काजी जी क्यों दुबले हुए शहर के अंदेशे में- लक्ष्मीकांत वाजपेयी

interviewसंतों की पिटाई के मामले में बीजेपी करेगी सात दिन का धरना
यूपी में बीजेपी के मुकाबले में कोई नहीं है- लक्ष्मीकांत वाजपेयी
लोकसभा चुनावों में जीत दर्ज करके भले ही भाजपा ने केंद्र में सरकार बना ली हो लेकिन विकास का वो दावा याद करके आज जनता का जहन खटास से भर गया है. जिसका नतीजा दिल्ली में तो देखने को मिला ही साथ ही बिहार ने भी कथित तौर पर करिश्माई मोदी को अस्वीकार करके फिर से एक बार हो, नीतीशे कुमार हो को अपनी पहली पसंद बता दिया. जनता का कहना है कि तानाशाही की वजह से बिहार ने भाजपा को दरकिनार कर दिया. अब लोगों के दिलों में सवाल हैं कि जिस विकास का ख्वाब मोदी जी ने दिखाया था वो कब हकीकत बनेगा. विकास के इंतजार की इंतहा कुछ इस हद तक हो चुकी है कि सोशल मीडिया पर भी लोग विकास के लिए तरह तरह से गुजारिश कर रहे हैं. इसी संदर्भ में आपके आत्मीय ने यूपी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी से बात की….आईये जानते हैं सवालों के जवाब-

 

सवाल- बनारस में संतों की निर्ममता से पिटाई हुई, वाहन खुद पुलिस द्वारा फूंक दिए गए. भाजपा की ओर से इस पूरे घटनाक्रम पर कोई पहल नहीं हुई.

जवाब- बनारस में संतों की पिटाई के मामले में भारतीय जनता पार्टी 26 तारीख से सात दिनों का धरना देने जा रही है.

सवाल- लोकसभा चुनावों के दौरान आपके नेतृत्व में बीजेपी को 71 सीटें मिली लेकिन मैन ऑफ द मैच अमित शाह को बना दिया गया इस पर आपकी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई.

जवाब- कमल के फूल के नेतृत्व में चुनाव लड़ा गया था और स्वाभाविक है कि अमित शाह जी उत्तर प्रदेश के केंद्र की तरफ से प्रभारी थे. तो श्रेय उनको ही जाना चाहिए.

सवाल- ….तो दिल्ली में तो हार का ठीकरा अमित शाह जी पर फोड़ना चाहिए था क्योंकि वो राष्ट्रीय अध्यक्ष थे

जवाब- ये बात आप राष्ट्रीय अध्यक्ष जी से पूछें. मेरे हिसाब से सर्वसंयुक्त जिम्मेदारी है. अमित शाह जी को अगर श्रेय मिला तो हमें कोई आपत्ति नहीं है. हमारे लिए खुशी की बात है कि हमारे प्रभारी को श्रेय मिला.

सवाल- फिलवक्त सोशल मीडिया में एक मैसेज वायरल हो रहा है कि मोदी जी ने अपने पीए से पूछा कि अब कहां का दौरा बाकी है तो पीए कहता है कि बस सर दिल का दौरा बाकी है….तो सवाल ये है कि असल में मोदी जी लोगों के दिल का दौरा कब करेंगे या विदेशी दौरा ही करने का इरादा है.

जवाब- सोशल मीडिया में कोई कुछ कहने लगा और हम जवाब देने लेगे तो ऐसे इंपार्टेंट व्यक्ति नहीं ये प्रश्न पूछने वाले.

सवाल- वाजपेयी जी सबसे ज्यादा प्रचार तो भाजपा सोशल मीडिया के जरिए ही कराती है

जवाब- इसका मतलब जरूरी है कि हम हर बात का जवाब दें.

 

सवाल- जनता कह रही है कि बीजेपी बिहार में तानाशाही की वजह से हार गई आप क्या कहेंगे..

जवाब- हमारा संगठन चल रहा है और हमें तो आपत्ति नहीं है. और वो प्रश्न उठायेंगे काजी जी क्यों दुबले हुए शहर के अंदेशे में…..( मतलब- अपनी चिंता न करके दूसरे की चिंता करना)

 

सवाल- काला धन वापस कब आएगा और लोगों के खाते में पंद्रह लाख कब पहुंचेंगे.

जवाब- दस साल तक कालाधन वापस न लाने वाले लोग. कालाधन जमा कराने वाले और कराने में सहयोग करने वाले लोगों को ये हक नहीं है कि हमसे पूछे कि कालाधन कब आएगा. हमने जितनी कार्यवाही की है आज उसकी प्रगति संतोषजनक है.

 

सवाल- मुनव्वर राणा ने कहा कि ऐ हुकूमत हम तुझे नामर्द (कमजोर) कहते हैं तो क्या बीजेपी कमजोर हो चुकी है.

जवाब- अमर्यादित और अलोकतांत्रिक शब्द बोलने वाले लोगों की बात का जवाब नहीं दिया जाता. उसका जवाब जनता देगी.

 

सवाल- आजम ने कहा था कि अगर बिहार में बीजेपी जीती तो दंगे होते रहेंगे तो क्या बीजेपी दंगे वाली पार्टी है

जवाब- आजम खां ब्रहम्म वाक्य जनार्दनम् नहीं हैं. और अमर्यादित और अलोकतांत्रिक टिप्पणी करना उनका शगल हो गया है इसलिए उनकी टिप्पणी का जवाब देना भाजपा के लिए कोई जरूरी नहीं है.

सवाल- बिहार में भाजपा की हार का मतलब आप क्या मानते हैं

जवाब- उत्तर प्रदेश से बिहार का क्या मतलब. राष्ट्रीय नेतृत्व और बिहार राज्य सारी चीजें तय करेगा.

 

सवाल- वरिष्ठ नेताओं को बीजेपी में कोना पकड़ा दिया जाता है लेकिन अशोक सिंघल के शोक समारोह में अमित शाह को पिछली वाली पंक्ति में बैठा दिया गया….क्या पार्टी को वरिष्ठ नेताओं की जरूरत फिर से पड़ गई है.

जवाब- आप देख लीजिए उत्तर प्रदेश के पोस्टरों को उनमें तो हर जगह वरिष्ठ नेता नजर आएंगे. छह महीने पहले के भी पोस्टर लगे होंगे उसमें भी देख लीजिए. बाकी स्वाभाविक सी बात है बड़े नेता आगे होंगे. लाइन से लगा के किया है. पर, मैंने भी देखा वहां तो पहली लाइन में बैठे हुए थे अमित शाह जी.

 

 

सवाल- यूपी में 2017 विधानसभा चुनावों के लिहाज से आपकी पार्टी की रणनीति क्या होगी.

जवाब- मेरा मानना है कि रणनीति बताने के लिए नहीं होती. बाकी वक्त आने दीजिए सब सामने होगा.

 

सवाल- आप यूपी में भाजपा बनाम किसे मानते हैं.

जवाब- चुनाव शुरू होने दीजिए तब पता चलेगा. बाकी मुकाबले में तो कोई नहीं है.

 

हिमांशु तिवारी ‘आत्मीय’

 

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