गांधी परिवार के सम्मान में कांग्रेस उतरेगी मैदान में!

                                   संजय सक्सेना

     ’एक तो चोरी, ऊपर से सीना जोरी’ गांधी परिवार आजकल यही कर रहा है। कभी सोनिया गांधी ’पीएम केयर फंड’ में घोटाले का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री मोदी पर हमलावर हो जाती हैं तो राहुल बाबा की बुद्धि लाॅक डाउन ने खराब कर रखी है। कभी वह कहते हैं कि देश को लाॅक डाउन में झोककर करके कोरोना को नहीं हराया जा सकता है तो कुछ दिनों बाद वह यह कहकर छाती पीटने लगते हैं कि जब कोरोना बढ़ रहा है तब मोदी लाॅक डाउन खत्म कर रहे हैं। आज राहुल गांधी ने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए मीडिया से बात करते हुए कहा कि भारत दुनिया का अकेला ऐसा देश है जहां कोरोना वायरस तेजी से बढ़ने के बावजूद ‘लॉकडाउन’ हटाया जा रहा है। लॉकडाउन का मकसद फेल हो चुका है, देश इसके नतीजे भुगत रहा है। राहुल ने कहा कि चार फेज के लॉकडाउन के बाद भी वे नतीजे नहीं मिले जिनकी उम्मीद प्रधानमंत्री कर रहे थे। अब राहुल को कौन समझाए कि आर्थिक कारणों के चलते करीब-करीब पूरी दुनिया लाॅक डाउन से बाहर आने की जुगत में लगी हुई है,भारत भी इसी जुगत का एक हिस्सा है।      एक तरफ राहुल बेरोजगारी और आर्थिक मंदी को लेकर मोदी सरकार को घेरते हैं तो दूसरी तरफ जब मोदी सरकार इससे निपटने के लिए कदम उठाती है तो राहुब बाबा मातम करने लगते हैं। यही मनोदशा गांधी से वाड्रा हो चुकी कांग्रेस महासचिव प्रियंका  वाड्रा का है। जब देश कोरोना महामारी से जूझ रहा है,तब प्रियंका वाड्रा सियासी पिच पर बसपा सुप्रीमों मायावती और सपा प्रमुख अखिलेश यादव को ही नहीं अपने भाई राहुल गांधी को भी सियासी पिच पर पीछे छोड़ देने को उतावली दिख रही हैं। इसी लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के खिलाफ प्रियंका ने संघर्ष का एलान कर दिया है। यह संघर्ष प्रदेश की जनता के हित के लिए किया जा रहा है। बल्कि उस शख्स के लिए किया जा रहा है जो कभी बेहद शान के साथ कहता था कि मैं पिक्चर के टिकट ब्लैक करता था। यह शख्स आजकल इस लिए जेल में हैं क्योंकि उसने राजस्थान से प्रवासी मजदूरों को बस से उत्तर प्रदेश भेजने के नाम पर उत्तर प्रदेश सरकार के धोखाधड़ी की थी। राजस्थान से मजदूरों को बस के माध्यम से यूपी भेजने के नाम पर योगी सरकार को मोटर साइकिल, आॅटो रिक्शा आदि गाड़ियों के नंबर थमा दिए थे। इसी धोखाधड़ी के चलते यह शख्स अब जेल में है। यह और कोई नहीं बल्कि यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष और प्रियंका के वफादार अजय कुमार लल्लू हैं। लल्लू ने एक तो राजस्थान से यूपी बसों को भेजने के नाम पर उत्तर प्रदेश शासन को गलत जानकारी दी और जब धोखाधड़ी के आरोप में लालू को गिरफ्तार कर लिया गया तो प्रियंका वाड्रा, ऐसे धोखेबाज नेता की गिरफ्तारी के खिलाफ संघर्ष की बात कर रही हैं। प्रियंका कह रही हैं कि जब तक उन्हें(अजय लल्लू को) न्याय नहीं मिलेगा तब तक यूपी कांग्रेस का एक-एक कार्यकर्ता यह संघर्ष जारी रखेगा।    उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका वाड्रा ने ट्वीट करके कहा है कि यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने संघर्षशील श्रमिक जीवन बिताकर राजनीतिक मुकाम हासिल किया है। 19 मई को यूपी सरकार ने जिस दुर्भावना के साथ उन्हें जेल में डाला है, वह साफ दर्शाता है कि विपक्ष के सकारात्मक सेवाभाव को यूपी सरकार द्वारा ठुकराया और दबाया जा रहा है, लेकिन अजय कुमार लल्लू नहीं झुकेंगे और कांग्रेस पार्टी का काम नहीं रुकेगा। जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलेगा तब तक यूपी कांग्रेस का एक एक कार्यकर्ता उनके लिए आवाज उठाएगा और संघर्ष जारी रखेगा।   बता दें कि प्रवासी श्रमिकों और कामगारों को अन्य राज्यों से लाने के लिए बसों की सूची में फर्जीवाड़ा करने के आरोप में यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को यूपी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उन्हें लखनऊ पुलिस ने गत दिनों आगरा से गिरफ्तार किया गया था। इस समय लल्लू लखनऊ के गोसाईगंज स्थित जिला जेल में बंद है। जेल में बने क्वारंटाइन बैरक में उन्हें रखा गया है, जहां उनसे कोई मुलाकात नहीं कर सकता है। वैसे लल्लू अकेले ऐसे कांगे्रसी नेता नहीं है,जिनके खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है। प्रियंका के निजी सचिव पर भी लल्लू की तरह धोखाधड़ी का मुकदमा चल रहा है।   कांगे्रस अध्यक्षा सोनिया गांधी के खिलाफ पीएम केयर्स फंड पर एक ट्वीट को लेकर शिकायत के बाद एफआईआर दर्ज हुई है। यह शिकायत कर्नाटक में दी गई थी, जिसपर पुलिस ने बाद में एफआईआर दर्ज की। शिकायत करनेवाला शख्स बीजेपी का कार्यकर्ता होने के साथ-साथ वकील भी है। शिकायत में लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया गया था। शिकायत 11 मई को दी गई थी, जिस पर शिवमोगा पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली थी।
    शिकायतकर्ता ने एफआईआर के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा था कि उन्होंने पीएम केयर्स को फ्रॉड कहा था। उनके ट्विटर पर कहा गया कि इसके फंड को लोगों के लिए नहीं बल्कि पीएम मोदी की विदेशी यात्राओं के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। कोराना काल में यह सरकार के खिलाफ अफवाह है। इसलिए मैंने शिकायत दर्ज करवाई। सोनिया गांधी की बात करें तो उन्होंने इसी माह एक वीडियो बयान जारी कर प्रवासी मजदूरों का जिक्र करते हुए पीएम-केयर्स फंड के नाम पर फ्राड का आरोप लगाया था। कुल मिलाकर गांधी परिवार अपनी प्रतिष्ठा को बचाने के लिए कोरोना महामारी को अनदेखा करते हुए कांगे्रसियों को सड़क पर उतार कर अव्यवस्था का माहौल तैयार करना चाह रहे हैं ताकि कोरोना महामारी से निपटने में लगी योगी सरकार को बदमान किया जा सके।

