महिला-जगत स्त्री-आधुनिकता विचारों में है या ‘जीन्स’ में – सारदा बनर्जी November 29, 2012 by सारदा बनर्जी | 1 Comment on स्त्री-आधुनिकता विचारों में है या ‘जीन्स’ में – सारदा बनर्जी आज अधिकतर भारतीय स्त्रियां प्रचलित भारतीय वस्त्रों की जगह जीन्स को वरीयता दे रही हैं। इसकी वजह है मार्केट में जीन्स का व्यापक तौर पर उपलब्ध होना और जीन्स का कम्फर्ट-लेबल । इसके अतिरिक्त जीन्स स्टाइलिश ड्रेस के रुप में भी माना जाता है। साथ ही यह आधुनिकता का भी परिचायक है। यही वजह है […] Read more »
महिला-जगत विकास के नाम पर विस्थापन झेलती आदिवासी महिलाएं November 16, 2012 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | 1 Comment on विकास के नाम पर विस्थापन झेलती आदिवासी महिलाएं अशोक सिंह आदिवासी विद्रोहों के इतिहास में भले ही स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाता है लेकिन आदिवासी औरतों के बलिदान की गाथाएं अब भी इतिहास की वस्तु नहीं बन पायी। पहले की तरह आज भी उनके सवाल, उनके मुद्दे हाशिए पर धकेले जाते रहे हैं। विकास विस्थापन और महिलाएँ एक ऐसा ही ज्वलंत और बुनियादी […] Read more » आदिवासी विस्थापन
महिला-जगत पुरुष प्रधान समाज के यह महिला विरोधी फ़ैसले November 14, 2012 by तनवीर जाफरी | Leave a Comment तनवीर जाफ़री विभिन्न राजनैतिक,धार्मिक व सामाजिक मंचों से हालाँकि प्राय: महिलाओं को लुभाने वाली इस प्रकार की भाषणबाज़ी सुनाई देती है कि महिलाओं को समाज में ‘देवी’ जैसा रुतबा व स्थान प्राप्त है। कभी महिलाओं को बराबर की हिस्सेदारी देने की बात भी की जाती है। भारत की राजनैतिक व्यवस्था में तो महिलाओं को 33 […] Read more »
महिला-जगत स्त्री और कृष्ण-चरित्र – सारदा बनर्जी November 11, 2012 by सारदा बनर्जी | 1 Comment on स्त्री और कृष्ण-चरित्र – सारदा बनर्जी क्या कारण है कि स्त्रियों में मिथकीय नायकों में राम की अपेक्षा कृष्ण ज़्यादा पॉप्यूलर हैं ? कृष्ण को लेकर स्त्रियों में जितनी फैंटेसी, प्रेम और उत्सुकता दिखाई देती है उतनी उत्सुकता राम को लेकर नहीं। कृष्ण को लेकर सुंदर कल्पनाएं करने, कथाएं रचने और चर्चा करने में स्त्रियां जितनी रुचि लेती हैं उतनी राम-कथा […] Read more » स्त्री और कृष्ण
महिला-जगत बिना हारे, स्त्री जीत नहीं सकती! November 7, 2012 / November 7, 2012 by डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश' | 2 Comments on बिना हारे, स्त्री जीत नहीं सकती! यह अवस्था अर्थात् तृप्ति या ऑर्गेज्म तो स्त्री की पुरुष के समक्ष हार या समर्पण का स्वाभाविक प्रतिफल होता है, जबकि ऐसी आधुनिका नारियों का अवचेतन तो इतना रुग्ण हो चुका होता है कि वे पुरुष के समक्ष अपना सबकुछ समर्पित करके हार जाने के बजाय कुछ भी समर्पित नहीं करके सब कुछ पा लेने […] Read more »
महिला-जगत एसिड अटैक की शिकार होती महिलाएं October 29, 2012 by वंदना शर्मा (हिस) | Leave a Comment वन्दना शर्मा चेहरे पर एक दाग लग जाता है तो उसे हम जल्दी से जल्दी साफ करने को दौड़ते हैं और तब तक बेचैन रहते हैं जब तक चेहरा पहला-सा नहीं हो जाता। ऐसे में उन लोगों की बेचैनी का अंदाजा लगाया जा सकता है जो ‘एसिड अटैक‘ का शिकार हो रहे हैं। इन दिनों […] Read more »
