पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का अमेरिका में अपमान

मृत्युंजय दीक्षित

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ अब लगातार कमजोर और मजाक के पात्र बनते जा रहे हैं। आज पाकिस्तान जिन हालातों के दौर से गुजर रहा है इसके लिए वह स्वयं ही जिम्मेदार है। इसके लिए पाकिस्तानी सेना, आईएसआई व भारत विरोधी वे तत्व ही जिम्मेदार हैं जो अपनी राजनीति को चलाने के लिए काश्मीर राग अलापते रहते हैं । आज पाकिस्तान निश्चय ही संकटों से घिर रहा है।पाकिस्तान की अंतर्राष्ट्रीय मंचों परजो कमजोर स्थिति हुई है उसके लिए भारत सरकार व पीएम मोदी की ओर से किये जा रहे सकारात्मक प्रयासों की सराहना की जा सकती है। खराब होते आंतरिक व वाहय हालातों के कारण ही पाकिस्तानी सेना सीमा पर फिर से फायरिंग कर रही है।

विगत सप्ताह पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने अमेरिका की यात्रा की और भारत के खिलाफ मदद की गुहार लगायी लेकिन इसके लिए उन्हें निराशा ही हाथ लगी । उनकी विफल अमेरिका यात्रा के कारण आज पूरे पकिस्तानी मीडिया में उनका जमकर मजाक बनाया जा रहा है और यह सब सोशल मीडिया में जमकर वायरल भी हो रहा है।  पाक पीएम नवाज शरीफ ने पूरी ताकत के साथ हर मंच पर कश्मीर का राग अलापा । नवाज शरीफ अमेरिका यात्रा के दौरान चाहते थे कि उन्हें राजकीय अतिथि का दर्जा दिया जाये और अमेरिका ने जैसी परमाणु संधि भारत के साथ कर रखी है ठीक उसी प्रकार से  पाकिस्तान के साथ की जाये। यही नही पाक पीएम नवाज शरीफ भारत के खिलाफ तीन डोजियर भी लेकर गये थे जिसमें पाकिस्तान आरोप लगा रहा है कि भारत बलोचिस्तान में विद्रोहियों का साथ दे रहा है तथा वह पाकिस्तानी हितों के खिलाफ व्यापक गतिविधियां चला रहा है।  लेकिन पाकिस्तानी प्रधानंमत्री की सारी कोशिशें और प्रयास नेस्तनाबूद हो गये। पाकिस्तान की कोई भी बात मानने से अमेरिका ने स्पष्ट रूप से इंकार कर दिया। अमेरिका पाकिस्तान को एफ- 8 लड़ाकू विमान देने को तो तैयार हो गया है लेकिन उसमें भी अमेरिका ने यह शर्त लगा दी है कि इन विमानों का प्रयोग वह भारत के खिलाफ किसी भी कीमत पर नहीं करेगा।

अमेरिका ने पाकिस्तान से साफ शब्दों में कह दिया है कि अब पाकिस्तान को भारत के साथ सीधी द्विपक्षीय वार्ता के माध्यम से ही सभी मसलोंको हल करना चाहिये वह किसी भी प्रकार की मध्यस्था नहीं करेगा। साथ ही अमेरिकी विदेशमंत्री जान कैरी ने भी आतंकवाद के खिलाफ बेहद कड़ा रूख अपनाया और पाकिस्तान से साफ शब्दांे में हर प्रकार के आतंकवाद व आतंकवदियों के खिलाफ कड़ी ओर निर्णायक कार्यवाही करने की बात कही है। मीडिया रिपोर्टो से जो खबरें आ रही हैं उससे पता चल रहा है कि जब पाक प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और अमेरिकी विदेश मंत्री जान कैरी के साथ वार्ता चल रही थी तो उसमें अमेरिकी विदेश मंत्री के तेवर काफी तीखे थे और वार्ता के दौरान उन्होनें मेज पर अपने हाथों को भी पटका था। पाकिस्तान का अखबार लिख रहा है कि ऐसा प्रतीत हो रहा है कि जब अमेरिका के

राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ नवाज शरीफ की मुलाकात हुई तब नवाज शरीफ की बोलती बंद रही अर्थात अमेरिकी राष्ट्रपति बोलते रहे और शरीफ सुनते रहे। उधर यह भी खबरें हैं कि अमेरिका की कड़ी फटकार के बाद पाकिस्तान अपने रूख से पलटा है ओैर वह अब यह दावा कर रहा है कि उसने काश्मीर का मुददा उठाया ही नही हैं। नवाज शरीफ के ऊपर अब कानून की तलवार भी लटक रही है जिसमें यूएन में उर्दू के बजाय अंग्रेजी भाषा का प्रयोग करने पर उनके खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की गयी है। इस बीच अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपने संबंधो को लेकर गहरा आदर भाव प्रकट किया है। साथ ही उन्होनें भरत के साथ संबंधों को विशेष तरजीह दी है। आज पाकिस्तान के आंतरिक और वाहय हालात बेहद  खराब है। पाकिस्तान के कई प्रंातों में आजादी की मांग उठने लग गयी है।जिसमं बलोचिस्तान और सिंध बेहद संवेदनशील हैं तथा गुलाम काश्मीर में भी पाक विरोधी आंदोलन उग्र हेा रहे हैं। साथ ही अब पाकिस्तानी सेना भी नवाज शरीफ को पसंद नहीं कर रही है आज पूरी दुनिया ही नहीं अपितु पाकिस्तानी मीडिया में जिस प्रकार से पाक पीएम शरीफ का मजाक बनाया जा रहा है वह उनके व स्वयं पाकिस्तान के लिए बेहद दुर्भाग्यपूर्ण साबित होने जा रहा है। वहीं दूसरी ओर पाकिस्तानी विपक्ष भी पूर्व क्रिकेटर इमरान खान के नेतृत्व में एकजुट होकर उन पर हमला बोल रहा है तथा विगत दिनों एक रैली में पाक पीएम को अब तक का सबसे भ्रष्ट पीएम बताया गया।

यही कारण है कि आंतरिक समस्याओं से जूझ रहा पाकिस्तान एक बार फिर भारतीय सरहदों को अशांत करने की साजिशें कर रहा है व सीमा पर फायरिंग करे वातावरण को खराब कर रहा है। आने वाले दिनों में पाकिस्तान के साथ कुछ नये घटनाक्रम सामने आ सकते हैं। इसलिए हमें लगातार सतर्क और सावधान रहने की आवश्यकता है।

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