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संजय सक्‍सेना
मूल रूप से उत्तर प्रदेश के लखनऊ निवासी संजय कुमार सक्सेना ने पत्रकारिता में परास्नातक की डिग्री हासिल करने के बाद मिशन के रूप में पत्रकारिता की शुरूआत 1990 में लखनऊ से ही प्रकाशित हिन्दी समाचार पत्र 'नवजीवन' से की।यह सफर आगे बढ़ा तो 'दैनिक जागरण' बरेली और मुरादाबाद में बतौर उप-संपादक/रिपोर्टर अगले पड़ाव पर पहुंचा। इसके पश्चात एक बार फिर लेखक को अपनी जन्मस्थली लखनऊ से प्रकाशित समाचार पत्र 'स्वतंत्र चेतना' और 'राष्ट्रीय स्वरूप' में काम करने का मौका मिला। इस दौरान विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं जैसे दैनिक 'आज' 'पंजाब केसरी' 'मिलाप' 'सहारा समय' ' इंडिया न्यूज''नई सदी' 'प्रवक्ता' आदि में समय-समय पर राजनीतिक लेखों के अलावा क्राइम रिपोर्ट पर आधारित पत्रिकाओं 'सत्यकथा ' 'मनोहर कहानियां' 'महानगर कहानियां' में भी स्वतंत्र लेखन का कार्य करता रहा तो ई न्यूज पोर्टल 'प्रभासाक्षी' से जुड़ने का अवसर भी मिला।

1 COMMENT

  1. कांग्रेस के साथ दिक्कत यह है कि वह्मोदी सरकार को कोरोना मसले पर सफल होते नहीं देखना चाहती क्योंकि ऐसा होना उसका सत्ता से उतना ही दूर होना होगा , वह राहुल को प्रतिस्थापित करने की पुनः कोशिश में है , , राहुल नहीं तो प्रियंका, को भी द्वितीय चॉइस के रूप में लेन का प्रयास है , लेकिन वह यह नहीं समझ प् रही किyah सिक्का अब बाजार में नहीं चल पायेगा
    कांग्रेस ने जितना विरोध मोदी का किया उतना ही मोदी की लोक प्रियता बढ़ी , वह अभी भी मजदूरों को नकद पैसा दिलाने का जोर दाल रही है ताकि भ्रस्टाचार से पैसा खाया जा सके
    मजदूरों को भड़काने , समुदाय विशेष को भड़काने का उसका काम उसकी निम्न वैचारिकता को दर्शित कर चूका है लेकिन फिर भी बाज नहीं आ राहीह है , जो लज्जाजनक है

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