बेटी जब पैदा नहीं होगी,तब बहू कहाँ से लाओगे ?

0
233

बेटी जब पैदा नहीं होगी,तब बहू कहाँ से लाओगे ?
बहु जब घर नहीं आयेगी,तब परिवार कैसे बढाओगे ?

आज की बेटी कल बहू बनेगी, सारी सृष्टि इसी तरह चलेगी |
बेटा और बेटी है दोनों जरुरी, वर्ना सृष्टि हो जायेगी अधूरी ||

भाई को बहन कहाँ से मिलेगी,जब बेटी की भ्रूण हत्या होगी |
कौन तुम को राखी बांधेगी,कैसे ये रक्षाबंधन घर में मनेगी ?

भाई नहीं,फिर भैया-दौज है कैसी,बहन नहीं,रक्षाबन्धन है कैसी ?
बिन भाई बहन त्यौहार नहीं है,इनका पूरक दूजा अब कोई नहीं है ||

भाई,बहन की हमेशा रक्षा करता,जब उसके हाथो में धागा है बंधता |
धागे को कच्चा बंधन मत समझो,इसको तुम रक्षा का बंधन समझो ||

जब नारी संसार में न होगी,विवाह तुम किससे कर पाओगे ?
बेटियाँ जब पैदा नहीं होगी , बहू कहाँ से तुम घर लाओगे ?

बेटा बेटी जब घर में होगे,तभी तो वे भाई बहन बनेगे |
शादी होगी तो माँ बाप बनेगे,फिर सारे रिश्ते साथ चलेगे ||

भैया भाभी भी इनसे बनेगे,चाचा चाची भी इनसे बनेगे |
मामा मामी भी येही बनगे, फूफा फूफी भी येही बनेगे ||

बेटा बेटी से सारे रिश्ते बनते,थक जाओगे तुम गिनते गिनते |
और कितने रिश्ते तुमको गिनाऊ,कम हो तो तुम्हे और बताऊँ ||

बेटा बेटी दो तराजू के है पलड़े,दोनों है एक दूसरे के दुकड़े |
एक पलड़े के बिना दूजा अधूरा,दोनों एक दूजे को करते पूरा ||

बेटी है तो कल शादी होगी,शादी होकर वह बहू बनेगी |
बहू बन कर वह माँ बनेगी,तभी वह एक बेटी जनेगी ||

बेटी है तो बारात भी आयेगी,दुलहन बन दूजे घर जायेगी |
अपना एक नया घर बसायेगी,इसी तरह सृष्टि चल पायेगी ||

ये प्रश्न अब उभर कर आते,इनका उत्तर सब नहीं दे पाते |
सब प्रश्नों का एक ही उत्तर,बेटा बेटी ही है, सबका उत्तर ||

आर के रस्तोगी

Previous articleआज कोई जग ख़िताब !
Next articleअंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम का अनर्थकारी अभियान
आर के रस्तोगी
जन्म हिंडन नदी के किनारे बसे ग्राम सुराना जो कि गाज़ियाबाद जिले में है एक वैश्य परिवार में हुआ | इनकी शुरू की शिक्षा तीसरी कक्षा तक गोंव में हुई | बाद में डैकेती पड़ने के कारण इनका सारा परिवार मेरठ में आ गया वही पर इनकी शिक्षा पूरी हुई |प्रारम्भ से ही श्री रस्तोगी जी पढने लिखने में काफी होशियार ओर होनहार छात्र रहे और काव्य रचना करते रहे |आप डबल पोस्ट ग्रेजुएट (अर्थशास्त्र व कामर्स) में है तथा सी ए आई आई बी भी है जो बैंकिंग क्षेत्र में सबसे उच्चतम डिग्री है | हिंदी में विशेष रूचि रखते है ओर पिछले तीस वर्षो से लिख रहे है | ये व्यंगात्मक शैली में देश की परीस्थितियो पर कभी भी लिखने से नहीं चूकते | ये लन्दन भी रहे और वहाँ पर भी बैंको से सम्बंधित लेख लिखते रहे थे| आप भारतीय स्टेट बैंक से मुख्य प्रबन्धक पद से रिटायर हुए है | बैंक में भी हाउस मैगजीन के सम्पादक रहे और बैंक की बुक ऑफ़ इंस्ट्रक्शन का हिंदी में अनुवाद किया जो एक कठिन कार्य था| संपर्क : 9971006425

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here