खबर पर मुहर, भारतीय कंपनी के हाथों बिकेगा कूपर टायर आखिरी चरण में है दोनों कंपनियों में बातचीत का दौर

भारत में रबर और टायर की अग्रणी कंपनियों में मशहूर अपोलो टायर लिमिटेड और यूएस की बड़ी कंपनी कूपर टायर और रबर को. के साथ करार सही दिशा में अग्रसर है। जानकारों के मानें तो अपोलो टायर के चेयरमैन और उनके युवा बेटे के इस बार के प्रयास के समझौते को सफल करने के हर प्रयास किए हैं और इस बार सफलता मिलने की पूरी संभावना भी है, क्योंकि बात लगभग तय है। कूपर टायर के शीर्ष प्रबंधन की हामी भर बस बाकी है। कूपर टायर के गिरते शेयर से जहां इस कंपनी का प्रबंधन निराशा में है, वहीं अपोलो टायर इसका पूरा फायदा उठा रही है। बता दें कि यह डील तकरीबन ढाई बिलियन डॉलर की है जिस पर बात अंतिम चरण पर है। विश्लेषणकों की मानें तो अपोलो टायर कूपर टायर का शेयर 35 डॉलर तक में खरीद सकता है जिसका वर्तमान मूल्य 25 डॉलर है।

यह डील अपोलो टायर के लिए इतना अहम क्यों है, इसके जवाब में अपोलो टायर का शीर्ष प्रबंधन बताते हैं कि अपोलो टायर का विस्तार जहां भारत, दक्षिण पूर्व एशिया, यूरोप, अफ्रीका में है, वहीं कूपर टायर का काम उत्तरी अमेरिका, चीन, लैटिन अमेरिका, अफ्रीका में है। जाहिर है ऐसी परिस्थिति में इस डील से अपोलो टायर का प्रजेंस दुनिया में हो जाएगा। वहीं दूसरा तथ्य ये भी है कि कूपर टायर की टेक्नोलॉजी काफी अच्छी है, उद्योग जगत में अलग रेपो है। कूपर के वर्तमान में 9 ब्रांड हैं। कंपनी लगभग 100 वर्ष पुरानी कंपनी है। और सबसे विशेष कि इसके शेयर के दाम काफी नीचे चल रहे हैं। ऐसे में यह अपोलो टायर के लिए अच्छा मौका है कि वह कूपर टायर की मौजूदा गिरती व्यवस्था का फायदा उठाकर अपने समझौते पर पूर्ण कर ले।

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