महिला-जगत विविधा समाज बच्चा पैदा करने वाली मशीन November 29, 2015 / November 29, 2015 by विपिन किशोर सिन्हा | 4 Comments on बच्चा पैदा करने वाली मशीन केरल के मशहूर सुन्नी मुस्लिम धर्मगुरु कांथापुरम एपी अबूबकर मुसलियार ने कल दिनांक २८, नवंबर, २०१५ को कोझिकोड में मुस्लिम स्टूडेंट फ़ेडेरेशन के एक कैंप को संबोधित करते हुए कहा कि महिलाएं कभी पुरुषों के बराबर नहीं हो सकतीं, क्योंकि वे केवल बच्चों को पैदा करने के लिए बनी हैं। उन्होंने कहा कि लैंगिक समानता […] Read more » Featured बच्चा पैदा करने वाली मशीन
महिला-जगत विविधा नारी शक्ति का सदुपयोग November 27, 2015 / November 27, 2015 by विजय कुमार | Leave a Comment नारियांे का परिवार और देश के विकास में योगदान कैसे हो, इस पर लोगों के अलग-अलग मत हैं। कुछ उनका स्थान घर बताते हैं, तो कुछ ‘लड़का-लड़की एक समान’ की बात कहते हैं। पिछले दिनों महिलाओं को वायुसेना में लड़ाकू विमान उड़ाने की अनुमति मिली है। यद्यपि विमान तो वे काफी समय से उड़ा रही […] Read more » Featured usefulness of women power नारी शक्ति नारी शक्ति का सदुपयोग
महिला-जगत विविधा भारत में स्तनपान की चिंताजनक स्थिति August 6, 2015 by उपासना बेहार | Leave a Comment उपासना बेहार पूरी दुनिया में 1 अगस्त को विश्व स्तनपान दिवस और अगस्त माह के प्रथम सप्ताह को स्तनपान सप्ताह के रूप में मनाया जाता है। इस दौरान सरकारों और सामाजिक संस्थानों द्वारा लोगों में स्तनपान से जुडी भ्रान्तियों को दूर करने और माँ के दूध के महत्त्व को बताने का प्रयास किया जाता है। नवजात शिशुओं में रोगों […] Read more » भारत में स्तनपान
महिला-जगत समाज सिंगल मदर July 13, 2015 by अभिषेक कांत पांडेय | Leave a Comment कामयाब भी, अच्छी मां भी अभिषेक कांत पाण्डेय आज महिलाएं खुद फैसले ले रही हैं और क्यों न लें, वे पढ़ी-लिखी हैं, कामयाब हैं, उन्हें अपनी जिंदगी अपनी आजादी से जीने का हक है। आज सिंगल मदर बिना पुरुषों के खुद घर और बाहर की जिम्मेदारी बाखूबी उठा रही हैं। ये जीवन में कामयाब हैं […] Read more » सिंगल मदर
महिला-जगत इन महिलाओं ने बदला समाज का नजरिया July 4, 2015 by अभिषेक कांत पांडेय | Leave a Comment अभिषेक कांत पाण्डेय पुरुषों के क्षेत्राधिकार समझे जाने वाले पेशों को अपनाकर महिलाओं ने बुलंदी हासिल की है, इसके लिए उन्हें समाज की बंदिशों और महिला होने के कारण कमजोर समझी जाने वाली मानसिकता से भी लड़ना पड़ा। मुंबई की महिला जासूस रजनी पंडित हो या देश की पहली महिला फॉयर इंजीनियर हर्षिनी कान्हेकर हो […] Read more »
महिला-जगत महिला गैंग्स सम्मान और अधिकार की लडाई July 3, 2015 by अभिषेक कांत पांडेय | 1 Comment on महिला गैंग्स सम्मान और अधिकार की लडाई अभिषेक कांत पाण्डेय महिलाएं आज सशक्त हो रही हैं। किसी भी क्षेत्र में आज वे पीछे नहीं है। अपने अधिकार और मान-सम्मान के लिए वह घरों से बाहर आ रही हैं। ऐसे में पुरुषवादी या रूढ़ियों वाला समाज या फिर व्यवस्था जब उनके बीच में आते हैं तो ये महिलाएं संगठित हो जाती हैं और […] Read more » अधिकार की लडाई महिला गैंग्स महिला गैंग्स सम्मान
