
दिल में नये अरमान बसायें,आज के दिन।
दिल को गूंचे की तरह खिलायें, आज के दिन॥
फूलों की तरह हँसे-हँसायें, आज के दिन।
बादल की तरह झूमे-छा जायें, आज के दिन॥
मुस्कान की बरखा में नहायें,आज के दिन।
कलियों की तरह खिल जायें, आज के दिन॥
भँवरों की तरह भनभनायें, आज के दिन।
झरनों सा कल-कल बह जायें, आज के दिन॥
अमावस्या के अंधेरे से समा जायें, आज के दिन।
सन्नाटे के दिल को छू जाये, आज के दिन॥
रात के मस्तयौवन में सो जाये, आज के दिन।
ऊषा के गुलाबी पलक खोलें, आज के दिन।
ओंस कणों सा दूब पर छा जायें, आज के दिन॥
ज्योतिर्मय किरणों को जगायें, आज के दिन।
नाजुक कलियों के पाँखों को छू लें, आज के दिन॥
आकाश-धरा की ध्वनि में झूलें, आज के दिन।
छोटा सा है जीवन मैने जाना, आज के दिन।
सागर से गहरे सपने मैंने जाना, आज के दिन॥
झूठा दंभी अहंकारी हूँ मैंने जाना, आज के दिन।
हूँ दो पल का मेहमान क्यों न समझा, आज के दिन
मौत ले लेगी प्राण क्यों न समझा आज के दिन॥
पीव करें तैयारी मौत संग जाने की, आज के दिन।
बिखर जायेगी श्मशान में देह की राख, आज के दिन॥