मोदी का प्रचंड बहुमत से जीतना देश की सेना के शौर्य पर सवाल उठाने वाले लोगों के मुँह पर करारा तमाचा

पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गाँधी जी के बाद लगातार दूसरी बार पूर्ण बहुमत से जीतकर नरेंद्र मोदी ने इतिहास रच दिया है। पिछली बार 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में ३० साल बाद पूर्ण बहुमत की सरकार आयी थी और इस बार 2019 में मोदीने देश के पहले प्रधानमंत्री स्वर्गीय जवाहर लाल नेहरू जी और देश की पहली महिला प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गाँधी जी के बाद लगातार दो बार पूर्ण बहुमत की सरकार बनाकर इतिहास रच दिया है। इस बार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को 352 सीटें मिली है, जिनमें भारतीय जनता पार्टी 303, शिवसेना 18, जनता दल यूनाइटेड 16, लोजपा 06 और अन्य छोटी पार्टियां 09 सीटें जीती हैं। खासकर बात की जाए भाजपा की जीत की तो भाजपा ने हिंदी पट्टी राज्यों में जबरदस्त प्रदर्शन किया है, जिनमें प्रमुख रूप से उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखण्ड, हरियाणा और दिल्ली राज्य रहे हैं। भाजपा को बहुमत तक पहुंचने में इन राज्यों की एक अहम् भूमिका है। इसके अलावा भाजपा ने पश्चिम बंगाल, ओडिसा और तेलांगना जैसे राज्यों यहाँ पर भाजपा 2014 से पहले न के बराबर थी में अपनी अच्छी खासी उपस्थिति दर्ज कराई है और क्षत्रपों के सिहांसन को हिला के रख दिया है। खासकर पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी को इन चुनावों में पिछले बार के 2014 के चुनावों की तुलना में काफी नुकसान हुआ है। पश्चिम बंगाल में भाजपा ने 18 सीटें जीतकर ममता बनर्जी को परेशानी में डाल दिया है। इसका प्रमुख कारण पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी का तानशाही शासन और तुष्टिकरण की राजनीति रही है। जिसका खामियाजा आज ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल में भुगत रही हैं। नरेंद्र मोदी की पूरे देश में प्रचंड जीत के साथ ही सम्पूर्ण देश में कांग्रेस के साथ ही गैर एनडीए क्षेत्रीय दलों (दक्षिण के कुछ क्षेत्रीय दलों को छोड़कर) का सूफड़ा साफ हो गया है। यूपीए गठबंधन में कांग्रेस पार्टी राहुल गाँधी और प्रियंका गाँधी के नेतृत्व में सिर्फ 52 सीट ही जीत पायी है। यूपीए गठबंधन में डीएमके 23 सीटों के साथ तमिलनाडु में जीत दर्ज की है, इसके साथ ही एनसीपी ने 5 सीटों पर जीत दर्ज की है और आरजेडी और जेएमएम ने 1,1 सीट पर जीत दर्ज की है। पूरे यूपीए ने सम्पूर्ण देश में कुल मिलाकर 92 सीटें जीती हैं। इसके साथ ही अन्य दलों की बात की जाए तो तृणमूल कांग्रेस 23 सीटों पर जीती है, वायएसआर कांग्रेस ने जगनमोहन रेड्डी के नेतृत्व में लोकसभा की 22 सीटों पर जीती है और आंध्र प्रदेश से चंद्रबाबू नायडू की सरकार को उखाड़ फेंका है। चंद्रबाबू नायडू की पार्टी तेलगुदेशम पार्टी सिर्फ 03 लोकसभा सीटों पर ही जीत पायी है। जो चंद्रबाबू नायडू पूरे देश के क्षत्रपों को एकजुट करने लगे थे वो खुद अपना प्रदेश भी नहीं बचा पाए और आंध्र प्रदेश के विधानसभा चुनावों में जगनमोहन रेड्डी की पार्टी पूर्ण बहुमत से सरकार बना रही है। तेलंगाना राष्ट्र समिति ने 09 सीटों पार जीत दर्ज की है। इसके साथ ही पूरे पूर्वोत्तर भारत में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया है। पश्चिम के राज्यों में भी भारतीय जनता पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अपने पुराने प्रदर्शन से भी अच्छा प्रदर्शन किया है। दक्षिण की बात की जाए तो दक्षिण में भाजपा ने कर्नाटाक में काफी अच्छा प्रदर्शन किया है और कर्नाटक की 28 सीटों में से 25 सीटों पर विजयश्री प्राप्त की है। इसके साथ ही तेलंगाना राज्य में भाजपा ने 04 सीटें जीतकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। पूर्वी भारत की बात की जाए तो पश्चिम बंगाल और ओडिसा में भाजपा ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया है। 