महिला-जगत वर्त-त्यौहार विविधा रूढिय़ों से मुक्त करेंगी हमारी बेटियां April 15, 2015 by मनोज कुमार | Leave a Comment मनोज कुमार भारतीय उत्सव एवं तीज-त्योहारों में एक प्रमुख और शुभ दिन यूं तो अक्षय तृतीया को माना गया है किन्तु यह दिन भारतीय समाज के लिये कलंक का दिन भी होता है जब सैकड़ों की संख्या में दुधमुंहे बच्चों को शादी के बंधन में बांध दिया जाता है. समय परिवर्तन के साथ सोच में […] Read more » Featured आत्मनिर्भर बनती बेटियां आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनती बेटियां बेटियां रूढिय़ों से मुक्त
महिला-जगत विविधा माहवारी पर विमर्श : बस, सुर्खियों में बने रहने की चाहत April 7, 2015 / April 11, 2015 by व्यालोक पाठक | 3 Comments on माहवारी पर विमर्श : बस, सुर्खियों में बने रहने की चाहत व्यालोक पाठक हमारे-आपके लिए इसका अंदाज़ा भी लगा पाना मुश्किल है कि महिला सशक्तिकरण में भला माहवारी की क्या भूमिका हो सकती है, लेकिन हालिया कुछ विमर्शों को देखें तो यही कहना पड़ेगा कि सशक्तिकरण में माहवारी की महती भूमिका है। नारीवादी आंदोलन महिलाओं के शरीर को लेकर पहले भी मुखर रहा है, लेकिन इसकी […] Read more » Featured नारीवाद माहवारी स्त्री विमर्श
महिला-जगत पवित्रता और अपवित्रता का फलसफा March 30, 2015 / April 4, 2015 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | 4 Comments on पवित्रता और अपवित्रता का फलसफा सोनाली मिश्रा होली अभी बीती है. होली के आते ही मेरे ज़ेहन में कई बरस पहले की एक घटना एकदम से जैसे सामने से आ जाती है। वह होली थी, मैं शायद 9 बरस की रही होऊँगी। इटावा शहर में हमारा मोहल्ला होली की सुबह से ही गुलज़ार हो जाया करता था। बच्चों की टोली […] Read more » Featured नारी विमर्श
चिंतन जन-जागरण महिला-जगत क्या एक महिला दूसरी महिला की पीड़ा को समझती है ? March 20, 2015 by शैलेन्द्र चौहान | 1 Comment on क्या एक महिला दूसरी महिला की पीड़ा को समझती है ? भारतको अंग्रेजी शासन से आज़ाद हुए छह दशक से भी अधिक का समय बीत चुका है, लेकिन आज भी लिंग आधारित भेदभाव और महिलाओं पर अत्याचारों में कोई कमी नहींआई है। महिला सशक्तिकरण और महिला उत्थान के लिए आज भी ज्यादा कुछ नहीं किया जा रहा है। निर्भया कांड पर बीबीसी की वृत्त फिल्म ‘इंडिया […] Read more » ‘इंडिया डॉटर कन्या भ्रूण हत्या क्या एक महिला दूसरी महिला की पीड़ा को समझती है ? निर्भया कांड महिला उत्थान महिला की पीड़ा महिला सशक्तिकरण महिलाअशिक्षा महिलाओं पर अत्याचारों सामाजिक-सांस्कृतिक कुरीतियां
महिला-जगत मातृत्व अवकाश : महिलाओं से भेदभाव क्यों March 18, 2015 by बी.आर.कौंडल | Leave a Comment किसी भी समाज में बड़े बदलाव उस समाज में महिलाओं की स्थिति और उनकी सामाजिक प्रगति के साथ ही आते हैं | विकासशील से विकसित राष्ट्र की तरफ अग्रसर भारत अपनी शिक्षा व बुनियादी ढांचे में लगातार सुधार करता जा रहा है | परन्तु जहाँ तक महिलाओं के विकास का प्रश्न है, भारत विश्व […] Read more » महिलाओं से भेदभाव क्यों मातृत्व अवकाश
महिला-जगत क्या एक महिला दूसरी महिला की पीड़ा को समझती है ? March 18, 2015 / March 18, 2015 by शैलेन्द्र चौहान | Leave a Comment शैलेन्द्र चौहान भारत को अंग्रेजी शासन से आज़ाद हुए छह दशक से भी अधिक का समय बीत चुका है, लेकिन आज भी लिंग आधारित भेदभाव और महिलाओं पर अत्याचारों में कोई कमी नहीं आई है। महिला सशक्तिकरण और महिला उत्थान के लिए आज भी ज्यादा कुछ नहीं किया जा रहा है। निर्भया कांड पर बीबीसी […] Read more » molestation with women in office women's sexual harrasment बलात्कार के मामले भंवरी देवी सामूहिक बलात्कार महिला की पीड़ा