave a Comment कृष्णमुरारी त्रिपाठी अटल भारतीय राजनीति के वृहदाकाश में दैदीप्यमान पं. दीनदयाल उपाध्याय अपने राष्ट्रीय विचारों, राष्ट्रवाद व भारतीय सनातन हिन्दू संस्कृति के मुखर पक्षधर व तदानुरुप रीति-नीति के आधुनिक राजनैतिक प्रवर्तकों में लब्ध-प्रतिष्ठित हैं।उन्होंने केवल विचार ही नहीं दिए,अपितु जनसंघ व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के माध्यम से विचारों को धरातलीय रुप भी दिया। एकात्ममानव दर्शन […] Read more » immersed in national culture Political Philosophy of Pt. Deendayal Upadhyay पं.दीनदयाल उपाध्याय का राजनैतिक दर्शन
शख्सियत समाज साक्षात्कार श्री ईश्वरचंद्र विद्यासागर ने हिंदू समाज में व्याप्त कुरीतियों को समाप्त करने के प्रयास किए September 26, 2022 / September 26, 2022 by प्रह्लाद सबनानी | Leave a Comment श्री ईश्वरचंद्र बंद्योपाध्याय “विद्यासागर” का जन्म दिनांक 26 सितंबर, 1820 को पश्चिम बंगाल (बंगाल प्रेसीडेंसी) के जिला मेदिनीपुर के ग्राम बिरसिंह में हुआ था। आपके पिता का नाम श्री हकुरदास बंद्योपाध्याय और आपकी माता का नाम श्रीमती भगवती देवी था। आप महान समाज सुधारक, दार्शनिक, शिक्षाविद्, लेखक, अनुवादक, मुद्रक, प्रकाशक, उद्यमी, परोपकारी और संस्कृत के विद्वान माने जाते है। […] Read more » Shri Ishwarchandra Vidyasagar made efforts to end the evils prevalent in the Hindu society. श्री ईश्वरचंद्र विद्यासागर
राजनीति शख्सियत समाज आज पूरे विश्व में एकात्म मानववाद के सिद्धांत को अपनाने की सबसे अधिक आवश्यकता September 25, 2022 / September 28, 2022 by प्रह्लाद सबनानी | Leave a Comment पंडित दीनदयाल जी उपाध्याय का जन्म दिनांक 25 सितम्बर 1916 को नगला चंद्रभान गांव उत्तर प्रदेश में हुआ था। आपके पिता का नाम श्री भगवतीप्रसाद जी उपाध्याय एवं माता का नाम श्रीमती रामप्यारी उपाध्याय था। बचपन के साथ-साथ आपका पूर्ण जीवन ही बहुत संघर्षमय रहा था। आपकी आयु जब मात्र दो वर्ष की थी, तब वर्ष 1918 में, आपके पिता इस दुनिया से चल बसे थे। इन परिस्थितियों के बीच आपका पालन पोषण आपके नानाजी के घर पर हुआ। परंतु, कुछ समय पश्चात ही आपकी माताजी का भी देहांत हो गया और जब आपकी आयु मात्र 10 वर्ष की थी तब आपके नानाजी भी चल बसे। Read more » Today there is a great need to adopt the principle of Integral Humanism all over the world. पंडित दीनदयाल जी उपाध्याय