हमेशा अपनी सादगी और कर्मठता के लिए याद किये जाएंगे मनोहर पर्रिकर

मनोहर पर्रिकर ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने गोवा में भारतीय जनता पार्टी को ऊंचाइयों पर पहुँचाया इसके साथ ही गोवा में भाजपा को एक अहम् पहचान दिलाई। मनोहर पर्रिकर ऐसे जमीन से जुड़े हुए व्यक्ति थे जो हमेशा सादगी से रहना पसंद करते थे। हमेशा आधे बाजू की शर्ट और स्लीपर में नजर आने वाले मनोहर पर्रिकर के चेहरे पर हमेशा मुस्कराहट भरी भाव भंगिमा रहती थी। वह अपने काम के प्रति समर्पित और लोगों के प्रति जवावदेह व्यक्ति थे, उनकी यही खासियत उन्हें बाकी राजनेताओं से अलग बनाती थी। वह भारत के किसी राज्य के मुख्यमंत्री बनने वाले ऐसे पहले व्यक्ति हैं जिन्होंने आई.आई.टी. से स्नातक किया। मनोहर पर्रिकर ने 1978 में आईआईटी बॉम्बे से मेटलर्जिकल इंजिनियरिंग में स्नातक किया था। गोवा में भाजपा को सत्ता तक पहुंचाने का श्रेय सिर्फ और सिर्फ मनोहर पर्रिकर को जाता है। उनकी सादगी, ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा की वजह से ही वो गोवा के चार बार मुख्यमंत्री रहे और उन्होंने अंतिम सांस भी गोवा के मुख्यमंत्री रहते हुए ली। मनोहर पर्रिकर ऐसे नेता थे जिन्होंने गोवा में भाजपा की जड़ें जमाई।गोवा में मनोहर पर्रिकर का नेतृत्व सर्वस्वीकार्य था। २०१७ में गोवा में भाजपा को कांग्रेस से कम सीटें मिली फिर भी भाजपा ने मनोहर पर्रिकर के करिश्माई नेतृत्व की वजह से गोवा में पुनः सरकार बनाई और मनोहर पर्रिकर गोवा के चैथी बार मुखयमंत्री बने, पर्रिकर ने गोवा में छोटे दलों और निर्दलीय विधायकों के समर्थन से सरकार बनाई। २०१७ विधानसभा चुनाव के बाद गोवा में छोटे दलों और निर्दलीय विधायकों ने इस शर्त पर भाजपा को समर्थन दिया था कि मनोहर पर्रिकर को गोवा का मुख्यमंत्री बनाया जाए। इसके बाद उन्हें देश के रक्षामंत्री पद से इस्तीफा दिलाकर गोवा में भेजा गया। कर्तव्यनिष्ठ, ईमानदार, पारदर्शी, और स्पष्टवादी सोच मनोहर पर्रिकर को सबसे अलग बनाती थी, उनकी कर्तव्यनिष्ठ, ईमानदार, पारदर्शी, और स्पष्टवादी सोच कि बदौलत ही २०१४ के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें देश का रक्षा मंत्री बनाया। उन्होंने तीन साल तक देश के रक्षामंत्री के तौर पर अविस्मरणीय काम किया। उरी आतंकी हमले के बाद उन्होंने सेना द्वारा पकिस्तान में की गयी सर्जिकल स्ट्राइक में भी अपनी एक अहम् भूमिका निभाई। कहा जाए तो रक्षा मंत्री रहते हुए उन्होंने  सशस्त्र बलों को आधुनिक बनाने का काम किया। मनोहर पर्रिकर हमेशा विचारधारा पर अडिग रहने वाले और अपनी सादगी के लिए जाने जाते थे। पिछले एक साल से वह अग्नाशय के कैंसर से पीड़ित थे, कैंसर जैसी बीमारी की पीड़ा झेलते हुए भी लगातार एक साल से गोवा के लोगों की सेवा में समर्पित थे। कुछ समय पहले  गोवा का बजट पेश करने से पहले मनोहर पर्रिकर ने कहा था, श्परिस्थितियां ऐसी हैं कि विस्तृत बजट पेश नहीं कर सकता लेकिन मैं बहुत ज्यादा जोश और पूरी तरह होश में हूं।श् इससे उनकी काम के प्रति  भूख और परिश्रम का अंदाजा लगाया जा सकता है। मनोहर पर्रिकर ने अपने अंतिम समय तक पूरे जोश के साथ गोवा के लोगों और देशवासिओं की सेवा की।     

अपने अंतिम समय तक गोवा के लोगों की सेवा करने वाले, २०१६ में उरी आतंकी हमले के बाद पकिस्तान में भारतीय सेना द्वारा की गयी सर्जिकल स्ट्राइक में देश के रक्षामंत्री के तौर पर अहम् भूमिका निभाने वाले, ईमानदारी, सादगी और समर्पण की मिसाल गोवा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर पर्रिकर का ६३ साल की उम्र में आज ( १७ मार्च २०१९) को  दुखद निधन हो गया, उनका जाना भाजपा ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण राजनीतिक जगत के लिए क्षति है। मनोहर पर्रिकर वास्तव में सच्चे राष्ट्रभक्त थे। गोवा के विकास पुरुष के रूप में वे सदैव स्मरणीय रहेंगे। व्यवहार में सौम्य और मृदुभाषी मनोहर पर्रिकर को देश हमेशा अपनी यादों में जीवित रखेगा। ईश्वर उनकी पवित्र आत्मा को शांति प्रदान करे ।

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