राष्ट्र पिता महात्मा गांधी

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सत्य अहिंसा के थे वे पुजारी,
नाम था मोहन दास करम चंद गांधी,
माता का नाम था पुतली बाई,
पिता का नाम था करम चंद गांधी।

पैदा हुए थे वे पोरबन्दर में,
कानून की शिक्षा थी पाई।
इस शिक्षा का उपयोग उन्होंने,
साउथ अफ्रीका में अजमाई।।

अहिंसा परमो धर्म मंत्र था उनका
वे भारत के राष्ट्र पिता कहलाए।
सत्य अहिंसा के बल पर ही,
भारत को वे आजाद कर पाए।।

राम गुन धुन के थे वे पक्के,
रोज वे बिरला मंदिर जाते।
वहां अपने वे भजनों द्वारा,
जनता का मन मोह लेते।।

वे तन से थे दुबले पतले,
पर मन से थे बड़े बलशाली।
उन्ही के कारण भारत बना
आज विश्व में बड़ा बलशाली।।

लिया न ढाल कृपाण का सहारा,
कही न तोप व तलवार चलाई।
सत्य अहिंसा के बल पर ही,
उन्होंने भारत को आजादी दिलाई।।

अंग्रेजो भारत को तुम छोड़ो,
यही उनका एकमात्र नारा था।।
इसी नारे के बल बूते पर उन्होंने,
अंग्रेजो को भारत में ललकारा था।।

30 जनवरी उन्नीस सौ अड़तालिस को,
नत्थू राम गोडसे ने उन पर गोली चलाई,
बिरला मंदिर के सामने उन्होंने
इस संसार से विदा थी पाई।।

आर के रस्तोगी

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आर के रस्तोगी
जन्म हिंडन नदी के किनारे बसे ग्राम सुराना जो कि गाज़ियाबाद जिले में है एक वैश्य परिवार में हुआ | इनकी शुरू की शिक्षा तीसरी कक्षा तक गोंव में हुई | बाद में डैकेती पड़ने के कारण इनका सारा परिवार मेरठ में आ गया वही पर इनकी शिक्षा पूरी हुई |प्रारम्भ से ही श्री रस्तोगी जी पढने लिखने में काफी होशियार ओर होनहार छात्र रहे और काव्य रचना करते रहे |आप डबल पोस्ट ग्रेजुएट (अर्थशास्त्र व कामर्स) में है तथा सी ए आई आई बी भी है जो बैंकिंग क्षेत्र में सबसे उच्चतम डिग्री है | हिंदी में विशेष रूचि रखते है ओर पिछले तीस वर्षो से लिख रहे है | ये व्यंगात्मक शैली में देश की परीस्थितियो पर कभी भी लिखने से नहीं चूकते | ये लन्दन भी रहे और वहाँ पर भी बैंको से सम्बंधित लेख लिखते रहे थे| आप भारतीय स्टेट बैंक से मुख्य प्रबन्धक पद से रिटायर हुए है | बैंक में भी हाउस मैगजीन के सम्पादक रहे और बैंक की बुक ऑफ़ इंस्ट्रक्शन का हिंदी में अनुवाद किया जो एक कठिन कार्य था| संपर्क : 9971006425

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