
योग स्वस्थ्य जीवनशैली हेतु बड़े पैमाने पर अपनाया जा रहा है, जिसका प्रमुख
कारण है व्यस्त, तनावपूर्ण और अस्वस्थ दिनचर्या में इसके सकारात्मक प्रभाव।
योग की प्रमाणिक पुस्तकों जैसे शिवसंहिता तथा गोरक्षशतक में योग के चार
प्रकारों का वर्णन मिलता है –
1 मंत्रयोग, जिसके अंतर्गत वाचिक, मानसिक, उपांशु आर अणपा आते हैं।
2 हठयोग
3 लययोग
4 राजयोग, जिसके अंतर्गत ज्ञानयोग और कर्मयोग आते हैं।
योग व्यापक रूप से पतंजलि औपचारिक योग दर्शन के संस्थापक माने जाते हैं।
पतंजलि के योग, बुद्धि नियंत्रण के लिए एक प्रणाली है, जिसे राजयोग के रूप
में जाना जाता है। पतंजलि के अनुसार योग के 8 सूत्र बताए गए हैं, जो निम्न
प्रकार से हैं –
1 यम – इसके अंतर्गत सत्य बोलना, अहिंसा, लोभ न करना, विषयासक्ति न
होना और स्वार्थी न होना शामिल है।
2 नियम – इसके अंतर्गत पवित्रता, संतुष्टि, तपस्या, अध्ययन, और ईश्वर को
आत्मसमर्पण शामिल हैं।
3 आसन – इसमें बैठने का आसन महत्वपूर्ण है
4 प्राणायाम – सांस को लेना, छोड़ना और स्थगित रखना इसमें अहम है।
5 प्रत्याहार – बाहरी वस्तुओं से, भावना अंगों से प्रत्याहार।
6 धारणा – इसमें एकाग्रता अर्था एक ही लक्ष्य पर ध्यान लगाना महत्वपूर्ण है।
7 ध्यान – ध्यान की वस्तु की प्रकृति का गहन चिंतन इसमें शामिल है।
8 समाधि – इसमें ध्यान की वस्तु को चैतन्य के साथ विलय करना शामिल है।
इसके दो प्रकार हैं – सविकल्प और अविकल्प। अविकल्प में संसार में वापस
आने का कोई मार्ग नहीं होता। अत: यह योग पद्धति की चरम अवस्था है।
भगवद गीता में योग के जो तीन प्रमुख प्रकार बताए गए हैं वे हैं –
1 कर्मयोग – इसमें व्यक्ति अपने स्थिति के उचित और कर्तव्यों के अनुसार
कर्मों का श्रद्धापूर्वक निर्वाह करता है।
2 भक्ति योग – इसमें भगवत कीर्तन प्रमुख है। इसे भावनात्मक आचरण वाले
लोगों को सुझाया जाता है।
3 ज्ञाना योग – इसमें ज्ञान प्राप्त करना अर्थात ज्ञानार्जन करना शामिल है।
वर्तमान में योग को शारीरिक, मानसिक व आत्मिक स्वास्थ्य व शांति के लिए
बड़े पैमाने पर अपनाया जाता है। 11 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा
ने प्रत्येक वर्ष 21 जून को विश्व योग दिवस के रूप में मान्यता दी और 21
जून 2015 को प्रथम अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया। प्रथम बार विश्व
योग दिवस के अवसर पर 192 देशों में योग का आयोजन किया गया जिसमें
47 मुस्लिम देश भी शामिल थे।
इस अवसर पर दिल्ली में एक साथ 35985 लोगों ने योग का प्रदर्शन किया,
जिसमें 84 देशों के प्रतिनिधि मौजूद थे और भारत ने दो विश्व रिकॉर्ड बनाकर
‘गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स’ में अपना नाम दर्ज करा लिया।पहला रिकॉर्ड
एक जगह पर सबसे अधिक लोगों के योग करने का बना, तो दूसरा एक साथ
सबसे अधिक देशों के लोगों के योग करने का बना | यह अब योग दिवस हर
वर्ष 21 जून को पूरे विश्व में मनाया जाता है ,जिसमे हर धर्म जाति के लोग
भाग लेते है | योग एक ऐसी क्रिया है जिसे मनुष्य आरोग्य रहता है | इसके
दिन प्रतिदिन करने से शरीर व मन हमेशा स्वस्थ रहता है |इसके करने के
लिये किसी धन या पैसे की आवश्यकता नहीं होती | केवल आपके पास एक
बैठने का आसन या मोटी चादर होनी चाहये जिस पर बैठ का आप योग कर
सकते है | इसको अपने घर पर या किसी पार्क में भी किया जा सकता है |योग
को सुबह के समय करना चाहिये ,चूकी इस समय ठंडी वे चलती है जो की
फेफड़ो के लिये भी लाभकारी होती है | योग को अपनी दिनचर्या बना लेनी
चाहिए तभी ज्यादा लाभकारी होगा |
आर के रस्तोगी
पालम विहार