पूर्व राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ़ ने कहा है कि पाकिस्तान ने तालिबान से लड़ने के लिए अमरीका से मिलने वाली फ़ौजी मदद को भारत के ख़िलाफ़ मज़बूती हासिल करने के लिए इस्तेमाल किया है. ऐसा पहला अवसर होगा जब किसी पाकिस्तानी नेता या फ़ौजी अधिकारी ने इस बात को स्वीकार करने की हिम्मत जुटाई है.
तालिबान के ख़िलाफ़ पाकिस्तान के दोगलेपन की आलोचना करते हुए पिछले कुछ सालों में अमरीकी कांग्रेस ने भी कहा है कि जो हथियार या पैसे आतंकवाद के विरुद्ध लड़ी जाने वाली जंग के लिए दिए जाते रहे हैं उनका इस्तेमाल पाकिस्तान भारत के साथ लगती सीमा में अपने सामरिक स्थिति को मज़बूत करने में लगा रहा है.
भारत सरकार की ओर से भी कई मंचों पर इस तरह के आरोप लगाए हैं लेकिन पाकिस्तान अबतक की नज़रों में धूल झोंकता रहा है.
वैसे तो मुशर्रफ़ के इस बयान पर फ़िलहाल पाकिस्तानी सरकार ने कोई बयान नहीं जारी किया है.
परवेज़ मुशर्रफ़ ने एक पाकिस्तानी टीवी चैनल, एक्सप्रेस न्यूज़, के साथ बात करते हुए साफ़ कहा है अमरीका से मिलने वाले हथियार को हर उस जगह इस्तेमाल किया जा सकता है जहां से पाकिस्तान को ख़तरा है .मुशर्रफ़ का कहना था, ” अगर ख़तरा तालिबान और अल क़ायदा से है तो इनका इस्तेमाल वहां होगा, अगर ख़तरा भारत से है तो इस्तेमाल भारत के ख़िलाफ़ होगा.’’