Home साहित्‍य कविता चलो एक नई शुरुआत करते हैं

चलो एक नई शुरुआत करते हैं

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सिमरन सहनी
मुजफ्फरपुर, बिहार

चलो एक नई शुरुआत करते हैं।
ज्यादा नहीं थोड़ी खुशियां बेटियों के नाम करते हैं।।
ना कभी खुद को समझे कमजोर ऐसी ताकत देते हैं।
सुनसान राहों में भी चल सके अकेले, ऐसी हिम्मत देते हैं।।
चलो एक नई शुरुआत करते हैं।
ज्यादा नहीं थोड़ी खुशियां बेटियों के नाम करते हैं।।
खुल के जीने का इनको एहसास देते हैं।
अपने सपनों को पूरा कर सके, ऐसा अधिकार देते हैं।।
ज्यादा नहीं थोड़ी खुशियां बेटियों के नाम करते हैं।।


ना समझे किसी से कम खुद को, कभी ऐसा मान देते हैं।
आगे बढ़ते कदमों को ना रोक पाए कोई।।
ऐसी सब जंजीरों को तोड़ देते हैं।।
किसी के सहारे की ना हो कभी इनको जरूरत।
इतना आगे चलो इनको भी हौसला की उड़ान देते हैं।।
चलो एक नई शुरुआत करते हैं।
ज्यादा नहीं थोड़ी खुशियां बेटियों के नाम करते हैं।।

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