मै बड़ा भई,मै बड़ा
सब कहते है मै बड़ा
इसी बात को लेकर
देवताओ में युद्ध छिड़ा
पहले सबसे पावन गंगा बोली,
मै तो सबके पापो को धोती
अपने जल से निर्मल बनाती
गंगोत्री से गंगा सागर तक जाती
उनके पापो को अपने संग ले जाती
इसलिय मै तो सबसे बड़ी
मेरे आगे कोई नही खडी
इस पर भगवान् शंकर बोले
जो है अपनी बातो में भोले
गंगा तुम कैसे बड़ी कैसे बड़ी ?
तुम तो मेरी जटाओ में पड़ी
इस पर हिमाचल पर्वत बोले
जो है दुनिया के बर्फीले गोले
भगवान् शंकर तुम कैसे हो बड़े ?
तुम तो मेरी गुफाओ में पड़े
इस पर गदाधारी हनुमान बोले
जो है सीता माता के हम बोले
हिमालय पर्वत तुम हो कैसे बड़े ?
तुम तो मेरे दोनों हाथो में पड़े
इस पर पुरषोतम रामचन्द्र बोले
जो है माँ कोशल्ल्या के भोले
हनुमान जी तुम कैसे बड़े कैसे बड़े ?
तुम तो मेरे ही चरणों में पड़े
इस पर सीता तुनक कर बोली
जो है राजा जनक की अलबेली
भगवन तुम कैसे बड़े हो कैसे बड़े ?
तुम तो बनो में मेरे चक्कर में पड़े
इस पर भगवान् से भक्त बोले
माँ सीता व रामचन्द्र कैसे है बड़े ?
वे तो राम मंदिर बनाने के लिए
हमारी पवित्र पावन आस्था से जुड़े
यह सुनकर देश के नेता बोले
जो बेईमानी भ्रष्टाचार के शोले
इस देश में है नहीं कोई बड़ा
केवल हमारा वोट बैंक ही बड़ा
इस पर सुप्रीम कोर्ट के जज बोले
इस देश में न हिन्दू बड़ा न मुसलमान बडा
इस देश में न मस्जिद बड़ी न मदिर बड़ा
केवल देश का ही सविधान बड़ा
केवल देश का ही सविधान बड़ा