कांग्रेस का पाकिस्तान प्रेम 


डा. राधेश्याम द्विवेदी
इस देश में एसे कई मौके आये हैं जब पाकिस्तान प्रेमियों ने पाकिस्तान के प्रति अपने प्रेम का खुलकर प्रदर्शन किया है। विगत दिनों चैंपियंस ट्रॉफी में पाकिस्तान की जीत के रूप में इन लोगों को अपने घरों से बाहर निकलकर अपने पाकिस्तान प्रेम का प्रदर्शन करने का एक नया मौका मिल गया था और इस मौके का उन्होंने भरपूर उपयोग भी किया था। सिर्फ कश्मीर ही नहीं बल्कि देश के कई हिस्सों से खबरें आयीं कि लोगों ने पाकिस्तान की जीत पर जश्न मनाया और पाकिस्तान के समर्थन में नारेबाजी की। कुछ राजनैतिक दलों को इस मुद्दे में भी देश की जगह सिर्फ अपनी गन्दी राजनीति दिखाई देती है। सोनिया गांधी के अध्यक्ष रहते कांग्रेस की नीतियां हिंदू विरोधी रही हैं। कांग्रेस की सरकार के दौरान ऐसे कई काम किए गए जो सहिष्णु हिंदुओं को आतंकवादी और बलात्कारी बताने की कोशिश की गई। ईसाई मिशनरियों और मुस्लिम कट्टरपंथियों को बढ़ावा देने के लिए हिंदुओं को बार-बार कठघरे में खड़ा किया जाता रहा। सबसे खास यह कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी इन कुत्सित कोशिशों की नायिका रहीं हैं।
खुलेआम इजहार :- 15 अगस्त 2017 को लाल किले से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब पाक अधिकृत काश्मीर और बलूचिस्तान का मुद्दा उठाया तो बहुत से कांग्रेसी नेताओ को ये बात हजम नहीं हुयी और कांग्रेस सरकार के वक्त विदेश मंत्री रहे सलमान खुर्सिद ने तो यहाँ तक कह डाला की मोदी को ये बात नहीं करनी चाहिए थी। इससे सलमान खुर्शीद का पाकिस्तान प्रेम खुलकर सामने आ गया था। उनका कहना है कि वो खुद मुसलमान है तो पाकिस्तान से प्रेम होना लाजमी है। कांग्रेस का पाकिस्तान प्रेम कोई छुपी हुई बात नहीं है। इस पार्टी के नेता दिग्विजय सिंह आतंकवादियों के नाम जी साहब आदि सम्बोधनों के साथ लेते हैं। मणिशंकर अय्यर पाकिस्तान जाकर भारत की भाजपा सरकार को गिरवाने में मदद मागंते हैं। एसे ही अन्य कई नेता पत्थरबाजों पर पैलेट गन के उपयोग का विरोध करते हैं। सर्जिकल स्ट्राइक को फर्जी बताकर सेना का अपमान करते हैं। सेनाध्यक्ष को गुंडा बोलते हैं और भी ऐसे कई और देशद्रोही काम हैं जो वो आये दिन करके अपना पाकिस्तान प्रेम और देशद्रोह जगजाहिर करते रहते हैं। कांग्रेस का पाकिस्तान प्रेम जारी है। जो सभी बड़े मौके पर देखने को मिलता है। पंडित नेहरू से लेकर आज तक कांग्रेस अपनी नीति पर कायम है। आज भी कांग्रेस के दिग्गज नेता पाकिस्तान प्रेम को शो ऑफ करने से कोई गुरेज नहीं करते है। इससे पूर्व भी कांग्रेस के दिग्गज राजनेताओं ने पाकिस्तान के प्रति वफादारी का सन्देश देश के लोगों को दिया है। मणिशंकर अय्यर एक भूतपूर्व भारतीय राजनयिक हैं जिन्हे राजीव गांधी विदेश सेवा से इस्तीफा दिलाकर 1989-1991 में सक्रिय राजनीति में लाए थे। वह जब पाकिस्तान की यात्रा कर लौटे थे तो उन्होंने भी कुछ इस तरह का बयान दिया था। दिग्विजय सिंह ने तो पाकिस्तान प्रेम को पूरी तरह से सही साबित किया है। उन्होंने अपने बयान में कहा था कि भारत के कब्जे वाले कश्मीर में अशांति फैली हुई है और जिसके जिम्मेवार मोदी सरकार है।
