आदमी के खून का ही आदमी प्यासा मिला
गॉव से पहुंचा बाहर तो हर तरफ धोखा मिला
सेठ के बच्चे खिला कर घर जो पहुंची राम दीन
अपना बच्चा सुबह से भूखा उसे रोता मिला
दे दिया नारा चलो स्कूल इस सरकार ने
टाट, शिक्षक, श्याम पट स्कूल मे कुछ ना मिला
सुन के मेरी नौकरी मै उपरी इन्कम की बात
लडकी वाले कह रहे है वर बहुत अच्छा मिला
हो रही हे खूब अब के नामजदगी इस लिये
इस दफा प्रधान पद को एक बडा कोटा मिला
ऑन्धिया आई बुझाने दीप को मेरे मगर
वो उन्हे जब भी मिला राहे खुदा जलता मिला
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समझो सीधा ना इस कदर मुझ को
हर हकीकत कि है खबर मुझ को
दीन दुनिया से मै भी वाकिफ हूं
आप समझो ना बेखबर मुझ को
कुछ ना मांगूंगा फिर खुदा से तेरी
दीद हो जायेगी अगर मुझ को
नींद आती ना ख्वाब आते है
तुम सताते हो रात भर मुझ को
चॉद के इस हसीन मन्जर से
कौन देखे है रात भर मुझ को
आसरा पा के तेरे पहलू मै
मौत का अब नही है डर मुझ को
जिस्म ‘शादाब’ हो गया मेरा
तुमने देखा जो इक नजर मुझ को
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तडप बाने को दिल की सताये जाते है
वो आये जाते है ऐ दिल वो आये जाते है
नजर मिलाना गुनाह हो गया मेरा अब वो
नजर कि राह से दिल मै समाये जाते है
हमारी बाहो मै तुम को अगर नही आना
नजर के तीर क्यो हम पर चलाये जाते है
ग्ज्ल को सुन के वो शमाए और यू बोले
ये सब्ज बाग हमे क्यो दिखाये जाते है
ये काली काली घटाओ से आप के गैसू
तुम्हारा चॉद सा चेहरा छुपाये जाते है
हर एक शाम तेरी याद ए गम भूलाने को
कभी चराग कभी दिल जलाये जाते है
मै उस के बारे मै ”शादाब’’और क्या बोलू
कभी हसॉये कभी हम रुलाये जाते है