महिला-जगत वह पैरों की धूल नहीं है October 20, 2012 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment ममता सिन्हा देश और विश्व में हो रही तमाम तरक्कियों के बावजूद औरतों को बराबरी का दर्जा तो दूर उन्हें जीने का अधिकार भी नसीब नहीं हुआ है। यह सही है कि साहस के साथ संगठित होकर समय समय पर महिलाओं ने आवाज बुलंद किया है और कुछ अधिकार हासिल किये हैं लेकिन साथ ही […] Read more »
महिला-जगत बेटी कब से पराया धन हो गई October 5, 2012 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | 1 Comment on बेटी कब से पराया धन हो गई 11 अक्टूबर-बालिका दिवस पर विशेष सरिता सामरथ दूसरी बार अंतरिक्ष में पहुंचने वाली भारतीय मूल की सुनिता विलियम्स पर पूरा देश गौरवान्वित हो रहा है। हर तरफ भारत की इस बेटी की ही चर्चा हो रही है। यह कोई पहला अवसर नहीं है जब किसी भारतीय महिला ने देश की शान बढ़ाई है। इससे पहले […] Read more » नारी महिला
महिला-जगत सीरियल-उन्मादना और स्त्री / सारदा बनर्जी October 2, 2012 by सारदा बनर्जी | Leave a Comment हाल-फिलहाल यह देखा जा रहा है कि टी.वी. सीरियल के साथ स्त्रियों का गहरा संपर्क बन रहा है। चाहे वह लड़की हो, युवती हो, औरत हो या बुज़ुर्ग महिला, चाहे शिक्षित हो चाहे अशिक्षित। कुछ हिन्दी टी.वी. चैनलों जैसे स्टार प्लस, ज़ी टी.वी., सोनी टी.वी., आदि के साथ ही विभिन्न क्षेत्रिय चैनलों जैसे स्टार जलसा(बंगला) […] Read more »
महिला-जगत स्त्री-आकर्षण का केन्द्र : अनुभूति, ताकत नहीं – सारदा बनर्जी September 29, 2012 by सारदा बनर्जी | 2 Comments on स्त्री-आकर्षण का केन्द्र : अनुभूति, ताकत नहीं – सारदा बनर्जी आम तौर पर पुरुषों में यह धारणा प्रचलित रही है कि स्त्रियां पुरुषों के मर्दानगी वाले एटीट्यूड, बलिष्ठ भुजाओं वाले ताकतवर शरीर से ही आकर्षित होती हैं लेकिन यह धारणा सरासर गलत है। यहां हमें अपनी परंपरागत मानसिकता में थोड़ा फेर-बदल करना होगा। स्त्री –हृदय की पड़ताल के लिए यह बेहद ज़रुरी है कि स्त्री-मनोविज्ञान […] Read more »
महिला-जगत यहां महिलाएं सुरक्षित हैं September 18, 2012 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment जिगमत ल्हामो एक शोध के अनुसार महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित माने जाने वाले देशों में भारत चौथे स्थान पर है। शोध में कहा गया कि यहां महिला हिंसा, भ्रूण हत्या, और मानव तस्करी बड़े पैमाने पर होते हैं। इस रिपोर्ट पर काफी हंगामा मचा था और यह तर्क दिया गया था कि इसके पीछे […] Read more »
महिला-जगत दुर्गा, लक्ष्मी और सरस्वती September 15, 2012 / September 15, 2012 by बीनू भटनागर | 2 Comments on दुर्गा, लक्ष्मी और सरस्वती बीनू भटनागर नारी और पुरुष के कर्तव्यों और उत्तरदायित्वों मे काल, देश और विभिन्न संसकृतियों के संदर्भ मे सदा विवाद रहे हैं और रहेंगे, क्योंकि समय और परिस्थितयों मे परिवर्तन होते ही विचार धारायें बदलती हैं। नैतिकता के स्तर भी बदलते हैं। समाज का कल्याण तभी संभव है जब स्त्री पुरुष एक दूसरे के पूरक […] Read more » women life