ले पंगा

दिलीप कुमार
कुछ वर्ष पहले सलमान खान की इमेज मेकओवर के लिये एक अखबार ने एक अभियान चलाया था और नारा दिया था ,”बैड इज न्यू गुड”यानी बुरे लोग नए वाले अच्छे लोग हैं ।युवाओं ने इसका पालन बड़ी मुस्तैदी से किया।पुरुषों ने वर्जित माने जाने वाले हेयर स्टाइल अपनायी और बीच से मांग काढ़ी,साधना कट हेयर स्टाइल अपनायी ,महीनों बाल नहीं कटवाये जिससे हेयर कटिंग वाले मंदी का शिकार हो गए जबकि सरकार इस सेक्टर को बढ़ावा दे रही थी,वो तो भला हो शाहरुख खान का ,कि उन्होंने बिल्लू फ़िल्म बनाकर हेयर कटिंग इंडस्ट्री की मंदी को दूर किया।सरकार के तम्बाकू विरोध के करोड़ों रुपयों के अभियान को चपत लगी ,लेकिन सिगरेट बनाने वाली कम्पनियों ने काफी चांदी काटीऔर तमाम युवा सड़कों पर सिगरेट पीते नजर आए। जिम की कमाई बढ़ी ,लोग फिट होने लगे तो दर्जियों के रोजगार में मंदी आ गयी क्योंकि लोगों की तोंद बढ़नी रुक गयी तो नये कपड़े सिलवाने कम कर दिए लोगों ने,अनुलोम-विलोम ने पहले ही तोंद पर प्रहार से सिलाई सेक्टर में मंदी आई हुई थी ,।वो तो भला हो बुजुर्ग अमिताभ बच्चन का जो रंग -बिरंगे कपड़े पहनकर खुद तमाशा करते रहे ,तमाशबीन इकट्ठा करते रहे,।सैंडो बनियान इंडस्ट्री को सलमान खान ने करीब करीब समाप्त कर दिया था ,उन्होंने इस बात को सुनिश्चित किया कि युवाओं को शर्ट के नीचे सैंडो बनियान  पहनने की आवश्यकता नहीं है ,इस इंडस्ट्री को उबारा अक्षयकुमार ने ,जो डॉलर लेकर उसकी महत्ता को स्थापित किया और लोगों को अंतः वस्त्र पहनने को प्रोत्साहित किया।सलमान खान यहीं नहीं रुके,तमाम नजीरें उनसे युवाओं ने ग्रहण की ,अपने विवाह को मुल्तवी किया ,अपनी प्रेमिका को पब्लिक प्लेस पर मारा-पीटा और अनगिनत प्रेमिकाएं भी बनायी।युवाओं में ये  भी हवा बनी उनकी देखा देखी कि प्रेमिका के बिना कभी ना रहो और विवाह कभी ना करो।यही नहीं अपनी एक्स गर्लफ्रैंड के बॉयफ्रेंड को हड़काते रहने की नसीहत भी दी।विज्ञापन इंडस्ट्री के लोग ऐसे ही नैरेटिव गढ़ते रहते हैं इसलिये देश में एक नया नैरेटिव गढ़ दिया गया कि “ले पंगा”।आम तौर पर भारतीय माता पिता अपने बच्चों को पंगे से दूर रहने की सलाह देते हैं ,और कहते हैं कि –                   “बच्चे पंगा मत लेना,कोई कुछ कह भी दे,तो दो बात गम खा लेना”।।                                              लेकिन मिस्टर कूल माने जाने वाले धोनी आजकल पंगा लेने की बात क्यों कर रहे हैं वो भी रवि शास्त्री जैसे कुशल मीडिएटर और लाइजनर के रहते हुए।हाल ही में हुए एक दीर्घकालिक शोध के बाद शोधार्थी ये जानने में विफल रहे कि कमेंट्री में बहुत बोलने वाले रवि शास्त्री ने किसी भारतीय क्रिकेटर,प्रशासक या संस्था के खिलाफ  कभी कोई शब्द बोले हैं क्या? और बोलते भी रहे हैं  बहुत। दुनिया भर के राजदूतों को क्रिकेट की डिप्लोमैटिक जुबान सिखायी जा रही है और रवि शास्त्री एक केस स्टडी बने हुए हैं ,कि डिप्लोमेट लोग खूब सीखो,खूब बोलो ,लेकिन ऐसा बोलो कि किसी की निंदा भी करो,तो सुनने वाले को अपनी तारीफ ही लगे।अपने लिये जगह बनाये रखो चाहे तुम्हारी जरूरत हो या ना हो,जैसे भारत का आम क्रिकेट प्रेमी जिसने रवि शास्त्री का पूरा कैरियर देखा वो उन्हें देखते हुए वो ये समझने में नाकाम है कि असाधारण रूप से धीमी क्रिकेट खेलने वाले रवि शास्त्री इस तेज तर्रार क्रिकेट के दौर में खिलाड़ियों को कौन सी चीज सिखा रहे हैं और उनकी उपादेयता क्या है और वो कैसे टीम के कोच बने हुए हैं,यही सब सोचकर अमरसिंह भी चमत्कृत हैं क्योंकि ये सब गुण तो राजनीति में उनके पास भी थे ,फिर वो कैसे महत्वहीन हो गए और रवि शास्त्री कैसे दिन ब दिन महत्वपूर्ण होते चले गए।