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत से जीतकर नरेंद्र मोदी जी इस जीत के महानायक बने हैं। इस जीत ने 2014 के लोकसभा में भाजपा द्वारा रिकॉर्ड जीती गयी 282 सीटों के रिकॉर्ड को तोड़ते हुए 303 सीटें 2019 के लोकसभा चुनाव में जीती हैं। यह जीत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्रवाद की जीत है। नरेंद्र मोदी ने यह चुनाव राष्ट्रवाद और विकास के नाम पर लड़ा था। नरेंद्र मोदी ने इस चुनाव में विपक्षियों द्वारा पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान में भारत की सेना द्वारा की गयी सर्जिकल स्ट्राइक पर उठाये गए सवालों को जनता के बीच तक पहुँचाया। और नरेंद्र मोदी ने इस चुनाव में आतंकवाद के साथ-साथ राष्ट्रीय सुरक्षा को भी अहम् मुद्दा बनाया। कहा जाए तो विपक्षियों द्वारा पकिस्तान के बालाकोट में सेना द्वारा की गयी सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाना भी उनकी हार का प्रमुख कारण है। भारत देश के लोग एक घडी के लिए अपना अपमान सह सकते हैं लेकिन कोई अगर सेना के शौर्य पर प्रश्नचिन्ह लगाता है तो सम्पूर्ण देश उसे करारा जवाब देता है। ऐसा ही विपक्षियों के साथ हुआ जिन्होंने सेना द्वारा पकिस्तान में की गयी सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाये। प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत देश ने पिछले पांच सालों में पूरे विश्व को आतंकवाद के खिलाफ एकजुट किया और पाकिस्तान जैसे आतंकवाद का पोषण करने वाले देश को पूरी विश्व बिरादरी में अलग-थलग करने में अहम् भूमिका निभाई। इसी कड़ी में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत देश ने पाकिस्तानी चरमपंथी और जैश-ए-मोहम्मद के मुखिया मसूद अजहर को श्आतंकवादीश् घोषित कराया और मसूद अजहर जैसे कुख्यात आतंकी को सयुक्त राष्ट्र से प्रतिबंधित कराया। मोदी जी के नेतृत्व में पिछले पांच सालों में जम्मू कश्मीर में अलगाववादियों पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने शिकंजा कसा है क्योंकि ये ही अलगाववादी कश्मीर में आतंकियों को सीमा पार पकिस्तान से घुसपैठ के लिए मदद करते है। नरेंद्र मोदी नीति सरकार द्वारा हमारी बहादुर सेना के नेतृत्व में पाकिस्तान में घुसकर लक्षित हमले किये गये और पाकिस्तान को सख्त सन्देश दिया गया कि हिन्दुस्तान अब पाकिस्तान पोषित आतंकवाद को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगा। कश्मीर में भी अब तक भारतीय सेना द्वारा दर्जनों बडे आतंकवादियों को मार गिराया है। कश्मीर में अलगाववादियों पर भी टेरर फंडिंग मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शिकंजा कसा हुआ है। ये वे लोग हैं जो कश्मीर घाटी में विध्वंसक गतिविधियों के लिए पाकिस्तान से धन लेते रहे हैं। कहा जाए तो प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी ने विश्व स्तर पर भारत देश का मान-सम्मान बढ़ाया है इसी का परिणाम है कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी 303 सीटों के साथ 2019 के लोकसभा चुनाव में पुनः पूर्ण बहुमत के साथ जीती है। मोदी के विरोधी चुनाव अभियान में उन्हें तरह-तरह की गालियां देते रहे लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन गालियों को नजरअंदाज करते हुए अपने पूरे चुनावी अभियान में राष्ट्रवाद, विकास और आम आदमी से जुड़े हुए मुद्दों को उठाते रहे। पूरा विपक्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में मोदी-मोदी करता रहा और उन्हें कोसता रहा लेकिन नरेंद्र मोदी पूरी रणनीति के साथ अपना चुनावी अभियान चला रहे थे और लोगों को हर तरह से आकर्षित कर रहे थे। इसके अलावा नरेंद्र मोदी को उनकी सरकार की देश के गरीब और आम आदमी को सीधा-सीधा प्रभावित करने वाली योजनाओं का लाभ भी मिला। उज्जवला योजना, जनधन योजना, आयुष्मान भारत योजना, स्वच्छ भारत अभियान, स्टार्टअप इंडिया, स्टैंडअप इंडिया जैसी तमाम योजनाओं ने आमजन को प्रभावित किया और नरेंद्र मोदी के लिए आम जनमानस को वोट डालने के लिए प्रेरित किया। इसके साथ ही बीते पांच सालों में नरेंद्र मोदी सरकार के ऊपर भ्रष्टाचार का कोई भी संगीन आरोप नहीं लगा। कहा जाए तो नरेंद्र मोदी ने इन चुनावों में अपने सुशासन के बल पर जीत दर्ज की है।

