मोदी जी का नारा:-
“बेटी बचाओ,बेटी पढाओ”
लालू जी का नारा:-
“एक नहीं,कम से कम दस बारह तो बनाओ
उनको पढाओ,न पढाओ,राजनीति में तो लाओ
कम से कम डिप्टी चीफ मिनिस्टर तो बनाओ”
सोनिया जी का नारा :-
“बहूँ दिलवाओ,मेरे बेटे का घर बसाओ”
राहूल का नारा:-
न बहूँ लाऊंगा,न घर बसाऊंगा
बस ऐसे ही मै काम चलाऊंगा”
मनमोहन जी का नारा
“बिलकुल चुप रहो
किसी से कुछ मत कहो”
लाल बहादुर शास्त्री जी का नारा
“जय जवान जय किसान
अपना तो न कोई मकान
न कोई दुकान न कोई कार
न कोई वाहन ये है झूठी शान”
जय ललिता का नारा:-
“बिन शादी के अम्मा कहलवाओ
साडी व चप्पल का ढेर लगाओ”
कार्तिक का नारा :-
“बाप के बल पर रिश्वत खाओ
फिर उसको कम्पनियो में लगाओ”
चिन्दरम का नारा:-
“वित्त मंत्री बनाओ
खूब नोट कमाओ”
मेरा नारा है (रस्तोगी):-
“देश बड़ा है नारों से
कर्तव्य बड़ा है अधिकारों से”
आर के रस्तोगी
डॉ.मधुसूदन जी
सादर प्रणाम ,
आपने “देश बाद है नारों से “व्यंग कवित पढ़ी ओर अपने कमेंट्स दिए इसके लिए बहुत बहुत ह्रदय से धन्यवाद|आशा है की भविष्य में भी ऐसे ही मुझे प्रोत्साहित करते रहेगे | मै पिछले बीस वर्षो से लिख रह हूँ पर इस साईट पर तीन दिन पूर्व ही लिखना शुरू किया है|
भवदीय
आर के रस्तोगी
सभी के नारे पढे. लालू जी का नारा ! वाह वाह वाह! *देश बडा है नारों से, कर्तव्य बडा अधिकारों से* बहुत सुन्दर. डटे रहिए, और रस्तोगी जी. लिखते रहिए.