‘जनांदोलन और मीडिया’ पर केन्द्रित होगा मीडिया विमर्श का अगला अंक

देश की चर्चित मीडिया पत्रिका ‘मीडिया विमर्श’ का अगला अंक ‘जनांदोलन और मीडिया’ विषय पर केंद्रित होगा। देश में चल रहे तमाम जनांदोलनों की तरफ देखने की मीडिया की दृष्टि क्या है ? क्या मीडिया इन आंदोलनों के प्रति अपने संतुलित दृष्टिकोण का निर्वहन कर रहा है ? क्या कभी वो किसी आंदोलन को बहुत सिर माथे चढ़ाता है ( अन्ना आंदोलन) या कभी किसी आंदोलन को नजरंदाज कर देता है? ऐसे तमाम सवाल मीडिया के सामने हैं। इससे मीडिया की प्रामणिकता, विश्वसनीयता के सवाल भी जुड़े हैं। किसी आंदोलन को कवर करने, न करने, अतिरिक्त महत्व देने, अंडर प्ले करने के पीछे क्या राजनीति छिपी हो सकती है? इसमें शासन, सत्ता, प्रशासन, राजनीति और खुद मीडिया की वैचारिक या विचारधारात्मक लाइन कितनी बड़ी भूमिका अदा करती है। सत्ता और उसके उपादान क्यों आंदोलनों की आवाज को अनसुना करना चाहते हैं ? कुछ आंदोलनों और उसके पीछे छिपे अदृश्य हाथ जैसे तमाम सवाल हैं, जिनके उत्तर तलाशने जरूरी हैं। ‘मीडिया विमर्श’ का यह अंक इन्हीं सवालों के इर्द-गिर्द बातचीत करना चाहता है,ताकि जनांदोलनों की तरफ देखने की मीडिया की दृष्टि और मीडिया को जनांदोलन किस तरह से लेते हैं-इसे समझना संभव हो सके। इन मुद्दों के इर्द-गिर्द या इससे मिलते-जुलते सवालों पर आप सोचें और हमारा साथ दें। इस अंक के लिए आपकी टिप्पणी हमें 25 अप्रैल, 2012 तक मिल जाए तो हमें सुविधा होगी। मुझे उम्मीद है आपके लेख, विश्लेषण या टिप्पणी से यह अंक ज्यादा समृद्ध और प्रामाणिक बनेगा।

विस्‍तृत जानकारी के लिए सम्‍पर्क करें –

संजय द्विवेदी

(कार्यकारी संपादकः मीडिया विमर्श)

09893598888

mediavimarsh@gmail.com

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here