2019 के आम लोकसभा चुनावों से पहले जिस प्रकार से विपक्ष अपने आप को एकजुट बता रहा था लेकिन चुनाव आते-आते विपक्ष बिखरने लगा। सिर्फ उत्तर प्रदेश में महागठबंधन के रूप में सपा, बसपा और रालोद ने चुनाव लड़ा। महागठबंधन भी उत्तर प्रदेश में नरेंद्र मोदी की सुनामी को नहीं रोक पाया और पूरे उत्तर प्रदेश में भाजपा ने अच्छा प्रदर्शन किया और एनडीए गठबंधन ने पूरे उत्तर प्रदेश में 64 सीटों पर जीत दर्ज की है, जिसमे भाजपा की 62 सीटें हैं और अपना दल 02 सीटों पर जीती है। लोकसभा चुनावों से कुछ महीने पहले ही एक दूसरे की धुर-विरोधी पार्टियों सपा और बसपा ने उत्तर प्रदेश में नरेंद्र मोदी के रथ को रोकने के लिए महागठबंधन किया जिसमे अजित सिंह कि रालोद को भी शामिल किया गया लेकिन कांग्रेस को इस गठबंधन से बाहर रखा गया। उत्तर प्रदेश में महागठबंधन नरेंद्र मोदी के सामने बौना साबित हुआ और बसपा ने 10 सीटों और सपा ने 05 सीटों जीत दर्ज की है। उत्तर प्रदेश में महागठबंधन की हार का प्रमुख कारण दोनों पार्टियों के आधार वोट एक दूसरे को ट्रांसफर न होना रहा। इस चुनाव में नरेंद्र मोदी की सुनामी में अखिलेश यादव के कई परिजनों को हार का सामना करना पड़ा है। जिसमें प्रमुख रूप से कन्नौज से उनकी पत्नी डिंपल यादव, चचेरे भाई बदायूं से धर्मेंद्र यादव और फिरोजाबाद से अक्षय यादव को करारी शिकस्त मिली है। अब देखने वाली बात होगी कि 2019 के लोकसभा चुनावों में करारी हार के बाद सपा-बसपा और रालोद का यह गठजोड़ महागठबंधन के रूप में और कितने दिन बने रहता है। उत्तर प्रदेश में इन चुनावों में एक और बड़ा बदलाव देखने को मिला है इन चुनावों में राहुल गाँधी को उनकी परंपरागत सीट अमेठी से भाजपा की स्मृति ईरानी ने करारी शिकस्त दी है और स्मृति ईरानी ने अमेठी में पांच साल कड़ी मेहनत कर गांधी परिवार के गढ़ को जीतने में कामयाबी हासिल की। स्मृति ईरानी द्वारा अमेठी जीतने के लिए खुद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने उन्हें बधाई दी है। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस सिर्फ सोनिया गाँधी की सीट रायबरेली ही जीत सकी है। एक तरह से कहा जाए तो अखिलेश के कई परिवार वालो की हार के साथ राहुल गाँधी की अमेठी से यह बड़ी हार सपा और कांग्रेस के परिवारवाद पर जनता की चोट है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 2019 के लोकसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत दिलाने में उत्तर प्रदेश की इस बार भी प्रमुख भूमिका रही है। इसके अलावा भाजपा ने देश के कई राज्यों में 50 प्रतिशत से ज्यादा मत प्राप्त कर इतिहास रचा है। और कांग्रेस की बात की जाए तो कांग्रेस पार्टी का देश के कई राज्यों में खाता तक नहीं खुला है, कांग्रेस सिर्फ केरल में ही दहाई का अंक पार कर सकी है और 15 सीटों पर जीत दर्ज की है।

