भारत—पाक क्रिकेट मैच को युद्ध जैसा पेश किया मीडिया चैनल्स ने

पिछले दिनों भारत—पाकिस्तान के बीच वर्ल्डकप का जो बहुप्र​तीक्षित क्रिकेट मैच
खेला गया, हर बार की तरह यह मैच भी भारत ने जीता। इस जीत के साथ ही
भारत के नाम सात बार पाकिस्तान को ​क्रिकेट वर्ल्डकप में हराने का रिकार्ड बन
गया। हर बार की भांति भारतीयों ने अपनी खुशी का इज़हार पटाखे फोड़कर किया
और पाकिस्तान की जनता ने अपना गुस्सा जाहिर करते हुए अपने टीवी सेट फोड़े
जैसा कि भारतीय मीडिया में दिखाया जा रहा ​है।

परंतु खास बात यह है कि इस बार दोनो देशों की पब्लिक के पास अपनी खुशी और
गुस्सा जाहिर करने के लिए सोशल मीडिया था जहां बेरोकटोक कोई भी अपने
विचार रख सकता है सो दोनों देशों की पब्लिक ने एक—दूसरे पर अपनी भड़ास
दिल खोलकर निकाली, जिसका भारत के एक निजी चैनल ने अपने प्राइम टाइम
विश्लेषण में कहा कि पाकिस्तान की पब्लिक के द्वारा इस प्रकार के ट्वीट किये हैं
जैसे कि भारत—पाकिस्तान के मध्य क्रिकेट मैच न होकर कोई युद्ध हुआ हो साथ
ही पाकिस्तानी पब्लिक ने गुस्सा जाहिर करते हुए अनेक विजुअल्स दिखाये। मैं ऐसे
मीडिया चैनल्स से प्रश्न करता हूं कि पब्लिक को ऐसे ट्वीट करने के लिए प्रेरित
किसने किया, मीडिया ने। क्रिकेट मैच आरंभ होने से लगभग 1 सप्ताह से मीडिया
चैनलों ने ही पब्लिक के बीच ऐसा माहौल बनाया कि क्रिकेट मैच न होकर युद्ध
होने वाला हो, ऐसा माहौल न केवल भारतीय बल्कि पाकिस्तानी मीडिया चैनल्स
ने भी बनाया।

यदि मीडिया चैनल ही भारत—पाकिस्तान के क्रिकेट मैच को अन्य देशों के भारत
के साथ होने वाले क्रिकेट मैच की भांति ही प्रचारित करे तो शायद पब्लिक भी ऐसे
ट्वीट न करे। चूंकि भारत हो या पाकिस्तान दोनो देशों में मीडिया की पहुंच हर
घर तक है इसलिए मीडिया ही ऐक ऐसा माध्यम है जो कि दोनों देशों के बीच
भाईचारा और प्रेम जाग्रत कर सकता है।

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