प्रवीण दुबे
दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश के सबसे बड़े आबादी वाले सूबे में भगवा के पुनरोदय ने आज भारत ही नहीं पूरी दुनिया का ध्यान आकर्षित किया है। यहां एक भगवा वस्त्रधारी योगी की लहराती विजय पताका से न केवल भारत बल्कि पाकिस्तान जैसे तमाम हिंदुस्तान विरोधी इस्लामिक मुल्कों को भी बेचैन कर दिया है। इन देश विघातक शक्तियों को इस जीत से 440 वोल्ट का झटका लगा है और भारत में गजवा ए हिन्द का स्वप्न संजोए बैठे भगवा विरोधी सन्निपात में जा पहुंचे हैं।
यूपी में लगातार दूसरी बार योगी सरकार की जीत के मायने इस वजह से बेहद महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यही वह सूबा है जिसे कट्टर इस्लामिक ताकतों ने आज से नहीं आठ सौ से भी अधिक वर्षों से इस कारण निशाने पर लिया हुआ है क्यों कि यहां राम कृष्ण ने जन्म लिया ,यहां भोलेनाथ की काशी से कल्याण का महामंत्र जुड़ा हुआ है। यहां की पवित्र गंगा यमुना और सरयू के तीर सदैव दान धर्म का संदेश प्रचारित करते हैं।
यह उन्हें पसंद नहीं यही कारण है कि भगवान राम की अयोध्या, भगवान कृष्ण की मथुरा और भोलेनाथ की काशी पर मुगलिया इस्लामी आतंकियों ने न केवल तोड़फोड़ मचाई बल्कि बलात तरीके से मीनारें खड़ी करके हिंदुओं को नीचा दिखाने की गुंडागर्दी को अंजाम दिया।
स्वतंत्रता के बाद देश का धार्मिक विभाजन होने के पश्चात इस देश के मूल निवासी हिंदुओं को यह उम्मीद थी की अब राहत मिलेगी और देश सही रास्त आगे बढ़ेगा लेकिन हमारे अपनों की सत्ता लिप्सा ने मुस्लिम तुष्टीकरण को इस कदर बढ़ावा दिया कि हिंदुओं के सामने चुनौती दो गुनी हो गई
आज हम उन चुनोतियो पर चर्चा नहीं कर रहे वह तो सर्वविदित हैं,लेकिन इतना जरूर कहेंगे कि पाकिस्तान बनने के बाद से लेकर आज के बीच भगवा और सत्य सनातन हिन्दू संस्कृति के तमाम मानबिन्दुओं को सुनियोजित ढंग से टार्गेट करने का चरणबद्ध षडयंत्र बढ़ता ही गया।
हालात यहां तक जा पहुंचे की भगवान राम की अयोध्या में मंदिर न बने इसके लिए पूरी ताकत झोंक दी गई।मथुरा और काशी के विकास पर खर्च किये जा रहे धन पर भड़काऊ कटाक्ष किये गए।
यहां तक कि भारत माता की जय,वन्देमातरम को नकार दिया गया,गौ हत्या करके मांस पार्टियों के वीडियो जारी किए गए,देश के एक और विभाजन का एजेंडा शर्जील इमाम जैसों ने खुलेआम प्रचारित किया,लव जिहाद , धर्मांतरण की जैसे आंधी सी आ गई ,अपने ही देश के शहरों कस्बों से हिंदुओं को आतंकित कर पलायन के लिए मजबूर किया गया, 370 जैसे देश तोड़ू कानूनों के समर्थन में धरने प्रदर्शन के साथ इस देश को दारुल इस्लाम बनाने गजवा ए हिन्द का मजहबी ऐलान करके जैसे धार्मिक युद्ध का उदघोष ही कर दिया गया।
इस युद्ध में चुनावों को मजबूत हथियार बनाकर राष्ट्रवादी दलों को परास्त करके अपनी शक्ति प्रदर्शित करने का खेल चलाया गया,इसमें इन्हें सफलता मिली पश्चिम बंगाल इसका सबसे बड़ा प्रमाण बन गया। यही खेल उत्तरप्रदेश में भी खेलने की तैयारी की गई। हैदराबाद का ओवैसी और पश्चिम बंगाल की ममता या फिर 90 के दशक में रामभक्त कारसेवकों के हत्यारे मुलायम व अखिलेश साथ में रावण राजभर ,आजम जैसे न जाने कितनों ने ही भगवा के खिलाफ आग उगली,
अपने देश तोड़ू एजेंडे को सेट करने माहौल को गंदा करने की कोशिश की ,लेकिन यह लोग यह भूल गए कि देश बदल चुका है अब न गजवा ए हिन्द चलेगा न लव जिहाद अब अयोध्या मथुरा काशी पर टेढ़ी नजर डालने वालों की खैर नहीं। ,
अब भारत माता की जय व वंदेमातरम के उदघोष से जिन्हें आपत्ति है वे सावधान हो जाएं भारत में यदि रहना होगा तो वंदेमातरम कहना ही होगा अन्यथा पाकिस्तान सहित तमाम इस्लामिक मुल्कों के रास्ते उनके लिए खुले हुए हैं। अब भी समय है दूध में शक्कर की तरह घुलने की मानसिकता ही एकमात्र रास्ता है यदि दूध में नीबू का षडयंत्र करोगे तो मिट जाओगे जैसा कि उत्तरप्रदेश में हुआ है।
ऐसा कहा जाता है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जीत में आठ प्रतिशत से अधिक वोट भारतीय मुसलमान महिलाओं और पुरुषों की ओर से हैं | राज्य के अधिकतर नागरिकों ने एक बार फिर से मोदी-योगी शासन में विश्वास दिखाते भाजपा को विजयी किया है | ऐसी स्थिति के बीच प्रस्तुत राजनीतिक निबंध में पहले पहल उन सभी मतदाताओं द्वारा राजनीति में नकारात्मक तत्वों का बहिष्कार करते राष्ट्रवाद और विकास हेतु उनके प्रशंसनीय समर्थन को उचित ढंग से स्पष्ट करना चाहिए | जब सभी भारतीय राष्ट्र व सामाजिक विकास में यथायोग्य योगदान देते अपना और अपने परिवार का निर्वाह कर पाएंगे तो प्रत्यक्ष में रह गए कुछ एक राष्ट्र-विरोधी तत्वों को न्याय व विधि व्यवस्था द्वारा नियंत्रित किया जा सकेगा |