छ:दिन बीते किसी तरह से ,कल आना है फिर संडे|
खेल खेल के नये तरीके,और सीखेंगे नये फंडे|
सुबह देर तक सोऊंगा मैं,कोई मुझे जगाना मत|
उठ जाने के बाद कोई भी ,घर का काम कराना मत|
और नाश्ते में खाऊंगा,गरम गरम आलू बंडे|
मित्रों के संग चेयर रेस हम ,मज़े मज़े से खेलेंगे|
पीकर दूध किलो भर फिर, भरपूर दंड हम पेलेगें|
और शाम को खायेंगे फिर,उबले हुये पांच अंडे|
देर शाम को देखूँगा मैं ,अच्छी सी पिक्चर जाकर|
डिनर खाऊंगा बढ़िया बढ़िया ,अच्छे होटल में जाकर|
देर रात जो सोऊँगा तो ,आ जायेगा फिर मंडे|