अमर सिंह ने उनसे इस गुरुमंत्र के बारे में पूछा है ,सुना है,रवि शास्त्री ने वर्ल्ड कप के बाद अमर सिंह को इस गुर को सिखाने का आश्वासन भी दे दिया है।इस बीच रवि शास्त्री, धोनी को इस बात को समझाते हुए भी देखे गए कि पंगा लिया नहीं जाता,पंगा पैदा किया जाता है और करवाया जाता है ताकि कोई समर्थ आपके सामने खड़ा ना हो सके जैसे कुंबले को उन्होंने अपने सामने खड़ा नहीं होने दिया।विराट से कुंबले का पंगा करवा के।धोनी जब तक ये बात समझ पाते तब तक उनके साथ ही पंगा हो गया,वो भी एक नहीं ,दो नहीं,कई सारे,।आम्रपाली वालों ने धोनी से फ्लैट बिकवाते-बिकवाते खुद धोनी के हिस्से वाला फ्लैट भी बेच दिया ।लेफ्टिनेंट कर्नल धोनी इस समस्या से उबरे ही थे कि पाकिस्तान के लोग उनसे पंगा ले बैठे और उनके बलिदान के लोगो पर आपत्ति कर दी,पाकिस्तान के मंत्री फवाद चौधरी ने कहा है कि धोनी खेल खेलने गए हैं महाभारत लड़ने नहीं,ऐसे लोगों को रवांडा या सीरिया या इराक भेज देना चाहिए जो खेल में विचारधारा लाते हैं ।इस पर सीरिया,इराक और रवांडा ने एकमत होकर कहा है कि वे पाकिस्तान से बहुत अच्छे हैं और उनके देश में भी जब कोई किसी से नाराज होता है तो वो कहता है कि –                      “मैं तुम्हें पाकिस्तान भेज दूंगा”।।                           वैसे कमजोर याददास्त और मूर्खतापूर्ण बयान देने में माहिर फवाद चौधरी ये भूल गए कि जब भारतीय टीम पाकिस्तान के दौरे पर थी बहुत वर्ष पहले, तब चल रहे टेस्ट मैच  को बीच में एक दिन मुल्तवी कर दिया गया था ,कश्मीर दिवस मनाने के लिये पाकिस्तानियों ने।तब भारत की टीम लौटी आ रही थी और यही इमरान खान गिड़गिड़ाने लगे थे और पाकिस्तान के इस काम को बेवकूफी बताया था।लेकिन पाकिस्तानी कहाँ कुछ सबक लेते हैं वो तो इसी बात से तिलमिलाए हैं कि मोदी साहब ने अगर इमरान खान को शपथ ग्रहण समारोह में बुला लिया होता तो एक साथ कितने सारे राष्ट्राध्यक्ष से वो कर्जा मांग सकते थे ।अब कोई भी मुल्क उस कंगाल देश के पीएम से मिलने को तैयार नहीं है और पाकिस्तान कहता है कि हर मुल्क तक कर्जा मांगने जाने के लिये भी अब उनको कर्जा माँगना पड़ रहा है।”ले पंगा”के अलग अलग मायने लोग निकाल रहे हैं ।धोनी ने जब से कबड्डी लीग को प्रमोट करना शुरू किया है तभी से अमिताभ बच्चन परेशान हैं कि कबड्डी लीग देश में इकलौता प्लेटफार्म बचा है जहाँ अभिषेक बच्चन को अभी भी स्टार माना जाता है।अब अगर धोनी वहाँ भी पहुंच गये तो उनके बेटे का अंतिम स्टारडम भी जाता रहेगा।जैसे साबुन,मंजन,तेल बेच चुके अमिताभ  इस अफवाह  से बहुत भयाक्रांत हैं कि बच्चन परिवार से अपनी पुरानी खुन्नस निकालने के लिए सलमान खान केबीसी होस्ट करने जा रहे हैं उन्हें इस पंगे की उम्मीद नहीं थी ,केबीसी उनकी पेंशन है ।यानी धोनी और सलमान मिलकर बाप-बेटे के अंतिम विकल्प पर भी हमला करने को तैयार हैं।”ले पंगा”का एक और गलत थीम लोगों के जेहन में घर कर गयी जिन लोगों को मोदी से लड़ना था वो आपस में ही लड़ पड़े ,सिद्धू-कैप्टन से पंगा लिये हैं,गहलोत-पायलट से,सिंधिया-कमलनाथ से और हद तो तब हो गयी जब हाथी ने साइकिल से पंगा ले लिया।मैं ये सब सोचते हुए जा ही रहा था कि किसी से पीछे से मुझे पुकारा “अरे,सुनिये तो लेखक महोदय,जय श्री राम”।अब आप ही बताएं क्या मुझे पलटकर उनको जवाब देना चाहिये या इस पंगे में नहीं पड़ना चाहिये।

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