17वीं लोकसभा के लिए नवनिर्वाचित नरेंद्र मोदी सरकार को आने वाले समय में शासन को सभी स्तरों पर कुशल, पारदर्शी, भ्रष्टाचारमुक्त, जवाबदेह और नागरिक अनुकूल बनाना होगा। जिसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व्यक्तिगत रूप से प्रयासरत रहते हैं। आने वाले पांच सालों में मोदी सरकार को महिलाओं की सुरक्षा के साथ-साथ बेहतर लैंगिक संवेदनशीलता भी सुनिश्चित करनी होगी। कहा जाए तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राष्ट्र को उपलब्धियों की नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए तहेदिल से और एकाग्रचित होकर प्रयास करना होगा। जो कि उनके हर प्रयास में दिखता है। नरेंद्र मोदी ने चुनाव जीतने के बाद जिस तरह से अपने पहले भाषण में कहा कि मेरे समय का पल-पल और मेरे शरीर का कण-कण देशवासिओं को समर्पित है, यह बात नरेंद्र मोदी को दूसरे राजनेताओं से अलग बनाती है। देश की देवतुल्य जनता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रचंड पूर्ण बहुमत से पुनः जिताकर देश की सेना के शौर्य पर सवाल खड़ा करने वाले और देश में दो प्रधानमंत्री की बात करने वाले लोगों के मुँह पर लोकतंत्र का तमाचा मारा है। 17वीं लोकसभा का परिणाम लोकतान्त्रिक मूल्यों में विश्वास करने वालों की जीत है, जो लोग संवैधानिक और लोकतान्त्रिक व्यवस्थाओं में विश्वास नहीं रखते उन्हें ऐसे ही लगातार देश में हार का सामना करना पड़ेगा। परिणाम बता रहे हैं कि नरेंद्र मोदी को, उनकी नीतियों को, और उनकी सरकार की आमजन को सीधे-सीधे लाभ पहुँचाने वाली योजनाओं को भरपूर जनआशीर्वाद मिला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिना थके, रुके लगातार देश के लिए मेहनत की है। आज इसी मेहनत और कठिन परिश्रम का फल है कि नरेंद्र मोदी लगातार दूसरी बार प्रचंड बहुमत से अपनी अपनी सरकार बना रहे हैं। इस जीत के बाद देशवासियों की उम्मीदें नरेंद्र मोदी के प्रति और बढ़ गयी हैं। अब नरेंद्र मोदी को दिखाना होगा कि वह कैसे देश को विकास के पथ पर आगे ले जाते हैं, क्योंकि सम्पूर्ण देश के साथ-साथ पूरा विश्व नरेंद्र मोदी की तरफ टकटकी लगाकर देख रहा है।

लेखक

  • ब्रह्मानंद राजपूत, आगरा

(Brahmanand Rajput), Agra

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