हर खुशी में गम का पहलू तलाश जीते हैं
हर नये गम से खुशी तलाश जीते हैं
आहु को तुम्हारे नाम के आंसू अजीज़ थे
मोहब्बत की करम से सांस-सांस जीते हैं
हथेली पर विसाले यार के निशां खोजते हम
इनायत की असर की बस थाम आस जीते हैं
आहु को तुम्हारे नाम के आंसू अजीज़ थे
मोहब्बत की करम से यूं ही सांस सांस जीते हैं
तेरी मूरत से अपनी दूनिया सजा कर
गमों से अपनी लबे-लाली तराश जीते हैं
आहु को तुम्हारे नाम के आंसू अजीज़ थे
मोहब्ब्त की करम से यूं ही सांस-सांस जीते हैं