गुप्त डिनर मीटिंग :- पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद महमूद कसूरी के भारत दौरे के वक्त 6 दिसंबर 2017 को मणिशंकर अय्यर ने डिनर मीटिंग का आयोजन किया था। इस डिनर में पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद महमूद पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, पूर्व सेना प्रमुख दीपक कपूर, पूर्व विदेश मंत्री के. नटवर सिंह शामिल हुए। इसके अलावा पूर्व राजनयिकों में सलमान हैदर, टीसीए राघवन, शरत सभरवाल, के. शंकर बाजपेई और चिन्मय घरेखान भी डिनर में मौजूद रहे। बाजपेयी, राघवन और सभरवाल पाकिस्तान में भारतीय उच्चायुक्त भी रह चुके हैं। कसूरी भारत-पाक मौजूदा संबंध विषय पर आयोजित एक गोष्ठी में भी हिस्सा लेने आए थे। पाकिस्तान ने 12 दिसंबर 2017 को सफाई देते हुए आरोप को मनगढ़ंत, षड़यंत्रपर्ण तथा निराधार बताया है।
छुटभइये नेताओं के मनमानी बयान से नुकसान :- भारत की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस में पहले नाराज नेता पार्टी छोड़कर नया संगठन बना लिया करते थे परंतु पिछले कुछ सालों में यह परंपरा बदल गई है। अब नेता पार्टी छोड़कर नया संगठन नहीं बनाते बल्कि कांग्रेस में रहते हुए उसे बर्बाद करते रहते हैं। कई छुटभइये नेता एक तरफ नेहरु गांधी परिवार के कसीदे पढ़ते देखे जाते हैं और दूसरी तरफ अपनी मनमानी बयान देते रहते हैं। वे पार्टी हित के फैसलों में टांग अड़ाते हैं और जब जब पार्टी को सफलता मिलने वाली होती है तो विवाद पैदा कर देते हैं। यह भी सब जानते हैं कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी में इतनी हिम्मत नहीं है कि वो इंदिरा गांधी की तरह वरिष्ठ नेताओं पर कड़ी कार्रवाई कर सकें। इसलिए उन्हे किसी बात का डर भी नहीं होता। मणिशंकर अइयर, दिग्विजय सिंह, मनीष तिवारी तथा सुरजेवाला आदि इसी तरह के बड़ बोले नेता हैं।
जांच, पूछताछ और कार्यवाही हो :- पूर्व राष्ट्रपति हामिद अंसारी,मणिशंकर और मनमोहन सिंह पाकिस्तान के आंखों के तारे रहे हैं। मनमोहन सिंह ने शर्म अल शेख में यह कर पाकिस्तान की बहुत बड़ी मदद की थी कि पाकिस्तान खुद आतंकवाद का शिकार है। हामिद खुद को मुसलमानों का बहुत बड़ा खैरख्वाह मानते हैं और मुस्लिम वर्ल्ड में इनको मुस्लिम नेता के रूप में जाना जाता है। कांग्रेस की नीति शायद ही सफल होगी क्योंकि देश का युवा वर्ग अब जागृत अवस्था में है। आज देश प्रेम और देश भक्ति अपनी परम सीमा पर है जो देश के लिए गौरव की बात है। मोदी सरकार ने महज तीन वर्ष में युवाओं को धर्म और देश भक्ति के प्रति अधिक जागरूक किया है। पूर्व सेनाध्यक्ष दीपक कपूर कांग्रेस द्वारा कई सीनियर कमांडरों को सुपरसीड कर सेनाध्यक्ष बनाए गए थे। उन पर आदर्श घोटाले व अन्य भ्रष्टाचारों में शामिल रहने के आरोप थे। कश्मीर में दीपक कपूर बल प्रयोग से बचते रहे थे। इस तरह आतंकियों की परोक्ष मदद हुई थी। प्रश्न यह है कि इतनी रहस्यपूर्ण मीटिंग में दीपक कपूर को जाने की क्या जरूरत थी? अब केंद्र सरकार को तुरंत मणि शंकर अय्यर और अन्य संदिग्ध लोगों के ठिकानों पर छापे डालकर संदिग्ध सूत्रों को ढूढ़ना चाहिए और पूंछतांछ करनी चाहिए। इस मीटिंग का उद्देश्य और निष्कर्ष अवश्य निकले जाने चाहिए। यदि कुछ गिरफ्तारी भी जरूरी हो तो कीं जाएं , क्योकि मीटिंग में शामिल सभी हस्तियां भारत की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार पदों पर बैठती थी। विपक्षी नेताओं का दुश्मन देशों के राजनयिकों के साथ मिलकर षड़यंत्र रचना देश के लिए खतरनाक है, ऐसे लोगों को दंडित किया जाना चाहिए।

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